इतिहास के पन्नों को जब भी कुरेदा जाता है, तब तब दर्दनाक कहानियों के साथ ही राजनैतिक षडयंत्रों की नफरत वाली कहानियां सामने आती हैं. 15 अगस्त 1947 के लिए लाखों क्रांतिकारियों ने अपना खून बहाया था. पर इस आजादी में भी अंग्रेज शासकों व इंग्लैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री चर्चिल के षडयंत्र का समावेश था.

उसी षडयंत्र के साथ भारत में वायसराय हाउस में पनप रही एक पंजाबी हिंदू और एक मुस्लिम लड़की की प्रेम कहानी को बेहतर ढंग से परदे पर लेकर आयी हैं फिल्मकार गुरींदर चढ्ढा. गुरींदर चढ्ढा ने अपनी इस फिल्म में आजादी से चंद माह पहले की कहानी को उकेरते हुए न सिर्फ भारत में अंतिम वायसराय लार्ड माउंटबेंटन व उनकी पत्नी लेडी एडवीना के मानवीय पक्ष को पेश किया है, बल्कि उन्हें मानवतावादी और भारत के हितैषी के रूप में पेश किया है, जो कि अपने ही देश के शासकों के षडयंत्र का मोहरा बनकर रह जाते हैं.

देश को आजाद हुए 70 वर्ष हो गए हैं, मगर उस वक्त के इतिहास में दबी तमाम कहानियां अभी तक दर्शकों के समक्ष नहीं पहुंची हैं. उन्हीं में से एक कहानी फिल्म ‘‘पार्टीशनः1947’’ का हिस्सा है. इस कहानी के अनुसार मो.अली जिन्ना की अलग पाकिस्तान देश की मांग का समर्थन करने के पीछे अंग्रेज सल्तनत और वहां के उस वक्त के प्रधानमंत्री चर्चिल की अपने देश का अरब देशों के तेल पर कब्जा बनाए रखने की नीति शामिल थी. उनका मकसद सोवियत संघ व हिंदुस्तान को और करीब न आने देना भी था. इस षडयंत्रकारी सोच के चलते मो.अली जिन्ना ने पं.नेहरू की इस बात का भी विरोध किया था कि मो.जिन्ना बिना बंटवारे वाले आजाद हिंदुस्तान के पहले प्रधान मंत्री बने और मुस्लिम लीग पहली सरकार बनाए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...