भोजपुरी हीरोइन निशा दुबे भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी ऐक्टिंग के साथसाथ कातिल अदाओं और अपने हौट ऐंड बोल्ड लुक के जरीए दर्शकों के दिलों पर राज करती हैं. भोजपुरी गायन से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली निशा दुबे आज भोजपुरी सिनेमा की सनसनी बनी हुई हैं. जहां एक ओर उन की सभी फिल्में हिट रहती हैं, वहीं दूसरी ओर उन के गाए गाने रिलीज होते ही सोशल मीडिया और इंटरनैट पर जम कर वायरल होते रहते हैं.
निशा दुबे आज के दौर में फिल्मकारों की पहली पसंद में शामिल हैं. उन से हुई एक मुलाकात में उन के फिल्मी कैरियर को ले कर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं उसी के खास अंश :
अपने परिवार के बारे में कुछ बताएं?
भोजपुरी सिनेमा में आने की वजह मेरे परिवार में घटी एक घटना थी. यह दुखद घटना तब घटी, जब मैं 15-16 साल की रही होगी. तभी मेरे पिताजी का ऐक्सीडैंट हो गया और वे लकवे के शिकार हो गए. उस समय मैं 10वीं की स्टूडैंट थी.
पिताजी के साथ हुए इस हादसे ने मेरे पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया था. जब परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया तो 16 साल की उम्र में मैं ने नाचने और गाने का फैसला लिया.
मेरे हुनर को लोगों ने बहुत प्यार दिया. ऐसे संघर्षों की बदौलत आज मुझे भोजपुरी सिनेमा में एक मुकाम हासिल हुआ है.
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आप का शुरुआती संघर्ष कैसा रहा? आप ने अपने कैरियर की शुरुआत भोजपुरी गीतों के गायन के साथ की थी, तो देखते ही देखते आप भोजपुरी सिने जगत की सनसनी कैसे बन गईं?
सच कहूं, तो मेरे कैरियर के शुरुआती दौर में संघर्ष ही संघर्ष रहा. जहां एक ओर पिताजी के साथ हुए हादसे के चलते मुझे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी, वहीं दूसरी ओर छोटी सी उम्र में मेरे डांस और गाने के चलते परिवार को बहुत ताने सुनने पड़े, लेकिन मैं ने इन सब को नजरअंदाज कर अपने कैरियर में आगे बढ़ने का फैसला ले लिया था.
लोगों ने मेरे गाए गानों और वीडियो अलबम को इतना पसंद किया कि मेरे पास एकएक कर कई फिल्मों में काम करने के औफर आ गए, जिस के बाद मैं ने भोजपुरी फिल्मों में काम करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया और मुझे फिल्मों में कामयाबी मिलती गई.
आज मेरी झोली में दर्जनों कामयाब फिल्में हैं. जहां तक भोजपुरी सिने जगत में मेरे सनसनी बनने का सवाल है, तो यह मेरे गाने, ऐक्टिंग और ग्लैमरस लुक के चलते ही मुमकिन हो पाया है.
क्या आप ने कभी सोचा था कि भोजपुरी बैल्ट में लोगों के दिलों पर राज करेंगी?
मैंने तो भोजपुरी बैल्ट में राज करने का सपना कभी देखा ही नहीं था. मैं चाहती थी कि पढ़लिख कर प्रशासनिक सेवा में जाऊं, लेकिन पढ़ाई बीच में छूट जाने के चलते मेरी यह हसरत अधूरी ही रह गई. ऐसे में मुझे लगता है कि शायद भोजपुरी सिनेमा में मुझे नौकरी से ज्यादा प्यार मिला है, जिस की बदौलत मैं लोगों के दिलों पर राज करती हूं, जो शायद नौकरी में रहते हुए मुझे हासिल नहीं हो पाता.
एक समय में आप की और अरविंद अकेला कल्लू की जोड़ी खूब हिट हुआ करती थी. फिर अचानक क्या हुआ कि यह चर्चित जोड़ी एकसाथ दिखना बंद हो गई ?
देखिए, अगर आप को जिंदगी में आगे बढ़ना है, तो ढर्रे से उतर कर अलग काम करने की आदत डालनी होगी. यही मैं ने भी किया, क्योंकि मैं ने अरविंदजी के साथ अलबम और फिल्मों में बहुत काम किया.
इस दौरान मुझे लगा कि एक ही कलाकार के साथ काम करने से दर्शकों में ऊब हो सकती है, क्योंकि दर्शक फिल्म और सिनेमा में हर बार कुछ नया देखना चाहता है, इसीलिए मैं ने धीरेधीरे अरविंदजी के साथ काम करना बंद कर दिया. इस चर्चित जोड़ी के एकसाथ न दिखने की महज यही एक वजह है.
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क्या आप की कंटैंट आधारित फिल्मों में काम करने की हसरत पूरी हो पाई है?
सच कहूं, तो मुझे आज तक कोई ऐसा रोल मिला ही नहीं, जिस में मैं खुद की ऐक्टिंग से संतुष्ट हो पाई हूं, क्योंकि अभी तक भोजपुरी में मिलतेजुलते विषय पर ही फिल्में बनती रही हैं.
मैं चाहती हूं कि भोजपुरी में भी ऐसे विषयों पर फिल्में बनें, जिन में हीरोइनों का रोल भी चैलेंजिंग हो और दूसरी भाषाओं की तरह इन्हें भी मल्टीप्लैक्स में देखा जाए.
आप की ऐसी कौन सी फिल्में हैं, जो कोरोना के चलते रिलीज नहीं हो पाईं?
मेरी 3 फिल्में कोरोना के चलते फ्लोर पर ही अटकी हुई हैं, जो जल्द ही पूरी होने वाली हैं. इन फिल्मों में से 2 फिल्में ‘बनारसी पहलवान’ और ‘तकरार’ पूरी हो चुकी हैं.
जब देश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में फिल्मों की शूटिंग में सुरक्षा के क्या उपाय अपनाए जा रहे हैं?
कोरोना के चलते फिल्मों की शूटिंग के दौरान हम खासा सतर्क हैं. हम लोग क्रू मैंबर के साथ ही पूरी टीम की जांच के बाद सैट पर आते हैं और यहां भी सुरक्षा के उपायों का पूरा खयाल रखा जाता है.
सोशल मीडिया के फौलोअर्स और यूट्यूब पर व्युअर्स के आधार पर आप खुद को कहां पाती हैं?
मैं खुशनसीब हूं कि सोशल मीडिया पर खूब पौपुलर हूं. इस प्लेटफार्म पर मेरे चाहने वालों की तादाद कई लाख में है. फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मुझे फौलो करने वालों की तादाद को अगर जोड़ लिया जाए, तो यह तकरीबन 10 लाख है.
भोजपुरी सिनेमा पर पहले यह आरोप लगता था कि यहां फूहड़ता ज्यादा परोसी जाती है और कंटैंट बेस्ड सिनेमा कम बनता है. पर अब इस के उलट हो रहा है. बौलीवुड में फूहड़ता का बोलबाला बढ़ा है. इसे आप भोजपुरी सिनेमा के नजरिए से कैसे देखती हैं?
आप ने बहुत अच्छी बात कही है. भोजपुरी सिनेमा नाहक ही बदनाम है, जबकि दूसरी भाषाओं में बन रही फिल्मों में फूहड़ता ज्यादा है और रहीसही कसर वैब सीरीज बनाने वालों ने पूरी कर दी है, जो सैंसर के दायरे में न आने से फूहड़ता की हद पार कर रहे हैं.
अगर मैं कहूं कि भोजपुरी सिनेमा में फूहड़ता है ही नहीं, तो गलत नहीं होगा, क्योंकि भोजपुरी अलबम की फूहड़ता के चलते सिनेमा को भी उसी से जोड़ कर देखा जाता है, जबकि ऐसा नहीं है.
रही बात भोजपुरी सिनेमा में कंटैंट आधारित फिल्मों के बनने की, तो अब इस की भी शुरुआत हो चुकी है और इस दौरान कई ऐसी फिल्में आ रही हैं, जिन्हें देखने के बाद आप का नजरिया बदल जाएगा.
भोजपुरी सिनेमा में हर साल सैकड़ों फिल्में बनती हैं, लेकिन लाइमलाइट में कुछ गिनीचुनी फिल्में ही शामिल हो पाती हैं. इस की क्या वजह हो सकती है?
इस की महज एक ही वजह है, उस फिल्म का विषय, क्योंकि फिल्म के विषय में जितनी जान होगी, वह उतना ही लाइमलाइट में शामिल हो पाएगी.
जब आप ज्यादा बिजी होती हैं, तो क्या अपनी ड्रैसिंग सैंस और मेकअप पर ध्यान दे पाती हैं?
मैं तो बिलकुल ध्यान नहीं देती हूं, क्योंकि अपने घर पर एकदम नौर्मल रहती हूं और मु?ो इस दौरान मेकअप की जरूरत ही नहीं महसूस होती है.
जब मैं खाली रहती हूं और फिल्मों की शूटिंग पर नहीं होती हूं, तो मैं अपने आडियोवीडियो गानों पर काम करती हूं.
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अपने अब तक के कैरियर में आप भोजपुरी इंडस्ट्री में सब से बड़ा बदलाव क्या पाती हैं?
आज के भोजपुरी सिनेमा में बहुत बड़ा बदलाव आ चुका है. आज फिल्में ज्यादा बन रही हैं. सच कहा जाए, तो इस की होड़ सी मची हुई है.