बिहार राज्य में भले ही अपराध व भ्रष्टाचार का बोलबाला हो, मगर बिहार की प्रतिभाएं पूरे विश्व में अपना डंका बजा रही हैं. इसी ढर्रे पर चलते  भारतीय जेम्स बांड के रूप में मशहूर बिहारी अभिनेता ध्रुव वर्मा इन दिनों यूरोप में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. उन्होंने अभी हाल ही में भारत की पहली इंडो पोलिश फिल्म ‘नो मीन्स नो’ की शूटिंग पोलैंड में पूरी की है. हिंदी,अंग्रेजी और पोलिश भाषा में बनी इस फिल्म को 22 मार्च 2021 को सिनेमाघरो में प्रदर्शित करने की योजना है.

इस फिल्म के प्रदर्शन से पहले ही ध्रुव वर्मा ने अपनी अगली फिल्म ‘द गुड महाराजा’ के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. यह फिल्म दूसरे विश्व युद्ध की एक सच्ची कहानी पर आधारित हैं. वहीं ध्रुव वर्मा मिड डे शोबिज अवार्ड में भी नामिनेट किए गए हैं.

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मूलतः कंकड़बाग,पटना, बिहार  निवासी ध्रुव वर्मा की पढ़ाई मुंबई में हुई है. अभिनय का जुनून उन्हें स्कूल के दिनों से ही रहा . प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जान कानन स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की. ध्रुव यहां सैवेज हाउस (ग्रीन हाउस) के हाउस कैप्टन थे. यहीं से अभिनय के क्षेत्र में उनका रूझान हुआ. अपने स्कूली जीवन के दौरान ध्रुव सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे कि वाद-विवाद और नाटक दोनों में सक्रिय रूप से शामिल होते थे.

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ध्रुव वर्मा की पहली फिल्म की शूटिंग पूरी हो गयी हैं. मगर वह इन दिनों हौलीवुड मेगास्टार मार्शल आर्ट्स मास्टर स्टीवन सिगल से एक वर्ष का प्रशिक्षण ले रहे हैं. वहीं उन्होंने इंडो-पोलिश मेगा बजट की फिल्म ‘नो मीन्स नो’ के लिए पोलैंड में महीनों तक कार्व मेगा में बिताया, जहां नेल बाइटिंग एक्शन दृश्यों का गुर सीखा.यह एक इजराइली फाइटिंग स्टाइल है,जो सेना के लिए विकसित है.इसके अलावा जयर्की सारियो डेफिंडो में महारत हासिल की.यह यूरोपीय के लिए विकसित की जाने वाली फाइटिंग स्टाइल है, जिसमें गुरु श्री बार्टेक डोबरोवस्की से बंदूक की शूटिंग सीखी.वह पहले भी संजय दत्त से शूटिंग तकनीक में  महारत में प्राप्त कर चुके हैं.

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