Underarms की साफ-सफाई है बेहद जरूरी, इन 5 तरीकों से रखें हाइजीन का ख्याल

Underarms Hygiene Tips: आदमी हों या औरत सभी के लिए जरुरी है कि वो अपना हाइजीन मेंटेन करें. इसके लिए जरुरी है कि आप अलग तरह की टिप्स अपनाएं. हम सभी नहाना, बालों को साफ करना, पैर और हाथों के नाखूनों को साफ तो करते ही हैं, लेकिन कई ऐसे बौडी पार्ट्स हैं जिन्हें साफ-सफाई करना बेहद जरूरी है. जैसे कि अंडरआर्म्स. इस लोग अक्सर साफ करना भूल जाते हैं. वहीं पसीने की वजह से अंडरआर्म्स से बदबू आने लगती है, लेकिन कभी-कभी ये समस्या इतनी बढ़ जाती है कि इससे दूसरे लोगों को भी परेशानी होना शुरू हो जाती है, इसलिए शरीर के बाकी अंगों की साफ-सफाई के साथ हमें अंडरआर्म्स की सफाई पर ध्यान देना चाहिए. तो आज हम आपको कुछ ऐसी ही टिप्स बताएंगे. जिससे आप अंडरआर्म्स से आने वाली बदबू को रोक सकते हैं और उसकी हाइजीन को मेंटेन कर सकते हैं.

परफ्यूम या डियोड्रेंट का करें यूज

पसीने से आने वाली बदबू की परेशानी किसी को भी हो सकती है. गर्मियों में अंडरआर्म्स में पसीना काफी आता है. जिसकी वजह से बदबू आने लगती है. ऐसे में हमेशा अपने पास परफ्यूम या डियोड्रेंट रखें और समय-समय पर अपने अंडरआर्म्स पर स्प्रे करते रहें.

आर्मपिट के बालों को ट्रिम कराएं

अंडरआर्म्स से आने वाली बदबू का एक बड़ा कारण बाल भी होते हैं. ऐसे में पुरुष ये ध्यान जरूर रखें कि आप समय-समय पर आर्मपिट में आने वाले बालों को ट्रिम करना ना भूलें.

रेजर ब्लेड को बदलते रहें

महिलाएं तो अक्सर वैक्स कर खुद को क्लीन रखतीं हैं, लेकिन अधिकतर पुरुष रेजर का इस्तेमाल कर ही अपने अनचाहे बालों को हटाते हैं. रेजर का इस्तेमाल करते हुए एक ब्लेड का ज्यादा समय तक प्रयोग ना करें. उसे समय-समय पर बदलते रहें.

जेल या शेविंग क्रीम का करें यूज

जब आर्मपिट के बालों को हटाना हो, तो सबसे पहले उस जगह पर कोई जेल या शेविंग क्रीम लगाएं. यदि आप डायरेक्ट ही अंडरआर्म्स पर रेजर लगाते हैं तो इससे बाल खीचेंगे. जिससे स्कीन पर जलन होगी और साथ ही छोटी-छोटी फुंसियां भी आ जाएंगी.

घरेलू नुस्खों से दूर होगी बदबू

अंडरआर्म्स से आने वाली बदबू को दूर करने के लिए घरेलू नुस्खों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आप आर्मपिट में खीरे या फिर आलू का भी रस लगाते हैं तो बदबू नहीं आएगी. साथ ही एप्पल साइडर विनेगर लगाने से स्किन साफ भी रहेगी और बदबू भी नहीं आएगी. इन टिप्स को फॉलो करने से अंडरआर्म में हमेशा हाइजीन बरकरार रहेगी.

मेंटल हेल्थ को रखना चाहते हैं दुरुस्त, तो अपनाएं ये 6 आदतें

एक स्वस्थ शरीर के लिए सबसे जरुरी है आपकी मेंटल हेल्थ, क्योकि जो मेंटली फिट है वो शारीरिक तौर से भी ज्यादा फिट है. जिस व्यक्ति की मेंटल हेल्थ ठीक न हों उसकी सोचने, समझने और महसूस करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है. मानसिक तौर से परेशान लोग दिमाग में उठ रहे नकारात्मक सोच से लड़ रहे होते हैं. नेगेटिव एनर्जी के चलते उनके शरीर में कई तरह की बिमारियां घर बना लेती है.

आज के समय का लाइफस्टाइल ही कुछ ऐसा है कि हर दूसरा इंसान मेंटल हेल्थ से जूझ रहा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस बिमारी से निकला कैसे जाएं. तो आज हम इस आर्टिकल में आपको यहीं बताएंगे कि कैसे मेंटल हेल्थ से निकला जाएं. उसके लिए बस जरुरी है कि आप इन 6 बातों का ध्यान रखा जाएं.

1. मनोचिकित्सक से लें मदद

मेंटल हेल्थ को सुधारने के लिए आपको मनोचिकित्सक की मदद जरूर लें. मनोचिकित्सक से संपर्क कर ये बिल्कुल मत सोचिएगा कि यह बहुत ही गंभीर बीमारी है. यूं समझाएगा कि कुछ गलत हो रहा है जिसके लिए आपको सही दिशा बताने वाले की जरूरत है. उनके द्वारा सुझाई गई दवा और चीजों को जरूर फॉलो करें.

2. सपोर्ट नेटवर्क

अपने आप को परिवार, दोस्तों और ऐसे लोगों के बीच रखें जो आपको समझे, प्रोत्साहन और सहायता करें. विश्वसनीय व्यक्तियों के साथ अपने संघर्षों और अनुभवों को साझा करना अलगाव की भावनाओं को कम कर सकता है और भावनात्मक समर्थन प्रदान कर सकता है.

3. सेल्फ केयर

मेंटल हेल्थ को आप हेल्थ केयर के साथ आसानी से सुधार सकते हैं. दूसरों पर ध्यान देना, उनकी बातों से खुद को दुखी करना बिल्कुल छोड़ दें. बस खुद पर ध्यान दें. खुद को ऐसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें. जिन्हें करते वक्त आप अच्छा महसूस करें.

4. एक गोल सेट करें

अपनी लाइफ और खुद के लिए एक गोल सेट करें. जिसे आप पाने में पूरी तरह से खो जाएं. छोटी शुरुआत करें और धीरे-धीरे बड़े लक्ष्यों की ओर बढ़ें. रास्ते में मिल रही तमाम उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें, क्योंकि इससे आपका आत्मविश्वास और प्रेरणा बढ़ेगी.

5. फिटनेस

मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के साथ-साथ आप खुद फिट रखने में भी बिजी करें. पूरी नींद लें, अच्छा खाना खाएं.जिम, स्विमिंग और डांस जैसी चीजें करें. जिससे आपकी बॉडी फिट रहेगी. जो आपको आकर्षित बनाएगी. जिससे आपको खुद को देखने में अच्छा लगेगा.

6. धर्मिक रास्ते पर चलें

कभी-कभी पूजा पाठ, अच्छे भजन सुनकर भी दिल और दिमाग को शांति मिलती है. आप उन वचनों का अर्थ जानिए और अपनी जिंदगी में लाने की कोशिश करें. इससे ईश्वर की ओर भी आपका लगाव बढ़ता जाएगा और आपको बहुत अच्छा महसूस होगा.

बिन बोले हर पत्नी अपने पति से चाहती हैं ये 5 चीजें, आप भी जान लें

पति पत्नी का रिश्ता बहुत ही मजबूत माना जाता है. जिसकी नींव होती है केवल विश्वास, जहां दोनों के बीच विश्वास कायम है तो दोनों को रिश्ता उतना ही मजबूत बनेंगा, लेकिन ये रिश्ता बेहद नाजुक भी होता है, इस रिश्ते पत्नियां अपने पति से कई तरह की अपेक्षाएं रखती है जो कि समय रहते पति को जरुर पूरी करनी होती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो कहीं न कहीं आपका रिश्ता बिगड़ने लगता है वो विश्वास और मजबूती खत्म होने लगती है. तो इसलिए जरुरी है कि आप अपनी पत्नी की उन बातों को पूरा करें. जिससे वे आपके ओर करीब आने लगें और आपसे ज्यादा जुड़ सकें.

पतियों को ये समझना जरूरी है कि महिलाएं उनसे क्या चाहती है. उनकी जरूरतों को समझना और उन्हें पूरा करना बहुत जरूरी होता है. कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें हर पति को एक खुशहाल और सफल विवाहित जीवन जीने के लिए ध्यान में रखना चाहिए. इसलिए आज हम आपको ऐसे 5 जरूरी बिंदुओं के बारे में बताएंगे, जिन्हें पूरा कर कोई भी पति अपनी पत्नी को खुस रख सकता है और अपने रिश्ते में एक मजबूत डोर कायम कर सकता है.

बेहद जरुरी है प्यार और सपोर्ट

पति पत्नी के रिश्तें में सबसे पहले और सबसे ज्यादा जरुरी है कि उनमें प्यार और एक दूसरे को लेकर सपोर्ट हो. महिलाओं के केस में ये सबसे ज्यादा मायने रखता है कि उनका पति उन्हे भरपूर प्यार करें और सपोर्ट करें. उनके हर कदम पर उनका जीवनसाथी साथ निभाएं. प्यार का इजहार करना भी उन्हें खुशी देता है और वो रिश्ते के गहरे बॉन्ड को बेहतर तरीके से महसूस कर पाती हैं. ये चीज शादीशुदा जीवन में नयापन बरकरार रखने में भी मदद करता है.

पति करे पत्नी की केयर

पति पत्नी के रिश्ते में ये जरुरी है कि पति अपनी पत्नी की केयर करें, क्योकि प्यार जताने का ये एक तरीका है जिससे आप दिखा सकते है कि आप उनसे कितना प्यार करते है. अगर पत्नी घर का काम करती है तो पति को उसमें हाथ बटाना चाहिए, मूड खराब हो तो उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के सभी तरीकें पता हों. उनकी पसंद का खाना बनाकर खिलाएं या या ऑर्डर करके खिलाएं. ये छोटी छोटी बातें आपके रिश्ते को मजबूत बना सकती हैं.

पत्नी को दें पूरा सम्मान

हर लड़की या पत्नी की सबसे पहली इच्छा अपने पार्टनर से यही होती है कि वे उसका पार्टनर उसे पूरा सम्मान दें. प्यार से पहले वो उसे सम्मान दें. क्योकि किसी भी रिश्ते की नींव सम्मान पर टिकी होती है. पति अगर उन्हे बराबरी का दर्जा देता है, तो पत्नियां महसूस कर पाती हैं कि उनका बेटर हाफ उनका कितना सम्मान करता है.

रिश्ते में हो सच्चाई

ये जरुरी है कि पति पत्नी आपस में हर मुद्दे पर खुलकर बात करें. पत्नी चाहती है कि उनके पति उनसे हर बात शेयर करें, और उनकी बातों को भी बिना जज किए ध्यान से सुनें. रिश्ते में सच्चाई और एक-दूसरे पर विश्वास होना बेहद जरूरी है.

पति जो समझे दिल की बात

पति-पत्नी के रिश्ते में आपसी समझ सबसे ज्यादा जरूरी होती है. ज्यादातर महिलाओं को अपने पति से इस बात की शिकायत रहती है कि वो उन्हें समझते नहीं हैं या समझना नहीं चाहते हैं. ऐसे में पति को अपनी पत्नी को उनकी पसंद और रुचियों को जानने की कोशिश करना चाहिए.

यहां ठेले पर बिकते हैं मुंह में पानी लाने वाले जायके

क्या खाने के असली स्वाद अमीरों की जिंदगी को ही निहाल करते हैं? बिलकुल भी नहीं. सच कहें तो ठेले पर बिकने वाले रोल्स का कहना ही क्या. अगर वे रोल्स नौनवैज हों तो मजा ही आ जाए. मैदे की गरमागरम रोटी के बीच भरे लच्छेदार प्याज, हरा धनिया, हरी मिर्च, टोमैटो कैचप और हरी चटनी के बीच मटन या चिकेन के पीस जब मुंह में आते हैं तो उस के आगे बड़ेबड़े होटलों के शाही पकवान भी फीके मालूम पड़ते हैं.

भारत की राजधानी नई दिल्ली के किसी बाजार में चले जाइए, आप को 1-2 ठेले तो रोल्स के मिल ही जाएंगे. मैट्रो स्टेशनों के नीचे तो इन की खूब बिक्री होती है. करोलबाग इलाके में जहां आईएएस बनाने के कोचिंग इंस्टीटूट्स की भरमार है, उन के नीचे रोल्स के ठेलों पर लंबी लाइन लगी दिखती है, जिन पर पढ़ाकू बच्चों की ऐसी भीड़ टूटती है कि पूछो मत. सुबह से दोपहर तक एक सब्जैक्ट की कोचिंग की, फिर बाहर निकले, रोल खाया और अगले सब्जैक्ट की कोचिंग के लिए फिर इंस्टीट्यूट में घुस गए. जो बच्चे दूसरे शहरों या गांवदेहात से आ कर यहां कोचिंग कर रहे हैं, वे रात को अपने पीजी में पहुंच कर खाना नहीं बनाते, बल्कि ठेले से 2-3 टेस्टी रोल बंधवा लेते हैं और वही खा कर पढ़ाई में लगे रहते हैं.

दिल्ली के राजौरी गार्डन, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, तिलक नगर के बाजार में खरीदारी के लिए गए हों और भूख लगने पर रोल नहीं खाया तो खरीदारी अधूरी लगती है.

ऐसा नहीं है कि स्ट्रीट फूड का यह जबरदस्त बिकने वाला आइटम सिर्फ नौनवैज खाने वालों के लिए ही है, बल्कि ये तो वैजिटेरियन खाने वालों के लिए भी ऐसा उम्दा रोल्स बनाते हैं कि दिल करता है बनाने वाले के हाथ चूम लें.

मैदे की रोटी के बीच टोमेटो कैचप और हरी चटनी के साथ गरमागरम चटपटी चाऊमीन लिपटी हो तो फिर खाने वाला जब तक उस को पूरा का पूरा चट नहीं कर लेता, नजर उठा कर नहीं देखता है. गरमागरम मलाई सोयाचाप रोल और पनीर रोल के तो कहने ही क्या. नाम सुनते ही मुंह से लार टपकने लगती है. फिर जवान बच्चे तो ऐसी ही चीजों के शौकीन होते हैं. उन से कहां टिफिन में भरी ठंडी रोटीसब्जी खाई जाती है. ऐसे में अगर 60 से 90 रुपए तक में रोल खाने को मिल जाए, तो पूरा खाना हो जाता है.

दिल्ली के मोती नगर बाजार में एक रोल वाला कई तरह के रोल्स बनाता है. नौनवैज रोल के लिए वह 90 से 120 रुपए चार्ज करता है, जबकि वेज के लिए 60 से 80 रुपए. उस के पास रोल्स की बड़ी वैराइटी हैं. सिंगल और डबल मैदा रोटी परांठे में एग रोल… एक अंडे का या ज्यादा अंडों का, चटपटा चाऊमीन रोल, सोया चाप रोल… मलाई वाला, पनीर रोल विद ओनियनकैप्सिकम, चिकेन टिक्का रोल विद प्याजकैप्सिकम, चिकेन सीक कबाब रोल विद ओनियनकैप्सिकम, मटन सीक कबाब रोल विद ओनियन ऐंड चटनी, मटन टिक्का रोल विद ओनियनकैप्सिकम ऐंड चटनी, चिकेन मटन टुकड़ा रोल साथ में हरी चटनी और सौस.

आप को ज्यादा भूख लगी हो तो परांठे डबल करवा लीजिए वरना सिंगल रोल भी काफी हैवी होता है. दिल्ली में जो लोग शाम 6-7 बजे तक औफिस में रहते हैं, वे अकसर औफिस से निकल कर मैट्रो के नीचे से रोल पैक करवाते दिखते हैं और फिर मैट्रो के सफर के दौरान मोबाइल पर रील्स देखते हुए रोल्स का मजा उठाते हुए घर पहुंचते हैं.

दिल्लीमुंबई जैसे बड़े शहरों में बहुतेरे नौजवान लड़केलड़कियां काम की तलाश में छोटे शहरों से आते हैं और यहां किराए के कमरों में या पेईंग गैस्ट के रूप में किसी के घर में रहते हैं. दिल्ली बड़ा शहर है, काम की जगहें दूर हैं तो आने जाने में भी बड़ा समय लगता है. घर पर खाना बनाओ, उस को पैक करो और अपने साथ औफिस लाओ, इस में झमेला बहुत है. ऐसे में नौजवानों की बहुत बड़ी तादाद दोपहर और रात के भोजन के लिए स्ट्रीट फूड पर निर्भर है, इसलिए ठेले वालों की आमदनी भी खूब होती है.

रोल्स बनाने वाले ठेलों की आमदनी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन ठेलों पर कोई एक आदमी काम नहीं करता, बल्कि 3 से 4 लोग काम करते हैं. ये ठेला खड़ा करने के लिए नगरनिगम को भी पैसे देते हैं और पुलिस को भी. इन के पास सोया चाप, चिकनमटन टिक्के और सीक कबाब बनेबनाए आते हैं, मैदे की रोटियां भी हलकी सिंकी हुई बनी बनाई पैकेट्स में आती हैं. सारा सामान सुबह ही इन को सप्लाई कर दिया जाता है.

ऐसे में रोल बनाने के धंधे में ठेले वालों से ले कर कई लोग शामिल होते हैं. खाने वालों की भी कमी नहीं है, इसलिए धंधा खूब मुनाफे का है. बस, हाथों में जरा फुरती चाहिए, क्योंकि ठेले के सामने अपने रोल के इंतजार में खड़े लोग अपना रोल पाने के लिए बेकरार दिखते हैं.

लखनऊ में भी रोल का बढ़ रहा चलन

रोल्स के ठेले लखनऊ में भी हैं. खासकर हजरतगंज, अलीगंज, गोमतीनगर, आलमबाग और 1090 के पास चटोरी गली में रोल्स मिलने लगे हैं. ज्यादातर कोचिंग पढ़ने वाले इन के खरीदार होते हैं. इस की वजह यह होती है कि इन को ले कर खातेखाते वे सड़क पर चलते रहते हैं.

इंजीनरिंग की तैयारी कर रहे दीपक कुमार का कहना है कि इस को पकड़ के खाना आसान होता है. खाने में समय नहीं बरबाद होता. हाथ नहीं गंदे होते और कम कीमत में भूख मिट जाती है.

भोपाल में भी रोल्स के दीवाने

भोपाल के एमपी नगर जैसे दर्जनभर अमीर इलाकों मे रोल्स के ठेलों पर छात्रों का हुजूम उमड़ने लगा है. कोई दर्जनभर हौकर्स कौर्नर पर रोल्स के ठेले अपना अलग आकर्षण रखते हैं. 6 नंबर हौकर्स कौर्नर की एक विक्रेता बताती हैं कि न केवल नौजवान, बल्कि फैमिली वाले भी आमतौर पर वीकैंड पर बतौर चेंज रोल्स ट्राई करने  आते हैं. यही उन का डिनर होता है जो किसी भी होटल के डिनर से काफी सस्ता पड़ता है. नए भोपाल में वैज, तो पुराने भोपाल मे नौनवेज रोल की मांग ज्यादा रहती है.

रांची में भी रोल्स और स्ट्रीट फूड के दीवाने हैं युवा

रांची के शहीद चौक के पास ऐसे ठेले वालों की भरमार होती है. जैवियर कालेज के छात्र हों या आसपास कोचिंग सैंटर से लौटते छात्र, शहीद चौक पर आ कर ठेले वालों से चाट गोलगप्पे या रोल्स खाने का मजा जरूर लेते हैं. कम कीमत में चटपटे स्वाद के आगे बड़े रैस्टोरैंट का खाना भी फीका लगता है. न और्डर करने के बाद ज्यादा इंतजार करना होता है और न ज्यादा जेब ढीली करनी होती है. दोस्तों के साथ यहां भीड़ में खाने का मजा ही अलग होता है. अपर बाजार और फिरायलाल चौक के आसपास भी ऐसे ठेले काफी देखने को मिलते हैं.

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