कौन थी मरजान जिसे गुल का प्यार नहीं मिला तो कहा अलविदा

समर गुल हत्या कर के फरार हुआ था, सरहद पार कबीले के सरदार नौरोज खान ने उसे शरण दी. लेकिन नौरोज की बेटी समर गुल और मरजाना एकदूसरे को प्यार कर बैठे, जो कबाइली परंपरा के विपरीत था. आखिर क्या हुआ उन के प्यार का अंजाम…    

मर गुल ने जानबूझ कर एक अभागे की हत्या कर दी थी. पठानों में ऐसी हत्या को बड़ी इज्जत की नजर से देखा जाता था और हत्यारे की समाज में धाक बैठ जाती थी. समर गुल की उमर ही क्या थी, अभी तो वह विद्यार्थी था. मामूली तकरार पर उस ने एक आदमी को चाकू घोंप दिया था और वह आदमी अस्पताल ले जाते हुए मर गया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए समर गुल कबाइली इलाके की ओर भाग गया था.

 जब वह वहां के गगनचुंबी पहाड़ों के पास पहुंचा तो उसे कुछ ऐसा सकून मिला, जैसे वे पहाड़ उस की सुरक्षा के लिए हों. सरहदें कितनी अच्छी होती हैं, इंसान को नया जन्म देती हैं. फिर भी यह इलाका उस के लिए अजनबी था, उसे कहीं शरण लेनी थी, किसी बड़े खान की शरण. क्योंकि मृतक के घर वाले किसी कबाइली आदमी को पैसे देकर उस की हत्या करवा सकते थे. पठानों की यह रीत थी कि अगर वे किसी को शरण देते थे तो वे अपने मेहमान की जान पर खेल कर रक्षा करते थे.

वह एक पहाड़ी पर खड़ा था, उसे एक गांव की तलाश थी. दूर नीचे की ओर उसे कुछ भेड़बकरियां चरती दिखाई दीं. उस ने सोचा, पास ही कहीं आबादी होगी. वह रेवड़ के पास पहुंच कर इधरउधर देखने लगा. गड़रिया उसे कहीं दिखाई नहीं दिया. अचानक एक काले बालों वाला कुत्ता भौंकता हुआ उस की ओर लपका. उस ने एक पत्थर उठा कर मारा, लेकिन कुत्ता नहीं रुका. उस ने चाकू निकाल लिया, तभी एक लड़की की आवाज आई, ‘‘खबरदार, कुत्ते पर चाकू चलाया तो…’’ 

उस ने उस आवाज की ओर देखा तो कुत्ता उस से उलझ गया. उस की सलवार फट गई. कुत्ते ने उस की पिंडली में दांत गड़ा दिए थे. आवाज एक लड़की की थी, उस ने कुत्ते को प्यार से अलग किया और उसे एक पेड़ से बांध दिया. समर गुल एक चट्टान पर बैठ कर अपने घाव का देखने लगा. लड़की ने पास कर कहा, ‘‘मुझे अफसोस है, मेरी लापरवाही की वजह से आप को कुत्ते ने काट लिया.’’

समर गुल ने गुस्से से लड़की की ओर देखा तो उसे देखता ही रह गया. वह बहुत सुंदर लड़की थी. उस की शरबती आंखों में शराब जैसा नशा था. लड़की ने पिंडली से रिसता हुआ खून देखा तो भाग कर पानी लाई और उस का खून साफ किया. फिर अपना दुपट्टा फाड़ कर उसे जलाया और समर के घाव पर उस की राख रखी, जिस से खून बंद हो गया. समर गुल उस लड़की की बेचैनी और तड़प को देखता रहा. खून बंद हो गया तो वह खड़ी हो गई.

  ‘‘कोई बात नहीं,’’ समर गुल ने मुसकराते हुए कहा, ‘‘कुत्ते ने अपनी ड्यूटी की और इंसान ने अपनी ड्यूटी.’’

‘‘अजनबी लगते हैं आप.’’ लड़की ने कहा तो उस ने अपनी पूरी कहानी उसे सुना दी.

‘‘अच्छा तो आप फरार हो कर आए हैं. मैं बाबा को आप की कहानी सुनाऊंगी तो वह खुश होंगे, क्योंकि काफी दिन बाद हमारे घर में किसी फरारी के आने की चर्चा होगी.’’

मलिक नौरोज खान एक जिंदादिल इंसान था. 70-75 साल की उमर होने पर भी स्वस्थ और ताकतवर जवान लड़कों जैसा. बड़ा बेटा शाहदाद खान सरकारी नौकरी में था जबकि छोटा बेटा शाहबाज खान जिसे सब प्यार से बाजू कहते थे, बड़ा ही खिलंदड़ा और नटखट था. वह बहन ही की तरह सुंदर और प्यारा था. बेटी की जुबानी समर गुल की कहानी सुन कर नौरोज ने सोचा कि इतनी कम उम्र का बच्चा हत्यारा कैसे हो सकता है. फिर भी उस के लिए अच्छेअच्छे खाने बनवाए गए. उसे घर में रख लिया गया. कुछ दिन के बाद समर गुल ने सोचा, कब तक मेहमान बन कर इन के ऊपर बोझ बनूंगा, इसलिए कोई काम देखना चाहिए. उस ने नौरोज खान से बात करना ठीक नहीं समझा. इस के लिए उसे मरजाना से बात करना ठीक लगा. हां, उस लड़की का ही नाम मरजाना था.

अगले दिन सुबह उस ने मरजाना से कहा, ‘‘बात यह है कि मुझे लकड़ी काटना नहीं आता, हल चलाना नहीं आता. मैं ने सोचा कि रेवड़ तो चरा सकता हूं. मुफ्त की रोटी खाते मुझे शरम आती है.’’

‘‘यह काम भी तुम से नहीं होगा, तुम इस काम के लिए पैदा ही नहीं हुए हो. मुझे तो हैरानी है कि तुम ने हत्या कैसे कर दी. तुम ऐसे ही रहो, तुम्हें मुफ्त की रोटी खाने का ताना कोई नहीं देगा.’’

‘‘अगर मुझे सारा जीवन फरारी बन कर रहना पड़ा तो?’’

‘‘मैं बाबा से बात करूंगी, वह भी यही कहेंगे जो मैं ने कहा है.’’ इतना कह कर वह रेवड़ ले कर चली गई और समर गुल उसे जाते हुए देखता रहा. हकीकत जान कर नौरोज ठहाका मार कर हंसा और समर से बोला, ‘‘फरारी बाबू, मैं ने तुम्हारे लिए काम ढूंढ लिया है. तुम बाजू को पढ़ाया करोगे.’’

यह काम उस के लिए बहुत अच्छा था. अगले दिन से उस ने केवल बाजू को बल्कि गांव के और बच्चों को इकट्ठा कर के पढ़ाना शुरू कर दिया. शाम के समय चौपाल लगती थी, गांव के सब बूढ़ेबच्चे इकट्ठे हो जाते. समर गुल भी चौपाल पर चला जाता था. वहां कोई कहानी सुनाता, कोई चुटकुले और कोई शेरोशायरी. यह सभा आधीआधी रात तक जमी रहती थी. रात को लौट कर समर गुल जब दरवाजा खटखटाता तो मरजाना ही दरवाजा खोलती, क्योंकि मलिक नौरोज खान ऊपर के माले पर सोता था.

समर गुल को यहां आए हुए 2-3 महीने हो गए थे, लेकिन मरजाना से उस की बात नहीं हो पाई थी, क्योंकि वह उस से डराडरा सा रहता था. वह समर से हंस कर पूछती, ‘‘ गए…’’ वह उसे सिर झुकाए जवाब देता, लेकिन एक पल के लिए भी वहां नहीं रुकता था और अपने कमरे में जा कर लेट जाता था. वह बिस्तर पर भी मरजाना के बारे में सोचता रहता थामरजाना का व्यवहार सदैव उस के प्रति प्यार भरा होता था. लेकिन अब वह उस की तरफ और भी ज्यादा ध्यान देने लगी थी. एक रात जब वह आया तो मरजाना ने रोज की तरह कहा, ‘‘ गए…’’

वह कुछ नहीं बोला और खड़ा रहा. दोनों के ही दिल तेजी से धड़क रहे थे. दोनों ने एक अनजानी सी खुशी और डर अपने अंदर महसूस किया. मरजाना ने धीरे से कहा, ‘‘अंदर आ जाओ.’’ वह अंदर आ गया. मरजाना ने दरवाजा बंद कर के कुंडी लगा दी. फिर भी वह वहीं खड़ा रहा. मरजाना भी वहीं खड़ी उसे निहारती रही. फिर धीरे से बोली, ‘‘जाओ, सो जाओ.’’ वह चला गया, लेकिन मरजाना वहीं खड़ी रही. उस का अंगअंग एक अनोखी मस्ती से बहक रहा था. साथ ही दिल भी एक अनजानी खुशी से भर गया था. समर गुल अपने कमरे में पहुंचा तो उस की आंखों में खुशी के आंसू आ गए. वह बारबार होंठों ही होंठों में दोहरा रहा था, ‘‘जाओ,सो जाओ.’’

मरजाना का प्यारभरा स्वर उस की आत्मा को झिंझोड़ गया था. वह भावुक हो गया और सिसकियां ले कर रोने लगा. यह खुशी के आंसू थे. उस की हालत एक बच्चे जैसी हो गई थी. उसे यह अहसास डंक मार रहा था कि उस ने किसी की हत्या की हैवह पहली बार दिल की गहराइयों से अपने किए पर लज्जित था, उस की आत्मा पर पाप का बोझ पड़ा था. इस बोझ को उस ने पहले महसूस नहीं किया था, लेकिन प्रेम की अग्नि ने उसे कुंदन बना दिया था. आज वह किसी का दुश्मन नहीं रहा. मरजाना अपने बिस्तर पर लेट कर अंदर ही अंदर खुश हो रही थी, ऐसी खुशी उसे पहली बार मिली थी. वह सोच रही थी कि जब मैं ने दरवाजा बंद किया तो समर वहीं खड़ा रहा. वह चुपचाप था. उस की खामोशी ने मुझे अंदर तक हिला डाला. क्या इसी को प्रेम कहते हैं?

सोच रही थी कि क्या यही मीठामीठा प्रेम का दर्द है, जिस के लिए दरखुई आदम खान के लिए मर गई थी और आदम खान दरखुई के लिए मरा था. गुल मकई मूसा खान के लिए मरी और मूसा खान गुल मकई के लिएहां, ये सब प्रेम के लिए मर गए थे, लेकिन लोग प्रेम करने वालों के दुश्मन क्यों होते हैं. इतनी पवित्र चीज और खुशी से इंसानों को क्यों दूर रखा जाता है. लेकिन मेरी अंतरात्मा पवित्र है, मैं ने कोई पाप नहीं किया. वह झटके से बोली, ‘‘नहींनहीं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी. अपने आप को इस अनजानी खुशी से वंचित नहीं होने दूंगी.’’ सुबह हुई तो मरजाना ने उजाले में वह सुंदरता देखी जो उसे पहले कभी दिखाई नहीं दी थी. समर गुल जाग रहा था. वह उठा और उस ने बाहर जा कर देखा, मरजाना रेवड़ ले कर जा चुकी थी. उस की निगाहें हवेली की दीवारों पर टिक गईं, ऐसा लगा जैसे उस का बचपन यहीं गुजरा हो.

तभी बाजू पास कर बोला, ‘‘गुल लाला चलो, सब बच्चे आप का इंतजार कर रहे हैं. आप अभी तक पढ़ाने नहीं आए.’’ उस ने बाजू को गोद में उठा लिया और उसे चूमने लगा. बाजू बोला, ‘‘लाला, इतना प्यार तो आप ने मुझे कभी नहीं किया.’’ उस ने कहा, ‘‘हां बाजू, मैं ने कभी इतना प्यार नहीं किया, लेकिन दिल में तुम्हारे लिए बहुत प्यार रखता था.’’ फिर वह उसे नीचे उतार कर बोला, ‘‘बाजू, जाओ आज तुम सब छुट्टी कर लो.’’ वह खुश हो कर चला गया. गुल घर में रखी रायफल ले कर जंगल चला गया. मरजाना रेवड़ के पास डलिया बुन रही थी. साथ ही धीमे स्वर में गा रही थी. समर गुल चुपके से उस के पीछे खड़ा हो कर उस का गाना सुनने लगा.

मरजाना जो गा रही थी, उस का सार कुछ इस तरह था, ‘तुम नहीं आए थे तो दिल में कोई हलचल नहीं थी, जीवन शांति से अपनी डगर पर चल रहा था. तुम आते तो यह जीवन इसी तरह कट जाता. लेकिन तुम ने अपनी सुंदर आंखों से मेरे दिल को जगमगा दिया है. तुम ने यह क्या कियापलक झपकते ही मेरी दुनिया ही बदल डाली. बाप, भाई, मां सब से नाता टूट गया, यह तुम ने क्या किया. अब तुम मेरे खून में दौड़ने लगे.’ समर गुल चुपचाप सुनता रहा. फिर धीरे से बोला, ‘‘मरजाना!’’ वह एकदम चौंक पड़ी. उस के होंठ कांपने लगे. उस की भूरी आंखें खुशी के आंसुओं से भर गईं.

समर गुल उस के आंसू पोंछते हुए बोला, ‘‘तुम मुझे दूर पहाडि़यों में ढूंढ रही थी, लेकिन मैं यहां तुम्हारे दिल के पास खड़ा था.’’ ‘‘खुदा करे, मैं तुम्हें हर पल ढूंढती रहूं.’’ वह उस के पास बैठते हुए बोला, ‘‘मरजाना, मैं हत्या कर के बहुत पछता रहा हूं. लेकिन लगता है कि कुदरत ने तुम से मिलवाने के लिए मुझ से यह हत्या करवाई थी. मुझे हैरानी है कि पाप के बदले इतनी बड़ी खुशी मिली. डरता हूं कि यह खुशी छिन जाए.’’

मरजाना बोली, ‘‘तुम्हारे बिना मैं जीने की चाहत भी नहीं कर सकती. मुझे तुम पहले दिन से ही अच्छे लगने लगे थे. कुछ भी हो जाए, मुझे तुम अपने साथ ही पाओगे. मैं तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रह सकती.’’ ‘‘मरने की बात न करो मरजाना.’’ ‘‘मेरा नाम मरजाना है गुल, मुझे मर जाना आता है. मरने की बात क्यों न करूं?’’ ‘‘नहीं मरजाना नहीं, मैं तुम्हें बाबा से मांग लूंगा. पूरी जिंदगी की गुलामी कर लूंगा. अगर तब भी नहीं माने तो बापभाइयों से कहूंगा कि मरजाना के कदमों में पैसे का ढेर लगा दो, उसे हीरेजवाहरात में तोल दो. सब कुछ ले लो मगर मरजाना को दे दो.’’

‘‘यह सब तो ठीक है, लेकिन गुल यहां के कानून के मुताबिक यहां के लोग अपनी बेटियों को सरहद के पार नहीं देते. देख लेना, बाबा तुम से यही कहेगा.’’ ‘‘इस का मतलब मरजाना, मैं तुम्हें कभी नहीं पा सकूंगा?’’ ‘‘मैं ने कह तो दिया मेरा नाम मरजाना है और मुझे मरना आता है.’’ ‘‘मरने की बातें मत करो मरजाना,’’ गुल ने उस के मुंह पर हाथ रख दिया. अचानक कहीं से उस का कुत्ता गया और गुल के पांव चाटने लगा. गुल बोला, ‘‘देखो, एक दिन इस ने मेरी टांग पर काटा था और अब पैर चाट रहा है.’’ मरजाना बोली, ‘‘यह तुम्हारे प्रेम को समझ गया है.’’

कुछ देर बातें करने के बाद दोनों घर पहुंचे तो गुल के पिता, भाई और मामा बैठे थे और चाय पी रहे थे. गुल को उन्होंने गले लगा लिया. गुल के चेहरे की रंगत और सेहत देख कर सब हैरत में पड़ गए. उन के आने से केस के बारे में पता चला, पुलिस ने दोनों पार्टियों का समझौता करा कर केस बंद कर दिया था. वे लोग गुल को लेने के लिए आए थे. रात में गुल ने बड़े भाई को सब बातें बता दीं. साथ ही अपना फैसला भी सुना दिया कि वह वापस नहीं जाएगा और अगर जाएगा तो मरजाना भी साथ जाएगी. 

उस की बातें सुन कर उस का भाई परेशान हो गया. अंत में यह तय हुआ कि मरजाना के पिता से रिश्ता मांग लिया जाए. बहुत झिझक के साथ मरजाना के बाबा से उस के रिश्ते की बात की तो उस ने कहा, ‘‘देखो, मैं बहादुर आदमियों की इज्जत करता हूं. घर में शरण भी देता हूं लेकिन सरहद पार का पठान कितना भी बड़ा क्यों हो, हमारे कबीले के सरदारों का मुकाबला नहीं कर सकता. मैं किसी ऐसे आदमी को दामाद नहीं बना सकता, जो हमारे खून की बराबरी कर सके.’’

समर गुल के बाप ने मिन्नत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हजारों रुपयों का लालच दिया, लेकिन रुपयों की बात सुन कर उस ने कहा, ‘‘हमें रुपयों का लालच दो, हमारे पास पैसे की कोई कमी नहीं है. हम सरहद पार अपनी लड़की नहीं देंगे.’’ समर गुल ने ये बातें सुनीं तो उस की आंखों से नींद ही गायब हो गई. कुछ दिन पहले उस ने जो ख्वाब देखे थे, वे तिनके की तरह बिखर गए. इस का मतलब यह कि उसे बिना मरजाना के जाना होगा. अगली सुबह वे लोग अपने घर की ओर चल दिए. समर गुल ने आखिरी बार पीछे मुड़ कर देखा. वह रोने लगा. उस के भाई ने उसे गले से लगा लिया. उस का बाप, भाई और मामा उस के दुख को समझते थे. सब लोग चले जा रहे कि अचानक कुत्ते के भौंकने की आवाज आई. वह गुल की ओर दौड़ा चला आ रहा था. उस के पीछे मरजाना दौड़ी आ रही थी.

‘‘मरजाना…’’ गुल जोर से चीखा. मरजाना उस के पास आ कर उस के सामने खड़ी हो गई. वह हांफते हुए बोली, ‘‘मैं ने कहा था न, मेरा नाम मरजाना है, मुझे मरना आता है.’’ गुल ने अपने बाप की ओर इशारा करते हुए  मरजाना से कहा, ‘‘यह मेरे बाबा हैं.’’ मरजाना उस के बाप के पैरों में गिर गई और बोली, ‘‘बाबा, मुझे भी अपनी बेटी बना लो, अब मैं वापस नहीं जाऊंगी.’’ समर गुल का बाप उसे देख कर भौचक्का रह गया. उस ने उसे उठाया और ध्यान से देखा. वह लड़की उस के बेटे के लिए अपना परिवार, अपना वतन सब कुछ छोड़ कर आ गई थी. लेकिन वह तुरंत संभल गया. उस ने सोचा कि यह उस आदमी की बेटी भी तो है, जिस ने मेरे बेटे पर बड़े उपकार किए हैं. 

गुल के पिता ने उस के सिर पर हाथ रख कर कहा, ‘‘बेटी, मैं तुम्हारी इज्जत करता हूं. तुम ने मेरे बेटे से प्यार किया है, तुम जैसी लड़की लाखों में भी नहीं मिलेगी. लेकिन बेटी तुझे साथ ले जा कर मैं दुनिया को क्या मुंह दिखाऊंगा. लोग कहेंगे सरहद के पठान का क्या यही किरदार होता है कि जिस थाली में खाए उसी में छेद करे.’’ मरजाना गिड़गिड़ाई, ‘‘बाबा, मैं वापस नहीं जाऊंगी, आप के साथ ही चलूंगी. यह सब दुनियादारी की बातें हैं.’’

समर गुल के बाप ने मरजाना को गले लगा कर कहा, ‘‘बेटी, जरा सोचो तुम अपने बाप की इज्जत हो. अपने भाइयों की आन हो, जब दुनिया यह सुनेगी, नौरोज खान की बेटी घर से भाग गई है तो तुम्हारे बाप के दिल पर क्या गुजरेगी? एक बाप के लिए यह बात मरने के बराबर होगी.’’ उस ने कहा, ‘‘बाबा, रात मैं ने कसम खाई थी कि जो रास्ता मैं ने चुना है, उस से पीछे नहीं हटूंगी.’’

समर गुल ने बाप से कहा, ‘‘बाबा, मान जाइए. इस ने कसम खा ली है. अगर यह मेरी नहीं हुई तो अपनी जान दे देगी और फिर मैं भी जिंदा नहीं रहूंगा.’’ बाप चुप हो गया और समर गुल का भाई व मामा भी चुप रहे. लगता था मोहब्बत जीत गई थी. मरजाना का कुत्ता बारीबारी से सब को सूंघ रहा था, जैसे सब को पहचानने की कोशिश कर रहा हो. समर गुल के बाप ने भीगी आंखों से मरजाना को गले लगा लिया और उस के सिर पर हाथ रख दिया.

शाम को इक्कादुक्का भेड़ें घर पहुंचीं, लेकिन उन के साथ मरजाना नहीं थी. कुत्ता भी गायब था, नौरोज का दिल बैठा जा रहा था. कुछ ही देर में पूरे गांव में यह खबर फैल गई कि नौरोज की लड़की मरजाना घर से भाग गई.अगले दिन तक आसपास के कबीलों में यह खबर पहुंच गई. दोस्त या दुश्मन सब के लिए यह खबर दुख की थी. यह सवाल नौरोज के घर की इज्जत का ही नहीं, बल्कि पूरे कबीले की इज्जत का था. तक हर गांव से हथियारबंद लड़के पहुंचने शुरू हो गए. कबीले का जिरगा (कबीले की संसद) बुलाया गया और यह तय किया गया कि हर गांव से एक जवान चुना जाए और ये जवान चारों ओर फैल जाएं. इन्हें हर हाल में मरजाना को ले कर आना होगा. जो जवान खाली हाथ सरहद पर वापस आता दिखाई दे, उसे तुरंत गोली मार दी जाए. इसलिए 25 जवानों का दस्ता मालिक नौरोज के नेतृत्व में रवाना हो गया.

समर गुल के बाप ने अपने गांव पहुंचते ही समर गुल और मरजाना का निकाह करा दिया. अभी उन की शादी को एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि उन के गांव को चारों ओर से घेर कर अंधाधुंध फायरिंग होने लगी. गांव के लोग भी चुप नहीं थे. एक कबीले के सरदार की बेटी उन की बहू बनी थी, इसलिए गोली का जवाब गोली से दिया गया. 2 दिन तक फायरिंग होती रही, दोनों ओर से कई लोग घायल भी हुए लेकिन फायरिंग बंद नहीं हुई. मरजाना के हाथों की मेहंदी का रंग अभी ताजा था, उस में अभी तक महक थी. तीसरे दिन पुलिस की भारी कुमुक पहुंच गई और बहुत मुश्किल से फायरिंग पर काबू पाया गया. लेकिन नौरोज घेरा तोड़ने को तैयार नहीं हुआ. पुलिस औफीसर ने सोचा अगर इन पर सख्ती की गई तो यह कबीला मरनेमारने पर तैयार हो जाएगा. पुलिस अधिकारी ने समझदारी से काम लेते हुए दोनों ओर के 4-4 जवानों को चुना और उन की मीटिंग बैठा दी.

समर गुल के बाप ने कहा, ‘‘जो कुछ हुआ, मुझे उस का खेद है. हम पहले से ही मरजाना के पिता के सामने आंख उठा कर नहीं देख सकते. मैं उस से माफी मांगने के लिए भी पीछे नहीं हटूंगा. यह मैं किसी दबाव में नहीं कह रहा हूं बल्कि यह मेरे दिल की आवाज है. नौरोज ने हमारे ऊपर उपकार किया है, हम नौरोज से दगा करने वाले लोग नहीं हैं. अगर वह चाहे तो मरजाना के बदले मैं अपनी बेटी उस के बेटे से ब्याह सकता हूं. और अगर खून बहाना हो तो मेरे बेटे के बदले मैं अपना खून दे सकता हूं. मैं उन के साथ सरहद पर जा सकता हूं. वे मेरी हत्या कर के अपने दिल की भड़ास निकाल लें. जहां तक मरजाना का सवाल है, मेरा बेटा उसे भगा कर नहीं लाया है. हम ऐसा कर ही नहीं सकते. अब वह मेरी बहू बन चुकी है और उसे मैं किसी भी कीमत पर वापस नहीं करूंगा. बहू परिवार की इज्जत होती है.’’

जिरगे में मौजूद नौरोज खान ने कहा, ‘‘मुझे समर गुल के बाप का खून नहीं चाहिए. उस से मेरी प्यास नहीं बुझ सकती और ही उस की लड़की का रिश्ता चाहिए. उस से मेरी तसल्ली नहीं होगी. मुझे हीरेजवाहरात भी नहीं चाहिए, उन से मेरे घाव नहीं भर सकते. भागी हुई बेटी बाप की आत्मा में जो घाव लगा देती है, दुनिया की कोई दवा उसे ठीक नहीं कर सकती. थप्पड़ के बदले थप्पड़, हत्या के बदले हत्या की जा सकती है, लेकिन मैं दिल वालों से पूछता हूं, भागी हुई बेटी का बदला कोई किस तरह ले? मुझे समझाओ, मैं यहां क्या लेने आया हूं? समर के पिता को गोली मारूं, समर को गोली मारूं या अपनी बेटी को? कोई बतलाए कि मैं क्या करूं?’’ 

इतना कह कर मलिक नौरोज फूटफूट कर रोने लगा. सब ने पहली बार एक चट्टान को रोते देखा. मरजाना ने सब कुछ सुन लिया था. अपनी खुशी के लिए उस ने जो कदम उठाया था, वह अपने बाप के दुख के सामने कितना मामूली था. यह जीवन कितना अजीब है, दूसरों के लिए जीना, दूसरों के लिए मरना, उस ने समर गुल से कहा, ‘‘मेरे प्रियतम, अब मैं बहुत दूर चली जाऊंगी.’’

समर गुल कुछ नहीं बोला. उसे हक्काबक्का देखता रहा.

‘‘समर गुल,’’ उस ने रुंधी आवाज में कहा, ‘‘मुझे जाना ही होगा, मुझे मान लेना चाहिए. मैं बाप की इज्जत से खेली हूं. जीवन दूसरों के लिए होता है, मुझे आज इस का अहसास हुआ है.’’ ‘‘जो होना था, वह तो हो चुका.’’ समर गुल ने तड़प कर कहा, ‘‘गई हुई इज्जत तो गिरे हुए आंसुओं की तरह होती है, जो फिर हाथ नहीं आते.’’

‘‘हां, इज्जत वापस नहीं सकती, लेकिन मैं उस का प्रायश्चित करना चाहती हूं, मेरे जानम.’’ ‘‘तो तुम मरना चाहती हो?’’ ‘‘हां, मेरे बाप का कुछ तो बोझ हलका होगा, उस की आनबान को कुछ तो सहारा मिल जाएगा.’’ उस ने समर के सीने पर अपना सिर रख कर कहा, ‘‘यह मेरा आखिरी फैसला है, समर गुल. मेरे बाबा से कह दो, मैं उस के साथ जाने के लिए तैयार हूं.’’ जिरगे को बता दिया गया. समर गुल के बाप को बड़ी हैरत हुई. लेकिन मरजाना के बाप के चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. उस ने राइफल की गोलियां निकाल कर फेंक दी, जंग खत्म हो गईवे लोग मरजाना को ले कर चल दिए. पूरा गांव उदास था. आई थी तो गई ही क्यों, हर एक की जुबान पर यही सवाल था. उस के जाने का कारण समर गुल के अलावा और कोई नहीं जानता था.

अगले दिन वे सरहद पर पहुंच गए. सब लोग सरहद पर रुक गए, लेकिन मरजाना नहीं रुकी. वह आगे बढ़ती रही. अचानक गोलियां की बौछार हुई, मरजाना तड़प कर मुड़ी और गिर पड़ी. हिचकी ली, एकदो बार मुंह खोला और शांत हो गई. उस की आंखें आसमान की ओर थीं, जैसे कह रही हों, ‘मेरा नाम मरजाना है, मुझे मर जाना आता है.’

किसान नेता Rakesh Tikait को खाना खिला रही पोती का वीडियो वायरल, दादू नंबर 1

किसान नेता Rakesh Tikait को खाना खिला रही पोती का वीडियो वायरल, पोतेपोती है खास प्यार
राकेश टिकैत का नाम ही किसान आंदोलन के दिनों से चर्चा में रहता आया है. कभी यह जोरदार भाषणों से रैलियों को संबोधित करते नजर आते हैं, तो कभी सरकार की किसान नीतियों पर बहस करते दिखते हैं. ऐसे कद्दावर नेता का एक वीडियो वायल हो रहा है, जिसमें वह अपने घर की एक छोटी सी बच्ची के हाथों से खाना खाते दिख रहे हैं. उनकी ऐसी सौफ्ट छवि को शायद ही किसी ने देखा होगा क्योंकि उनकी इमैज हमेशा से एक फायर ब्रांड नेता की रही है. राकेश टिकैत के इस वीडियो को देखने वाले में से एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा है कि यह दादापोती का प्यार है, तो किसी ने लिखा है कि चौधरी राकेश सिंह टिकैत के परिवार पर सदैव ईश्वर की कृपा बनी रहे.

 

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पोते को भी दुलारने का वीडियो वायरल

किसान नेता के रूप में मशहूर राकेश टिकैत ने एमए तक की स्टडी की है. ऐसा भी कहा जाता है कि उनके पास वकालत की भी डिग्री है. इन दिनों वे भारतीय किसान यूनियन के नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं. राकेश टिकैत को सोशल मीडिया प्लैटफौर्म पर पोते के साथ खेलते हुए देखा जा सकता है. इस प्लेटफौर्म पर वे अकसर रैलियों और भाषणों की वीडियो डालते रहते हैं, लेकिन कुछ वीडियोज ऐसे हैं, जिसमें पोतेपोती के लिए उनका दुलार साफ नजर आता है. इससे पहले भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिस में वे अपने पोते को गन्ने का जूस पिलाते हुए दिख रहे थे. उनके पोते को यूजर्स फ्यूचर चौधरी साहब का नाम दे रहे हैं.

टिकैत कैसे बने किसान नेता

राकेश टिकैत के बारे में कहा जाता है कि साल 1985 में दिल्ली पुलिस में कौंस्टेबल के पद पर काम कर रहे थे. उसके बाद वे सब-इंसपैक्टर बने. लेकिन अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत को किसान आंदोलन में साथ देने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और आंदोलन में शामिल हो गए, उसी समय से वे किसान नेता के तौर पर किसानों की आवाज को उठाते रहते हैं. साल 2017 में राकेश टिकैत ने एक बार मुजफ्फरनगर से निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन वे बुरी तरह हार गए. उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के टिकट से साल 2014 में भी चुनाव लड़ा लेकिन इसमें भी सफलता उनके हाथ नहीं लगी. भले ही वह किसानों के बड़े नेता है लेकिन आज भी प्रत्यक्ष राजनीति से दूर हैं

बिहारी अंदाज में वीडियो बनाकर सबको हंसाती है अस्तुति आनंद, 1 लाख है कमाई

सोशल मीडिया पर इन कई ऐसे कंटेट क्रिएटर्स जिनके मिलियन में व्यूज आते है, ऐसी ही सोशल मीडिया पर 24 साल की बिहारी लड़की ने तहलका मचाया हुआ है. बिहार के समस्तीपुर डिस्ट्रिक्ट की रहने वाली बिहारी टोन में फैमिली वीडियो बनाती है.

नाम है अस्तुति आनंद, इनकी वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल होती है. देखते ही देखते ये लड़की स्टार बन चुकी हैं. अस्तुति के वीडियोज ही ऐसे होते है जिनपर लोग खुद जुड़ जाते है.

 

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अस्तुति आनंद नाम ने दो बार मेडिकल का एग्जाम दिया था. हालांकि, वह एग्जाम में पास नहीं हुई.  इसके बाद अस्तुति ने पढ़ाई छोड़कर पूरी तरह फनी कंटेंट बनाने में लग गई. अब वह हर दिन ऐसे कंटेंट अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करती है. जिसे देखकर लोगों का दिल खुश हो जाता है. वीडियो में अस्तुति का ठेठ अंदाज और बिहारी टोन यूजर्स को काफी पसंद आता है. उनकी मिमिक्री लोगों को हंसने पर मजबूर कर देती है.

अस्तुति ने कोविड के दौर में फनी वीडियो बनाना शुरू किया. हालांकि, शुरुआत में उनका वीडियो इतना वायरल नहीं हुआ था, तो उन्होंने इंस्टाग्राम डिलीट कर दिया था. जब दोबारा इंस्टाग्राम इंस्टौल किया तो उनका वीडियो वायरल हो चुके थे. अब अस्तुति के इंस्टाग्राम पर 14 लाख फौलोअर्स हैं. उनके हर वीडियो को लाखों लोग देखते और शेयर करते हैं. बता दें, अस्तुति अपने इन वीडियो कंटेंट से 1 लाख रुपए महीना कमा लेती है.

शाहरुख खान ने पृथ्वी शॉ की रुमर्ड गर्लफ्रेंड को किया Hug, वीडियो ने मचाया बवाल

इन दिनों आईपीएल फीवर हर किस के सिर चढ़ कर बोल रहा है. क्रिकेट के फैंस सिर्फ मैच पर नजर गड़ाए हुए है. वही, आईपीएल में शाहरुख खान की केकरआर भी अच्छा खेलती हुई नजर आ रही है. इसी बीच शाहरुख खान ने स्टेडियम में कुछ ऐसा कर दिया कि उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

 

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बता दें कि ऐसा पहली दफा नहीं है अब जब शाहरुख ने स्टेडियम कुछ ऐसा किया हो जो मीडिया की लाइमलाइट में न छाया हो. शाहरुख खान जब भी स्टेडियम में जाते हैं तो कुछ ऐसा करते हैं जिसकी हर तरफ चर्चा होती है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. जी हां, हाल ही में हुए आईपीएल मैच के दौरान शाहरुख खान ने क्रिकेटर पृथ्वी शॉ की रुमर्ड गर्लफ्रेंड से कुछ इस तरह मुलाकात की है जिसके बाद उनका वीडियो तेजी से वायरल हो गया है.


दरअसल, कोलकता नाइट राइडर्स और दिल्ली कैपिटल मैच के बाद शाहरुख खान स्टैडियम में पहुंचे. यहां उनकी मुलाकात पृथ्वी शॉ की रुमर्ड गर्लफ्रेंड निधि तापड़िया से हुई. निधि को देखते ही किंग खान ने उन्हें गले से लगा लिया. इसके बाद उनसे खूब सारी बातें भी की. निधि भी शाहरुख खान से मिलकर इतनी खुश नजर आईं कि उन्होंने अपना और शाहरुख का वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया.

वीडियो को पोस्ट करते हुए निधि ने कैप्शन में लिखा – ‘मैं अगर कहूं तुमसा कोई…कायनात में नहीं है कहीं.’ इस वीडियो के बैकग्राउंड में भी यहीं गाना बज रहा है. इतना ही नहीं, इस वीडियो में फैंस कमेंट करते हुए भी दिख रहे है. एक यूजर ने लिखा है- ‘जिस तरह किंग खान ने हग किया और उसके सिर पर अपना हाथ रखा वो दिखाता है कि वो अपने से छोटे को किस तरह से इज्जत देते हैं.’ एक और यूजर ने लिखा- ‘मैं SRK का हग फील कर सकती हूं.’ एक और यूजर ने कमेंट किया- ‘शाहरुख खान वो आदमी है जो हर औरत अपनी जिंदगी में चाहती है.

बता दें, कि निधि तपाड़िया पेशे से एक मॉडल और एक्ट्रेस हैं. निधि का नाम पिछले कई समय से क्रिकेटर पृथ्वी शॉ संग जुड़ता रहा है. दोनों को कई बार एक साथ स्पॉट भी किया गया. हालांकि, दोनों ने खुलकर अभी तक अपने रिश्तों को लेकर कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं दी है.

अमिताभ ने जया के साथ बनाया ऐसा वीडियो कि फैंस हुए खुश-देखें वीडियो

बॉलीवुड के शंहशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन को कौन नहीं जानता है उनकी एक्टिंग, शूट, डांस को हर कोई दिवाना है इसिलए ऐसा कभी नहीं होता है कि वो सुर्खियों में ना रहते हो, हाल ही में अमिताभ बच्चन अपनी एक वीडियो को लेकर चर्चा में है. जिसमे वह अपनी पत्नी जया बच्चन के साथ मस्ती करते हुए नजर आ रहे है लोगों को ये वीडियो काफी मजेदार लग रहा है. लोग इस पर जमकर कमेंट बरसा रहे है. देखने वाले अमिताभ की हिम्मत बता रहे है.

 

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आपको बता दें, कि अमिताभ बच्चन ऐसे एक्टर है जो हमेशा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है.चाहे वह उनका ब्लॉग हो या इंस्टाग्राम और ट्विटर. हर जगह अमिताभ बच्चन अपनी वीडियो और फोटो अपलोड़ करते दिखते है ऐसा ही हाल में उन्होने एक वीडियो रिकॉर्ड किया है. जिसमें फैंस मजेदार कमेंट्स करते दिख रहे है. अमिताभ बच्चन ये वीडियो सेट से रिकॉर्ड किया है. जिसमें जया बच्चन पहले काफी सीरियस नजर आ रही है. लेकिन जब बिग बी मोबाईल उनके पास ले जाते है तो वह स्माइल करती है. वही, ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि ‘ काम पर’.

इस वीडियो के कॉमेंट्स सेक्शन में बिपाशा बसु, नव्या नंदा, श्वेता बच्चन, मौनी रॉय सहित कई जाने-माने सितारों ने प्यार बरसाया है. वहीं, एक फैन ने लिखा, ‘सिर्फ अमित जी के पास ही जया जी को क्लिक करने की हिम्मत है. दूसरे ने कॉमेंट किया, ‘आपकी बीवी कभी-कभार ही मुस्कुराती हैं. वो आप हैं, जो उनके चेहरे पर स्माइल ला सकते हैं.’ अन्य ने लिखा, ‘मैंने कभी भी उनके गुस्से वाले चेहरे पर खुशी या मुस्कान नहीं देखी.’

 

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अमिताभ बच्चन ने 3 जून 1973 को जया बच्चन से शादी की थी. 70 के दशक के दौरान अमिताभ बच्चन का नाम रेखा से जोड़ा गया था. दोनों ने ‘दो अनजाने’, ‘खून पसीना’, ‘गंगा की सौगंध’ जैसी कई फिल्मों में काम किया था. हालांकि, दोनों ने कभी अपने रिश्ते को खुले तौर पर स्वीकार नहीं किया.

एक मनुवादी ने मोदी के किएधरे पर पेशाब फेरा

यह सब अचानक नहीं हुआ है और न ही प्रवेश शुक्ला नाम का ब्राह्मण नौजवान सिर्फ शराब के नशे में था, बल्कि उस के दिलोदिमाग पर तो सनातन धर्म, धर्मग्रंथों और हिंदू राष्ट्र का नशा ज्यादा था, जिसे बेइंतिहा नफरत की शक्ल में एक वीडियो के जरीए अब दुनिया देख रही है. इस पर भी हैरत की बात यह है कि इस घटिया हरकत पर एतराज भी एक सियासी रस्म के तौर पर जताया जा रहा है मानो विश्वगुरु बनने का रास्ता दलितों, आदिवासियों, औरतों और मुसलमानों से नफरत करने और उन्हें सताते रहने के ‘धर्म टोल’ से हो कर ही जाता है.

मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले सीधी के वायरल हुए इस वीडियो में एक नौजवान दूसरे नौजवान के चेहरे पर पेशाब करता नजर आ रहा है. कुबरी गांव के रहने वाले इस ब्राह्मण नौजवान का नाम प्रवेश शुक्ला है, जो पेशाब करते समय एक हाथ कमर पर रखे हुए है और दूसरे हाथ से बड़ी बेफिक्री से सिगरेट भी फूंक रहा है.

पीड़ित नौजवान कोई खिलाफत नहीं कर पा रहा है. हालांकि वह प्रवेश शुक्ला की पेशाब को चरणामृत की तरह भी नहीं ले रहा है, इसलिए उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त यानी पागल भी कहा जा रहा है.

इस वीडियो पर बवाल मचना कुदरती बात थी, क्योंकि इस तरह की हैवानियत वाली हरकत अब कम देखने में आती है, नहीं तो दबंग सवर्ण अभी भी पुराने तरीकों से ही नीची जाति वालों को सताने में ज्यादा भरोसा करते हैं, क्योंकि उन में पकड़े जाने, जुर्म साबित होने और कानूनन सजा होने का जोखिम कम रहता है. इस के बाद भी कोई दिन ऐसा नहीं जाता, जिस में वंचित समाज को सताने की 2-4 खबरें न आती हों.

सीधी के वीडियो को सभ्य समाज पर कलंक और भोलेभाले आदिवासियों की बेइज्जती बताने और मानने वालों को इस कट्टर और घटिया सोच की वजह या जड़ पहले समझ लेनी चाहिए कि वह दरअसल ‘रामचरितमानस’ है, जो बिना किसी लिहाज या लागलपेट के छोटी जाति वालों से नफरत करने का संदेश देती है. प्रवेश शुक्ला जैसे कई नौजवान तो उसे अमल में लाते हैं, परवाह उन्हें भी समाज, संविधान या कानून की नहीं रहती.

कौन हैं कोल आदिवासी

पीड़ित नौजवान कोल आदिवासी समुदाय का है. इस जाति के आदिवासी आमतौर पर भूमिहीन हैं और लोहे को गलाने और उस का सामान बनाने का काम करते रहे हैं. कुछ लोग बांस के आइटम भी बनाने लगे हैं.

विंध्य इलाके के रीवा जिले का बरदीजादा इलाका इन का उत्पत्ति या मूल स्थान माना जाता है. यहां से होते ये लोग झारखंड और ओडिशा तक फैल गए हैं.

झारखंड में संथाली और मध्य प्रदेश में कोली भाषा बोलने वाले इस मेहनती समुदाय की माली हालत कभी ठीक नहीं रही. खाली समय में ये मजदूरी करने विदेश यानी बड़े शहरों की तरफ पलायन कर जाते हैं. झारखंड के गिरिडीह और देवधर के अलावा दुमका जिले में इन की आबादी सब से ज्यादा है.

इन लोगों के हिंदुओं से अलग रीतिरिवाज और खुद के अपने देवीदेवता हैं. ये देवीदेवता हैं काली माता और सिंगबोगा. अब कुछ पढ़ेलिखे कोल हिंदू मंदिरों में भी जाने लगे हैं, क्योंकि इन के पास चढ़ाने को पैसा होता है, इसलिए इन्हें यह सहूलियत पंडेपुजारियों ने दे रखी है.

कोल समुदाय के 12 गोत्र होते हैं, जिन में मुर्मू के अलावा सोरेन, मरांडी, किस्कू खास हैं. धर्मग्रंथों में भी इन का जिक्र मिलता है, लेकिन किस अंदाज और हैसियत से, इसे इस दोहे से समझिए, जिस से प्रवेश शुक्ला ने समझा और ज्यादातर सवर्ण भी इस तरीके से ही समझते हैं.

तुलसीदास द्वारा लिखी गई ‘रामचरितमानस’ के ‘उत्तरकांड’ के दोहा संख्या 99 (3) में कहा गया है :

‘जे बरनाधम तेलि कुम्हारा. स्वपच किरात कोल कलवारा.’

मतलब तेली, कुम्हार, चांडाल, भील और कोल, कलवार आदि बेहद नीच वर्ण के लोग हैं.

गरमाई सियासत

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में भाजपा को प्रवेश शुक्ला की इस मनुवादी हरकत से तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि वह उस के विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि रहा है. हालांकि केदार शुक्ला सरासर झूठ बोलते हुए इस बात को नकारते रहे, लेकिन जल्द ही उन का आरोपी को दिया नियुक्तिपत्र भी वायरल हो गया. यह भी सामने आया कि वह भाजपा का पदाधिकारी भी है.

जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सहित दूसरे छोटेबड़े कांग्रेसियों ने इस पर हल्ला मचाया, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रवेश शुक्ला के खिलाफ एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए. गिरफ्तारी के बाद थाने जाते समय भी प्रवेश शुक्ला के चेहरे और चालढाल की ठसक देखने के काबिल थी मानो उस ने इनसानियत को शर्मसार करने वाला गुनाह नहीं, बल्कि ‘रामचरितमानस’ में लिखे मुताबिक पीड़ित को नीच वर्ण का साबित कर दिया है. इस बाबत तो उसे सजा के बजाय इनाम मिलना चाहिए, क्योंकि भगवा गैंग के हिंदू राष्ट्र में होना यही है.

मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में भाजपा की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस ने पूरा जोर 30 फीसदी आदिवासी वोटों को लुभाने में लगा रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद मोदी 1 जुलाई, 2023 को शहडोल के आदिवासियों के बीच खाट लगा कर बैठे हुए आदिवासियों की बदहाली के बाबत कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कोस रहे थे. और तो और उन्होंने आदिवासी इलाकों की जानलेवा बीमारी सिकल सैल एनीमिया का जिम्मेदार भी कांग्रेस को ठहरा दिया, जबकि डेढ़ साल का अरसा छोड़ दें, तो पिछले 20 साल से भाजपा सत्ता में है और उस ने आदिवासियों और सिकल सैल एनीमिया के लिए क्या किया, यह सवाल अब इस पेशाब कांड के बाद पूछना बेमानी है.

यह हुआ भाजपा राज में भाजपा राज में दलित, आदिवासियों पर जोरजुल्म के मामले लगातार बढ़े हैं, जिस से अदिवासी समुदाय उस से खफा है. इस ताजा मामले ने तो उस आग में घी डालने का ही काम किया है.

छिंदवाड़ा के एक भाजपा कार्यकर्ता का नाम न छापने की शर्त पर कहना है कि सीधी पेशाब कांड ने मोदी और शिवराज के किएधरे पर पेशाब फेर दिया है. अब हम आदिवासियों से क्या खा कर और किस मुंह से वोट मांगेंगे? क्या यह कह कर कि आओ हमें वोट दो, हम तुम्हें पेशाब देंगे?

यह हकीकत राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़े भी बयां करते हैं कि साल 2018 में दलित, आदिवासियों के साथ हुई प्रताड़ना के 4,753 मामले दर्ज किए गए थे, जिन की तादाद साल 2019 में 5,300 हो गई थी और फिर साल 2021 में ऐसे दर्ज मामलों की तादाद 6,899 हो गई थी. इस तरह दलितआदिवासी समाज को सताने के मामले में मध्य प्रदेश टौप पर बना हुआ है.

हिंदुत्व है वजह

उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में यह जगह शायद ही कोई दूसरा प्रदेश छीन पाएगा, क्योंकि यहां खासतौर से आदिवासियों पर जोरजुल्म करने की छूट और लाइसैंस मिले हुए हैं. ज्यादातर मामलों में हिंदूवादी ही आरोपी पाए गए हैं. सिवनी जिले के गांव सिमरिया की मौब लिंचिंग इस की बड़ी मिसाल है. इस कांड में बजरंगियों ने गौमांस की तस्करी के शक में 2 आदिवासियों संपत्त बट्टी और धानशाह को लाठियों से पीटपीट कर मार डाला था.

दरअसल, यह लड़ाई आदिवासियों के हिंदू होने और न होने की है. हिंदूवादी आदिवासियों में इतनी दहशत फैला देना चाहते हैं कि वे खुद को हिंदू धर्म का मानते हुए पूजापाठ और दानदक्षिणा करने के अलावा उन की गुलामी भी करें. लेकिन आदिवासी समुदाय उन की ज्यादतियों के सामने झुक नहीं रहा है.

जय आदिवासी युवा संगठन यानी जयस के मुखिया डाक्टर हीरालाल अलावा ने बताया, “हम ने आदिवासी समुदाय की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इस घटिया कांड पर दखल देने की मांग की है. रही बात हम आदिवासियों पर अत्याचार की तो हमारी खामोशी अब वोटिंग के दिन टूटेगी, जिसे आप नतीजे के दिन सुनेंगे कि भाजपा मध्य प्रदेश में कर्नाटक की तरह 65 सीटों पर सिमट गई.

पैर धोने का पाखंड

हल्ला और आदिवासी समुदाय का बढ़ता गुस्सा देख कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी कुरसी खिसकती लगी तो वे इतना घबरा गए कि उन्होंने 6 जुलाई, 2023 की सुबहसुबह पीड़ित दशमत रावत को भोपाल सीएम हाउस बुला कर उस के पैर धोए. उन्होंने इस घटना पर दुख जताते हुए दशमत को फूलमाला पहनाई, उस की आरती उतारी और उसे गणेश की एक तसवीर भी तोहफे में दी. सीएम हाउस का माहौल बड़ा ही पौराणिक और घर वापसी सरीखा था.

इस थूक कर चाटने से न तो दशमत के साथ हुई ज्यादती की भरपाई होनी है और न ही आदिवासियों को समाज में इस से कोई इज्जत मिलने वाली है. मुख्यमंत्री के एक आदिवासी के पूजापाठ और आरती से तुलसीदास का लिखा मिट नहीं जाना है, बल्कि यह और गहरा सकता है. कहने का मतलब यह नहीं है कि पेशाब का बदला पेशाब ही होना चाहिए, लेकिन दिखावे के इस पछ्तावे का मतलब हर कोई खूब समझ रहा है कि यह एक सियासी और धार्मिक पाखंड ही है.

Monalisa का डांस वीडियो हुआ वायरल, काली साड़ी में लगी बला की खूबसूरत

भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा अक्सर ही अपने डांस और वीडियो को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है उनका बोल्ड लुक फैंस को बहुत ही प्यारा लगता है. जिससे उनके हर वीडियो पर लाखों कमेंट्स आते है और वीडियो-फोटो वायरल होते रहते है. ऐसा ही एक वीडियो उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. जिसपर लोग जमकर प्यार बरसा रहे है. और देखते ही देखते ये वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया है.

 

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आपको बता दें, कि मोनालिसा ने पवन सिंह के साथ कुछ तस्वीरें साझा की है. जिन्हे अपलोड़ करके मोनालिसा ने बताया है कि उन्हे सालों बाद पवन सिंह के साथ काम करने का मौका मिला है.साथ ही एक वीडियो भी साझा की है जिसमें वो साड़ी में ठुमके लगाती हुई दिख रही है. मोनालिसा का ये वीडिय़ो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है साड़ी में उनका किलर लुक लोगों को खूब पसंद आ रहा है औऱ लोग इस वीडियो पर जमकर कमेंट करते हुए दिख रहे है.

 

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बताते चलें कि मोनालिसा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. एक्ट्रेस अक्सर अपने चाहने वालों के साथ बोल्ड एंड हॉट तस्वीरें शेयर करती रहती हैं, जिन्हें देख सभी लोग घायल हो जाते हैं. मोनालिसा ने सबसे पहले भोजपुरी इंडस्ट्री में काम किया. इस दौरान उनकी और पवन सिंह की जोड़ी फैंस की फेवरेट बन गई थीं. इसके बाद एक्ट्रेस ने बिग बॉस में धमाल मचाया. इन दिनों मोनालिसा टीवी इंडस्ट्री में छाई हुई हैं. एक्ट्रेस ने बहुत कम समय में टीवी वर्ल्ड में अपनी पहचान बना ली है. इसके अलावा मोनालिसा अपने बोल्डनेस के लिए भी जानी जाती हैं.

सनी देओल के बेटे की संगीत सेरेमनी में रणवीर सिंह का धमाल, देखें वीडियो

इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है ऐसे में बॉलीवुड के कई स्टार शादी के बंधन में बंधते नजर आ रहे है अब हाल ही में सनी देओल के बेटे करण देओल की संगीत सेरेमनी हुई जहां फंक्शन में चार-चांद लगाने पहुंचे रणवीर सिंह. जिन्होंने करण देओल को गले लगाकर बधाई दी, इतना ही नहीं, उन्हे गोध में उठाकर डांस भी किया. अब इसे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर जंमकर वायरल हो रहा है.

 

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आपको बता दें, कि रणवीर सिंह ने करण दओल और दृशा आचार्य की संगीत सेरेमनी में ब्लैक आउटफिट पहनकर एंट्री की.उन्होंने वहां जाकर सनी देओल को बेटे की शादी की जमकर बधाइयां दीं. इतना ही नहीं, उन्होंने सनी देओल को झप्पी भी दी. इसके अलावा रणवीर सिंह ने करण देओल और दृशा आचार्य को भी बधाई देने पहुंचे. उन्होंने दूल्हे राजा को गले लगाकर शादी की ढेर सारी शुभकामनाएं दीं. रणवीर सिंह ने करण देओल को गोद में उठाकर जमकर डांस किया। उनके साथ-साथ होने वाली दुल्हन दृशा आचार्य भी डांस करती नजर आईं.

 

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बता दें कि करण देओल और दृशा आचार्य की शाद 18 जून को होगी.इससे पहले कुछ दिनों करण देओल और दृशा की शादी की रस्में चल रही थीं. करण और दृशा की शादी के लिए सनी देओल के साथ-साथ धर्मेंद्र भी खूब एक्साइटेड हैं.ऐसे में लोग रणवीर सिंह के साथ वायरल वीडियो को देख बेहद खुश है और जमकर कमेंट करते दिख रहे है.

लोगों ने किए ऐसे कमेंट

करण देओल और दृशा आचार्य के संगीत का वीडियो देख लोग भी खूब कमेंट कर रहे हैं. खासकर उन्होंने रणवीर सिंह के लुक की तारीफ की, साथ ही एक्टर की सादगी की भी खूब सराहना की. एक यूजर ने लिखा, रणवीर सिंह मस्त-मौला इंसान है. हर वक्त खुश और दूजों को भी खुश रखते हैं.” वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, लोग भले ही इन्हें कपड़ों और एनर्जी के लिए ट्रोल करें, लेकिन रणवीर सिंह सच में बहुत अच्छे इंसान हैं.” रणवीर सिंह से जुड़े इस वीडियो को अभी तक 12 हजार से भी ज्यादा बार लाइक किया जा चुका है.

 

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अभिषेक बच्चन ने इस एक्टर्स के साथ लगाएं ठुमके, ट्रोल हुए एक्टर

ऐश्वर्या राय, अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन का ‘कजरा रे’ गाने पर किया गया डांस तो याद ही होगा. ये गाना काफी चर्चा में रहा था, आज भी लोग इस गाने को काफी पसंद करते हैं. इसी बीच अभिषेक बच्चन ने एक बार फिर ‘कजरा रे’ गाने पर डांस किया है. लेकिन इस बार वो ऐश्वर्या राय के साथ नहीं बल्कि बॉलीवुड एक्ट्रेस नोरा फतेही के साथ नजर आए. अभिषेक बच्चन और नोरा फतेही का ये डांस वीडियो आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. अभिषेक बच्चन और नोरा के इस डांस वीडियो पर यूजर्स जमकर कमेंट करते हुए नजर आए. किसी को इन दोनों का साथ डांस करना पसंद आया, तो कुछ यूजर्स इसे देखे के भड़क गए.

 

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आपको बता दें, कि बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर अभिषेक बच्चन अपनी फिल्मों से ज्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहते हैं. इन सब के बीच अभिषेक बच्चन का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में अभिषेक बच्चन एक बॉलीवुड एक्ट्रेस के साथ डांस करते हुए दिखाई दिए. अभिषेक बच्चन इस वीडियो में ‘कजरा रे’ पर डांस कर रहे थे. अभिषेक बच्चन का ये वीडियो आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

 

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अभिषेक बच्चन और नोरा फतेही का ये डांस वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही छा गया. इस डांस वीडियो को यूजर्स अपने-अपने हिसाब से इंस्टाग्राम पर शेयर और बाकी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर कर रहे हैं. इस डांस वीडियो पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘यहां अभिषेक बच्चन भी पिघल गए’ तो वहीं कई यूजर्स ने सवाल किया कि ऐश्वर्या राय कहा है?

KGF स्टार Yash ने बाहुबली की शिवगामी के साथ किया डांंस, देखें Video

kGF से हिट हुए yash इन दिनों सुर्खियों में है. यश हाल ही एक्टर अभिषेक अंबरीश की शादी में शामिल हुए. इसकी तस्वीरें और वीडियो अभी तक सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. यहां यश डांस करते हुए वीडियो वायरल हो रही है

यश ने अभिषेक अंबरीश की शादी में खूब इंजॉय किया. यहां वह अपने ‘केजीएफ’ के ‘रॉकी भाई’ वाले हेयरस्टाइल में नजर आए. जहां यश के स्टाइल और स्वैग ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया, वहीं उनके डांस मूव्स ने सबको दीवाना बना दिया. अभिषेक अंबरीश की शादी से यश का एक डांस वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

 

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आपको बता दें, कि इस वीडियो में यश, ‘बाहुबली’ की शिवगामी यानी राम्या कृष्णन के साथ Antamma Antamma गाने पर गजब का डांस कर रहे हैं. Yash ने जैसे ही डांस फ्लोर पर अपने मूव्स दिखाने शुरू किए, हर कोई बस उन्हें देखता ही रह गया. पार्टी में यश ने कन्नड़ एक्टर दर्शन के साथ भी धमाकेदार डांस किया. इस पार्टी में यश और दर्शन के डांस के साथ-साथ उनकी बॉन्डिंग की भी खूब चर्चा रही. दोनों साथ में खूब मस्ती और गप्पे मारते दिखे। फैन्स यश के डांस वीडियो देख क्रेजी हो गए हैं. मालूम हो कि अभिषेक अंबरीश कन्नड़ सुपरस्टार और नेता अंबरीश के बेटे हैं. अंबरीश का 2018 में निधन हो गया था.

प्रोफेशनल फ्रंट की बात करें, तो यश 2022 में ‘केजीएफ 2’ में नजर आए थे, और तभी से फैन्स उनके अगले प्रोजेक्ट की अनाउंसमेंट का इंतजार कर रहे हैं. यश ‘केजीएफ 3’ में भी नजर आएंगे, पर फिलहाल इस फिल्म की रिलीज अनाउंस नहीं की गई है. इसके डायरेक्टर प्रशांत नील अभी ‘सालार’ में बिजी हैं, जिसमें प्रभास लीड रोल में हैं. हालांकि पिछले कुछ समय से खबरे हैं कि यश फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र 2’ में नजर आ सकते हैं. लेकिन अभी कुछ कन्फर्म नहीं है.

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