मजाक: ट्यूशन का चोखा धंधा

भाजपा सरकार को बहुत धन्यवाद, शुक्रिया, थैंक्यू. क्यूट यानी कौमन ऐंट्रैंस टैस्ट चालू कर के उन्होंने बहुत लोगों को एक नया रास्ता दिखा दिया है. क्यूट का सिलेबस क्या होगा और कबकब बदलेगा, यह उसी तरह का है, जैसे आप के ग्रहों को पंडितजी कुंडली में देख कर बताते हैं. इस के लिए आप को बहुत सारे शब्द सीखने पड़ेंगे, जो वैबसाइटों पर हैं.

क्यूट की तैयारी अब 6ठी, 7वीं, 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं के छात्र करेंगे और इसलिए सब से पहले 6ठी क्लास के बच्चों के मांबापों को पकड़ें. हम सभी जानते हैं कि हर उद्योग को शुरू करने से पहले उस में पूंजी लगाई जाती है. जैसे, कपड़ा उद्योग के लिए कच्चा सूत, मशीन आदि की जरूरत पड़ती है. लेकिन ट्यूशन उद्योग उन सब से अलग एक ऐसा उद्योग है, जिस में आप को पूंजी लगाने की कोई जरूरत नहीं है.

इस धंधे की शुरुआत में न तो किसी इमारत की नींव खोदनी पड़ती है और न ही तैयार इमारत की सफेदी आदि करवानी पड़ती है. इस के लिए कुछ बातें तय कर लीजिए. जैसे, अगर आप सुबह की पाली  8 बजे शुरू करते हैं, तो साढ़े 7 बजे तक तैयार हो लें. वैसे भी छात्र सवा 8 बजे से पहले तो आएंगे नहीं.

आप इसी धंधे को सही तरीके से खोल कर किसी को द्रव के गुण, किसी को न्यूटन का नियम, किसी को हिसाब के सूत्र आदि लिखने या याद करने का आदेश दे सकते हैं. हां, आप के पास एक कंप्यूटर जरूर होना चाहिए. यही एक पूंजी है, जिस के बल पर आप सैकड़ोंहजारों बना सकते हैं. हां, पहले अपने पड़ोस के 2-4 छात्रों को फुसला कर या धमकी दे कर इस धंधे की शुरुआत आप कर सकते हैं.

यह धंधा आमदनी में बढ़ोतरी लाता है, इसलिए दिए गए इन गुरों को जरूर सीख लीजिए :

  • कक्षा में देर से पहुंचें. जाते ही कोई न कोई बहाना बना लें. जैसे, आज मूड ठीक नहीं है आदि.
  • अगर कोई छात्र सवाल पूछे, तो यह कह कर टाल दें कि आज इंटरनैट सही नहीं चल रहा या कल बताएंगे या शाम को आना तब बताएंगे.
  • बारबार कहें कि हर सैमेस्टर की तैयारी पूरे करें.
  • यह कहना न भूलें कि आप यह ट्यूशन नैशनल टैस्टिंग एजेंसी के एक बड़े अफसर के कहने पर चला रहे हैं, जो साल के आखिर में पूरे सवालजवाब पहले दे देगा.

इन गुरों की मदद से आप अवश्य इस धंधे में सफल हो जाएंगे.

आजकल धंधे के संविधान के अनुच्छेदों में फिर सुधार कर के नया रूप दिया गया है. जैसे रोजमर्रा और पारिवारिक काम को निबटा लेना इस धंधे में प्रमुख है. कई पालियों में पढ़ाते समय बीचबीच में छात्रों को कुछकुछ हुक्म देते रहिए. जैसे, प्रमोद, तुम समुच्चय के सवाल हल करो और राजू, तुम क्षेत्रफल वाली प्रश्नावली हल कर लो. फिर पूजा में मगन हो जाइए.

इस प्रकार आम के आम और गुठलियों के दाम, समय की भारी बचत भी. वैसे भी देश में पैट्रोल, डीजल, कैरोसिन, बिजली वगैरह की बचत के इश्तिहार अखबारों में निकलते हैं. इस धंधे से आप समय की बचत कर के देश की तरक्की में सरकार की मदद कर सकते हैं.

इस उद्योग में आप को फायदे ही फायदे हैं. जैसे, कक्षा की चिल्लपों, भीड़भाड़ आदि से आप को छुटकारा मिल सकता है. स्कूल जा कर हाजिरी रजिस्टर में आप अपनी हाजिरी बना दें और घर आ कर स्वतंत्र रूप से धंधा चलाएं.

इस धंधे को शुरू करने वाले सभी कारोबारियों (शिक्षकों) से मेरा यह अनुरोध है कि सरकार को ज्ञापन दे कर देश के सारे शिक्षा संस्थान बंद करवा दें, ताकि सारे बच्चे आप से या आप ही जैसे दूसरे लोगों से ट्यूशन पढ़ने के लिए मजबूर हो जाएं.

सरकार को भी भवन निर्माण, फर्नीचर, वेतन आदि के खर्चों से छुटकारा मिलेगा यानी रुपए बचेंगे और देश की दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होगी. तब केरल की तरह सारा देश पढ़ाकू हो जाएगा. इस से आप का यह धंधा और भी फूलेगाफलेगा.

वैसे, सरकार भी आप को जरूरत के मुताबिक अनुदान देगी. हर भारतीय को तनमनधन से इस उद्योग को आगे बढ़ाना चाहिए. मेरी तो यही कामना है कि यह धंधा भलीभांति फूलेफले और देश खूब आगे बढ़े.

पी. कुमार       

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