Tripling Season 3: वेब सीरीज ‘ट्रिपलिंग की 3 साल बाद ‘‘जी 5’’ पर वापसी

भारत के सबसे बड़े वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘‘जी 5’’ पर  लोकप्रिय फ्रैंचाइजी ‘ट्रिपलिंग‘ की वापसी तीसरे सीजन के साथ 21 अक्टूबर से होने जा रही है. इस बार इसके पांच एपीसोड होंगे. ‘टीवीएफ’ के अरुणाभ कुमार निर्मित इस सीजन का निर्देशन नीरज उधवानी ने किया है. इसकी कहानी अरुणाभ कुमार और सुमित व्यास ने लिखी है. पटकथा सुमित व्यास ने इसकी पटकथा अकेले लिखी है, पर संवाद अब्बास दलाल के साथ मिलकर लिखे हैं.

इसे अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं- सुमित व्यास, मानवी गगरू, अमोल पाराशर, कुमुद मिश्रा, शेरनाज पटेल और कुणाल रॉय कपूर. ट्रिपलिंग’ का पहला सीजन 2016 में और दूसरा सीजन 2019 में आया था. अब तीन साल बाद तीसरा सीजन आ रहा है.पहले की बनिस्बत दर्शकों ने दूसरे सीजन को कम पसंद किया था.लेकिन अरूणाभ का दावा है कि तीसरा सीजन सर्वाधिक पसंद किया जाएगा.

ट्रिपलिंग की कहानी के केंद्र में दो सगे भाई चंदन व चितवन व बहन चंचल है. इस बार इन तीनों की माता (चारू) चारु और पिता (चिन्मय) के अलग होने की खबरों के  इर्द-गिर्द ऐसी कहानी है, जिसके चलते  भाई बहनों यानी कि चंदन, चंचल और चितवन को एक नए रोमांच पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. जील हां! अपने माता पिता के रिश्ते को ठीक करने के भाई बहन की यह तिकड़ी इस बार अपने पैतृक घर वापस जाएंगे और अपने परिवार और अपने घर को खोने के खतरे से जूझते हुए, भाईबहन अपने समान विलक्षण मातपिता के साथ छोटे परिवार के कारनामों की एक श्रृंखला में शामिल होंगे.

हाल ही में ट्रिपलिंग सीजन 3’’ के ट्ेलर लांच के अवसर पर लेखक व चंदन का किरदार निभा रहे अभिनेता सुमित व्यास ने कहा, ‘‘ट्रिपलिंग मेरी गोटू थेरेपी है जहां मुझे अवधारणा, पटकथा और संवाद लिखने, अभिनय करने, बड़ी तस्वीर में योगदान करने और बहुत कुछ करने का मौका मिलता है.हर सीजन के साथ, मैं पात्रों और कहानी कहने वाले आर्क के करीब होता जा रहा हूं.यह सीजन हम सभी के लिए एक पागल सवारी होगी. क्योंकि हम भाईबहनों को पता चलता है कि परिवार में‘पागल‘ चलता है.लेकिन एक बात जो मैं आपसे वादा कर सकता हूं, वह यह है कि यह एकदिल को छू लेने वाली कहानी होगी, इसलिए बेहतर देखने के अनुभव के लिए अपने पागलपरिवार को पास रखें.’’

बहन चंचल का किरदार निभा रही अभिनेत्री मानवी गगरू ने कहा,“हर बार ट्रिपलिंग की  शूटिंग करना हमारे लिए घर वापसी ही होती है हम सभी एकदूसरे के लक्षणों और विचित्रताओं से इतने परिचित हैं और एकदूसरे के साथ इतनी गर्मजोशी साझा करते हैं कि यह  लगभग एक वास्तविक परिवार होने जैसा है. साथ ही, हर सीजन में हमें लंबे शेड्यूल के लिए बाहर जाना पड़ता है और यह एक ऐसी चीज है जिसे हम सभी संजोते हैं. इस सीजन में, हम अधिक ड्रामा, अधिक भावनाओं और ढेर सारी हँसी और मस्ती के साथ वापस आ गए हैं.”

चितवन का किरदार निभा रहे अभिनेता अमोल पाराशर ने कहा,“मैं इस शो और इस टीम का हमेशा आभारी हूं कि उन्होंने मुझे मेरा सबसे पसंदीदा किरदार चितवन दिया. मुझे अभी तक अपने करियर में एक और किरदार नहीं मिला है,जिसने इस सनकी दोस्त से बड़ा प्रभाव छोड़ा है. हर सीजन के साथ, शो का फैनबेस बढ़ता रहता है और मुझे विश्वास हैकि इस सीजन के साथ भी, प्रशंसकों की वापसी होगी और दर्शकों की एक पूरी नई पीढ़ी भीआएगी क्योंकि वेब पर ट्रिपलिंग से बेहतर और कुछ भी नहीं है.’’

सुमित व्यास ने आगे कहा‘‘ इस शो में चंदन का किरदार निभाना मेरे लिए बहुत आसान होता है. कयोकि कहानी व पटकथा ही नही संवाद लिखते समय मैं चंदन को जीते हुए सहजता के साथ इस किरदार मेंखुद को समाहित करता रहता हूं. लेकिन हमारे दूसरे सहकलाकारों को उनके किरदार को निभाना आसान नही होता है.’’

ज्ञातब्य है कि ट्रिपलिंग’’ के पहले सीजन को जितना पसंद किया गया था,उतना इसके दूसरे सीजन को पसंद नहीं किया गया था. इस पर मानवी गगरू ने कहा‘‘ मेरी समझ से दूसरे सीजन में कोई कमी नही थी. फर्क इतना था कि दूसरे सीजन में शैली और कहानी कहने का तरीका बेहद अलग था. हम सभी ने सोचा कि यह अच्छा होगा. लॉगलाइन पूरी तरह से अलग था. शो में भाईबहनों के साथ बहुत कुछ करना था और निश्चित रूप से बहुत सारे दर्शकों से संबंधित होता. लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि इसका दूसरे सीजन को देखकर लोग अपनेभाई बहन के साथ रोड ट्रिप पर जाने लगे.

मुझे लगता है कि नवीनता कारक उसके बाद अस्तित्व में आया.पर पहले सीजन का बेंचमार्क इतना ऊंचा था कि कई लोगों ने महसूस किया होगा कि दूसरा सीजन उनके निर्धारितअपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा. दूसरी बात जब पहला सीजन आया था, उस समय ओटीटी बेहद नया था. मैंने सीजन 2 की शूटिंग के दौरान बहुत अच्छा समय बिताया था. और अब तीसरे सीजन की शूटिंग के दौरान उससे भी अधिक अच्छा समय बिताया. पहले सीजन से दूसरे सीजन तक पहुंचते पहुंचते मैने अहसास किया कि चितवन का किरदार निभा रहे अभिनेता अमोल पाराशर, चितवन की तरह बन गया है. उसकी आदतें और बात करने का तरीका, वह जिस तरह के चुटकुले सुनाता है, वह चितवन की तरह है.’’

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