जब बौयफ्रैंड करे सैक्स की मांग

निशा को समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे. उस के एक तरफ कुआं था, तो दूसरी तरफ खाई थी. हां करती है तो रिस्क बहुत है और डर भी बहुत लग रहा है, क्योंकि उस के शहर की ही उस की ही बिरादरी की आशा जिज्जी के किस्सेकहानी अभी भी हुआ करते हैं.

शादी के पहले ही आशा जिज्जी पेट से हो गई थीं. इस पर खूब हल्ला मचा था और बदनामी भी हुई थी. लड़का कौन है, यह बताने को वे तैयार नहीं हुईं, तो घर वालों ने उन का जीना हराम कर दिया था. जिस के जी में आता था, लातघूंसों से उन की ठुकाई कर दिया करता था.

इस के कुछ दिन बाद ही आशा जिज्जी घर और शहर छोड़ कर गायब हो गई थीं. फिर उन का कोई अतापता नहीं चला था. किसी ने उन्हें ज्यादा ढूंढ़ने की कोशिश भी नहीं की थी. और करते भी क्यों, आखिर वे बदचलन और कुलटा जो करार दे दी गई थीं.

लेकिन यह सदमा आशा जिज्जी के पिता बरदाश्त नहीं कर पाए थे, जिन्होंने बदनामी के डर से सल्फास खा कर खुदकुशी कर ली थी.

यही सब सोचसोच कर निशा की नींद उड़ गई थी, क्योंकि वह मना करती है तो अमर हमेशा के लिए मुंह मोड़ लेगा, जिस के बिना वह एक दिन भी रह नहीं सकती.

दरअसल, अमर ने निशा को साफसाफ कह दिया था कि अब यह दूरी उस से बरदाश्त नहीं हो रही है और प्यार में सैक्स करना कोई नई या हैरानी की बात नहीं है. अमर के मुताबिक, वे दोनों तो कुछ भी हो जाए, शादी करेंगे ही. मांबाप मान जाएं तो ठीक, नहीं तो घर से भाग कर शादी कर लेंगे.

अमर ने निशा से यह भी कहा था, ‘‘अगर तुम्हें भरोसा नहीं है, तो कोई बात नहीं. हम दोनों के रास्ते अभी भी अलग हो सकते हैं. मैं ने तो तुम से सच्चा प्यार किया है और मरते दम तक करता रहूंगा.

दो बाप का कहना, अगर तुम्हारे सिवा किसी और लड़की के बारे में सोचूं या शादी करूं. हां, जिंदगीभर पछताता जरूर रहूंगा कि जिसे मैं ने जीजान से चाहा, उस ने ही मुझ पर शक किया.’’

निशा ने हिम्मत कर के अमर को आशा जिज्जी वाला मामला बताया, तो वह हंसते हुए बोला था, ‘‘अरे यार, वह जमाना और था, जब लोग बिना कंडोम के सैक्स करने लग जाते थे, लेकिन इस से यह तो साबित होता ही है न कि आज से 15-20 साल पहले भी प्रेमी शादी से पहले सैक्स करते थे.

‘‘और पगली, तू ने यह कैसे सोच लिया कि मैं कभी तुम्हें इस हाल में छोड़ दूंगा. यह तो तुम ने हमारे प्यार की तौहीन कर दी. तुम आइंदा से ऐसा सोचना भी मत.

‘‘बस, एक बार ही तो कुछ मांग रहा हूं, क्योंकि अब इस के बिना रहा और सहा नहीं जाता. वे रोहन और प्रिया तो सैक्स करते हैं, कभी कुछ हुआ क्या? सब एहतियात बरतते हैं और जवानी के मजे लूटते हैं.’’

लेकिन ये दलीलें निशा के गले नहीं उतर रही थीं. हालांकि कभीकभी उस की भी इच्छा होती थी कि अमर से अमरबेल की तरह लिपट कर अपनी प्यास और तड़प बुझा ले. आखिर हर्ज क्या है इस में. आजकल तो सब चलता है. प्रिया कैसे लुत्फ लेले कर बताती है कि सैक्स में कितना मजा आता है. बिस्तर पर पड़ेपड़े जन्नत नजर आने लगती है.

खुद निशा भी महसूस करती थी कि अमर जब उसे बांहों में भर कर छेड़छाड़ करता है, अंगों को सहलाता, मसलता और चूमता है, तो वह जैसे आसमान की सैर पर होती है.

शहर में इंजीयरिंग की पढ़ाई कर रही शालिनी के तो 2-3 लोगों से संबंध हैं, जिन्हें वह कैसेकैसे हंसहंस कर बताती है कि शादी के पहले सैक्स करने का मजा ही कुछ और है.

आजकल के तो प्यार का मतलब ही सैक्स के मजे लूटना होता है और यह कौन सी किताब या शास्त्र में लिखा है कि जिस से एक बार प्यार या हमबिस्तरी कर लो, शादी भी उसी से करो.

जब भी अमर कसबे के बाहर ले जा कर खंडहर में अपने मोबाइल पर उसे ब्लू फिल्म दिखाता है, तो शरीर में जैसे चींटियां रेंगने लगती हैं और दिल करता है कि आज कर ही लें, जो होगा देखा जाएगा. आजकल तो मैडिकल स्टोर पर पेट से न होने देने वाली गोलियां भी बिना परचे के मिल जाती हैं.

अमर तो अपने प्यार की सचाई साबित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है और आज जमाने के सामने हाथ पकड़ कर शादी के लिए तैयार है. पीछे तो वह ही हट रही है, क्योंकि पहले दीदी की शादी होनी है.

यह मजबूरी न होती तो अब तक तो दोनों अच्छे से जम गए होते. बात अकेले पेट से हो जाने की नहीं है, बल्कि मन में बैठा दिया गया यह डर भी है कि शादी के पहले सैक्स करना पाप है. अपना जिस्म किसी को नहीं सौंपना चाहिए, यह तो पति की अमानत होता है.

हां या न की कशमकश

निशा का एक मन कहता है कि इस में हर्ज क्या है, लेकिन तुरंत ही दूसरा मन कहता है कि इस में इतनी हड़बड़ाहट क्यों? शादी तक सब्र करने में कहां का पहाड़ टूट जाएगा, लेकिन अमर जैसा कि सख्ती से कह रहा है, अगर वाकई उस

से हमेशा के लिए दूर हो गया तो फिर जिंदगी का क्या मतलब रह जाएगा. वह तो एक सैक्स को छोड़ हर लिहाज से उस की हो चुकी है, दिनरात उस के ही खयालों में डूबी रहती है. ऐसे में यह ब्रेकअप बरदाश्त करना मुश्किल हो जाएगा.

बात या परेशानी एक अकेली निशा की नहीं, बल्कि उन लाखों लड़कियों की है, जिन के बौयफ्रैंड कभी न कभी सैक्स की मांग करते ही हैं. इस बाबत वही दलीलें देते हैं, जो अमर ने निशा को दी हैं. निशा ने क्या फैसला लिया था, यह हम आगे बताने जा रहे हैं, लेकिन आमतौर पर लड़कियां ऐसी हालत में क्या और कैसा फैसला लेती हैं, यह भी कम अहम नहीं.

ज्यादातर लड़कियां बौयफ्रैंड की मांग के आगे घुटने टेक देती हैं. इस से उन्हें बाद में परेशानी होती हो, ऐसा कहने की कोई वजह नहीं, क्योंकि उन का बौयफ्रैंड और प्यार दोनों वाकई सच्चे थे. बौयफ्रैंड की नीयत में उस समय कोई खोट उन्हें नजर नहीं आया था. हां, इतना जरूर उन्हें समझना होगा कि वे सैक्स करने का अहम फैसला अपने दिमाग यानी बुद्धि से ले रही हैं और इस की जिम्मेदार वे खुद होंगी.

ज्यादातर लड़कियों के लिए न या हां कहना आसान नहीं होता और न ही मना करना. बौयफ्रैंड इस हालत को ज्यादा बरदाश्त नहीं कर पाता, क्योंकि उस के सिर पर तो सैक्स का मजा लेने का भूत सवार हो चुका होता है. इस के लिए वह अपनी माशूका को इस बाबत बहलाताफुसलाता है, लेकिन बाद में कई बार अपना असली चेहरा दिखाते हुए डरानेधमकाने के लिए भी उतारू हो जाता है.

न कहें तो सोचसमझ कर बौयफ्रैंड का यह डरानेधमकाने वाला असली चेहरा बहुत खतरनाक होता है, इसलिए हां कहने के पहले ठंडे दिमाग से माशूका को अपना आगापीछा और अच्छाबुरा सोच लेना चाहिए. इस की अपनी वजहें भी हैं.

बिहार के मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर इलाके में अरशद नाम के एक आशिक ने अपनी माशूका शबनम (बदला नाम) के नहाते हुए अश्लील वीडियो बना लिए और फिर उसे संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगा था.

इस पर शबनम राजी नहीं हुई, तो अरशद ने उस के वे पर्सनल वीडियो, जो कभी मुहब्बत और भरोसे की दुहाई दे कर बनाए थे, दोस्तों के बीच वायरल कर दिए.

उन दोस्तों में से एक ने लड़की को चालू समझा और बहती गंगा में हाथ धोने की गरज से उस पर वही दबाव बनाने लगा जो अरशद बना रहा था, यह 25 अप्रैल, 2023 के आसपास का मामला है.

अच्छा तो यह हुआ कि शबनम डरी नहीं और उस ने पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी, जिस से अरशद और उस के दोस्त गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन धोखा खाई शबनम पर इतने दिन क्या गुजरी होगी, इस का एहसास कोई वही लड़की बता सकती है, जिस के साथ भी ऐसा हुआ हो और वह पुलिस तक जाने की हिम्मत न जुटा पा रही हो.

22 मार्च, 2023 को इसी तरह का एक और मामला उत्तर प्रदेश के बरेली में देखने में आया था. सरिता (बदला हुआ नाम) को शादी के बाद भी बौयफ्रैंड ब्लैकमेल कर रहा था. कोई और रास्ता न देख सरिता ने यह बात अपने पति और भाई को बताई, तो उन्होंने सरिता के प्रेमी की हत्या ही कर दी और अब खुद उस जुर्म की सजा जेल में सड़ते हुए भुगत रहे हैं.

अब यह प्यार था, यह क्या खा कर कोई कहेगा कि बौयफ्रैंड ने माशूका से सैक्स की मांग की, वह नहीं मानी तो उस के भरोसे को तोड़ते हुए उस का वीडियो वायरल कर दिया. दूसरे मामले में तो बौयफ्रैंड को मरते समय पता चला होगा कि उसे प्यार में धोखा देने और ब्लैकमेल करने के एवज में सजा ए मौत प्रेमिका का भाई और पति दे रहे हैं.

अब सरिता अकेली है और तय है कि पछता ही रही होगी कि जब यही होना था, जिंदगी इस तरह बरबाद होनी ही थी, तो बौयफ्रैंड बनाया ही क्यों था? बना भी लिया था तो उस से सैक्स संबंध नहीं बनाने थे, जिन की वजह से गृहस्थी बसने के पहले ही उजड़ गई.

लिहाजा, बौयफ्रैंड की सैक्स की मांग ठुकराने से पहले यह देखपरख लेना चाहिए कि कहीं उस के पास ऐसेवैसे फोटो और वीडियो न हों, जिन का डर दिखा कर वह हर कभी सैक्स की मांग और ब्लैकमेल करने लगे.

जब यह सब न मिले, तो बदनाम भी कर दे यानी सैक्स के लिए सख्ती से मना कर देना ज्यादा बेहतर होता है, लेकिन हर आशिक ऐसा ही होगा जरूरी नहीं, फिर भी एहतियात बरतने में हर्ज नहीं.

याद रहे कि अगर एक बार सैक्स की लत लग गई, तो फिर आसानी से नहीं छूटती और पकड़े जाने का डर हमेशा बना रहता है और कई बार बौयफ्रैंड की नीयत में खोट भी आ जाता है.

भोपाल के नजदीक विदिशा की रहने वाली 24 साला कामना (बदला हुआ नाम) के साथ ऐसा ही हुआ था, जिस का बौयफ्रैंड भोपाल से अपडाउन करता था. एक बार उस ने बौयफ्रैंड की सैक्स की मांग पूरी की तो यह डिमांड करना आएदिन की बात हो गई.

धीरेधीरे बौयफ्रैंड की दिलचस्पी कामना में कम होने लगी तो कामना को चिंता हुई. उस ने पूछा तो यहांवहां के बहाने बना कर उसे टाल दिया. हालांकि उस ने शादी का वादा नहीं किया था, लेकिन कामना को अपने ठगे जाने का एहसास हुआ.

अब कामना की कभी भी सैक्स की इच्छा होने लगती है, लेकिन वह मन मसोस कर रह जाती है, क्योंकि इस के लिए हर किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उसे इस बात का भी डर लगा कि आगे शादी के बाद पति को यह सब पता चल गया तो फिर क्या होगा.

कई बार लड़कियां अपने बौयफ्रैंड को खोने के डर से या किसी लालच के चलते भी हां कर देती हैं, लेकिन बाद में पछताती हैं. ब्लैकमेलिंग का डर भी उन्हें हमेशा सताता रहता है, क्योंकि सच्ची मुहब्बत का दम तो हर आशिक भरता है, लेकिन करता ही हो, इस की कोई गारंटी नहीं. आएदिन के झगड़ेफसाद हत्याओं और आत्महत्याओं की खबरें इस की गवाह हैं, जिस से हर लड़की डरती और घबराती है.

तो फिर क्या करें

हां या न का फैसला करना हर लड़की के लिए आसान नहीं होता, लेकिन यह एक ऐसी मांग बौयफ्रैंड की है, जिसे ज्यादा दिन तक टरका कर रखा जा सकता है. जज्बाती तौर पर लड़की अपने प्रेमी को दिल से चाहती है, लेकिन सैक्स के लिए तैयार नहीं होती.

हालांकि इस फैसले पर मन ही मन उन्हें भी अच्छा नहीं लगता. वजह, बदलते जमाने को वे भी बहुत गौर और बारीकी से देख रही होती हैं कि आजकल तो वाकई यह आम बात हो गई है.

ऐसी लड़कियों की हालत निशा जैसी हो जाती है, जिस ने बहुत ही सोचविचार कर अमर को न कह

दिया, लेकिन बहुत प्यार से उसे एक बार नहीं, बल्कि कई बार अपनी फीलिंग्स के बारे में समझाया तो वह मान भी गया, कि ठीक है शादी तक इंतजार कर लेते हैं.

महीने 2 महीने तक अमर पहले की तरह निशा से मिलता रहा और सैक्स संबंध बनाने की जिद नहीं की और पहले की तरह प्यार जताता रहा, तो निशा को भरोसा हो गया कि वह वाकई उस से सच्चा प्यार करता है, इसलिए निशा ने तय कर लिया है कि अगली बार जब भी अमर सैक्स की मांग

करेगा तो वह उस की छाती पर अपनी उंगली से लिख देगी कि ‘पहले कंडोम ले आओ’.

सैक्सुअली कितनी तैयार हैं आप

शादी के लिए तो युवतियां सहज तैयार हो जाती हैं, लेकिन सैक्स के लिए खुद को तैयार करने में उन्हें खासी मशक्कत करना पड़ती है. ऐसा इसलिए कि उन्हें सैक्स की बहुत ज्यादा वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी नहीं होती. यह बात और है कि युवतियां शिक्षित और आधुनिक होने के नाते यह मान बैठती हैं कि वे सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानती हैं और इस का आधार सैक्स ऐजुकेशन के वीडियो, इंटरनैट की चुनिंदा साइट और एक हद तक पोर्न फिल्में होती हैं.

सैक्स की जानकारी के ये सोर्स फौरी तौर पर उत्तेजना तो देते हैं पर कोई शिक्षा नहीं देते और न ही सैक्स के लिए बेफिक्री की हद की गारंटी होते. सैक्स को पूरी तरह सम?ाने का दावा अकसर भ्रम ही साबित होता है जिस की तुलना ऐग्रीकल्चर से की जा सकती है जो साइंस भी है और आर्ट भी. खेत को कितनी गहराई तक जोतना है, सिंचाई कब और कितनी करनी है, खाद कितनी देनी है, कटाई कब करनी है जैसी बातें कहेसुने की बीना पर हर किसी को किसान नहीं बना देतीं. ठीक इसी तरह पेपर वर्क में सैक्स साइंस होता है लेकिन करते वक्त आर्ट हो जाता है.

जिंदगी के आनंद में खलल

जिंदगी पहले के मुकाबले अब और ज्यादा कठिन होती जा रही है खासतौर से सैक्स के मामले में जटिलताएं अकसर मुंह बाए खड़ी रहती हैं चूंकि यह नितांत व्यक्तिगत मसला होता है इसलिए बात या परेशानी उजागर नहीं होती लेकिन इस का यह मतलब नहीं कि वह हल हो गई. युवतियों को सैक्स संबंधी जानकारी जिन स्रोतों से मिल रही है वह वैज्ञानिक नहीं है इसलिए युवतियां सैक्सुअली जरूरत के मुताबिक तैयार नहीं हो पातीं जिस से दांपत्य के आनंद में खलल पड़ता है.

किसी युवती से यह पूछा जाए कि क्या वह सैक्सुला तैयार है तो शायद ही वह ईमानदारी से इस का जवाव हां में दे पाए. इस की बड़ी वजह सैक्स की बुनियादी जानकारी का न होना है और अधिकतर युवतियां इसे शादी के बाद का विषय मानते हुए कहेंगी कि देखेंगे वह तो अपनेआप हो जाता है.

अपनेआप के नुकसान

अपनेआप तो खेती भी होती है लेकिन वह जंगल और खरपतवार टाइप होती है जिस से किसी को फायदा नहीं होता. यही बात अपनेआप होने वाले सैक्स की मानसिकता को ले कर है कि इस की सारी जिम्मेदारी पुरुष की है. बिलाशक सैक्स अपनेआप हो सकता है लेकिन इस से मैरिड लाइफ का एक बड़ा सुख खुशी या उपलब्धि छिनती है. हमारे समाज में कभी भी किसी स्तर पर लड़कियों को सैक्सुअली तैयार या मैच्योर होने देने का माहौल कभी नहीं बनने दिया गया. उलटे उन्हें डराने और रोकने छत्तीसों लोग खड़े रहते हैं.

अब इस के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. नई पीढ़ी स्मार्ट है, ऊर्जावान है, कमाऊ है और महत्त्वाकांक्षी भी है. वह जिंदगी को जितना हो जिंदादिली से जी लेने में यकीन करती है. यह सब रहने, पहनने और खानपान के मामलों में तो बिंदास लागू होता है क्योंकि ये चीजें पैसे से खरीदीं लेकिन सैक्स के मामले में नहीं. निश्चित रूप से यह वर्जनाओं की वजह से है.

शादी की तैयारियों में किसी भी लड़की का सारा उत्साह फोटोग्राफी, ज्वैलरी, कपड़ों और दूसरी शौपिंग में देखते बनता है लेकिन सैक्स को ले कर उस की क्या तैयारियां हैं यह बात बहुत छोटे में सिमट कर रह जाती है. इस बात को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत हर युवती को है कि वह शादीशुदा जिंदगी के मद्देनजर सैक्स की अहमियत को शिद्दत से सम?ो और इस मानसिकता से बाहर आए कि सहवास ही सैक्स होता है.

बदल रही सोच

ऐसा गलत नहीं कहा जाता कि शादी के बाद शुरुआती दिनों का सैक्स अच्छी और सुखी जिंदगी की नींव रखता है. पहले युवतियां सोचती थीं कि अगर वे पति से सैक्स पर खुल कर बात करेंगी तो वह उसे अन्यथा लेगा और चरित्र पर भी शक करेगा. क्या आज भी ऐसा है इस बारे में लोगों की राय अलगअलग हो सकती है पर शादी के पहले मौडर्न युवा सैक्स पर चर्चा करने से कतराते नहीं. लेकिन एक बड़ा फर्क है.

भोपाल के एक बैंककर्मी सारांश का कहना है कि लड़कालड़की शादी के पहले एकदूसरे को सम?ाने के लिए मिलते हैं तो तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हैं मसलन फाइनैंशियल, पारिवारिक, कैरियर और सामाजिक. वे धीरेधीरे रोमांटिक भी होते जाते हैं लेकिन सैक्स पर खुल कर बात नहीं कर पाते. मु?ो लगता है कि फ्लैट कब लेंगे, कार कब खरीदेंगे जैसी प्लानिंग के साथसाथ सैक्स प्लानिंग भी जरूरी है. सारांश बताते हैं कि लड़के भी इस चर्चा में ?ि?ाकते हैं.

उन्हें लगता है कि सैक्स की बात करने पर होने वाली पत्नी की राय और इमेज उन के बारे में अच्छी स्थापित नहीं होगी. वह उन्हें लंपट सम?ा सकती है.

बकौल सारांश आप यह न सम?ों कि लड़के सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानते हैं. हां वे बहुत कुछ जानने का दिखावा जरूर करते हैं लेकिन यदि पत्नी मैच्योर और सम?ादार हो तो बहुत सी उल?ानें और परेशानियां पैदा होने के पहले ही खत्म हो जाती हैं और रिश्ते की शुरुआत बेहद खुशनुमा होती है. ऐसे में युवती का रोल और ज्यादा अहम हो जाता है बशर्ते वह खुद को सैक्स के लिए तन और मन दोनों से तैयार कर ले.

इस के लिए जरूरी है-

आप को सैक्स के बारे में अधिकतम जानकारी हो और उस के सोर्स शैक्षणिक होने चाहिए. तभी आप खुद को सैक्सुअली फिट मान सकती हैं. इसे कुछ उदाहरणों से सम?ा जा सकता है. मसलन, पहली बार सैक्स के बाद ब्लीडिंग हो यह जरूरी नहीं लेकिन हां दर्द जरूर होता है. मगर यह कोई डरावनी या घबराने वाली बात नहीं है. यह बहुत कुदरती बात है और कुछ दिनों तक ही ऐसा होता है.

सैक्स के पहले फोर प्ले ज्यादा माने रखता है. यह असल में कला है इस के लिए खुद को तैयार रखें और पार्टनर को उत्साहित करती रहें. सिर्फ सहवास ही मकसद नहीं होना चाहिए. बेहतर तो यह भी होता है कि अच्छी सैक्स लाइफ और ऐंजौयमैंट के लिए शुरूआती दिनों में ज्यादातर ध्यान और कोशिश फोर प्ले की हो.

पुरुष जल्दी उत्तेजित होते हैं और कुछ ही देर में स्खलित होने की कोशिश करने लगते हैं. ऐसे में सब्र से पार्टनर को संभालें और सैक्स को लंबा से लंबा खींचने की कोशिश करें. अगर वह जल्दी डिस्चार्ज होने लगे तो अपनी तरफ से कुछ जाहिर न होने दें. इस से उस की परफौर्मैंस पर असर पड़ता है. इस से बचने के लिए बीच में ब्रैक ले सकती हैं.

मुमकिन है आप अपने ही प्राइवेट पार्ट्स की बनाबट के बारे में ज्यादा नहीं जानती हों लेकिन यह आप को मालूम होना चाहिए कि पेनिट्रेशन कहां से और कैसे होना चाहिए. न केवल

बनाबट बल्कि दूसरी सैक्स ऐक्टिविटीज के बारे में भी आप को शादी के पहले जानकारी इकट्ठा कर लेनी चाहिए जैसाकि पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरने की संभावना ज्यादा रहती है और सहवास के बाद वैजाइना में गीलापन कोई बीमारी नहीं होती.

यह बहुत स्वाभाविक बात है जिसे कुछ दिनों के अनुभव के बाद आप सम?ाने लगेंगी. हालांकि युवती खुद को कितना ही बोल्ड और ऐडवांस सम?ो शुरूशुरू में पेनिस को छूना तो दूर की बात है ज्यादा देर तक देखने में भी हिचकती है. और्गेज्म बहुत अहम होता है और यही असल सैक्स सुख होता है लेकिन शुरू के दिनों में इस तक पहुंचना या इसे महसूसना थोड़ा कठिन होता है. ऐसा दोनों के जोश के चलते भी हो सकता है इसलिए इसे सब्र से पाने की कोशिश करें.

सैक्स के शुरुआती दिनों में सैक्स के बाद यूरिन इन्फैक्शन भी बहुत आम बात है जो थोड़ी सी दवाइयों से ठीक हो जाता है. इस से घबराना नहीं चाहिए. ऐसी कई बातें और हैं जो आप को सैक्स के लिए बिना किसी डर के तैयार करती हैं. सैक्स को ले कर मन में कोई वहम या डर मजा खराब कर सकता है. इसलिए सैक्स हमेशा बिना किसी ?ि?ाक के करें और इस पर पति से बातचीत करती रहें.

लव बाइट्स : मीठामीठा, प्याराप्यारा दर्द

प्यार में अगर निशानी छोड़ने का रिवाज या ख्वाहिश न होती तो ताजमहल जैसी खूबसूरत इमारत भी न होती, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी महबूब मुमताज महल की याद में बनवाया था यानी राजा हो या रंक सभी की इच्छा अपनी मुहब्बत की निशानी छोड़ जाने की होती ही है, जो निहायत ही कुदरती बात है और इस में कोई हर्ज भी नहीं, लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब आशिक या माशूक सैक्स के दौरान अपने पार्टनर के जिस्म पर ऐसा निशान छोड़ देते हैं, जो जख्म नहीं होता और हर किसी को दिखता भी नहीं.

आमतौर पर माशूका के मुकाबले आशिक लव बाइट्स करना या छोड़ना ज्यादा पसंद करते हैं. लव बाइट्स का सीधा सा मतलब होता है पार्टनर के जिस्म के सब को न दिखने वाले अंग पर ऐसी छाप छोड़ देना जिस में वह हिस्सा जामुनी, बैगनी या लाल पड़ जाए. यह काम उस अंग को जोर से दबा कर या फिर दांतों से ऐसे काट कर किया जाता है, जिस से खून न निकले.

आमतौर पर कमर, छाती, जांघ, कंधे, पीठ, गरदन और हिप्स पर ये निशान बनाए जाते हैं, जिस से माशूका उसे देखते ही सैक्स के पलों की याद कर के आहें भरे और अपने आशिक की मर्दानगी की कायल होती रहे.

लेकिन क्या सचमुच ऐसा है? इस में लोगों के तजरबे और राय 2 हिस्सों में बंटी हुई है, लेकिन तादाद ऐसे लोगों की ज्यादा है जो यह मानते हैं कि लव बाइट्स मजा कम सजा ज्यादा है.

भोपाल के 27 साला रवि (बदला नाम) की मानें तो उसे 3 साल पहले तक लव बाइट्स की एबीसीडी भी नहीं मालूम थी, लेकिन उस की माशूका 24 साला आरती (बदला नाम) ने ही उसे यह सब सिखाया. एक बार सैक्स के दौरान आरती ने ही उस से मांग की थी कि वह उस की छाती को ऐसे चूसे कि उस पर हलका सा निशान पड़ जाए.

रवि बेचारा घबरा रहा था कि बड़ी नाजुक जगह है, अगर कुछ उलटासीधा हो गया तो लेने के देने पड़ जाएंगे, लेकिन आरती की जिद के आगे उस की एक न चली और डरतेडरते ही सही लव बाइट उसे देनी पड़ी. दिक्कत तो दूसरी बार तब खड़ी हो गई जब आरती भी उसे लव बाइट देने की जिद पर अड़ गई और मना करतेकरते उस ने उस की जांघ पर हलके से काट लिया.

रवि बताता है कि उस वक्त तो अच्छा लगा और मजा भी आया था, पर जुदा होने के बाद दर्द ज्यादा हुआ जो हफ्तेभर रहा.

रवि ने यह वाकिआ अपने एक जिगरी दोस्त को बताया तो उस का तजरबा एकदम अलग निकला. उस ने अपनी माशूका के जिस्म पर प्यार का ऐसा ही निशान बनाया था जो उसे रास नहीं आया. दूसरी बार भी उस ने लव बाइट्स दी तो माशूका सैक्स के पहले यानी फोरप्ले के दौरान ही बिफर गई और उसे ‘जंगली गंवार’ कहते हुए हमेशा के लिए टाटा कर के चली गई. अब वह दोस्त माशूका की याद में पागल हुआ जा रहा है, जिस ने उसे अपनी जिंदगी और स्मार्ट फोन दोनों से ब्लौक कर दिया है.

पहले रजामंदी लें

लव बाइट्स कोई खराब या अजूबी चीज नहीं है. यह शब्द कहां से आया यह भी कोई नहीं जानता, लेकिन आदमी के विकास का इतिहास देख कर आसानी से कहा जा सकता है कि वह जब जंगलों में कम या बिना कपड़ों के रहता था तब भी लव बाइट्स लेता और देता होगा, क्योंकि तब प्यार और सैक्स में आज जितनी बंदिशें नहीं थीं.

अब जमाना आधुनिक है, इसलिए लोग सभ्य तरीकों से रहते हैं. मौजूदा समाज शिष्ट है, इसलिए प्रेमियों को सैक्स के दौरान यह एहतियात बरतनी चाहिए कि वे किसी भी किस्म की जबरदस्ती न करें.

लव बाइट्स जबरन नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इस से पार्टनर को परेशानी हो सकती है, इसलिए जब लव बाइट का मन करे तो पहले पार्टनर से इजाजत ले लेनी चाहिए. अगर इजाजत मिल जाए तो एक अच्छी और यादगार लव बाइट कुछ इस तरह दें :

आप अगर माशूका की छाती पर लव बाइट देना चाहते हैं तो पहले फोरप्ले कर के उसे जितना हो सकता हो उत्तेजित करें, फिर छाती को धीरेधीरे देर तक सहलाएं और फिर चूसना शुरू करें. अपने होंठ नीचे से ऊपर तक और ऊपर से नीचे तक ले जाएं. थोड़ी देर बाद उस स्पौट पर होंठ गड़ा कर चुंबन दें. जहां प्यार का निशान बनाना चाहते हैं, वहां जोरजोर से ऐसे चूसें कि पार्टनर को कम से कम तकलीफ हो. थोड़ी देर में ही लव बाइट बन जाएगी.

इस के बाद फिर माशूका को प्यार करें और उस का शुक्रिया भी अदा करें. इस दौरान प्यार के इस निशान का बदलता रंग भी आप देख सकते हैं जो लाल से बैगनी हो जाता है.

याद रखें कि लव बाइट के लिए जोरजबरदस्ती बिलकुल न करें, नहीं तो आप की माशूका भी रवि के दोस्त की माशूका की तरह ‘जंगली गंवार’ कहते हुए हमेशा के लिए चली जाएगी और आप हाथ मलते रह जाएंगे.

लव बाइट एक मजा है जो सजा में तबदील न हो, इसलिए रजामंदी से प्यार का निशान छोड़ें, क्योंकि ताजमहल तो हर कोई बनवा नहीं सकता. सकता.

सेक्स किसी पर कोई एहसान नहीं

ऐसा माना जाता है कि फिजिकल रिलेशन से फिजिकली कनैक्शन होता है. सैक्स किसी भी रिलेशनशिप के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि इस से पार्टनर एकदूसरे के और ज्यादा करीब आते हैं. इसलिए इसे एक खूबसूरत संबंध कहा जाता है.

कुदरत का तोहफा

परिधि और अंकुश पिछले 1 साल से रिलेशनशिप में हैं. दोनों ही अच्छी कंपनी में जौब करते हैं. अपनी रिलेशन के बारे में वे बताते हैं कि जब से उन के बीच में फिजिकल रिलेशन बना है उन के रिश्ते और अच्छे हुए हैं. परिधि कहती है कि इस के लिए अंकुश ने उन से कोई जोरजबरदस्ती नहीं की. यह दोनों की सहमति से बनाया गया था.

इंसान के लिए सैक्स को सब से ज्यादा सुख देने वाली अनुभूति माना जाता है. महिला और पुरुष दोनों के लिए इस के एहसास और माने अलगअलग होते हैं. हालांकि दोनों ही इस से संतुष्ट होते हैं, लेकिन इसे ले कर उन की सोच अलग होती है. पुरुष इसे तनाव दूर करने का एक जरीया सम झते हैं तो वहीं महिलाओं के लिए यह प्यार और आनंद है.

45 वर्षीय मनोज बताते हैं कि घर की जिम्मेदारी निभातेनिभाते कब उन की शादी की उम्र निकल गई उन्हें पता ही नहीं चला. जब वे आर्थिक रूप से स्ट्रौंग है तो वे अपनी लाइफ जीना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि वे अपने ही औफिस की 28 वर्षीय सेजल (बदला हुआ नाम) के साथ पिछले 8 महीने से रिलेशन में हैं. वे कहते हैं, ‘‘मैं सेजल की हर जरूरत का पूरा खयाल रखता हूं और वह मेरी जरूरत का. हमारे बीच सैक्सुअल रिलेशन भी है और यह दोनों की सहमति से है. न मैं उस की जरूरतों का ध्यान रख कर उस पर एहसान कर रहा हूं और न ही वह मु झ पर. हम बस एकदूसरे का साथ चाहते हैं.’’

बढ़ता है प्रेम

रिलेशनशिप में सैक्स करने का मतलब सिर्फ यौन संतुष्टि पाना ही नहीं होता है बल्कि अपने पार्टनर के साथ एक मजबूत रिश्ता कायम करना व प्यार को बढ़ाना होता है. एक रिसर्च से पता चलता है कि रिलेशनशिप में सैक्स करने से कपल के बीच एक स्वस्थ रिश्ता कायम होता है. इस से रिश्ते के टूटने का खतरा कम हो जाता है.

रिलेशनशिप ऐक्सपर्ट विशाल नेगी कहते हैं कि सैक्स रिश्ते को एक कदम और आगे ले जाता है. रिश्ते में शारीरिक आकर्षण का बहुत महत्त्व है. शुरुआती संबंध बनाने की बात हो या फिर हो प्यार बनाए रखने की बात, सैक्स रिश्ते में एक अहम रोल निभाता है. सैक्स से खुद के बारे में अधिक सकारात्मक धारणा बनती है.

आनंद  का एहसास

योगा इंस्ट्रक्टर कपिल कहते हैं कि जब एक लड़का और लड़की आपसी सहमति से कपल के रूप में एक रिलेशनशिप में आते हैं तो वे अपने प्यार को जाहिर करने के अलगअलग तरीके अपनाते हैं. इन में से ही एक तरीका सैक्स भी है. वे कहते हैं कि इस से न केवल शारीरिक बल्कि भावनात्मक रूप से भी उन्हें आपस में जुड़ाव महसूस होता है.

अपनी राय देते हुए वे कहते हैं कि सैक्स में कोई किसी पर एहसान नहीं करता. यह दोनों के शरीर की न सिर्फ जरूरत है बल्कि यह प्यार को ऐक्सप्रैस करने का एक तरीका है. इस से शरीर हमेशा ऐक्टिव मोड में रहता है.

अहम रोल प्ले करता है

आईटी मैनेजर सारांश कहते हैं कि लाइफ में सैक्स एक अहम रोल प्ले करता है. अगर कोई इसे एहसान के तौर पर लेता है तो वह छोटी सोच का शिकार है. यह किसी पर कोई एहसान नहीं है. यह एक सामूहिक अनुभूति है जो 2 लोगों के बीच प्यार को बढ़ावा देती है.

कुछ लड़कियां ऐसी भी होती हैं जो यह सम झती हैं कि अगर उन का पार्टनर उन के सारे खर्चे उठाएगा तभी वे उन्हें सैक्स का सुख देंगी. ऐसी लड़कियों के बारे में मुक्ता कहती है कि ये लड़कियां अगर फिजिकल रिलेशन बना रही हैं तब भी इस में उन की सहमति है. वे यह रिश्ता अपनी सहमति से बना रही हैं. उन से कोई जोरजबरदस्ती नहीं कर रहा. चाहे वे यह रिश्ता अपनी जरूरत के लिए ही क्यों न बना रही हों.

कानपुर से दिल्ली आ कर पढ़ने वाली 20 वर्षीय जाह्नवी (बदला हुआ नाम) बताती है कि वह एक लड़के के साथ 1 साल से रिलेशनशिप में है. वह बताती है कि वह लड़का उन के सारे खर्चे उठाता है जैसे मोबाइल रिचार्ज, शौपिंग, ब्यूटीपार्लर, ट्रैवल. यहां तक की उस की कालेज की फीस भी और बदले में वह उस के साथ घूमती है, उसे भरपूर प्यार देती है. वह बताती है कि ऐसा कर के वह दोनों की जरूरतें पूरी कर रही है न कि एहसान.

जब प्यार में धोखा मिला

30 वर्षीय दीप्ति (बदला हुआ नाम) बताती है कि अपने ऐक्स से धोखा खाने के बाद वह डिप्रैशन में चली गई थी. इस से निकलने के लिए वह डेंटिग साइट ‘टिंडर’ के जरीए लोगों से मिलने लगी. एक दिन ऐसे ही उस की मुलाकात 29 वर्षीय संकल्प से हुई. चूंकि संकल्प अच्छी बौडी के साथसाथ एक अमीर परिवार से भी था, इसलिए दीप्ति उस से प्रभावित हुए बिना न रह पाई.

दोनों की सहमति के बाद उन्होंने शारीरिक संबंध बनाए. दीप्ति कहती हैं कि हम दोनों अडर्ल्ट हैं और यह हमारी सहमति से बनाया गया रिश्ता था. इसलिए इसे किसी भी तरह गलत नहीं कहा जा सकता है.

एक आंकडे के अनुसार, दुनियाभर में लोकप्रिय डेंटिग ऐप टिंडर के 2021 में 9.6 मिलियन ग्राहक थे. इस के 75 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं. टिंडर ने 2021 में 1.6 बिलियन कमाया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक था. टिंडर के 60% उपयोगकर्ता 35 वर्ष से कम आयु के हैं. इस के तीनचौथाई उपयोगकर्ता पुरुष हैं, लेकिन महिलाएं भी बड़ी संख्या में इस में शामिल हैं.

इसी तरह बंबल और ट्रूली मैडली डेटिंग ऐप्स भारत में सब से लोकप्रिय डेटिंग ऐप्स में से हैं. इन के अलावा फेसबुक ने भी डेटिंग के लिए अलग से सुविधा दी है. ही ही, हैपन, दिलमिल, मैच डौट कौम जैसे डेटिंग ऐप पर भी युवा बड़ी संख्या में रोमांस कर रहे हैं.

इन दिनों शुगर डैडी का एक कौंसपर्ट चलन में है. इस का प्रभाव पश्चिमी देशों में ज्यादा है. इस में एक अमीर बूढ़ा व्यक्ति उस के साथ डेट करने वाली महिला को महंगे गिफ्ट देता है. बदले में वह उस का अकेलापन दूर करती है. इस में सैक्स संबंध भी शामिल है.

मरजी से बनाते हैं संबंध

बैंगलुरु की रहने वाली 23 वर्षीय अदिति (बदला हुआ नाम) बताती है कि 3 साल कड़ी मेहनत करने के बाद भी उन की प्रमोशन नहीं हो रही थी तब उसे पता चला कि उस के बौस अपने साथ सैक्स करने वाली लड़कियों का जल्दी प्रमोशन कर देते हैं. कैरियर में जल्दी ग्रोथ पाने के लिए उस ने भी ऐसा ही किया. कैरियर में ग्रोथ पाने के लिए कई मौडल, फैशन डिजाइनर और मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े लड़केलड़कियां अपने बौस, मैनेजर, सीनियर्स के साथ सैक्स करने को तैयार हो जाते हैं. ऐसा उन से कोई जबरदस्ती नहीं करवाता वरन अपनी मरजी से करते हैं.

अदालतों में कई ऐसे केस दर्ज होते हैं जिन में लड़की की उम्र 18 साल से कम होने के कारण उस के बौयफ्रैंड को गिरफ्तार कर लिया जाता है, जबकि ऐसे रिश्ते में सैक्स दोनों की मरजी से होता है. कानूनन सहमति से सैक्स की उम्र 18 साल है. इस का मतलब हुआ कि अगर 18 साल की कम उम्र की लड़की के साथ भले ही उस की सहमति से संबंध बनाए गए हों, तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा. अगर पाक्सो (प्रोटैक्शन औफ चिल्ड्रन फ्रौम सैक्सुअल औफैंस ऐक्ट) इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के लोगों को ‘बच्चा’ माना गया है.

इसी कानून में सहमति से सैक्स की उम्र 18 साल है. अगर 18 साल से कम उम्र की कोई लड़की अपनी सहमति से संबंध बनाती है तो भी उस की सहमति माने नहीं रखती. ऐसे मामलों में लड़के को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उन पर रेप का केस चलाया जाता है.

सुख का एहसास

वहीं कई ऐसे भी लोग हैं जो एक पार्टनर के होते हुए किसी दूसरे व्यक्ति के साथ सैक्सुअल रिलेशन रखते हैं. वे इसे गलत नहीं मानते. 2014 में ग्लोबल डेटिंग वैबसाइट एश्ले मैडीसन भारत में लौंच किया गया था. इस वैबसाइट ने भारत में एक सर्वे कराया था. सर्वे में यह बात सामने आई कि 76 फीसदी महिलाएं और 61 फीसदी पुरुष अपने पार्टनर को धोखा देने को गलत नहीं मानते हैं.

जब 2 पार्टनर अपनी सहमति से सैक्स करते हैं तो वह जबरदस्ती नहीं कहलाता. वह यह अपनी खुशी से करते हैं और इस के लिए वे खुद जिम्मेदार हैं. इसे किसी एहसान की तरह देखना गलत होगा. यह एक शारीरिक सुख है जिसे हर व्यक्ति भोगना चाहता है.

मॉर्निंग सैक्स, सारा दिन खुशगवार

कहते हैं यदि दिन की शुरुआत अच्छी हो तो दिन अच्छा गुजरता है. आप चाहें लिवइन में रह रहे हों या शादीशुदा हों सुबहसवेरे पुरुषों का मूड थोड़ा रोमांटिक रहता है. जबकि फीमेल्स के साथ ऐसा नहीं होता. वे सुबहसुबह अपने पार्टनर को सैक्स के लिए मना कर देती हैं. ऐसे में दोनों में हलकीफुलकी तनातनी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि मौर्निंग सैक्स न सिर्फ लवलाइफ के लिए बढि़या है, बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा रहता है.

तो फिर क्यों न सुबहसवेरे अपने शरारती साथी को सैक्स सरप्राइज दे कर खुश कर दिया जाए. सैक्सी सुबह से न सिर्फ साजन का, बल्कि आप का भी सारा दिन खुशगवार गुजरेगा. बस मूड बनाने की जरूरत है.

सांसों में हो ताजगी

रात को सोने से पहले अच्छी तरह ब्रश करना न भूलें. इस के अलावा अपनी साइड टेबल पर घुलने वाली मिंट जरूर रखें ताकि इन्हें सुबह उठने पर मुंह में रख कर फ्रैशनैस महसूस की जा सके वरना मुंह की बदबू सारा मजा किरकिरा कर सकती है.

छुअन का कराएं एहसास

सैक्स की शुरुआत जरा अलग अंदाज में करें. बेहद मद्धिम स्वर में सौफ्ट रोमांटिक गाना लगाएं. जैसे ही पार्टनर कसमसा कर करवटें बदलने लगें उन्हें अपनी कोमल छुअन का एहसास कराएं. उन के लिए यह इशारा काफी होगा. उन की नींद काफूर हो जाएगी और वे आप से लिपटने के लिए आतुर हो उठेगी.

 स्वस्थ रहने के लिए सैक्स जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हफ्ते में 3 बार मौर्निंग सैक्स से हार्टअटैक या स्ट्रोक का खतरा कम होता है. इस से सर्दीजुकाम होने की भी संभावना घटती है और स्किन, बालों और नाखूनों में भी निखार आता है. सुबह का सैक्स दिनभर व्यक्ति को खुश और ऊर्जावान रखने के साथसाथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है.

  कंडोम भी पास रखें?

कंडोम हमेशा पहुंच में रखें. पता नहीं सहलानापुचकारना कब हदें पार कर के समागम में बदलने को उतावला हो जाए. उत्तेजक पलों के बीच उठ कर कंडोम लेने जाने पर सारा मूड औफ हो जाएगा.

प्यार का एहसास

यह जरूरी नहीं है कि रोज सुबहसुबह सैक्स करें ही. एकदूसरे को गुदगुदाना और सहलाना भी काफी मानसिक सुख देता है. एकदूसरे से चिपक कर सहलाने, चूमने का आनंद भी सैक्स आनंद से कतई कम नहीं होता है.

 छेड़छाड़ भी जरूरी

अगर आप किसी दिन बेहद जल्दी में हों तो पिया के गालों पर गहरा चुंबन और उन्हें गुदगुदाना या हलकी चिकोटी काट कर शरारत करते हुए भाग जाना भी उन के मन को भा जाएगा और वे आप के दीवाने हो जाएंगे.

ताजगी भरा सैक्स

जरूरी नहीं कि आप सैक्स बैडरूम में ही करें. बाथरूम में शौवर के नीचे नहाते हुए सैक्स करने का बिलकुल अलग एहसास होगा. पहले एकदूसरे को अच्छी खुशबू वाला बौडी जैल लगाएं, फिर मौसम के अनुसार गरम या ठंडे पानी से नहाते हुए एकदूसरे से लिपट जाएं. फिर जहां मन करे चूमें, सहलाएं और पूरी मस्ती करें. बाथरूम का यह मिलन आप को एक अलग आनंद देगा.

इन्फेक्शन से बचना है तो सेक्स के बाद करें ये काम

जब शारीरिक संबंध आपसी रजामंदी से बनाया जाता है तो यह एक सुखद आनंद की अनुभूति कराता है। लेकिन यदि यह आनद समस्या में बदल जाए तो यह पीड़ादायक लगने लगता है। अधिकतर महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बाद शौचालय का रुख करती है  मन जाता है की शररिक संबंध के तुरंत बाद यदि महिला शौचालय जाती है तो जल्दी से गर्भ नहीं ठहरता. जो महिलाएं माँ नहीं बनना चाहती वह ऐसा करती भी हैं लेकिन मेडिकल साइंस की माने तो शारीरिक संबंध के बाद शौच जाने से उनका ब्लैडर साफ़ हो जाता हैं जिस वजह से उन्हें  इन्फेक्शन होने का खतरा कम होता है  साथ ही यदि पुरुष भी इसे अपनाते है तो उन्हें भी कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है इसलिए इन्फेक्शन से बचना हैं तो निम्नलिखित काम अवश्य करें और अपनी सेक्स लाइफ का भरपूर मजा ले सकें.

पानी पीना ना भूले

सेक्स के बाद पानी पीना ना भूलें क्योंकि पानी पीने से  ज्यादा पेशाब जा सकेंगे जिससे पेशाब के जरिए  शरीर के अधिक बैक्टीरिया  बाहर निकल सकेंगे और इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहेगा.

हाथ थोए व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें

सेक्स के  दौरान अपने या अपने साथी के जननांगों को छूने से आपके हाथों मे  बैक्टीरिया लग जाते हैं  जिस से संक्रमण  होने का खतरा हो सकता है इसलिए हाथों को अच्छे से डिस इंफेक्ट करें व साफ तौलिए का इस्तेमाल करें.

ढीले कपड़े पहने

सेक्स के बाद टाइट अंडर गारमेंट्स का उपयोग ना करें, क्योंकि सेक्स के बाद त्वचा पर नमी आ जाती हैं जिस कारण खुजली जैसी समस्या हो सकती हैं और आपको रेशेज भी हो सकते हैं  , इसलिए सूती अंडर गार्मेंट्स पहने.साथ ही टाइट कपड़ों की जगह ढीले या कॉटन के कपडे पहन कर सोएं.

शावर लेने से बचें

कई  लोगो को गर्मियों मे रात मे सोने से पहले नहाने की आदत होती हैं लेकिन अगर आप सेक्स करने के बाद नाहते हैं तो आपके लिए यह आदत समस्या बन सकती हैं क्योंकि सेक्स के बाद हमारा शरीर थोड़ा गर्म होता हैं ऐसे मे सेक्स के तुरंत बाद नहाने से गर्म और नम वातावरण होने से बैक्टीरिया का विकास होता हैं , जिससे संक्रमण हो सकता है. इसलिए सेक्स के तुरंत बाद नहाना आपकी सेहत के लिए नुकसादेह साबित हो सकता है.

सुगंधित उत्पादों से करें परहेज

सेक्स के बाद किसी भी प्रकार का सुगंधित स्प्रे, परफ्यूम या डियो का उपयोग ना करें. तुरंत बाद इनके उपयोग से आपको प्राइवेट पार्ट में जलन या  संक्रमण की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा की आप सेक्स करने से पहले इनका प्रयोग करें जिससे  आप इन्फेक्शन से सुरक्षित भी रह सकें साथ ही आपका पार्टनर भी आपकी तरफ  आकर्षित होगा.

प्यार ही है सच्ची मर्दानगी

सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है. पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, लेकिन ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.

खून आना और बदचलनी

अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी.

काफी लोग इस खबर को ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं, जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.

अभी भी अनगिनत लोग हैं, जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.

इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान रस्सी कूदते समय या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली फट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.

लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला, तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था, तो तफतीश कर के शादी करते. अब उस का जीना मुहाल क्यों कर रहे हैं?

मर्दानगी का जौहर

दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं, जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.

ऐसा अगर हो भी जाए, तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है, तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.

यह कैसी मर्दानगी

तीसरे लोग वे हैं, जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.

मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बादही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.

सैक्स में भड़ास

कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.

ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.

जहर घोलती ब्लू फिल्में

5वीं किस्म उन लोगों की है, जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.

लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.

सैक्स मशीन नहीं है साथी

इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल और सदस्यों वगैरह के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.

वियाग्रा सिर्फ सैक्स के लिए नहीं होती

डायमंड के आकार वाली छोटी सी नीली गोली वियाग्रा सैक्स पावर को बढ़ाने के अलावा दूसरी बीमारियों में भी कमाल का असर दिखाती है. वियाग्रा में मौजूद दवा सिल्डेनाफिल को मर्दों की सैक्स संबंधी कमजोरियों को दूर करने में असरकारक माना जाता है लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार, वियाग्रा अन्य कई गंभीर रोगों में भी फायदेमंद है.

कई देशों में वियाग्रा के साइड इफैक्ट्स के बारे में शोध करने पर इस के कई फायदे सामने आए जो चौंकाने वाले हैं. अमेरिका में किए गए एक शोध के अनुसार, ठंड के मौसम में अकसर लोगों की उंगलियों में ऐंठन, दर्द होना, मुड़ न पाना, पीली पड़ जाना जैसी समस्याएं हो जाती हैं. ठंड से बच कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

इस समस्या से जूझ रहे मरीजों को सिल्डेनाफिल देने पर उन्हें काफी फायदा हुआ. ऐसे स्थान जहां अधिक बर्फ पड़ती है, वहां के लोगों को माउंटेन सिकनैस की समस्या हो जाती है. ऊंचे स्थानों पर औक्सीजन की कमी होने से ब्लड में इस का लेवल कम हो जाता है जिस से पल्मोनरी धमनियां संकरी हो जाती हैं. ऐसे में हृदय को पंपिंग करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और व्यक्ति की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है.

पल्मोनरी हाइपरटैंशन जैसी समस्या में भी सिल्डेनाफिल काफी प्रभावशाली होती है. फेफड़ों की बीमारी व हृदय संबंधी गड़बडि़यां होने पर पल्मोनरी हाइपरटैंशन की समस्या हो सकती है. पल्मोनरी हाइपरटैंशन के इलाज के लिए पुरुष व स्त्री दोनों के लिए सिल्डेनाफिल की 20 एमजी की 1-1 खुराक दिन में 3 बार निर्धारित की गई है. क्लीनिकल ट्रायल्स में इस दवा के काफी बेहतर परिणाम मिले हैं.

हृदय रोगियों के लिए हालांकि वियाग्रा सुरक्षित नहीं है लेकिन एक ही जगह पर रक्त की अधिकता, जिस की वजह से हार्ट फेल्योर की समस्या उत्पन्न होती है, के मरीजों के लिए सिल्डेनाफिल काफी प्रभावकारी होती है.

स्ट्रोक जैसी समस्या में सिल्डेनाफिल कमाल का असर दिखाती है. इस विषय पर शोध करने वाले जरमनी के डा. मैक रैपर का कहना है कि सिल्डेनाफिल मस्तिष्क के स्ट्रोक को दूर  करने में काफी अच्छा काम करती है.

सिल्डेनाफिल को ले कर नए शोध जारी हैं.  शोधों में इस से होने वाले लाभ और नुकसान के नतीजे सामने आ रहे हैं. बहरहाल, अब तक किए गए नतीजों से वियाग्रा एक लाभदायक दवा के रूप में भी सामने आई है. मगर ध्यान रहे, ऐसी कोई भी दवा बिना विशेषज्ञों की सलाह के बगैर न लें.

सुहागरात : मर्दानगी का नहीं, प्यार का दिन

सुहागरात शादीशुदा जोड़ों के लिए एक मीठी शुरुआत होती है और इस का इंतजार भी बड़ी बेसब्री से रहता है.  पर साथ ही यह बात भी ध्यान रखें कि यह पति के लिए ‘मर्दाना ताकत’ दिखाने का समय तो बिलकुल भी नहीं होता है, पर ज्यादातर मर्द साथी अपने अधकचरे ज्ञान की वजह से सुहागरात की मस्ती को बेमजा कर देते हैं.

खून आना और बदचलनी

अभी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर आई थी, जिस में 19 साल की एक लड़की की हत्या इसलिए कर दी गई थी, क्योंकि वह कुंआरी नहीं साबित हो सकी थी. काफी लोग इसे ले कर चौंके होंगे कि आज के मौडर्न जमाने में ऐसे लोग भी दुनिया में पाए जाते हैं जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही लड़की का कुंआरापन मानते हैं.

अभी भी अनगिनत लोग हैं जो इस तरह की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून नहीं निकला तो लड़की चालू है. हैरान करने वाली बात यह है कि शादी और बीवी को ऐसे लोग क्या समझते हैं? वे ऐसे नौजवान हैं, जिन्हें शादी के बाद बीवी सील पैक चाहिए और उस के लिए जो पैमाना तय किया है, वह है सुहागरात पर खून निकलना.

इन लोगों को समझने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान, रस्सी कूदते या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली हट सकती है, जिस से खून निकल सकता है.

लेकिन शादी की पहली रात अगर पत्नी का खून नहीं निकला तो ज्यादातर पति यह मान लेते हैं कि बीवी गलत है. पर अगर आप को इतना ही शक था तो तफतीश कर के शादी करते, अब उस का जीना हराम क्यों कर रहे हैं?

मर्दानगी का जौहर

दूसरी किस्म के लोग वे होते हैं जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने में मर्दानगी समझते हैं. अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ से रोने पर मजबूर न किया, तो उन से बड़ा मर्द कोई नहीं.

ऐसा अगर हो भी जाए तो वे लोग अगले दिन अपने दोस्तों को बढ़ाचढ़ा कर किस्से सुनाते पाए जाते हैं. पर ऐसे मर्दों को समझने की जरूरत है कि औरत भी इनसान है. आप की बीवी भी किसी की बहनबेटी है. वह अगर सैक्स में सहज नहीं है तो उसे कुछ समय दो. पहली रात को ही सैक्स करना जरूरी नहीं है. आप अगर उसे ज्यादा तकलीफ में देखें तो ठहर जाएं.

यह कैसी मर्दानगी

तीसरे लोग वे हैं जो सैक्स के दौरान ज्यादा देर तक टिकने को ही मर्दानगी मानते हैं. अगर शादी की पहली रात सैक्स में एक घंटे से कम समय लगाया तो आप मर्द नहीं.

मेरे एक दोस्त की शादी जैसे ही करीब आई, तो पहली रात में एक मिनट या उस से कम समय में ही पस्त होने के डर से उन्होंने डाक्टर से दवाएं लेना शुरू कर दिया. शादी की पहली रात में 40 मिनट सैक्स करने के बाद ही उन की बीवी की सेहत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा.

सैक्स में उग्रता

कुछ लोगों के लिए सैक्स करना भड़ास निकालने के बराबर है. यह चौथी किस्म उन लोगों की है, जिन के लिए शादी की पहली रात कम से कम 5 या 6 बार सैक्स करना उम्रभर की भड़ास निकाल देने के बराबर है.

ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उसी सोच के मालिक होते हैं. यह इज्जत का पैमाना है कि जितनी ज्यादा बार सैक्स होगा, सोसाइटी में आप की उतनी इज्जत की जाएगी, जबकि यह समझने की जरूरत है कि अपनी बीवी के लिए इस तरह की बातें सोचना ही गलत है.

जहर घोलती ब्लू फिल्में

5वीं किस्म उन लोगों की है जिन की सारी उम्र ब्लू फिल्में देखते गुजरी है. उन के दिमाग पर ब्लू फिल्मों के सीन सवार रहते हैं. उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि सारे सीन खुद कर के अपनेआप को मर्द मनवाया जाए.

लेकिन ऐसे लोगों को समझने की जरूरत है कि इन फिल्मों में काम करने वाले सारे प्रोफैशनल होते हैं, जो आधा घंटे की फिल्म बनाने में एक हफ्ता भी लगा देते हैं.

सैक्स मशीन नहीं है साथी

इस किस्म के मर्द अपनी बीवी को बच्चे पैदा करने और सैक्स करने की मशीन के अलावा कुछ नहीं समझते हैं, जबकि सुहागरात के दिन होना तो यह चाहिए कि सब से पहले आप को अपनी पत्नी को अपने घर के माहौल, सदस्यों के बारे में बताना चाहिए, जिस से उसे सब के साथ रहने में किसी बात की परेशानी न हो.

आपकी सेक्स लाइफ बिगाड़ रहा है स्मार्टफोन

आजकल शायद ही कोई घर ऐसा होगा जिसमें स्मार्टफोन ना हो. इतना ही नहीं,  लोगों का ज्यादातर समय स्मार्टफोन पर ही बीतता है, लेकिन शायद आप में से कम लोग जानते हैं कि आजकल विवाहित पुरुषों को संभोग से ज्यादा स्मार्टफोन भा रहा है और वे फोन पर ज्यादा समय बिताते हैं. यह बात एक ताजा सर्वे में सामने आई है.

इस सर्वेक्षण में साफ-साफ कहा गया है कि आजकल पुरुषों को अपनी पत्नी से ज्यादा गैजेट्स रास आ रहे हैं. यह शोध कंडोम बनाने वाली मशहूर कंपनी ड्यूरेक्स ने कराया था और इसे ब्रिटेन में कराया गया है, जिसमें 40 प्रतिशत पत्नियों ने कहा कि रात को उनके पति अपना समय अपने स्मार्टफोन को दे देते हैं जो कि उन्हें देना चाहिए जिसके कारण उन्हें सेक्स में बाधा उत्पन्न होती है.

इस शोध में 30 प्रतिशत दम्पत्तियों ने माना कि अक्सर प्रेम के क्षणों में स्मार्टफोन बाधा बन जाता है और 30 प्रतिशत पत्नियों ने कहा कि जब सेक्स के वक्त फोन और उनमें से उनके पति को किसी एक को चुनना होता है तो उनके पति स्मार्ट फोन को चुनते हैं. उनका कहना होता है कि फोन पर लोगों को उत्तर देना सेक्स से ज्यादा जरूरी है.

शोध में यह भी खुलासा हुआ कि एक चौथाई जोड़े सेक्स के दौरान गैजेट्स का उपयोग यौन क्रिया को फिल्माने के लिए करते हैं, जबकि 40 फीसदी लोग तस्वीरें क्लिक करते हैं, हालांकि शोध में साफ कहा गया है कि पति-पत्नी को बेडरूम में गैजेट्स नहीं ले जाना चाहिए. कभी-कभी इस तरह के प्रयोग घर में अप्रिय विवाद को जन्म देने के लिए पर्याप्त होते हैं.

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