16 साल की ग्रेटा थनबर्ग बनी टाइम पर्सन ‘ऑफ द ईयर’, दुनियाभर के नेताओं को सुनाई थी खरी-खोटी

कुछ ही महीने पहले ही बात है  जब प्रधानमंत्री पर्यावरण संबंधी कार्यक्रम में शिरकत करने यूएन हेडक्वार्टर पहुंचे थे. यहां विश्व के सभी बड़े नेता मौजूद थे लेकिन वो मौजूद सिर्फ इसलिए थे ताकि ये बता सकें कि उन्होंने पर्यावरण के लिए क्या-क्या किया. यानि सभी नेता बस बढ़-चढ़कर बातें कर रहे थे लेकिन सच्चाई तो ये थी कि कोई भी पर्यावरण के लिए संजीदा नहीं है. लेकिन उसी जगह आई थी एक 16 साल की बच्ची ग्रेटा थनबर्ग. पहले तो इस बच्ची को किसी ने भी ध्यान नहीं दिया लेकिन जैसे ही इस लड़की ने दुनिया के तमाम नेताओं को सुनाना शुरू किया. राष्ट्रपति ट्रंप समेत सभी नेता बस देखते रहे गए.

स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को दुनिया में मशूहर टाइम मैगजीन ने 2019 का ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना है. ग्रेटा इस साल तब चर्चा में आई थीं जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में दुनियाभर के शक्तिशाली नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में नाकाम रहने और इस तरह नई पीढ़ी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया था. इस कार्यक्रम में उस वक्त यूएन चीफ एंतानियो गुतारस भी मौजूद थे. ग्रेटा उस वक्त भी चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने एक पर्यावरण पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए विज्ञान का अनुसरण शुरू करें.

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मैगजीन ने ग्रेटा को ‘पर्सन ऑफ द ईयर” चुने जाने पर लिखा, ‘साल भर के अंदर ही स्टॉकहोम की 16 साल की लड़की ने अपने देश की संसद के बाहर प्रदर्शन किया और फिर विश्वभर में युवाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया.’ मैगजीन ने लिखा कि महज इतनी कम अवधि के अंदर ही उन्हें संयुक्त राष्ट्र चीफ से मुलाकात का मौका मिला, तो वहीं उनके स्रोताओं में विभिन्न देशों के राष्ट्रपति के साथ ही पोप भी शामिल रहे.

टाइम ने लिखा, पूरे यूरोप में ‘फ्राइडेज फॉर फ्युचर’ प्रदर्शन की अगुवाई की थी तो वहीं संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं के सामने उनका ‘आपकी इतनी हिम्मत’ भाषण काफी चर्चा में रहा. मैगजीन ने ग्रेटा को यह सम्मान देने के पीछे तर्क देते हुए कहा, ‘ग्रेटा इस ग्रह के सबसे बड़े मुद्दे पर सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरी हैं. ग्रेटा ऐक्शन की मांग करती हैं, उनका कहना है कि कई उपाय गलत दिशा में उटाए जा रहे हैं.’

सितंबर महीने में अपने भावुक भाषण के दौरान वैश्विक नेताओं पर क्लाइमेट एक्शन पर कार्रवाई ना करके अपनी पीढ़ी को धोखा देने का आरोप लगाते हुए थनबर्ग ने कहा, “हम आपको ऐसा करके बच निकलने नहीं देंगे.” उन्होंने कहा, “और अगर आपने उचित कदम न उठाकर हमें धोखा दिया तो मैं कहती हूं कि हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे.”

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थनबर्ग यहीं नहीं रुकी, “यहीं और इसी वक्त हम एक लाइन बनाते हैं. दुनिया जाग रही है और बदलाव आ रहा है. चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं.” अपने भाषण के तुरंत बाद उन्होंने 15 अन्य बच्चों के साथ बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कमेटी में युवाओं पर जलवायु संकट के प्रभाव से संबंधित एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की थी.

ग्रेटा ने अपने भाषण में कहा, “आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना. हालांकि, मैं अभी भी भाग्यशाली हूं. लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है.” अपने संबोधन के दौरान ग्रेटा भावुक हो गई और कहा, “आपने हमें असफल कर दिया. युवा समझते हैं कि आपने हमें छला है. हम युवाओं की आंखें आप लोगों पर हैं और अगर आपने हमें फिर असफल किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे.”

पर्यावरण कार्यकर्ता ने कहा, “हम सामूहिक विलुप्ति की कगार पर हैं और आप पैसों और आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें कर रहे हैं. आपने साहस कैसे किया?” ग्रेटा ने कहा कि दुनिया जाग चुकी है और आपको यहां इसी वक्त लाइन खींचनी होगी.

खास बात तो यह है कि जिस वक्त ये बच्ची नम आंखों के साथ ये सब बोल रही थी उस वक्त दुनिया के तमाम ताकतवर देश मूक दर्शक बनें हुए थे. भाषण के बाद बच्ची ने अन्य बच्चों के साथ मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई थी.

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