यंग सक्सेस एंटरप्रेन्योर, ऐसे हो रहे मालामाल

पिछले कुछ सालों में यंग एंटरप्रेन्योर की एक लहर सी दौड़ पड़ी है, जिसे देखो वह इस दौड़ में गोते लगा रहा है. यंग जनरेशन अपनी जौब छोड़ कर एंटरप्रेन्योर बन रही है. वहीं कुछ स्कूलकालेज में पढ़ने वाले स्टूडैंट ऐसेऐसे ऐप्स और बिजनैस क्रिएट कर रहे हैं जो न सिर्फ फ्यूचर में उन्हें एक अच्छी मार्केट देंगे बल्कि लोगों के लिए भी काफी यूजफुल होंगे. ऐसे ही कुछ यंग एंटरप्रेन्योर के बारे में यहां चर्चा करते हैं.

श्रेयान डागा

श्रेयान डागा एक स्किल डैवलपमैंट कंपनी के फाउंडर हैं. वे स्टूडैंट्स को टीचर्स की हैल्प से कुछ वैरिफाइड कोर्स करवाते हैं. इन कोर्सेज को एक्सट्रा करिकुलम एक्टिविटीज की तरह बच्चों को पढ़ाया जाता है. ये क्लासेस औनलाइन प्रोवाइड की जाती हैं. श्रेयान का दावा है कि एक्स्ट्रा करिकुलम होने के साथसाथ ये कोर्सेज फ्यूचर में एक जरूरी स्किल के रूप में बच्चों के काम आएंगे.

श्रेयान की एक्स्ट्रा करिकुलम क्लासेस के हर बैच में 5 से 15 स्टूडैंट्स के साथ लाइव क्लासेस होती हैं. इस में एक घंटे की क्लास की फीस सिर्फ 133 रुपए ली जाती है. इस के अलावा, हर स्टूडैंट को यूनेस्को और एसटीईएम का सर्टिफिकेट भी दिया जाता है. आज डागा का औनलाइन लाइव लर्निंग (ओएलएल) वाराणसी, वाकड, ओडिशा, पुणे, लखनऊ, ठाणे और मुंबई के साथसाथ इंडिया के 20+ शहरों में है.

शैली बुलचंदानी

शैली बुलचंदानी राजस्थान के अजमेर की रहने वाली हैं. उन्होंने अगस्त 2020 में हेयर स्टार्टअप ‘द शैल हेयर’ कंपनी की शुरुआत महज 20 साल की उम्र में की. ‘द शैल हेयर’ की खास बात यह है कि इस के प्रोडक्ट में भारतीय रेमी हेयर (सिंगल डोनर के बाल) से बने होते हैं.

वहीं बाकी कंपनियों की तुलना में इन के प्रोडक्ट्स की कीमत भी 30-40 परसैंट कम है. इस कंपनी की एक और खास बात है कि यह कंपनी महिलाओं द्वारा ही चलाई जाती है. इस से कई महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है.

साल 2021-22 में शैली बुलचंदानी की कंपनी ने लगभग 36 लाख रुपए की बिक्री दर्ज की थी. शैली खुद को हेयर इंडस्ट्री में एक विश्वसनीय ब्रैंड के रूप में स्थापित करने की दौड़ में आ चुकी हैं.

हिमांशु अग्रवाल

24 साल के हिमांशु अग्रवाल की आज 3 कंपनियां हैं. इन में इंटरनैट कोचिंग एम्पायर, बैकएंड क्लोजर्स और मेलजर शामिल हैं.

हिमांशु की कंपनी इंटरनैट कोचिंग एम्पायर अलगअलग तरह की सेवाएं देती है. इन में वर्कशौप, कंसल्टिंग सर्विस, एजुटैक नौलेज शामिल हैं. यह कस्टमर बेस कंपनी है. हिमांशु की इन 3 कंपनियों में कई यंग काम करते हैं. बैकएंड क्लोजर्स एक सेल्स एजेंसी है और मेलजर एक सौफ्टवेयर कंपनी है. हिमांशु यंग एंटरप्रेन्योर के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.

तिलक मेहता

कहते हैं सफलता किसी उम्र की मुहताज नहीं होती है. तिलक मेहता जब 13 साल के थे तब उन्होंने पेपर-एन-पार्सल नाम की अपनी कंपनी की जो शिपिंग और लौजिस्किल से जुड़ी सेवाएं देती है. शुरुआत की. तिलक ने जब अपना बिजनैस आइडिया अपने पिता के साथ शेयर किया तो उन्होंने तिलक को शुरुआती फंड दिया. फिर तिलक को बैंक अधिकारी घनश्याम पारेख से मिलवाया, जिन्होंने तिलक के बिजनैस में इन्वैस्ट किया.

पारेख को तिलक का आइडिया इतना पसंद आया कि उन्होंने अपनी बैंक की नौकरी छोड़ दी और तिलक का बिजनैस जौइन  कर लिया. तिलक ने घनश्याम पारेख को कंपनी का सीईओ बना दिया. मेहता ने अपनी पढ़ाई के साथसाथ बिजनैस को जारी रखा और

2 सालों में एक सक्सैस स्टोरी लिख डाली. 13 साल की उम्र में मेहता 100 करोड़ रुपए की कंपनी के मालिक बन गए थे. आज इतनी कम उम्र में तिलक 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं. वर्तमान समय में तिलक की उम्र महज 17 साल है.

रितेश अग्रवाल

शार्क टैंक-3 में जज की कुरसी संभाल रहे रितेश अग्रवाल को आज कौन नहीं जानता. हर महीने 22 करोड़ रुपए का टर्नओवर करने वाले रितेश आज एक यंग सक्सैसफुल एंटरप्रेन्योर हैं. रितेश होटल्स की चेन ओयो के मालिक हैं. इन का नैटवर्क देश के 100 शहरों से भी ज्यादा में फैला हुआ है. इन की कंपनी 2,200 होटल्स के साथ काम करती है. रितेश फोर्ब्स की 30 ‘अंडर 30’ अचीवर्स की लिस्ट में शामिल एक इंडियन सीईओ हैं.

रितेश ने यह मुकाम महज 29 साल में पाया है. रितेश की ओयो रूम्स देश की कामयाब इंटरनैट कंपनियों की लिस्ट में तीसरी कंपनी बन गई है. साथ ही, यह देश की सब से बड़ी होटल चेन भी है.

अद्वैत ठाकुर

अद्वैत एक टैक्नोलौजी एंटरप्रेन्योर हैं. उन्होंने 12 साल की उम्र में अपनी टैक कंपनी एपेक्स इंफोसिस की शुरुआत की थी. यह एक ग्लोबल टैक्नोलौजी और इनोवेशन कंपनी है जो इंटरनैट औफ थिंग्स संबंधित सेवाओं और उत्पादों, एआई और हैल्थटैक सैक्टर में अपनी सेवाएं देती है.

अद्वैत सब से यंग गूगल, हब स्पौट और बिंग सर्टिफाइड प्रोफैशनल भी हैं. 2017 में जब अद्वैत 14 साल के थे तो उन्होंने ‘टैक्नोलौजी क्विज’ का निर्माण किया. यह ऐप बच्चों को साइंस और टैक्नोलौजी के बारे में जानने में हैल्प करता है. अद्वैत द स्टार्टअप इंडिया के ‘टौप 10 यंग एंटरप्रेन्योर इन इंडिया 2018’ की लिस्ट में शामिल थे.

अंगद दरयानी

मुंबई के अंगद दरयानी ने 8 साल की उम्र में अपना पहला रोबोट बनाया. इस के बाद ब्लाइंड लोगों के लिए एक ईरीडर (वर्चुअल बे्रलर) बनाया. फिर सोलर एनर्जी से चलने वाली नाव, इस के बाद गार्डुइनो नाम का एक औटोमैटिक बागबानी सिस्टम बनाया.

इस के अलावा अंगद ने शार्कबोट नाम का इंडिया का सब से सस्ता 3डी प्रिंटर बनाने के लिए ओपन सोर्स सौफ्टवेयर तैयार किया. अंगद बच्चों के लिए सस्ती डीआईवाई किट की कंपनी चला रहे हैं. जिस उम्र में बच्चे पढ़ाई करते है उस उम्र में अंगद ने दुनिया को अपना हुनर दिखाया. आज अंगद को लोग भारत के एलन मस्क के नाम से जानते हैं.

श्रीलक्ष्मी सुरेश

3 साल की उम्र में बच्चे मां का आंचल नहीं छोड़ते पर इस उम्र में श्रीलक्ष्मी ने कंप्यूटर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था.

4 साल की उम्र में उन्होंने डिजाइन करना शुरू कर दिया और 6 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली वैबसाइट डिजाइन कर दी. इस के बाद 11 साल की उम्र में अपना एक स्टार्टअप शुरू कर दिया.

आज श्रीलक्ष्मी सुरेश को सब से युवा सीईओ और सब से कम उम्र के वैब डिजाइनरों में से एक माना जाता है. अपने स्टार्टअप ईडिजाइन के अलावा श्रीलक्ष्मी एक अन्य कंपनी ‘टिनीलोगो’ जोकि एक लोगो आधारित सर्च इंजन है, की ओनर हैं. श्रीलक्ष्मी सुरेश ने अब तक 100 से ज्यादा वैबसाइटें बनाई हैं. श्रीलक्ष्मी को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. श्रीलक्ष्मी सुरेश को एसोसिएशन औफ अमेरिकन वैबमास्टर्स की सदस्यता से भी सम्मानित किया गया. वे इन्फो ग्रुप की ब्रैंड एंबेसेडर भी हैं. श्रीलक्ष्मी अब 26 साल की हो गई हैं.

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