20 साल बाद लौट कर घर आया, पुलिस ने यह सपना सच कराया

यह अकसर होता है कि किसी तरह की नाराजगी या कुछ बनने की फितरत या फिर कुछ नया कर गुजरने की लालसा से बहुत से नौजवान अपने घर परिवार को छोड़ कर निकल पड़ते हैं और फिर उन में से कुछ तो बड़ा मुकाम हासिल कर लेते हैं, मगर ज्यादातर आमतौर पर गुमनाम रह जाते हैं.

यही जिंदगी का एक ऐसा फलसफा है जो यह बताता है कि इनसान में कुछ कर गुजरने की चाह उसे ऊंचाइयों पर पहुंचा देती है. मगर कुछ ऐसे होते हैं जो घर ठिकाना छोड़ कर भटकते रह जाते हैं और कभी कोई मुकाम हासिल नहीं कर पाते हैं और फिर जब कभी अपनों के बीच लौटते हैं तो अपने घर आ कर जो खुशी होती है, उसे शब्दों में कहा नहीं जा सकता. आइए, देखें कुछ ऐसी ही घटनाएं :

पहली घटना

एक नौजवान अपने पिता से नाराज हो कर घर परिवार छोड़ कर चला गया. पत्नी बच्चे सभी थे. 20 साल बाद लौटा तो मध्यवर्गीय इस परिवार के हालात बदल चुके थे और लड़का अपने बूते चार्टर्ड अकाउंटैंट बन गया था.

दूसरी घटना

एक बालक घर परिवार छोड़ कर चला गया, मगर लंबे समय तक दुखों का पहाड़ उठाया. वह जब 25 साल बाद लौटा तो उस के परिवार ने उसे पा कर खुशियां मनाईं और उसे एक नई जिंदगी मिल गई.

तीसरी घटना

एक बालक घर से नाराज हो कर बड़े शहर आ गया. 15 साल बाद जब वह अपने गांव लौटा तो उसे एहसास हुआ उस ने बहुत बड़ी गलती की थी.

पुलिस की अनोखी पहल

आप को बताते हैं एक ऐसे नौजवान की कहानी जो 20 साल बाद घर लौटा और इस में एक पुलिस अधीक्षक ने मददगार बनने का रोल निभाया.

झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस की एक अनोखी पहल देखने को मिली है, जहां पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय ने 20 साल से बिछड़े एक बेटे को उस के मांबाप से मिलाया.

दरअसल, यह मामला गढ़वा जिले के रंका थाना क्षेत्र के पिंडरा गांव का है, जहां 20 साल पहले रामजनम नाम का शख्स काम की तलाश में हरियाणा के पलवल जिले चला गया था. वहां उस की मुलाकात एक परिवार से हुई. परिवार ने उस सीधे सादे लड़के को अपने घर पर रख लिया.

देखते ही देखते 20 साल बीत गए, लेकिन रामजनम घर वापस नहीं लौटा. घर वालों को लगा उस का बेटा अब इस दुनिया में नहीं है. वहीं रामजनम ने भी अपने मां बाप से मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी.

अचानक रामजनम को अपने घर की याद आई तो उस ने यह बात अपनी मकान मालकिन को बताई जिस के बाद उस औरत ने गूगल से गढ़वा पुलिस का सरकारी नंबर निकाला और मोबाइल से बात करते हुए रामजनम की तसवीर शेयर की.

पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय ने तत्काल रंका थाना को फोटो गांव में भेज कर पता लगाने का निर्देश दिया, जिस के बाद थाना प्रभारी ने गांव में पहुंच कर फोटो की पहचान उस लड़के के मां बाप से कराई. मां बाप ने भी अपने बेटे को पहचान लिया, जिस के बाद पुलिस ने रंका थाना में मां बाप को ले जा कर उन के बेटे रामजनम से वीडियो काल से बात कराई.

रामजनम और उस के मां बाप वीडियो काल से बात कर के भावुक हो उठे. दोनों की आंखों में आंसू आ गए. इस घटना के बाद गढ़वा पुलिस की इस पहल की चारों तरफ तारीफ हो रही है.

पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय ने कहा, “हरियाणा से एक औरत का मेरे सरकारी नंबर पर फोन आया था. उन्होंने बताया कि एक नौजवान 12 साल से उन के यहां काम कर रहा है, जो गढ़वा जिले के रंका थाने के पिंडरा गांव का रहने वाला है. औरत द्वारा उस नौजवान की तसवीर भी भेजी गई थी. पुलिस के द्वारा उस गांव में जा कर उस की पहचान रामजनम सिंह के रूप में की गई, जो 20 साल पहले कमाने के लिए बाहर गया था और कभी वापस नहीं लौटा. उस के माता पिता को थाने बुला कर पुलिस ने वीडियो काल से बात कराई, जिस में रामजनम और उस के माता पिता दोनों ने एक दूसरे को पहचान लिया. घर और गांव के लोग उसे मरा समझ बैठे थे, लेकिन इस वाकिए ने परिवार के साथ साथ गांव वालों के चेहरे पर भी खुशी ला दी.

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