Alcohlic : मेरे पति शराब के अलावा चरस गांजे का भी नशा करते हैं

Alcohlic : अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल –

मेरे शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है और शादी के समय मेरे ससुराल वालों ने मुझसे और मेरे घरवालों से यह बात छिपाई थी कि मेरे होने वाले पति कोई भी नशा नहीं करते और इसी शर्त पर मैं उनके साथ शादी करने के लिए मानी थी. शादी के बाद मेरे कुछ दिन तो बिल्कुल अच्छे निकले लेकिन अब मुझे धीरे धीरे पता चला है कि मेरे पति ना सिर्फ शराब (alcohlic) पीते हैं बल्कि चरस गांजा तक पीते हैं और इसी वजह से वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ देर रात तक बाहर रहते हैं और उनकी इन आदतों के बारे में उनके घरवालों को भी पता था. जब मैंने उनके इस बारे में बात की तो उन्होनें पहले तो मेरी बात का ठीक से जवाब नहीं दिया पर उसके बाद उन्होनें साफ कह दिया कि हां मैं यब सब चीज़ें करता हूं. ऐसे में अब हमारे रोज लड़ाई-झगड़े होते हैं और मैं इस लड़ाई-झगड़ों से परेशान आ चुकी हूं. मेरा अपने पति के साथ रहने का बिल्कुल मन नहीं करता. मुझे क्या करना चाहिए ?

जवाब –

अक्सर मां-बाप शादी के समय अपने बच्चों की खामियां उनके ससुराल वालों से छिपा जाते हैं जो कि बेहद गलत है. हमें सबसे पहले अपने बच्चों की सारी अच्छी बुरी आदतें उनके होने वाले लाइफ पार्टनर से डिस्कस करनी चाहिए क्यूंकि अक्सर घर टूटने और तलाक की वजह यही बातें होती है.

लड़के के मां-बाप को लगता है कि शादी के बाद जिम्मेदारी आने पर लड़का अपने आप सुधर जाएगा या उसकी पत्नी उसे सुधार देगी पर वह इस बात को नहीं समझते कि शादी के बाद भी अगर उनका लड़का नहीं सुधरा तो आने वाली लड़की की जिंदगी भी खराब हो सकती है.

आपके केस में आपसे आपके पति की बुरी आदतें छिपाई गई हैं जो कि बिल्कुल गलत है. आपको सबसे पहले अपने सास-ससुर के पास जाना चाहिए और उन्हें उनके बेटे की सारी आदतों के बारे में बताना चाहिए. हो सकता है कि उन्हें अपने बेटे की सारी आदतों का ना पता हो या फिर उन्हें लगता तो कि अब उनका बेटा सुधर गया है. आप अपने सास-ससुर को बताएं कि आपके समझाने के बावजूद आपके पति नशे नहीं छोड़ रहे.

अगर आपके सास-ससुर के समझाने पर आपके पति समझ जाते हैं तो अच्छी बात है लेकिन अगर आपके पति फिर भी नहीं सुधरते तो आप अपने पति को धमकी दे सकती हैं कि अगर उन्होनें नशों की बुरी आदतें नहीं छोड़ी तो आप उन्हें छोड़ कर चली जाएंगी. ऐसे में उनको डराने के लिए आप 3-4 दिन या एक हफ्ते के लिए अपने मायते रहने चले जाइए जिससे कि आपके पति को एहसास हो कि वे जो कर रहे हैं वे बिल्कुल गलत है और इससे उनका घर कभी नहीं बस सकेगा.

अगर आपके पति नशे छोड़ना चाहते हैं और वे चाह कर भी नशे (alcohlic) नहीं छोड़ पा रहे तो आप उन्हें किसी अच्छे डौक्टर के पास ले कर जाएं ताकि उन्हें नशे छोड़ने में मदद मिल सके.

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SEX कबसे करना सही होगा, महीनेभर पहले वाइफ की डिलीवरी हुई है

सवाल

बच्चा होने के कितने महीने बाद सेक्स करना चाहिए?

जवाब

इस का कोई तय नियम नहीं है. बच्चा होने के बाद जब बीवी जिस्मानी तौर पर पूरी तरह से सेहतमंद हो जाए, तभी सेक्स करना चाहिए.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है. मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

अपने शरीर के बदले हुए आकार को ले कर भी कुछ औरतों के मन में हीनता घिर जाती है, जिस से वे यौन संबंध बनाने से कतराने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे पहले की तरह सैक्सी नहीं रही हैं. स्टे्रच मार्क्स या बढ़ा हुआ वजन उन्हें अपने ही शरीर से प्यार करने से रोकता है. बेहतर होगा कि इस तरह की बातों को मन में लाने के बजाय जैसी हैं, उसी रूप में अपने को स्वीकारें. अगर वजन बढ़ गया है, तो ऐक्सरसाइज रूटीन अवश्य बनाएं.

दर्द होने का डर

अकसर पूछा जाता है कि अगर डिलीवरी नौर्मल हुई है, तो यौन संबंध कब से बनाने आरंभ किए जाएं? इस के लिए कोई निर्धारित नियम या अवधि नहीं है, फिर भी डिलीवरी के 11/2 महीने बाद सामान्य सैक्स लाइफ में लौटा जा सकता है. बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें सहवास के दौरान होने वाले दर्द से घबरा कर भी इस से कतराती हैं. औरत के अंदर दोबारा यौन संबंध कायम करने की इच्छा कब जाग्रत होगी, यह इस पर भी निर्भर करता है कि उस की डिलीवरी कैसे हुई है. जिन औरतों का प्रसव फोरसेप्स की सहायता से होता है, उन्हें सैक्स के दौरान निश्चिंत रहने में अकसर लंबा समय लगता है. ऐसा ही उन औरतों के साथ होता है, जिन के योनिमार्ग में चीरा लगता है. सीजेरियन केबाद टांके भरने में समय लगता है. उस समय किसी भी तरह का दबाव दर्द का कारण बन सकता है. फोर्टिस ला फेम की गायनाकोलौजिस्ट डा. त्रिपत चौधरी कहती हैं, ‘‘प्रसव के बाद 2 से 6 हफ्तों तक सैक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद औरत न सिर्फ अनगिनत शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है, वरन मानसिक व भावनात्मक बदलाव भी उस के अंदर समयसमय पर होते रहते हैं. चाहे डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से, दोनों ही स्थितियों में कुछ महीनों तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. ‘‘डिलीवरी के बाद के जिन महीनों को पोस्टपार्टम पीरियड कहा जाता है, उस दौरान औरत के अंदर सैक्स संबंध बनाने की बात तक नहीं आती. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक हर औरत को ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग केवल रक्त के रूप में ही नहीं होती है, बल्कि कुछ अंश निकलने व डिस्चार्ज की तरह भी हो सकती है. वास्तव में यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग औरत के शरीर से प्रैग्नैंसी के दौरान बचे रह गए अतिरिक्त रक्त, म्यूकस व प्लासेंटा के टशू को बाहर निकालने का तरीका होती है. यह कुछ हफ्तों से ले कर महीनों तक हो सकती है.

‘‘डिलीवरी चाहे नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से औरत के योनिमार्ग में सूजन आ जाती है और टांकों को भरने में समय लगता है. अगर इस दौरान यौन संबंध बनाए जाएं तो इन्फैक्शन होने की अधिक संभावना रहती है. औरत किसी भी तरह के इन्फैक्शन का शिकार न हो जाए, इस के लिए कम से कम 6 महीनों बाद यौन संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. योनिमार्ग या पेट में सूजन, घाव, टांकों की वजह से सहवास करने से उसे दर्द भी होता है.’’

क्या करें

अगर बच्चा सीजेरियन से होता है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए. लेकिन उस से पहले डाक्टर से जांच करवानी जरूरी होती है कि आप के टांके ठीक से भर रहे हैं कि नहीं और आप की औपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी कि नहीं. यह ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है. यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से. अगर डाक्टर सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टांके अगर पूरी तरह भरे नहीं हैं तो किस पोजीशन में संबंध बनाना सही रहेगा. पति साइड पोजीशन रखते हुए संबंध बना सकता है, जिस से औरत के पेट पर दबाव नहीं पड़ेगा. अगर उस दौरान स्त्री को दर्द महसूस हो, तो उसे ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कई बार थकान या अनिच्छा की वजह से योनि में तरलता नहीं आ पाती. अगर औरत को दर्द का अनुभव होता हो तो पति पोजीशन बदल कर या ओरल सैक्स का सहारा ले सकता है. साथ ही, वैजाइनल ड्राईनैस से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है. चूंकि प्रैग्नैंसी के बाद वैजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और उस में एक स्वाभाविक ड्राईनैस आ जाती है, इसलिए नौर्मल डिलीवरी के बाद भी सैक्स के दौरान औरत दर्द महसूस करती है.

पोस्टपार्टम पीरियड बहुत ही ड्राई पीरियड होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उस के खत्म होने के बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं. प्रसव के 1-11/2 महीने बाद यौन संबंध बनाने के बहुत फायदे भी होते हैं. सैक्स के दौरान स्रावित होने वाले हारमोंस की वजह से संकुचन होता है, जिस से यूट्रस को सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है और साथी के साथ दोबारा से शारीरिक व भावनात्मक निकटता कायम करने में यौन संबंध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रसव के बाद कुछ महीनों तक पीरियड्स अनियमित रहते हैं, जिस की वजह से सुरक्षित चक्र के बारे में जान पाना असंभव हो जाता है. इस दौरान गर्भनिरोध करने के लिए कौपर टी का इस्तेमाल करना या ओरल पिल्स लेना सब से अच्छा रहता है. अगर प्रसव के बाद कई महीनों तक औरत के अंदर यौन संबंध बनाने की इच्छा जाग्रत न हो तो ऐसे में पति को बहुत धैर्य व समझदारी से उस से बरताव करना चाहिए.

पति का सहयोग

जैसे ही औरत शारीरिक व भावनात्मक रूप से सुदृढ़ हो जाती है, संबंध बनाए जा सकते हैं. इस दौरान पति के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि वह पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव न डाले या जबरदस्ती सैक्स संबंध बनाने के लिए बाध्य न करे. हफ्ते में 1 बार अगर संबंध बनाए जाते हैं, तो दोनों ही इसे ऐंजौय कर पाते हैं और वह भी बिना किसी तनाव के. पति को चाहिए कि वह इस विषय में पत्नी से बात करे कि वह संबंध बनाने के लिए अभी तैयार है कि नहीं, क्योंकि प्रसव के बाद उस की कामेच्छा में भी कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद स्वत: सामान्य हो जाती है.

 

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शादी से पहले मेरी पत्‍नी ने Abortion करवाया था, तबसे पीरियड्स अनियमित हो गया है, क्या करूं?

सवाल
मेरी पत्‍नी की उम्र 30 साल है. हमारी लव मैरिज है.  शादी के पहले हमने संबंध बनाए थे, जिससे उसे गर्भ ठहर गया था, तब उसने अर्बाशन करा लिया.  पर उस के बाद से ही मेरी वाइफ का पीरियड्स अनियमित हो गया है और पीरियड के दौरान स्राव भी बहुत कम होता है. वह प्रैगनेंट होना चाहती है लेकिन नहीं हो पा रही.  कहीं इसकी वजह पीरियड का अनियमित होना तो नहीं है?

जवाब
पीरियड्स  दौरान कम रक्तस्राव होने के कई कारण हो सकते हैं. इस का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षण के तौर पर आप के पैल्विक का अल्ट्रासाउंड करना होगा, जिस में आप के गर्भाशय की भीतरी परत की मोटाई  की माप ली जाएगी. हारमोन का भी ठीक से पता लगाया जाएगा. उस के बाद अश्रमैंस सिंड्रोम पता लगाने के लिए हिस्टेरोस्कोपी जांच महत्त्वपूर्ण होगी. इस के अलावा जननांग की तपेदिक का पता लगाने के लिए बायोप्सी कर जांच के लिए भेजी जाएगी, क्योंकि पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने का यह एक सामान्य कारण है. किसी अचछे चिकित्‍सक से मिल कर इस बारे में परामर्श लें. इस तरह की समस्‍याओं को अनदेखा न करें.

Boyfriend मेरे प्राइवेट पार्ट्स टच करता है. क्या मुझे करने देना चाहिए?

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सवाल –

मेरी उम्र 22 साल है. मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस से मेरा रिलेशन 1 साल से चल रहा है. वह मुझ से बहुत प्यार करता है और मेरा अच्छे से खयाल भी रखता है. लेकिन मेरा बौयफ्रैंड जब भी मुझ से अकेले में मिलता है तो वह मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छूने की कोशिश करता है. मैं हर बार उसे ऐसा कुछ करने से मना करती हूं लेकिन वह फिर भी नहीं मानता और कहता है कि गर्लफ्रैंड और बौयफ्रेंड में यह सब चलता है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या मुझे उसे यह सब करने देना चाहिए?

जवाब –

आजकल रिलेशनशिप में आना काफी सामान्य सी बात है और कई लोग रिलेशनशिप में न सिर्फ रोमांस बल्कि सैक्स भी कर लेते हैं. हर इंसान को रोमांस करना पसंद होता है. जैसाकि आप ने बताया कि आप का बौयफ्रैंड अकेले में आप के प्राइवेट पार्ट्स को छूता है तो ऐसे में आप खुद सोचिए कि क्या आप को अच्छा लगता है जब वह यह सब करता है?

अगर आप को यह सब अच्छा लगता है और आप का बौयफ्रैंड का टच करना पसंद आता है तो बेशक आप को उसशका साथ देना चाहिए और इसे एक ऐंजौय की तरह लेना चाहिए.

रिलेशनशिप में किसिंग, स्मूचिंग या फिर सैक्स संबंध बनाना आम बात है मगर यह जबरन नहीं, रजामंदी से हो तभी ठीक है.

अलबत्ता, आप दोनों पिछले 1 साल से रिलेशनशिप में हैं लेकिन आप हर बार अपने बौयफ्रैंड को रोमांस के लिए मना कर देती हैं पर वह फिर भी आप से प्यार करता है तो ऐसे में उस का प्यार आप के लिए सच्चा है और जिस्मानी नहीं है तो आप को उस के साथ रोमांस जरूर करना चाहिए और उसे भी थोड़ी लिबर्टी लेने दीजिए.

आप को एक अच्छा लड़का मिला हुआ है तो उसे थोड़ी छूट देने में कोई बुराई नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि आप के इस स्वभाव की वजह से आप एक अच्छे लड़के से हाथ धो बैठें.

अगर आप श्योर नहीं हैं कि भविष्य में आप की उस के साथ शादी होगी या नहीं तो ऐसे में सैक्स को ले कर आप सोचसमझ कर कदम उठाएं लेकिन रोमांस का मजा आप खुल कर उठा सकती हैं.

अगर आप को कभी भी ऐसा फील हो कि आप सैक्स करने के लिए भी तैयार हैं तो यह करना भी कोई गुनाह नहीं है बल्कि रोमांस और सैक्स एक ऐसा अनुभव है जिसे हर कोई ऐंजौय करता है.

मगर ध्यान रहे, सैक्स के लिए दोनों की रजामंदी जरूरी है और चूंकि अभी आप दोनों को ही पहले कैरियर बनानी है, तो ऐहतियात जरूर बरतें और बौयफ्रैंड से कहें कि वह सैक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करे. इस दौरान यह चैक भी करें कि कंडोम फट तो नहीं गया. वैसे, अच्छी क्वालिटी का कंडोम जल्द फटता नहीं और सैक्स को मजेदार बनाता है.

आप एक बात का ध्यान रखना कि आप को अपने बौयफ्रेंड को उतनी ही छूट देनी है जहां तक आप का मन मानता हो या जहां तक आप कंफर्टेबल फील करें. जहां भी आप को लगे कि आप असहज फील कर रही हैं तो उसी समय अपने बौयफ्रैंड को रोक दें.

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Winter Romance Special: सैक्स के भरोसे नहीं चलती रिलेशनशिप

जो लोग यह समझते हैं कि सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप चलती है असल में वे गलत सोच से प्रभावित होते हैं. सैक्स एक फन ऐलिमैंट है. लेकिन अंडरस्टैंडिंग रिलेशनशिप का बेस है. सैक्स जवानी में आप को भरपूर सुख देगा लेकिन जवानी के ढलते ही यह आप को असलियत दिखा देगा. उम्र के बढ़ने के साथ व्यक्ति में सैक्स कर ने का स्टैमिना कम होता जाता है.

इस का मतलब यह हुआ कि जो लोग समझते हैं कि सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप चलती है उन के हिसाब से तो बढ़ती उम्र के बाद रिलेशनशिप खत्म हो जानी चाहिए क्योंकि एक उम्र के बाद सैक्स करना मुश्किल हो जाता है. असल में बढ़ती उम्र के साथ रिलेशनशिप स्ट्रौंग होती है न कि खत्म. रिलेशनशिप स्ट्रौंग होने का कारण है अंडरस्टैंडिंग न कि सैक्स…

58 साल की उम्र पार कर चुके दिलीप साहू कहते हैं, ‘‘जवानी के दिनों में सैक्स लाइफ उन की रिलेशन का महत्त्वपूर्ण पार्ट थी, लेकिन अब इस उम्र में ऐसा पौसिबल नहीं है. यह भी सच है कि हमारी रिलेशन पर इस का असर बिलकुल नहीं पड़ा है. सैक्स के बिना भी हम बहुत हैप्पी है. सैक्स लाइफ हमेशा नहीं टिकती पर प्यार बना रहता है.

उम्र कोई भी हो कपल के बीच रिश्ता सिर्फ सैक्स तक ही सीमित हो तो ऐसी रिलेशनशिप का कोई मतलब नहीं है. सैक्स में भले ही कपल  कंपैटबल हों, लेकिन अगर बैडरूम के बाहर उन के बीच बौंडिंग नहीं है तो संबंध ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगा. किसी भी रिलेशन को स्ट्रौंग करने के लिए फिजिकल अट्रैक्शन की जितनी इंपौर्टैंट्स होती है, उस से कहीं ज्यादा उन के बीच इमोशनल बौंडिंग की इंपौर्टैंट्स होती है.

20-22 की उम्र के युवाओं को खासतौर पर यह ध्यान रखना चाहिए कि शादी हो या शादी से पहले सिर्फ सैक्स के बलबूते रिलेशन न चलाएं क्योंकि इस उम्र में तो बच्चे भी बौडिंग करने को नहीं होते.

रिलेशनशिप का हिस्सा

भव्या सहाय 26 साल की है. वह पेशे से रिपोर्टर है. इस विषय पर वह  कहती है, ‘‘सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप नहीं चलती. सैक्स पूरे रिश्ते का आधार नहीं होता, यह रिलेशनशिप का सिर्फ एक हिस्सा होता है. रिलेशनशिप की शुरुआत में भले ही सैक्सुअल अट्रैक्शन आप की रिलेशन पर भारी पड़ता दिखाई दे, लेकिन अंत में आप के बीच की अंडरस्टैंडिंग और बौंडिंग ही रिलेशनशिप को संभालने में काम आती है.’’

हर व्यक्ति के अपने कुछ ड्रीम होते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए वह दिनरात मेहनत करता है. अगर आप का पार्टनर आप के ड्रीम को चेस करने के लिए आप की हैल्प कर रहा है तो सम?ा जाएं कि आप बहुत खुश हैं, जो आप को ऐसा पार्टनर मिला. लेकिन अगर आप का पार्टनर ऐसा नहीं करता तो हो सकता है कि आप गलत इनसान के साथ रिलेशनशिप में हैं.

अगर आप ऐसे व्यक्ति के साथ रिलेशन में हैं जो आप की फीलिंग्स की रिस्पैक्ट नहीं करता है तो आप अकसर तरहतरह की प्रौब्लम्स से घिरे रहेंगे. लेकिन एक अच्छे पार्टनर का साथ न सिर्फ आप को हिम्मत देगा बल्कि वह आप को स्ट्रौंग और हैप्पी भी बनाएगा.

इमोशनल रिलेशन और सैक्स

श्रुति यादव 2 साल से विवान गौड़ के साथ रिलेशनशिप में है. वह कहती है, ‘‘विवान मेरी इमोशनली सपोर्ट नहीं करता है. वह मुझे कैरियर के लिए भी कोई ऐडवाइज नहीं देता है. कई बार मुझे ऐसा फील होता है कि मानो विवान मेरे साथ सिर्फ सैक्स के लिए ही है. मैं जब भी विवान से इस बारे में बात करती हूं तो वह इग्नोर कर देता है. उस का कहना है कि मैं ओवरथिंक कर रही हूं. लेकिन यह मु?ो ओवरथिंकिंग नहीं लगता.

‘‘मुझे लगता है कि अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में हैं तो जितना जरूरी फिजिकल रिलेशन है उतना ही जरूरी इमोशनल रिलेशन भी है. रिलेशनशिप को चलाने के लिए इन दोनों का ही होना बहुत जरूरी है. किसी एक की भी कमी होने पर रिलेशनशिप वर्क नहीं कर पाएगी.

कनक शर्मा का कहना है, ‘‘सैक्स के बिना कोई भी रिलेशनशिप नहीं चल सकती, ऐसा सोचने वाले लोग गलत सोचते हैं. ऐसा नहीं है कि कोई संबंध सैक्स के बिना चल नहीं सकता. कुछ लोग सैक्स के बिना भी हैल्दी रिलेशनशिप में रहते हैं और लाइफ के हर मूवमैंट को ऐंजौय करते हैं.’’

‘डिपार्टमैंट औफ हैल्थ ऐंड ह्यूमन सर्विस’ द्वारा 2007 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्यार और इस से बने रिलेशन हमारी हैल्थ पर पौजिटिव इफैक्ट डालते हैं. एक हैल्दी रिलेशनशिप और लव ऐंड अफैक्शन की फील दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम कर देती है और इस से हाई ब्लड प्रैशर कंट्रोल रहता है.

अमेरिकन साइकोलौजिकल ऐसोसिएशन द्वारा 2012 में कोरोनरी आर्टरी बायपास से गुजरे युवाओं पर एक सर्वे किया गया. सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार एक अनहैल्दी रिलेशनशिप की तुलना में लविंग और हैप्पी रिलेशनशिप वाले लोग 15 साल ज्यादा जी सकते हैं. इस के साथ ही सर्जरी के बाद रिकवरी की उम्मीद भी 2.5 टाइंस ज्यादा होती है.

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिन के जरीए आप बिना सैक्स किए अपना प्यार अपने पार्टनर तक पहुंचा सकते हैं. आइए, उन तरीकों को जानते हैं:

मिल कर कुकिंग करना

अगर आप कुछ अलग और नया ट्राई करना चाहते हैं तो अपने पार्टनर के साथ मिल कर कुकिंग करें. ऐसा करना आप के लिए फन के साथसाथ रोमांटिक भी होगा. जैसे केक बनाते समय चौकलेट को ब्रैड पर लगाने के साथसाथ आप अपने पार्टनर के फेस पर भी लगा सकते हैं. ऐसा करते हुए आप उस के साथ रोमांटिक पल सा?ा कर सकते हैं.

हग करना

हग करना अपने प्यार को ऐक्सप्रैस करने का बेहतरीन तरीका है. हग करने से आप हैप्पी फील करते हैं. अपने पार्टनर को हग कर के आप उसे यह एहसास दिला सकते हैं कि वह आप के लिए कितना खास है. पीछे से आ कर हग करना फीमेल पार्टनर को बहुत पसंद आता है. आप के ऐसा करने से वह आप को अपनी बांहों में भर लेगी.

साथ शौपिंग करना

शौपिंग करना तो हर किसी को पसंद होता है. यह तब और खास हो जाता है जब आप इसे अपने पार्टनर के साथ ऐंजौय करते हैं. इसलिए कभीकभी अपने दोस्तों का साथ छोड़ कर अपने पार्टनर के साथ भी शौपिंग पर जाएं.

ब्रेकफास्ट होपिंग

सोचो कैसा हो जब आप अपनी सुबह की शुरुआत अपने पार्टनर से करो. बार और क्लब होपिंग तो हरकोई करता है आप ब्रेकफास्ट होपिंग करें. सुबहसुबह अपने पार्टनर के साथ अपने शहर की अलगअलग जगहों पर जाएं और वहां का खाना ट्राई करें. ऐसा करने से आप फूड और पार्टनर दोनों की कंपनी ऐंजौय करेंगे.

नाइट वाक 

चांदनी रात, आसमान में तारे और जमीन पर आप का पार्टनर, रोमांटिक नाइट वाक के लिए इतना काफी है. अपने पार्टनर के हाथों में हाथ डाल कर आप नाइट वाक पर जा सकते हैं. ये पल आप दोनों के लिए रोमांटिक होंगे. वाक करतेकरते आप बीचबीच में रुक कर कुछ खापी सकते हैं जैसे आइसकीम, मोमोस, पानीपूरी, जूस आदि.

मैसेज भेज कर स्पैशल फील कराएं

अगर आप अपने पार्टनर को अपने प्यार का एहसास कराना चाहते हैं तो काम के बीच में से टाइम निकाल कर आप उसे प्यार भरे मैसेज भेजें. आप के इन मैसेज को वह जबजब पढ़ेगी मुसकराए बिना नहीं रह पाएगी.

ट्रैकिंग

अगर आप को और आप के पार्टनर को रोमांच पसंद है तो आप ट्रैकिंग पर जा सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी मुश्किल भरे ट्रैक पर न जाए वरना आप की ट्रैकिंग रोमांचक से ज्यादा थकावट भरी हो जाएगी. ट्रैकिंग आप को नेचर से जोड़ेगी. जहां आप अपने पार्टनर के साथ किसी पहाड़ की चोटी पर बैठ कर उस के हाथों में हाथ डाल रोमांटिक बातें कर सकते हैं.

नोटी चैट

पार्टनर से नोटी चैट करना अपने प्यार को जताने का एक रोमांटिक तरीका है. लेट नाइट नोटी चैट करना आप को और आप के पार्टनर को रोमांस की दुनिया में ले जाता है. नोटी चैट कर के आप अपनी रिलेशनशिप को एक कदम आगे बढ़ा सकते हैं. ऐसा करने से आप की रिलेशनशिप में स्पार्क आएगा.

कंधे पर सिर रखना

अकसर औफिस की थकावट और घर की भागदौड़ में लाइफ स्ट्रैसफुल हो जाती है. ऐसे में पार्टनर के कंधे पर सिर रखना आप को सुकून दे सकता है. यह आप को कुछ देर के लिए स्ट्रैसफुल लाइफ से दूर ले जा सकता है.

डेट पर जाना

अपने प्यार को ऐक्सप्रैस करने के लिए आप अपने पार्टनर के साथ डेट पर जा सकते हैं. इस के लिए आप मूवी, ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर को चुन सकते हैं. कभीकभी आप ‘फू्रट डेट’ पर भी जा सकते हैं. आजकल इस का बहुत क्रेज है.

स्टैंडअप कौमेडी शो को करें ऐंजौय

मूवी और पिकनिक पर जाना कपल के लिए अब बोरिंग हो गया है. कुछ नया ट्राई करने के लिए आप अपने पार्टनर के साथ ‘स्टैंडअप कौमेडी शो’ पर जाएं और कुछ देर के लिए स्ट्रैसफुल लाइफ से दूर रह कर अपने पार्टनर के साथ हंसी के ठहाके लगाएं. इस के अलावा आप ‘लाइव म्यूजिक कंसल्ट’ और ‘ओपन माइक’ जैसे शौज देखने भी जा सकते हैं.

बारिश में भीगना

पार्टनर के साथ बारिश में भीगने का अपना अलग ही मजा है. आप चाहें तो अपने पार्टनर के साथ एक छतरी में आधेआधे भीग सकते हैं. ये पल आप के लिए मैमोरीबल साबित होंगे.

बारिश मूड को रोमांटिक बना देती है इसलिए कपल को यह पसंद आती है. बारिश में आप अपने पार्टनर के साथ ‘रेन डांस’ ऐंजौय कर सकते हैं. अपने पार्टनर के साथ भीगना भी आप के लिए एक रोमांटिक मूमैंट होगा. थोड़ा नोटी हो कर आप अपने पार्टनर के साथ बारिश का लुत्फ उठा सकते हैं. इस के अलावा पार्टनर के साथ बालकनी में बैठ कर चाय और स्नैक्स का मजा भी ले सकते हैं.

लौंग ड्राइव

कार में रोमांटिक म्यूजिक बज रहा हो, बगल में आप का पार्टनर बैठा हो तो न चाहते हुए भी आप 2-4 अंतरा गा ही देंगे. यह सब सुन आप का साथी पार्टनर भी खुश हो जाएगा. इस का मजा तब और बढ़ जाएगा जब हलकीहलकी बारिश हो रही हो.

रिम?िम फुहारों में अनजानी राह पर आप का पार्टनर आप का हमसफर होगा, इस से बढि़या और क्या होगा. गाड़ी को साइड में लगा कर कुछ देर अपने पार्टनर के हाथों में हाथ डाल कर सड़क पर नंगे पैर चलना आप का दिन बना देगा. इस के बाद सफर के बीच में कहीं रुक कर आप चाय या कौफी का मजा भी उठा सकते हैं.

गेम खेलना

गेम खेलना कपल के लिए एकसाथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करना है. एकसाथ गेम खेलने से कपल में अपने रिलेशन को ले कर पौजिटिव फील आती है. इसलिए अगर आप अपनी बोरिंग लाइफ में कुछ फन लाना चाहते हैं तो अपने पार्टनर के साथ गेम खेलें. ऐसी बहुत सी गेम्स हैं जिन में थोड़े से चेंजिस कर के आप उन्हें रोमांटिक गेम बना सकते हैं जैसे स्क्रैबल.

इस गेम का एक रूल बना लें कि वर्ड रोमांटिक होने चाहिए. इस के अलावा आप आंखोंआंखों में देखने वाले गेम भी खेल सकते हैं. इस में आप को अपने पार्टनर के साथ आमनेसामने बैठ कर जितनी देर हो सके बिना पलकें ?ापकाए उस की आंखों में देखना होगा. जो अधिक समय तक देखेगा, वह जीत जाएगा. अकसर इस गेम के अंत तक कपल ‘किस’ तक पहुंच जाते हैं.

इन के अलावा और भी बहुत तरीके हैं जिन के जरीए आप अपने प्यार को अपने पार्टनर तक पहुंचा सकते हैं जैसे गाने सुनाना, कविता सुनाना, औफिस से पिक करना, कभी पार्टनर के लिए टीकौफी और ब्रैकफास्ट बनाना, बालों में हाथ फेरना, पसंदीदा बुक गिफ्ट करना, पार्लर ले जाना आदि.

प्यार है या सिर्फ लस्ट

क्या सैक्स के बिना भी रिलेशनशिप चल सकती है या रिलेशनशिप पूरी तरह से सैक्स से ही चलती है? इस बारे में मानवी दीक्षित (बदला हुआ नाम) कहती है, ‘‘हमारे रिलेशन की शुरुआत सैक्स से हुई थी. मैं अपने बौयफ्रैंड से सैक्सुअल अट्रैक्टेड थी. मु?ो शक था कि हमारे रिलेशन में प्यार है या यह सिर्फ लस्ट है. जब यह बात मैं ने अपने बौयफ्रैंड से शेयर की तो उस ने मु?ो एक सु?ाव दिया. उस के बाद हम ने सैक्स को काफी समय तक अवौइड किया. हम ने देखा कि इस से हमारे बीच कोई प्रौब्लम नहीं आई. इस के बाद मैं क्लीयर हो गई कि मु?ो अपने बौयफ्रैंड से प्यार है और फिर हम ने शादी कर ली.’’

सिर्फ सैक्स के भरोसे रिलेशनशिप नहीं चलती. इस विषय पर लौंग डिसटैंस रिलेशनशिप में रहने वाली 25 वर्षीय ग्रेटर नोएडा निवासी दीप्ति सिंह कहती है, ‘‘मेरे 27 साल के लौंग डिसटैंस बौयफ्रैंड राहुल आनंद बैंगलुरु में रहते हैं. हम दोनों 2 सालों से लौंग डिसटैंस रिलेशनशिप में है. राहुल कहते हैं कि अगर आप और आप के पार्टनर के बीच प्यार है तो लौंग डिसटैंस रिलेशनशिप भी अच्छे से निभाई जा सकती है. वे अपनी रिलेशनशिप के बारे में बताते हुए कहते हैं कि हम ने एक टाइम फिक्स कर रखा है जिस में हम बात करते हैं.’’

दीप्ति आगे कहती है, ‘‘रिलेशनशिप में सैक्स महत्त्वपूर्ण रोल अदा करता है, लेकिन सैक्स के अलावा भी रिलेशनशिप में बहुत कुछ होता है. आप का पार्टनर आप की केयर करता है, आप का खयाल रखता है तो यह भी प्यार ही है. फिर रिलेशनशिप को हमेशा सैक्स के साथ ही क्यों जोड़ कर देखा जाता है, जबकि रिलेशनशिप सिर्फ सैक्स के भरोसे नहीं चलती है.’’

सैक्सुअली कितनी तैयार हैं आप

शादी के लिए तो युवतियां सहज तैयार हो जाती हैं, लेकिन सैक्स के लिए खुद को तैयार करने में उन्हें खासी मशक्कत करना पड़ती है. ऐसा इसलिए कि उन्हें सैक्स की बहुत ज्यादा वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी नहीं होती. यह बात और है कि युवतियां शिक्षित और आधुनिक होने के नाते यह मान बैठती हैं कि वे सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानती हैं और इस का आधार सैक्स ऐजुकेशन के वीडियो, इंटरनैट की चुनिंदा साइट और एक हद तक पोर्न फिल्में होती हैं.

सैक्स की जानकारी के ये सोर्स फौरी तौर पर उत्तेजना तो देते हैं पर कोई शिक्षा नहीं देते और न ही सैक्स के लिए बेफिक्री की हद की गारंटी होते. सैक्स को पूरी तरह सम?ाने का दावा अकसर भ्रम ही साबित होता है जिस की तुलना ऐग्रीकल्चर से की जा सकती है जो साइंस भी है और आर्ट भी. खेत को कितनी गहराई तक जोतना है, सिंचाई कब और कितनी करनी है, खाद कितनी देनी है, कटाई कब करनी है जैसी बातें कहेसुने की बीना पर हर किसी को किसान नहीं बना देतीं. ठीक इसी तरह पेपर वर्क में सैक्स साइंस होता है लेकिन करते वक्त आर्ट हो जाता है.

जिंदगी के आनंद में खलल

जिंदगी पहले के मुकाबले अब और ज्यादा कठिन होती जा रही है खासतौर से सैक्स के मामले में जटिलताएं अकसर मुंह बाए खड़ी रहती हैं चूंकि यह नितांत व्यक्तिगत मसला होता है इसलिए बात या परेशानी उजागर नहीं होती लेकिन इस का यह मतलब नहीं कि वह हल हो गई. युवतियों को सैक्स संबंधी जानकारी जिन स्रोतों से मिल रही है वह वैज्ञानिक नहीं है इसलिए युवतियां सैक्सुअली जरूरत के मुताबिक तैयार नहीं हो पातीं जिस से दांपत्य के आनंद में खलल पड़ता है.

किसी युवती से यह पूछा जाए कि क्या वह सैक्सुला तैयार है तो शायद ही वह ईमानदारी से इस का जवाव हां में दे पाए. इस की बड़ी वजह सैक्स की बुनियादी जानकारी का न होना है और अधिकतर युवतियां इसे शादी के बाद का विषय मानते हुए कहेंगी कि देखेंगे वह तो अपनेआप हो जाता है.

अपनेआप के नुकसान

अपनेआप तो खेती भी होती है लेकिन वह जंगल और खरपतवार टाइप होती है जिस से किसी को फायदा नहीं होता. यही बात अपनेआप होने वाले सैक्स की मानसिकता को ले कर है कि इस की सारी जिम्मेदारी पुरुष की है. बिलाशक सैक्स अपनेआप हो सकता है लेकिन इस से मैरिड लाइफ का एक बड़ा सुख खुशी या उपलब्धि छिनती है. हमारे समाज में कभी भी किसी स्तर पर लड़कियों को सैक्सुअली तैयार या मैच्योर होने देने का माहौल कभी नहीं बनने दिया गया. उलटे उन्हें डराने और रोकने छत्तीसों लोग खड़े रहते हैं.

अब इस के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. नई पीढ़ी स्मार्ट है, ऊर्जावान है, कमाऊ है और महत्त्वाकांक्षी भी है. वह जिंदगी को जितना हो जिंदादिली से जी लेने में यकीन करती है. यह सब रहने, पहनने और खानपान के मामलों में तो बिंदास लागू होता है क्योंकि ये चीजें पैसे से खरीदीं लेकिन सैक्स के मामले में नहीं. निश्चित रूप से यह वर्जनाओं की वजह से है.

शादी की तैयारियों में किसी भी लड़की का सारा उत्साह फोटोग्राफी, ज्वैलरी, कपड़ों और दूसरी शौपिंग में देखते बनता है लेकिन सैक्स को ले कर उस की क्या तैयारियां हैं यह बात बहुत छोटे में सिमट कर रह जाती है. इस बात को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत हर युवती को है कि वह शादीशुदा जिंदगी के मद्देनजर सैक्स की अहमियत को शिद्दत से सम?ो और इस मानसिकता से बाहर आए कि सहवास ही सैक्स होता है.

बदल रही सोच

ऐसा गलत नहीं कहा जाता कि शादी के बाद शुरुआती दिनों का सैक्स अच्छी और सुखी जिंदगी की नींव रखता है. पहले युवतियां सोचती थीं कि अगर वे पति से सैक्स पर खुल कर बात करेंगी तो वह उसे अन्यथा लेगा और चरित्र पर भी शक करेगा. क्या आज भी ऐसा है इस बारे में लोगों की राय अलगअलग हो सकती है पर शादी के पहले मौडर्न युवा सैक्स पर चर्चा करने से कतराते नहीं. लेकिन एक बड़ा फर्क है.

भोपाल के एक बैंककर्मी सारांश का कहना है कि लड़कालड़की शादी के पहले एकदूसरे को सम?ाने के लिए मिलते हैं तो तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हैं मसलन फाइनैंशियल, पारिवारिक, कैरियर और सामाजिक. वे धीरेधीरे रोमांटिक भी होते जाते हैं लेकिन सैक्स पर खुल कर बात नहीं कर पाते. मु?ो लगता है कि फ्लैट कब लेंगे, कार कब खरीदेंगे जैसी प्लानिंग के साथसाथ सैक्स प्लानिंग भी जरूरी है. सारांश बताते हैं कि लड़के भी इस चर्चा में ?ि?ाकते हैं.

उन्हें लगता है कि सैक्स की बात करने पर होने वाली पत्नी की राय और इमेज उन के बारे में अच्छी स्थापित नहीं होगी. वह उन्हें लंपट सम?ा सकती है.

बकौल सारांश आप यह न सम?ों कि लड़के सैक्स के बारे में बहुत कुछ जानते हैं. हां वे बहुत कुछ जानने का दिखावा जरूर करते हैं लेकिन यदि पत्नी मैच्योर और सम?ादार हो तो बहुत सी उल?ानें और परेशानियां पैदा होने के पहले ही खत्म हो जाती हैं और रिश्ते की शुरुआत बेहद खुशनुमा होती है. ऐसे में युवती का रोल और ज्यादा अहम हो जाता है बशर्ते वह खुद को सैक्स के लिए तन और मन दोनों से तैयार कर ले.

इस के लिए जरूरी है-

आप को सैक्स के बारे में अधिकतम जानकारी हो और उस के सोर्स शैक्षणिक होने चाहिए. तभी आप खुद को सैक्सुअली फिट मान सकती हैं. इसे कुछ उदाहरणों से सम?ा जा सकता है. मसलन, पहली बार सैक्स के बाद ब्लीडिंग हो यह जरूरी नहीं लेकिन हां दर्द जरूर होता है. मगर यह कोई डरावनी या घबराने वाली बात नहीं है. यह बहुत कुदरती बात है और कुछ दिनों तक ही ऐसा होता है.

सैक्स के पहले फोर प्ले ज्यादा माने रखता है. यह असल में कला है इस के लिए खुद को तैयार रखें और पार्टनर को उत्साहित करती रहें. सिर्फ सहवास ही मकसद नहीं होना चाहिए. बेहतर तो यह भी होता है कि अच्छी सैक्स लाइफ और ऐंजौयमैंट के लिए शुरूआती दिनों में ज्यादातर ध्यान और कोशिश फोर प्ले की हो.

पुरुष जल्दी उत्तेजित होते हैं और कुछ ही देर में स्खलित होने की कोशिश करने लगते हैं. ऐसे में सब्र से पार्टनर को संभालें और सैक्स को लंबा से लंबा खींचने की कोशिश करें. अगर वह जल्दी डिस्चार्ज होने लगे तो अपनी तरफ से कुछ जाहिर न होने दें. इस से उस की परफौर्मैंस पर असर पड़ता है. इस से बचने के लिए बीच में ब्रैक ले सकती हैं.

मुमकिन है आप अपने ही प्राइवेट पार्ट्स की बनाबट के बारे में ज्यादा नहीं जानती हों लेकिन यह आप को मालूम होना चाहिए कि पेनिट्रेशन कहां से और कैसे होना चाहिए. न केवल

बनाबट बल्कि दूसरी सैक्स ऐक्टिविटीज के बारे में भी आप को शादी के पहले जानकारी इकट्ठा कर लेनी चाहिए जैसाकि पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरने की संभावना ज्यादा रहती है और सहवास के बाद वैजाइना में गीलापन कोई बीमारी नहीं होती.

यह बहुत स्वाभाविक बात है जिसे कुछ दिनों के अनुभव के बाद आप सम?ाने लगेंगी. हालांकि युवती खुद को कितना ही बोल्ड और ऐडवांस सम?ो शुरूशुरू में पेनिस को छूना तो दूर की बात है ज्यादा देर तक देखने में भी हिचकती है. और्गेज्म बहुत अहम होता है और यही असल सैक्स सुख होता है लेकिन शुरू के दिनों में इस तक पहुंचना या इसे महसूसना थोड़ा कठिन होता है. ऐसा दोनों के जोश के चलते भी हो सकता है इसलिए इसे सब्र से पाने की कोशिश करें.

सैक्स के शुरुआती दिनों में सैक्स के बाद यूरिन इन्फैक्शन भी बहुत आम बात है जो थोड़ी सी दवाइयों से ठीक हो जाता है. इस से घबराना नहीं चाहिए. ऐसी कई बातें और हैं जो आप को सैक्स के लिए बिना किसी डर के तैयार करती हैं. सैक्स को ले कर मन में कोई वहम या डर मजा खराब कर सकता है. इसलिए सैक्स हमेशा बिना किसी ?ि?ाक के करें और इस पर पति से बातचीत करती रहें.

जानिए महीने में कितनी बार करना चाहिए सैक्स

एक सुखी शादीशुदा जीवन में सेक्स बड़ी भूमिका निभाता है लेकिन सवाल ये है कि क्या इसकी भी कोई सीमा होनी चाहिए? पति-पत्नी के बीच सेक्स संबंधों को लेकर शोध होते रहते हैं. ऐसे ही एक शोध में बताया गया है कि महिलाओं की यौन संतुष्टि से ज्यादा जरूरी है कि सेक्स कितनी बार किया गया.

शोध के अनुसार वही महिला अपने यौन जीवन से संतु्ष्ट रहती है जो एक महीने में करीब 11 बार सेक्स करती है. ये वे महिलाएं हैं जिनकी शादी के कुछ साल बीत चुके हैं. लेकिन एक नवविवाहिता के लिए माह में 11 बार सेक्स नाकाफी होता है. उनकी सेक्स इच्छा इससे तीन से चार गुना अधिक होती है और तब भी वे संतुष्ट नहीं होती.

प्रसिद्ध लेखक, साइकोथेरेपिस्ट और इस शोध के प्रमुख लेखक एम गैरी न्यूमैन ने सुझाव दिया है कि शादी के दो वर्षों के बाद शादीशुदा जोड़ों को अपने प्रेम संबंध की निकटता और उत्तेजना को पहले की तरह बनाए रखना चाहिए. उनका कहना था कि तेज़ भागते जीवन की वजह से जोड़ों के बीच सेक्स कम होता जाता है.

न्यूमैन का कहना है कि उनके शोध का मकसद यह पता करना था कि एक दम्पत्ति को महीने में कितनी बार संबंध बनाने चाहिए.

इस तरह रोमांस में बनी रहेगी ताजगी

आप की शादी के कुछ साल हो गए. अब आप दिन में कितनी बार एकदूसरे का हाथ थामते हैं? आंखों से कितनी बार एकदूसरे को मौन निमंत्रण देते हैं? कितनी बार एकदूसरे को गले लगाते हैं? अगर आप का जवाब नकारात्मक है, तो संभल जाएं क्योंकि यह आप के रिश्तों की मिठास को कड़वाहट में बदलने की शुरुआत है. वैसे घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि रिश्तों की ताजगी कहीं जाती नहीं. बस, भीड़ भरे रास्तों पर गुम हो जाती है. इसे ढूंढ़ने के लिए यहां दी गई बातों पर अमल करेंगे, तो बदलाव खुद ब खुद महसूस करेंगे.

करें कुछ नया

कहा जाता है कि प्यार एक एहसास है, लेकिन सच तो यह है कि शादी के बाद प्यार सिर्फ एक एहसास नहीं होता. बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में जिन बातों को अपनाने से हमारे जीवनसाथी को खुशी, संतुष्टि, नयापन मिलता हो, वही प्यार है. पति को गिफ्ट देना, मदद करना, लैटर लिखना आम बातें हैं. अब यह परिपाटी बहुत पुरानी हो चुकी है.

आप कुछ ऐसा अलग हट कर करें, जिस में नयापन हो. जैसे, विशेष अवसरों पर अपने पति को गिफ्ट तो सभी देते हैं, लेकिन शौपिंग कांपलैक्स में जब आप उन की पसंद की चीज उन्हें रोमांटिक अंदाज में देंगी, तो उपहार का मजा दोगुना हो जाएगा.

बीती बातों को याद करें

रोजरोज की जाने वाली एक जैसी बातों से अकसर बोरियत होने लगती है. ऐसे में कुछ अलग हट कर करें. जैसे, अगर आप की लव मैरिज है तो पति से सवाल करें कि अगर घर वाले आसानी से शादी के लिए न माने होते, तो? अगर हमारी शादी न हुई होती, तब तुम क्या करते? क्या तुम मेरे बिना रह पाते? ऐसे सवाल करने पर वे सोच में पड़ जाएंगे, पर बातों के जवाब अच्छे मिलेंगे, जो आप की बातचीत को एक नयापन देंगे. इसी तरह दोनों एकदूसरे को अपने कुछ अच्छे पलों को याद दिलाएं. यदि आप दोनों कामकाजी हैं, तो दफ्तर में फुरसत पाते ही मौका ढूंढ़ कर एकदूसरे को फोन करें. वह भी उसी शिद्दत के साथ, जैसे शादी के शुरुआती दिनों में आप किया करते थे.

हमेशा की तरह फाइव स्टार होटल में कैंडल लाइट डिनर करने के बजाय किसी छोटे से पुराने रेस्तरां में सरप्राइज डिनर पर जाएं, जहां आप शादी से पहले भी जाया करते थे. आप दोनों कालेज के उन पुराने दोस्तों को बुला कर, जिन्होंने आप का हर पल साथ दिया हो, छोटी सी पार्टी दें. ऐसा करने से आप की पुरानी यादें ताजा होंगी. कभीकभी पति के लिए भी तैयार हो जाएं. यकीन मानिए, वे खुश हो जाएंगे आप का यह रूप देख कर.

छेड़छाड़ का सहारा लें

इस के साथ ही आप छोटीमोटी चुहलबाजी और छेड़खानी करना शुरू कर दें. पति से फ्लर्ट करने पर जो मजा आएगा, वह कभी कालेज में लड़कों को छेड़ने पर भी नहीं आया होगा. पति को कोई अजनबी लड़का समझ छेड़ें और परेशान करें. कभी उन के औफिस बैग में बेनाम लव लैटर और कार्ड रख दें, तो कभी एक दिन में कई बार उन के फोन पर अननोन नंबर से मिस्ड कौल दें. फिर देखिएगा, यह पता लगते ही कि यह शरारत करने वाली आप थीं, वे कैसे आप से मिलने के लिए बेचैन हो उठते हैं.

सजना के लिए सजना

पार्टी या शादी में जाने के लिए तो सभी सजते हैं, लेकिन क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप अपने पति के लिए तैयार हुई हों. इसे बेकार की झंझट मत समझिए. जब आप बिना किसी मौके के उन के मनपसंद रंग में सज कर उन के पास जाएंगी, जो सिर्फ उन के लिए होगा, तो यकीनन उन की नजरें आप पर से हटेंगी नहीं.

इन्हें नजरअंदाज न करें

– वे जोड़े ज्यादा खुश रहते हैं, जो शाम को अपनी शिकायतों का पिटारा नहीं खोलते. शिकायत करने पर पतिपत्नी एकदूसरे से बचने के बहाने ढूंढ़ने लगते हैं.

– वे पतिपत्नी ज्यादा खुश रहते हैं जिन का कम से कम एक शौक आपस में मिलता हो. ऐसी रुचियां उन्हें आपस में बांधे रखती हैं तथा रिश्तों में प्रगाढ़ता लाती हैं.

– कुछ शब्दों को बारबार कहना और सुनना अच्छा लगता है. जैसे, ‘आई लव यू’, ‘आई एम औलवेज विद यू’ आदि. इस से पार्टनर को एहसास होता है कि आप कितने लविंग और केयरिंग हैं.

– कुछ शारीरिक स्पर्श ऐसे होते हैं, जो पार्टनर को आप की भावना समझने में मदद करते हैं. जैसे, जातेजाते कंधा टकराते जाना, पार्टनर का हाथ दबाना या छू लेना और खाना खाते समय टेबल के नीचे से पैरों का स्पर्श या हाथ पकड़ लेना.

सेहत: सैक्स रोगों की अनदेखी न करें

सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.

सैक्स से जुड़े रोग वैवाहिक संबंधों पर सीधा असर डालते हैं. जैसे कोई पार्टनर सैक्स संबंध के लिए मन से तो तैयार होता है, लेकिन उस का शरीर सहयोग करने से इनकार कर देता है. ऐसा अगर बारबार होने लगे तो डिप्रैशन जैसे हालात बन जाते हैं.

मर्दों में सैक्स कमजोरी की कई वजहें होती हैं, जो मानसिक और शारीरिक दोनों हो सकती हैं. पर घबराने की कोई बात नहीं, क्योंकि इन का इलाज सही डाक्टर से हो सकता है. जरूरी यह है कि आप शरमाएं नहीं और माहिर डाक्टर के पास जाएं. वजह, सैक्स रोग ऐसे होते हैं, अगर इन्हें छिपाया गया तो ये अपने साथसाथ पार्टनर की हैल्थ पर भी बुरा असर डाल सकते हैं.

मर्दों में शीघ्रपतन, तनाव, अंग से सफेद पदार्थ गिरना, अंग के आगे दाने होना जैसे सैक्स रोग हो सकते हैं. पर मर्द ज्यादातर उन्हें दबा देते हैं, क्योंकि कई बार उन्हें लगता है कि अगर वे अपने सैक्स रोगों की चर्चा करेंगे, तो यह मर्दाना कमजोरी मानी जाएगी.

इसी डर से वे किसी माहिर डाक्टर की जगह झोलाछाप डाक्टरों या जड़ीबूटी देने वालों के पास चले जाते हैं, जहां उन्हें फायदे की जगह नुकसान हो जाता है. कई बार लोग मैडिकल स्टोर से सीधे ही दवा ले कर खा लेते हैं. इस में भी नुकसान का खतरा होता है.

औरतों के सैक्स रोग

अपने साथी के साथ सैक्स संबंध बनाने के दौरान अगर कम इच्छा, लगातार दर्द का सामना करना पड़ रहा है, तो इस की वजह सैक्स रोग हो सकते हैं. मर्दों के मुकाबले औरतों को ज्यादा सैक्स से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

औरतों को होने वाली सैक्स समस्याएं किसी भी उम्र में कुछ समय से ले कर उम्रभर तक भी साथ रह सकती हैं. इस वजह से उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

औरतों, इस में लड़कियां भी शामिल हैं, को होने वाले सैक्स रोगों की वजहों को 2 भागों में बांटा जा सकता है, पहला शारीरिक और दूसरा मनोवैज्ञानिक.

अगर कोई औरत पहले किसी शारीरिक या यौन शोषण से जूझ चुकी है, तो उसे सैक्स करने के दौरान डर रहता है. इसी वजह से उसे सैक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

अगर किसी औरत को अपना पार्टनर पसंद नहीं आता है, तो उस की वजह से भी वह सैक्स संबंधित समस्याओं का सामना कर सकती है. उसे अपने पार्टनर के साथ सैक्स करने की इच्छा नहीं होती. इस वजह से उसे मानसिक बीमारियां हो सकती हैं. जब कोई डिप्रैशन से जूझता है, तो उस की सैक्स संबंधों में दिलचस्पी खत्म होने लगती है.

 रोग की शारीरिक वजह

अगर कोई औरत लगातार एंडोमेट्रियोसिस, डिंब ग्रंथि के सिस्ट, गर्भाशय फाइब्रोएड और अंग से बदबूदार पानी निकलने की बीमारियों से जूझ रही है, तो उसे सैक्स करने के दौरान दर्द होगा. इस से सैक्स रोग बढ़ सकते हैं.

औरतों में सब से ज्यादा हार्मोनल बदलाव होता है, जिस की वजह से उन्हें सैक्स संबंधित रोगों का ज्यादा सामना करना पड़ता है. इस में उन्हें अंग में सूखापन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

कम एस्ट्रोजन का लैवल भी सैक्स पर गलत असर डालता है. मीनोपौज, सर्जरी और गर्भावस्था हार्मोन के लैवल पर असर डालती हैं.

इस के साथसाथ मधुमेह, गठिया, मल्टीपल स्कैलेरोसिस और दिल की बीमारी भी सैक्स की ताकत पर बुरा असर डालती हैं. नशीली दवाओं की लत या शराब ज्यादा पीने से भी औरतों को सैक्स रोग हो सकते हैं.

अगर कोई औरत अपने अंग में सूखापन महसूस करती है, तो यह भी सैक्स रोग का लक्षण हो सकता है. अंग का सूखापन स्तनपान या मीनोपौज के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाब के चलते हो सकता है, जो कुछ समय के लिए होता है. लेकिन अगर इस ओर ध्यान न दिया जाए, तो यह जिंदगीभर भी रह सकता है.

न छिपाएं, डाक्टर को बताएं

सैक्स रोगों को छिपाएं नहीं, बल्कि उन के बारे में अपने डाक्टर को बताएं. आजकल मर्दाना और जनाना दोनों ही तरह के सैक्स रोगों के जानकार डाक्टर सही सलाह देने के लिए आसानी से मिल जाते हैं.

झोलाछाप डाक्टरों से बचें, क्योंकि वे आप को सही जानकारी देने के बजाय उलझाने का काम करते हैं. मनोवैज्ञानिक वजहों को किसी माहिर डाक्टर से बात कर के सुलझा सकते हैं. अपने साथी को अपनी परेशानी जरूर बताएं. अगर कोई शारीरिक रोग है, तो डाक्टर दवाएं दे कर उन्हें दूर करते हैं.

सैक्स के दौरान दर्द को कम करने के कई उपाय होते हैं. संतुलित आहार भी जरूर लें, ताकि शरीर अंदर से मजबूत बन सके. इस का भी सैक्स लाइफ पर असर पड़ता है.

वर्जिन गर्लफ्रैंड से सेक्स की अनूठी चाह

नेहा और सोहन की दोस्ती को अभी 2 महीने ही हुए थे कि सोहन उसे बातबात में टच करने की कोशिश करता. जब उसे यह बात पता चली कि नेहा वर्जिन है, तो वह उसे बहाने से एकांत में, होटल वगैरा में ले जा कर सैक्स करने को उत्तेजित करता. सोहन की यह बात नेहा को पसंद न आई औैर उस ने साफ कह दिया कि मेरे लिए सैक्स शादी के बाद ही उचित है. यह बात सुन सोहन भड़क उठा, क्योंकि उस के दोस्त भी उस का मजाक बनाते थे कि यार तू कैसा लड़का है जो अपनी गर्लफ्रैंड को इतने समय में भी सैक्स के लिए राजी नहीं कर पाया. ऐसे में उस ने बिना सोचेसमझे नेहा से ब्रेकअप कर लिया.

ऐसा सिर्फ नेहा औैर सोहन के साथ ही नहीं बल्कि अधिकांश युवकों के साथ होता है, क्योंकि उन के लिए प्यार के माने गर्लफ्रैंड से सैक्स है. ऐसे में जब आप को पता चले कि आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन है तो उस पर जबरदस्ती वर्जिनिटी तोड़ने का दबाव न डालें औैर न ही खुद किसी दबाव में आएं बल्कि संयम बरतते हुए उसे वक्त दें ताकि वह तैयार हो जाए, आपसी सहमति से रिलेशन बनाने के लिए.

जब गर्लफ्रैंड हो वर्जिन

1. रखें खुद पर संयम

गर्लफ्रैंड वर्जिन हो और आप का खुद पर कंट्रोल मुश्किल हो रहा हो तो भी आप को संयम बरतना होगा. ऐसा न हो कि मौका मिलते ही चालू हो जाएं. भले ही आप के लिए यह पहला मौका नहीं है लेकिन आप की गर्लफ्रैंड का यह पहला चांस है. ऐसे में उसे चीजों को समझने में वक्त लगेगा और आप को भी उस की फीलिंग्स की कद्र करनी पडे़गी, तभी यह रिश्ता लंबे समय तक चल पाएगा.

2. बातोंबातों में प्यार दें

अपनी गर्लफ्रैंड को कभी प्यार से हग करें तो कभी उस के गालों पर किस करें, जब वह आप के प्रति करीबी महसूस करने लगे तो उसे समझाएं कि यह भी खूबसूरत एहसास है.

3. वर्जिन गर्लफ्रैंड से न करें सैक्स

वर्जिन गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने में उसे हर्ट हो सकता है, जिस कारण वह दोबारा कभी सैक्स करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी. अत: गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने की जिद न करें.

4. वर्जिन गर्लफ्रैंड को न समझें दब्बू

बातबात पर उसे यह कह कर नीचा दिखाने की कोशिश न करें कि यार तेरे तो कुछ बस का ही नहीं है, तभी तो तू आज तक वर्जिन है. हर समय डरती रहती है. तू तो मुझे खुश करने के लिए कुछ भी नहीं करती जबकि रेखा को देख वह अपने बौयफ्रैंड के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है. तू तो हमेशा ऐसे ही ढीलीढाली बनी रहेगी.

आप की ऐसी बातें सुन कर जहां वह दुखी होगी वहीं आप से दूरी भी बना लेगी.

5. ड्रिंक पिला कर न करें जबरदस्ती

आप की गर्लफ्रैंड अभी रिलेशन बनाने के मूड में नहीं है, लेकिन आप उस पर बारबार दबाव डाल रहे हैं. ऐसे में अपने ऐंजौयमैंट के लिए आप नशीला ड्रिंक पिला कर उस के साथ जबरदस्ती करने लगेंगे तो इस से भले ही आप को कुछ पल का मजा मिल जाए, लेकिन यह मजा आप के लिए हमेशा की सजा भी बन जाएगा. इसलिए भूल कर भी यह गलती न करें.

6. वर्जिनिटी को न बनाएं इश्यू

आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन नहीं है तो इस का अर्थ यह नहीं कि सैक्स के दौरान ब्रेकअप कर बैठें, जो ठीक नहीं है.

वर्जिनिटी की तय दकियानूसी बातें जैसे झिल्ली फटना आज के संदर्भ में महत्त्व नहीं रखतीं. आज युवतियां हर तरह के इवैंट्स में भाग लेती हैं. उन्हें स्वयं ही पता नहीं चलता कि कब उन की झिल्ली फट गई. इसलिए इन बातों को आधार बना कर अपनी प्रेम लाइफ को कष्टकारी न बनाएं.

7. वर्जिनिटी न पड़ जाए भारी

आप किसी पार्टी में गए हुए हैं और वहां आप की मुलाकात किसी ऐसी युवती से हो जाए जो वर्जिन हो. यह बात आप को उस से बात करने के दौरान पता चले औैर यह सुन कर ही आप उस से इंप्रैस हो कर उसे अपनी गर्लफ्रैंड बनाने का औफर दे डालें तो यह आप की सब से बड़ी भूल होगी.

हो सकता है कि वह अपने वर्जिन होने के ढोंग से आप को अपनी ओर आकर्षित करना चाह रही हो, जबकि इस के पीछे मकसद आप को फंसाना हो.

8. पोर्न वीडियोज देख कर न हों उत्तेजित

भले ही आप को सैक्स के बारे में नौलेज नहीं है, लेकिन बौयफ्रैंड को इंप्रैस करने के चक्कर में यदि आप पोर्न वीडियोज देखने लगें, तो इस का आप पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इस में पार्टनर के साथ दिखाए गए अधिकांश ऐक्शंस वास्तविक नहीं होते, लेकिन अगर आप इन्हें अपनी वास्तविक सैक्स लाइफ में अप्लाई करेंगे तो इन से आप को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

9. युवतियां वर्जिनिटी को न बनाएं पार्टनर की कमजोरी

बातबात पर पार्टनर को यह कहना कि तुम्हें मुझ जैसी वर्जिन गर्लफ्रैंड कभी नहीं मिलेगी औैर यह कह कर हर बार फरमाइशों की लिस्ट उस के सामने न रख दें. ऐसे में आप का बौयफ्रैंड भले ही थोड़े समय के लिए आप की मांगों को पूरा कर दे लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब वह आप से दूर जाने में ही भलाई समझेगा. इसलिए अगर आप का पार्टनर आप से सच्चे दिल से प्यार करता है तो उस की कद्र करें न कि उसे अपनी वर्जिनिटी से ब्लैकमेल करने की कोशिश करें.

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