स्कॉटलैंड: बेटी के बलात्कारी को सजा दिलाने के लिए पिता का संघर्ष

रेटिंग :  3 स्टार

निर्माता : जैनिया इबोरेक  व मनीष वात्सल्य

निर्देशक : मनीष वात्सल्य

कलाकार : मनीष वात्सल्य, दया शंकर पांडे , चेतन पंडित, अमित गाजी, अदम सैनी, खुशबू पुरोहित, समर कत्यान व अन्य.

ओटीटी प्लेटफॉर्म : शेमारू मी बॉक्स ऑफिस

अवधि : 2 घंटे 1 मिनट

रोमांचक,  राजनीतिक रोमांचक के साथ पारिवारिक रिश्तों,  असामान्य अपराध कथाओं को रोचक तरीके से फिल्मों में पेश करने में महारत रखने वाले फिल्मकार मनीष वात्सल्य इस बार बलात्कार की सत्य घटनाओं पर आधारित अपराध व रोमांचक  फिल्म “स्कॉटलैंड” लेकर आए हैं, जो कि 7 अगस्त से ओटीटी प्लेटफार्म शेमारू  बॉक्स ऑफिस पर देखी जा सकती है. मनीष वात्सल्य की यह फिल्म ऑस्कर 2020 की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की प्रतियोगिता का भी हिस्सा है. यह फिल्म 7 अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड जीत चुकी है.

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कहानी:

मुंबई शहर में रह रहे विधायक बलवीर शेलार (चेतन पंडित) अपनी मां के ऑपरेशन के लिए स्कॉटलैंड (लंदन) से न्यूरो सर्जन डॉक्टर ब्रज दीवान (आदम सैनी) को बुलाते हैं . डॉक्टर ब्रज दीवान अपनी बेटी तान्या (खुशबू पुरोहित) के साथ मुंबई पहुंच कर विधायक शेलार की मां का सफल ऑपरेशन कर देते हैं. दूसरे दिन विधायक शेलार अपने घर पूजा के मौके पर दीवान उनकी बेटी को बुलाते हैं .जहां तान्या चार युवकों रोनी शेलार, संजू शेलार (समर कात्यान), बलविंदर उर्फ बंटी और फैजल (अमीन गाजी) को आशा (कशिश राय) का बलात्कार करते देख शोर मचाती है .एमएलए शेलार अपने 30 वर्ष पुराने ड्राइवर हरिराम पांडे (दया शंकर पांडे)से पुलिस को फोन करने के लिए कहते हैं, पर आशा रोक देती है.पता चलता है कि हरीराम पांडे की बेटी है आशा, जिसे बलवीर शेलार ने मुंह बोली बेटी बना रखा है. आशा, विधायक शेलार के बेटों रोनी और संजू को राखी बांधती है.

मगर जब हरीराम पांडे कार से डॉक्टर ब्रज दीवान और उनकी बेटी तान्या को उनके घर छोड़ने जा रहा होता है, तो रास्ते में रोनी,संजू, बंटी और फैजल उनकी कार को रोककर जबरन तान्या को अपने साथ ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार करके घायल अवस्था में सड़क पर छोड़ देते हैं .इमानदार एसपी इसकी जांचकर चारों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सारे सबूत इकट्ठा करता है. मगर अदालत में विधायक के रुतबे के चलते सारे सबूत और गवाह बदल जाते हैं. आशा और हरिराम पांडे भी अदालत में अपना बयान बदल देते हैं.अदालत चारों को बाइज्जत बरी कर देती है.विधायक शेलार तुरंत इमानदार एसपी का तबादला करा देते हैं।.अब नए एसपी दुखहरण सिंह (मनीष वात्सल्य) आ जाते हैं, जिनकी कार्यशैली बहुत अलग है. उधर आशा अपने पिता के सामने रोते हुए कबूल करती है कि शेलार के दोनों बेटों व उनके दो दोस्त पिछले 5 वर्षों से उसके साथ बलात्कार करते आए हैं ,पर अब तक वह चुप थी.अब हरीराम पांडे अपनी बेटी आशा को न्याय दिलाने के लिए, डॉक्टर ब्रज दीवान को उनकी बेटी तान्या को न्याय दिलाने के लिए हाथ मिला लेता है .फिर फैजल, बंटी, संजू की हत्याएं होती हैं. एसपी दुखहरण सिंह सच जानकर भी चुप रहते हैं.अंत में तान्या के हाथों रोनी शेलार मारा जाता है. दुखहरण सिंह, डॉक्टर ब्रज दीवान को बेटी तान्या के साथ स्कॉटलैंड वापस जाने के लिए कह देते हैं. खुद एसपी दुखहरण सिंह कहते हैं कि अपराध की जांच करते हुए पुलिस अफसर ऐसे सत्य से परिचित होता है कि उसके लिए कानून और जस्टिस के मायने बदल जाते हैं.

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लेखन व निर्देशन:

बलात्कार जैसे अपराध ,पारिवारिक व सामाजिक रिश्ताें,  राजनीति और पुलिस के गठजोड़, राजनीतिज्ञ के प्रभाव से बदलते अदालती निर्णय के साथ न्याय की लड़ाई को लेकर एक बेहतरीन पटकथा के चलते ‘स्कॉटलैंड’ अंत तक दर्शकों को बांध कर रखती है. निर्देशक मनीष वात्सल्य ने एक विधायक कितना प्रभावशाली हो सकता है, इसका सटीक व सार्थक चित्रण करते हुए इन सफेदपोश अपराधियों पर कुठाराघात करने में सफल रहे हैं.

फिल्म के अंदर विधायक शेलार का एक संवाद है, जब वह डॉक्टर ब्रज दीवान से कहते हैं -“आपको जो कुछ चाहिए बताएं ,मगर यह कुरुक्षेत्र है और इस कुरुक्षेत्र के यह चारों बच्चे सिपाही हैं. तो इन सिपाहियों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है.” यह संवाद अपने आप में देश की सामाजिक व राजनीतिक हालातों पर बहुत कुछ कह देता है.

 अभिनय:

डॉक्टर ब्रज दीवान के किरदार को निभाने वाले अभिनेता आदम सैनी की बतौर अभिनेता पहली फिल्म हैं, मगर वह एक  मंजे हुए कलाकार के रूप में उभरते हैं. वैसे वह अभिनेता बनने से पहले स्कॉटिश  पुलिस फोर्स में काम कर चुके हैं.तान्या के किरदार में खुशबू पुरोहित ने शानदार अभिनय किया है.30 वर्षों से स्वामि भक्ति और बलात्कार पीड़ित अपनी बेटी को न्याय दिलाने की जद्दोजहद और कशमकश के बीच फंसे हरीराम पांडे के किरदार में दया शंकर पांडे ने अपने अभिनय से जान फूंक दी है. मनीष वात्सल्य, कशिश रॉय, राजीव राणा ने ठीक-ठाक अभिनय किया है. चालाक,  काइयां और खुद की स्वच्छ छवि को बरकरार रखने के लिए किसी भी हद तक जाने वाले राजनेता बलवीर शेलार  को चेतन पंडित ने अपने अभिनय से जीवंतता प्रदान की है.

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