सरस सलिल भोजपुरी अवॉर्ड 2022: सोशल मीडिया पर जम कर मिली तारीफ

हाल ही में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में हुए तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ की कामयाबी ने सब का दिल जीत लिया. हर तरफ इस अवार्ड शो के ही चर्चे रहे. क्या आम और क्या खास, सभी ने पारदर्शी तरीके से हुए इस अवार्ड शो की जम कर तारीफ की.

इस अवार्ड शो में जिन फिल्मों, टैक्निशियनों और ऐक्टरों को बैस्ट कैटेगरी के लिए चुना गया था, उन के नामों की घोषणा जब अवार्ड के स्टेज से की गई तो तालियों की गड़गड़ाहट यह बता रही थी कि जिन नामों का चयन इस बार जूरी द्वारा किया गया है, वे इस अवार्ड के लिए कितने हकदार थे.

हर तरफ अवार्ड की चर्चा

तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ शो में बैस्ट कैटेगरी से नवाजे गए लोगों को मिल रही बधाइयां इस बात की गवाह रही हैं कि यह अवार्ड लोगों का यकीन जीतने में कामयाब रहा.

भोजपुरी बैल्ट के लोगों को अपनी ऐक्टिंग का कायल बना चुके भोजपुरी सुपरस्टार अरविंद अकेला ‘कल्लू’ ने अपने फेसबुक पर लिखा, ‘कहा जाता है कि सब्र का फल मीठा होता है और पुरस्कार हमेशा कलाकार का मनोबल बढ़ाता है. अपने अभिनय जीवन के 11 साल गुजारने के बाद मुझे कल रात फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ नायक 2021’ का अवार्ड मिला.

‘यह अवार्ड मैं अपने पिता के उस संघर्ष को समर्पित करता हूं, जिस के कारण आज मैं हूं. मेरे साथ मेरी फिल्म को 12 अवार्ड मिलने पर मेरी खुशी दोगुनी हो गई है. पूरी टीम को बधाई. हमारी मेहनत रंग लाई.

‘मैं उन तमाम निर्माताओं और निर्देशकों का आभारी हूं, जिन के कारण मेरी अभिनय यात्रा सतत चलती रही और आगे भी उन का प्यार और आशीर्वाद इसी तरह बना रहे.’

अरविंद अकेला ‘कल्लू’ के इस पोस्ट को फेसबुक पर तकरीबन 60,000 लोगों के ‘लाइक’ मिले, वहीं इंस्टाग्राम पर तकरीबन 16,000 ‘लाइक’ मिले.

‘बताशा चाचा’ के नाम से मशहूर ऐक्टर और कौमेडियन मनोज सिंह ‘टाइगर’ ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर के कहा कि इस वीडियो को बनाने के पीछे का एक खास मकसद है. कुछ ऐक्सप्रैशंस देखे, कुछ वीडियो देखे. विनोद मिश्राजी का, ‘कल्लू’ का, सुनील मांझी और तमाम सारे कलाकारों को स्टेज पर बोलते हुए देखा.

‘सरस सलिल’ का जो अवार्ड फंक्शन, जो बस्ती में हुआ, बड़ी खुशी हुई कि यार, ये भी टैलेंटेड हैं. ‘कल्लू’ 11 साल से सिनेमा कर रहा है और यह बात मेरे दिमाग में ही नहीं आई कि

11 साल से उस बच्चे को अवार्ड ही नहीं दिया गया. एक ऐक्टर के तौर पर क्या उस ने कोई काम ही नहीं किया था कि उसे पुरस्कार मिले.

विनोद मिश्रा इतने उच्च कोटि के कलाकार हैं… इतने सालों में उन्हें कभी मंच पर बुलाया ही नहीं गया था अवार्ड के लिए. यह सोचने वाली बात है. ‘सरस सलिल’ ने ऐसे कलाकारों को बुला कर अवार्ड दिए इस से मुझे दिल से खुशी मिली है.

मनोज सिंह ‘टाइगर’ के इस वीडियो को फेसबुक पर तकरीबन 45,000 लोगों ने देखा और सराहा.

भोजपुरी फिल्म निर्माता, लाइन प्रोड्यूसर व ऐक्टर जनार्दन पांडेय उर्फ ‘बबलू पंडित’ ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा कि ‘सरस सलिल’ के मंच पर  ‘बैस्ट लाइन प्रोड्यूसर’ का अवार्ड मिलना 8 सालों की मेहनत का फल है. धन्यवाद देना है दिल्ली प्रैस परिवार व ‘सरस सलिल’ पत्रिका को, जिन्होंने मुझे इस लायक समझा.

एक फेमस फिल्म पत्रकार ने ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ की निष्पक्ष समीक्षा करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि मैं आमतौर पर किसी भी अवार्ड शो की आलोचना या जबरदस्ती की तारीफ नहीं करता, लेकिन सोशल मीडिया पर हर अवार्ड के बाद अवार्ड समीक्षकों की बाढ़ आ जाती है. हर अवार्ड विशेषज्ञ अपनेअपने ढंग से उसे विश्लेषित करता है.

खैर, यह उन की सोच है और सब की अपनीअपनी सोच होती है, मुझे उस से कोई आपत्ति नहीं. चाहे विनोद गुप्ताजी का अवार्ड हो, कुलदीप श्रीवास्तवजी का सबरंग हो, अभय सिन्हाजी का अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड हो, सरस सलिल अवार्ड हो, ग्रीन सिनेमा अवार्ड हो, पिछले साल से लखनऊ में हमारे पत्रकार बिरादरी के दुबेजी का अवार्ड हो या कोई और हो, इन सब में जो अच्छी बात मुझे व्यक्तिगत रूप से अच्छी लगती है वह है अवार्ड के बहाने भोजपुरी की चर्चा.

भोजपुरी फिल्म जगत की बात आते ही इन से जुड़े लोग (बाहरी नहीं) ऐसे मुंहनाक सिकोड़ देते हैं, जैसे कड़वी दवा खा ली हो. अश्लीलता, अश्लीलता और अश्लीलता… बस यही रचाबसा है उन के जेहन में.

खैर, अब सैंसर बोर्ड की रिपोर्ट देखें, तो साल 2021 में सब से कम ‘ए’ सर्टिफिकेट वाली फिल्में भोजपुरी की ही रही हैं. हमारा मुद्दा यहां अश्लीलता नहीं अवार्ड है. जब से अवार्ड की शुरुआत हुई है और आज तक जितने भी अवार्ड हुए हैं, उन में मात्र 6 स्टार्स की फिल्मों को ही सर्वाधिक अवार्ड मिले हैं और इन्हीं

6 को बैस्ट ऐक्टर का अवार्ड मिला है. मतलब, तीसरे दौर की शुरुआत (2003) से ले कर अभी तक यानी 2022 तक मात्र 6 स्टार ही हुए हैं भोजपुरी में?

बस्ती में ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में अरविंद अकेला ‘कल्लू’ को बैस्ट ऐक्टर का अवार्ड मिला यानी वे 7वें ऐसे ऐक्टर बन गए, जिन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया है. 14 साल के अभिनय कैरियर, जिन में 11 साल से बतौर हीरो वे अभिनय कर रहे हैं, पहली बार उन को कोई अवार्ड मिला है यानी 14 साल तक वे आयोजकों की नजर में किसी अवार्ड के हकदार नहीं थे?

विनोद मिश्राजी कमाल के अभिनेता हैं, पर पहली बार उन्हें अवार्ड का हकदार समझा गया. सुशील सिंह के अभिनय की तारीफ हर कोई करता है, पर उन को अभी तक कितनी बार अवार्ड मिला है?

हर अवार्ड के आयोजन में लाखों खर्च होते हैं और टीवी चैनल के अलावा उन्हें मिलता क्या है? प्रायोजकों के नाम पर बहुत बड़ी राशि तो मिलती है नहीं, ऐसे में आयोजकों के फिल्मी मित्र की मदद अगर मिलती है तो बुराई क्या है? अगर खुद के खर्च पर आप लोगो को सम्मान दें तो भी आलोचना होगी ही, क्योंकि आज तक कोई ऐसा अवार्ड शो नहीं हुआ किसी भी फिल्म जगत में, जिस में सब संतुष्ट हुए हैं. जिन्हें मिलेगा उन के और उन के समर्थकों के लिए अच्छा और जिन्हें नहीं मिला उन के और उन के समर्थकों के लिए बुरा. एक वर्ग ऐसा भी है, जिन की नजरें सिर्फ कमियां देखती हैं.

खैर, हर अवार्ड के बाद 2-3 दिनों तक सोशल मीडिया पर भड़ास कार्यक्रम जारी रहता है. ‘सरस सलिल’ को ले कर भी ऐसा कलपरसों तक होगा. पर, मैं सराहना करूंगा ‘सरस सलिल’ टीम से जुड़े लोगों की, जिन्होंने एक अच्छा आयोजन किया. बोलने वालों का मुंह बंद करने और सोशल मीडिया पर अपनी ऊर्जा बरबाद करने से अच्छा है कि आयोजक अपने काम पर ही फोकस करें.

जानेमाने ऐक्टर संजय पांडेय ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा कि ‘सरस सलिल’ के अवार्ड शो में था कल, अच्छा लगा, बहुत कमियां भी थीं, बहुत खूबियां भी थीं. आसान होता है किसी व्यक्ति विशेष या आयोजन पर टिप्पणी करना, सिर्फ शब्द ही फेंकने हैं और एक लंबी बहस शुरू हो जाती है, उस में पैसा नहीं लगता, पर फिर भी अगर हम उन कमियों की ओर इशारा न करें तो बढ़ेंगी.

इस बात की तारीफ करूंगा कि ‘सरस सलिल’ में इस बार कुछ अवार्ड ऐसे थे, जो काबिलेतारीफ थे, जैसे इतनी फिल्में करने के बाद ‘कल्लूजी’ को अवार्ड देना. जो खुशी उन के चेहरे पर दिख रही थी, वह अद्भुत थी और वे हकदार थे…

और एक कलाकार, जिन का मैं बहुत बड़ा फैन हूं, वे हैं विनोद मिश्राजी. और विनोदजी ने जो मंच पर कहा, वह लाइन तो कमाल थी, हिल गया मैं सुन कर. आप से साझा कर रहा हूं… हमार श्रीमतीजी हम से हमेशा कहत रही कि एजी सब के अवार्ड मिलेला, आप के काहे नईखे मिलत… राउर कौनो जुगाड़ नईखे का ओईजा. ता देख ला हो आज हमरो जुगाड़ लाग गईल, ता ला हे वंदना मिश्रा तोरे पगला के भी आज अवार्ड मिल गईल. अरे सुन रही हो आज मुझे भी अवार्ड मिल गया.

आंखें भर आईं उन की ये बातें मंच पर सुन कर. आईना दिखा दिया उन्होंने. फिर भी अगर बात समझ में न आए तो अफसोस.

संजय पांडेय ने अंत में लिखा कि पोस्ट को विवादास्पद न बनाएं, दिल की बात कही है. आप का सहमत होना आवश्यक नहीं है.

उन्होंने अपने इस पोस्ट के साथ अवार्ड लेते हुए का कुछ सैकंड का एक वीडियो भी पोस्ट किया था जिसे फेसबुक पर तकरीबन 61,000 लोगों ने देखा.

तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में सितारों की धूम

बस्ती. अप्रैल महीने की शुरुआत में एक खुशनुमा शाम को बस्ती, उत्तर प्रदेश के होटल ‘बालाजी प्रकाश’ के प्रांगण में भोजपुरी सितारों का लगा जमघट, मौका था तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी अवार्ड शो’ का. साल 2021 में रिलीज हुई भोजपुरी फिल्मों के आधार पर अलग अलग कैटेगरी की फिल्मों के चयन के आधार पर फिल्म अवार्ड वितरित किए गए.

शाम 6 से ही यह अवार्ड शो शुरू हो गया था, जिस में भोजपुरी गानों, डांस और हंसी की ठहाकों का ऐसा तड़का लगा कि कब रात के 12 बज गए पता ही नहीं चला.

इस समारोह में संजना ‘सिल्क’ को ‘बेस्ट आइटम डांसर’ का अवार्ड मिला. फिल्म ‘फर्ज’ के लिए अनूप तिवारी ‘लोटा’ को ‘बेस्ट कॉमिक रोल इन क्रिटिक्स’ दिया गया, तो भोजपुरी के दमदार विलेन संजय पांडेय की झोली में फिल्म ‘घूंघट में घोटाला 2’ के लिए ‘बेस्ट विलेन’ का अवार्ड आया. रोहित सिंह ‘मटरू’ को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट कॉमेडी एक्टर’ का अवार्ड मिला, तो प्रमोद शास्त्री को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट डायरेक्टर’ का अवार्ड दिया गया.

फिल्म ‘बेटी नंबर वन’ के लिए विनय बिहारी को ‘बेस्ट सांग राइटर’ का अवार्ड मिला. शुभम तिवारी को फिल्म ‘बबली की बारात’ के लिए ‘फुल कॉमेडी मूवी श्रेणी’ में ‘बेस्ट एक्टर’ का अवार्ड मिला. तारकेश्वर मिश्र ‘राही’ को भोजपुरी सिनेमा में उन के शानदार योगदान के लिए ‘भिखारी ठाकुर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. अदिति रावत को फिल्म ‘जुगुनू’ के लिए ‘बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट’ का अवार्ड मिला, तो अनीता रावत को फिल्म ‘बाबुल’ के लिए ‘बेस्ट नैगेटिव रोल (फीमेल) दिया गया.

संजय श्रीवास्तव को फिल्म ‘दूल्हा ऑन सेल’ के लिए ‘बेस्ट डायरेक्टर इन सोशल मूवीज’ का अवार्ड मिला, तो देव सिंह को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट विलेन’ (क्रिटिक्स) का अवार्ड दिया गया.

भोजपुरी के स्टार कलाकार अरविंद अकेला कल्लू को फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘बेस्ट एक्टर’ और फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ही खूबसूरत यामिनी सिंह को ‘बेस्ट एक्ट्रेस’ का अवार्ड मिला. इसी फिल्म के लिए अमित हिंडोचा को ‘बेस्ट डायरेक्टर’ का अवार्ड दिया गया.

इस कार्यक्रम की सफल एंकरिंग शुभम तिवारी और डॉक्टर माही खान ने की और बहुत से नामचीन कलाकारों ने अपने डांस और गाने की प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया.

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