Sports News in Hindi: “अब कैंप (कुश्ती के लिए) आयोजित किए जाएंगे… जिन को कुश्ती करनी है वे कुश्ती कर रहे हैं, जो राजनीति करना चाहते हैं, वे राजनीति करें…” भारतीय कुश्ती महासंघ (Indian Wrestling Federation) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan sharan Singh), जो खुद इस के अध्यक्ष रह चुके हैं, के खेमे की जीत के बाद चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह (Sanjay Singh) ने यह बयान दिया था. उन का इशारा उन खिलाड़ियों की तरफ था, जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोरचा खोल कर उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ से बाहर कर दिया था. याद रहे कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न के आरोप लगा कर पहलवान साक्षी मलिक (Sakshi Malik), विनेश फोगाट (Vinesh Phogat), बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) समेत तमाम खिलाड़ियों ने कई हफ्तों तक दिल्ली के जंतरमंतर (Jantar Mantar) पर विरोध प्रदर्शन किया था.
इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की 354 , 354-ए, 354-डी और 506(1) जैसी धाराएं लगाई गई हैं.
अब चूंकि बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह जीत गए हैं, तो कुश्ती जगत में खलबली मचना लाजिमी था. उन के खिलाफ हारने वाली पूर्व पहलवान अनीता श्योराण ने कहा, “इतनी बड़ी लड़ाई लड़ी, इतना मुश्किल लग रहा था, उम्मीदें तो सब की थीं, हम बच्चियों के लिए लड़ रहे थे…
“अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. अन्याय के खिलाफ चुप तो नहीं बैठा जाएगा. पर अब सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है.”
हरियाणा की अनीता श्योराण राज्य पुलिस सेवा में कार्यरत हैं और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप में वे गवाह भी हैं.
साक्षी मलिक ने लिया संन्यास
संजय सिंह की जीत के बाद कई पहलवानों ने दिल्ली के प्रैस क्लब पर अपनी बात रखी, जहां ओलिंपिक मैडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा, “अगर अध्यक्ष बृजभूषण जैसा आदमी ही रहता है, जो उस का सहयोगी है, उस का बिजनैस पार्टनर है… वह अगर इस फैडरेशन में रहेगा, तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं. मैं आज के बाद आप को कभी भी वहां नहीं दिखूंगी.”
इस के बाद निराश साक्षी मलिक ने कुश्ती के अपने जूते मेज पर रख दिए.
साक्षी मलिक के इस फैसले पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “साक्षी मलिक के इस फैसले से मुझे क्या लेनादेना? मैं इस जीत का श्रेय देश के पहलवानों और भारतीय कुश्ती महासंघ के सचिव को देना चाहता हूं. मुझे उम्मीद है कि नई फैडरेशन के गठन के बाद कुश्ती प्रतियोगिताएं फिर से शुरू होंगी.”