हिटमैन के बल्ले से निकला पहला दोहरा शतक, तोड़ा सर डौन ब्रैडमैन का रिकौर्ड

भारतीय टेस्ट क्रिकेट में शायद लंबे अर्से वक्त बाद ऐसा नजारा देखने को मिल रहा था. टेस्ट क्रिकेट में भारत के पास वो वीरेंद्र सहवाग नहीं था जो टेस्ट में भी 100 के स्ट्राइक रेट से रन बरसाता था. टीम इंडिया लगातार प्रयोगों के दौर से गुजर रही थी लेकिन इस समस्या का निदान टीम के भीतर ही था. लंबे वक्त के बाद टीम इंडिया अब उस समस्या से बाहर आ गई है. टीम इंडिया की ओपनिंग जब से रोहित शर्मा ने करनी शुरु की तब से वो रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं. हालांकि अभी तक उनके सभी टेस्ट शतक भारत की सरजमी पर ही आए हैं लेकिन ये भी कुछ कम नहीं है. रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में एक नई लकीर खींच दी है.

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भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने रांची में अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक पूरा किया. इसके साथ ही रोहित शर्मा ने रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी. रांची में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन रोहित शर्मा ने 249 गेंदों में अपने टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 212 रन पूरे किए. इससे पहले रोहित ने उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 177 रन था, जो उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ कोलकाता में नवंबर, 2013 में बनाया था. हालांकि अपने टेस्ट करियर में रोहित तीसरी बार 150 से अधिक का स्कोर बनाने में कामयाब हुए हैं.

रोहित शर्मा टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल दोनों में 200+ का स्कोर करने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं. इससे पहले सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और क्रिस गेल यह कारनामा कर चुके हैं. रोहित शर्मा ने मौजूदा टेस्ट सीरीज में अब तक 19 छक्के जड़े हैं. इससे पहले यह कीर्तिमान वेस्टइंडीज के शिमरॉन हेटमेयर के नाम था, जिन्होंने 2018-19 में बांग्लादेश के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में 15 छक्के लगाए थे. इतना ही नहीं हिटमैन ने दिग्गज खिलाड़ी औसत के मामले में सर डॉन ब्रैडमैन का रिकॉर्ड भी तोड़ा है. घरेलू मैदान पर रोहित शर्मा की बल्लेबाजी औसत 99.84 का है. जबकि सर डॉन ब्रैडमैन ने घरेलू मैदान पर 98.22 की औसत रन बनाए हैं.

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रोहित शर्मा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस सीरीज में 100 से ज्यादा के औसत से तीन शतकों के साथ 529 रन पूरे कर लिए हैं. इसी के साथ वो तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं. रोहित से पहले वीरेंद्र सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाफ साल 2005 में बतौर ओपनर 500 से ज्यादा रन बनाए थे, जिसमें एक तिहरा शतक भी शामिल था.

रोहित शर्मा एक टेस्ट सीरीज में 500 या उससे ज्यादा रन बनाने वाले पांचवे भारतीय ओपनर बन गए हैं. हिटमैन से पहले विनोद मांकड़, बुद्धी कुंदेरम, सुनील गावस्कर और वीरेंद्र सहवाग ने एक टेस्ट सीरीज में 500+ रन बनाए थे. गावस्कर ने ये कारनामा पांच बार किया है. उन्होंने पांच टेस्ट सीरीज में 500+ रन बनाए थे.

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क्यों की जा रही वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा की तुलना?

आपको याद होगा रोहन गावस्कर की. रोहन महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर के बेटे हैं. मीडिया और फैंस ने उनकी तुलना गावस्कर से कर दी. लोगों की उम्मीदें उनसे बढ़ गईं. रोहन ने 2012 में क्रिकेट के हर फॉर्मेट को अलविदा कह दिया.

हालांकि इस खिलाड़ी का घरेलू करियर अच्छा रहा और उन्होंने 117 फर्स्ट क्लास मैच में 6938 रन बनाए लेकिन इसके बावजूद भी वो अंतरराष्ट्रीय करियर आगे नहीं बढ़ा सके. ऐसा बिल्कुल नहीं था कि रोहन गावस्कर का खेल बहुत बुरा था लेकिन बस उनकी तुलना और उम्मीदों ने पूरा करियर तबाह कर दिया.

आईसीसी रैंकिंग में भारतीय टीम विश्व की नंबर 1 टीम है. इस मैच में सबकी नजरें टिकी थीं रोहित शर्मा पर. उसका कारण था कि वो पहली बार टेस्ट टीम की अगुवाई करने जा रहे थे. मौका भी अच्छा था अपनी ही धरती पर मेहमानों को पटखनी देने का. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम टेस्ट मैच में पहली बार ओपनिंग करने उतरे रोहित शर्मा ने शानदार 176 रनों की पारी खेली. वनडे क्रिकेट में ओपनिंग की जिम्मेदारी संभालने के बाद दमदार प्रदर्शन करने वाले रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में भी मिले मौके को पूरे तरीके से भुनाया.

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रोहित शर्मा की टेस्ट ओपनर के तौर पर 176 रनों की दमदार पारी के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी तुलना और वीरेंद्र सहवाग से की. हालांकि, रॉबिन उथप्पा इस राय से इत्तिफ़ाक़ नहीं रखते। रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग की टेस्ट ओपनर के रूप में तुलना किए जाने पर रॉबिन उथप्पा ने कहा, ‘दोनों की तुलना करना सही नहीं है, उनकी बल्लेबाजी की अपनी शैली है. सहवाग और रोहित दोनों आक्रामक हैं और यही एक कॉमन बात है. सहवाग गेंद पर ज्यादा आक्रामण करते थे वहीं रोहित इसे सम्मान देते हैं. जिस तरह से रोहित शर्मा शॉट खेलते हैं वह सहवाग से काफी अलग है.’

रोहित शर्मा की पारी को देखकर क्रिकेट के भगवान भी अपना मत देने से रोक नहीं पाए. सचिन तेंदुलकर ने कहा कि ‘रोहित ने मिले मौके को भुनाया है और उन्हें अब यहां से अपने परफॉर्मेंस को आगे ले जाना है. इसके साथ-साथ सचिन ने कहा कि रोहित शर्मा प्रैक्टिस मैच में बिना कोई रन बनाकर आउट हुए थे लेकिन उन्होंने उस पारी को भुलाकर इस मैच में आए और कमाल की पारी खेली.

इसके साथ-साथ सहवाग और रोहित की तुलना पर सचिन ने कहा कि, दोनों की तुलना करना गलत है. रोहित शर्मा का अपना खेलने का स्टाइल है. सचिन ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी की तुलना किसी दूसरे खिलाड़ी से होना बिल्किुल गलत है.

सचिन तेंदुलकर ने आगे रोहित शर्मा के बारे में कहा कि अपनी बल्लेबाजी के दौरान जिस रणनीति के साथ रोहित ने वर्नन फिलेंडर जैसे तेज गेंदबाज का सामना किया वो दर्शाता है कि वो बल्लेबाजी करने आने से पहले अपनी बल्लेबाजी रणनीति बनाकर मैदान पर उतरे थे.

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रोहित शर्मा और सहवाग के बारे में कई दिग्गजों की टिप्पणी आई हैं. इन दोनों खिलाड़ियों की कोई तुलना नहीं हो सकती है क्योंकि दोनों अपना स्वभाविक खेलते हैं. सहवाग के क्षमता थी कि वो पहली गेंद को बाउंड्री पर पहुंचा सकते थे. वो क्रीज पर ज्यादा वक्त नहीं जाया करते. गेंदबाज पहली गेंद से ही सोच लेता था कि ये खिलाड़ी डिफेंस नहीं करेगा. रोहित शर्मा के साथ बिल्कुल उल्टा है.

शर्मा को क्रीज में वक्त लगता है. गेंदबाज शुरुआत में ही उनको आउट करने का प्रयास करते हैं और कई बार वो ऐसा करने में सफल हो जाते हैं. रोहित शर्मा के शॉट्स सेलेक्शन और सहवाग के शाट्स सेलेक्शन में भी फर्क है. सहवाग क्रीज पर खड़े होकर भी बड़े शॉट्स खेलते हैं. लेकिन रोहित शर्मा फिलहार अभी ऐसा खेल नहीं दिखा पाए.

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