आप भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कैसे पहुंचीं? मैं जब पहली बार मुंबई आई, तो मैं ने कई जगहों पर औडिशन दिया था. वहीं से मुझे एक भोजपुरी फिल्म में काम करने का औफर मिला, जिस का नाम ‘नचनिया’ था.
पहले मैं भोजपुरी इंडस्ट्री में जाने से हिचक रही थी, लेकिन मराठी फिल्मों के डायरैक्टर समीर ने मेरा हौसला बढ़ाया और मुझे भोजपुरी फिल्में करने के लिए बढ़ावा दिया. उन्होंने कहा कि भोजपुरी सिनेमा के दर्शक अपने कलाकारों को न केवल इज्जत देते हैं, बल्कि प्यार भी करते हैं.
आप के भोजपुरिया फैंस ने आप को ‘हौटगर्ल’ का खिताब दे रखा है. इस से आप को कितनी खुशी होती है?
इस से बड़ी कामयाबी किसी हीरोइन के लिए क्या हो सकती है. हर कलाकार की इच्छा होती है कि उस के फैंस उसे प्यार करें. अगर मेरे चाहने वाले मुझे ‘हौटगर्ल’ के खिताब से नवाज रहे हैं, तो यह उन का प्यार ही है.
आप प्रवेशलाल यादव के साथ पहले भी काम कर चुकी हैं. उन के साथ लगातार काम करने की कोई खास वजह
सच कहूं तो प्रवेशलाल यादव बहुत ही अच्छे कलाकार हैं और उस से अच्छे इनसान भी हैं. इस के साथ ही वे मेरे अच्छे दोस्त भी हैं. कोई कलाकार अगर अच्छा दोस्त है, तो उस के साथ काम करने में मजा आता ही है.
ये भी पढ़ें- श्याम देहाती को यादकर फूट-फूटकर रोये खेसारी लाल
आप को प्रवेशलाल यादव की कौन सी बात सब से खास लगती है?
वे बड़े ही क्रिएटिव इनसान हैं. इस के साथ ही वे बड़े शांत स्वभाव के भी हैं. उन के साथ रह कर बहुतकुछ सीखा जा सकता है.
‘प्रीतम प्यारे’ एक पति की 2 पत्नियों वाली फिल्म है. इस में किस तरह की नोकझोंक दिखने वाली है?
आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि जिस पति की 2 पत्नियां होंगी, उस पर क्या बीतती होगी. इस फिल्म में भी यही दिखाने की कोशिश की गई है. ऐसी फिल्में भोजपुरी में बहुत ही कम बनती हैं. साथ ही, इस फिल्म में कौमेडी के साथसाथ रोमांस का भी तड़का है.
क्या आप मानती हैं कि पहले के बजाय भोजपुरी सिनेमा का प्रमोशन इन दिनों बढ़ा है?
बिलकुल बढ़ा है. आज भोजपुरी फिल्में बिहार, उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के कई शहरों में भी रिलीज हो रही हैं. इस के अलावा यूट्यूब पर एकएक फिल्म के करोड़ों दर्शक हैं. यह सिर्फ और सिर्फ भोजपुरी सिनेमा के प्रमोशन से ही मुमकिन हुआ है.
आप अकसर अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वर्कआउट करते हुए वीडियो और फोटो डालती रहती हैं. क्या वर्कआउट आप की जिंदगी का नियमित हिस्सा है?
वर्कआउट मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है. मैं जब भी शूटिंग से छूटती हूं, चाहे रात के 12 बज रहे हों, वर्कआउट जरूर करती हूं. मुझे बिना वर्कआउट के नींद ही नहीं आती है. मेरे स्लिम होने का राज भी वर्कआउट में ही छिपा है.
ये भी पढ़ें- आम्रपाली दुबे के बाद निरहुआ भी हुए कोरोना के शिकार, सरकारी नियमों को तोड़ना पड़ा भारी
आप की यामिनी सिंह के साथ कैसी जमती है?
यामिनी सिंह के साथ यह मेरी पहली फिल्म है. लेकिन मुझे ऐसा बिलकुल नहीं लग रहा है कि मैं उन के साथ पहली बार फिल्म कर रही हूं. मुझे लगता है कि मैं और यामिनी सिंह मेले में बिछड़ गई थीं और एक बार फिर से मिल गई हैं.
यामिनी सिंह बहुत ही अच्छी दोस्त होने के साथसाथ अच्छी इनसान भी हैं.