छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भाजपा के मध्य “राम दंगल”!

सप्ताह भर से अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन की हवा बह रही है. कांग्रेस भय भीत है, मान रही है यहां प्रोपेगेंडा बन कर यह छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ डालेगी. शायद इसी वजह से कांग्रेस यहां भाजपा के चरणों में नतमस्तक हो गई है. यहां कांग्रेस की सरकार है जिस की रीति नीति गांधी और नेहरू ने बनाई थी और धर्मनिरपेक्षता को सर्वोपरि बताया था. मगर भाजपा ने जिस तरीके से राम को अपने एजेंडे में लाकर राजनीति के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई है कांग्रेस पार्टी दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक मानो कांप गई है. शायद यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. और सत्ता और संगठन राम राम जप रहे हैं. आज 5 अगस्त को छत्तीसगढ़ के कोने कोने में मानो भाजपा और कांग्रेस में एक द्वंद्व, कुश्ती चल रहा है एक तरफ भाजपा ताल ठोक रही है कह रही है राम हमारे हैं! देखो कैसे अयोध्या में हम राम मंदिर शिलान्यास का विराट स्वप्न साकार करने का काम कर रहे हैं… मोदी जी चल पड़े हैं भूमि पूजन करने. तो दूसरी तरफ कांग्रेस बौखलाई हुई घूम घूम कर यह कह रही है की छत्तीसगढ़ तो राम का ननिहाल है आओ! राम की पूजा करें. दीप दान करें आरती उतारें, घर-घर में दिए जलाएं. कुल मिलाकर वही सब जो भाजपा कह रही है.

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कुल मिलाकर के वोटों की जो गंदी राजनीति है उसे काग्रेस ने हवा दे दी है. कांग्रेस यह समझ कर चल रही है कि अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. उसके सारे वोट भाजपा में चले जाएंगे वह तो खत्म हो जाएगी. इस भयभीत मनोविज्ञान के कारण कांग्रेस थर थर कांप रही है. इसलिए शुतुरमुर्ग बन कर अपना अस्तित्व बचाने के लिए राम नाम जप रही है. शायद कांग्रेस यह महसूस नहीं कर रही है कि वह वही कर रही है जो भाजपा की राजनीति है. जो भाजपा कर रही है भाजपा ने जो गंदी राजनीति का रायता बिखेरा है उसमें कांग्रेस खुद नृत्य कर रही है. अगर कांग्रेस में थोड़ी भी दिवालियेपन की कमी होती समझदारी होती तो वह ऐसी हरकत कभी नहीं करती. क्योंकि देश का आम आदमी हो या प्रबुद्ध वर्ग यह जानता है कि भाजपा का राम मंदिर निर्माण का ढकोसला किस तरह अपनी कमियों को छुपाने के लिए हथियार बन चुका है.

भूपेश बघेल का आत्मसमर्पण

यह सर्वविदित है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार अच्छे खासे बहुमत में है.विगत चुनाव में भाजपा की जो बुरी गत बनी थी उसे भाजपा कभी भूल नहीं सकती. और कांग्रेस को जो विशाल बहुमत मिला था वैसा जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता. इस सब के बावजूद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भाजपा से इस तरह भयभीत है मानो भाजपा बिल्ली है, तो कांग्रेस चूहा बन गई है. इसका कारण हो सकता है केंद्रीय नेतृत्व का आदेश हो कि भाजपा को रोकना है तो राम राम जपो. इसलिए छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी संगठन और सत्ता दोनों मिलकर अयोध्या में चली राम की आंधी तूफान से त्रस्त होकर राम राम जप रहे हैं. मगर इसका संदेश तो यही जाता है कि कांग्रेस पार्टी के पास न तो कुछ सोच विचार है, न ही समझदारी का पैमाना. कांग्रेस को इतनी भी समझ नहीं है कि भाजपा एक हिंदुत्ववादी पार्टी रही है जिसका शुरू से ऐजेंडा राम रहा है. ऐसे में उसका तो काम ही राम राम जपना है. मगर इस राम नाम के पीछे उसकी राजनीति को जनता जानती है एक राजनीतिक पार्टी होने के कारण कांग्रेस का कर्तव्य है कि उस सच को लोगों तक बताएं और पहुंचाएं. इस विचारधारा को आगे बढ़ाए. मगर यह क्या बात हुई कि आप खुद ही राम-राम जपने लगे. कांग्रेस   का अपनी पूरी ताकत के साथ देश की जनता को यह बताना परम कर्तव्य था कि भाजपा का राम किस तरह उग्र हिंदुत्ववाद का प्रतीक है. जबकि कांग्रेस गांधी के राम की अनुयाई है.

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ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ने जो जाल फेंका था उसमें कांग्रेसी अपने आप फंसती चली गई है. एक तरह से भाजपा को संपूर्ण देश का कर्ता-धर्ता मान लिया है नेतृत्व सौंप दिया है. कांग्रेस को यह मानना और समझना होगा कि बिना रीढ़ के आप खड़े नहीं हो सकते. आपको अपनी विचारधारा और सोच के साथ जनता के बीच वोट मांगने जाना है कांग्रेस पार्टी की रीति नीति इस घटना से जगजाहिर हो जाती है कि उसका एक विधायक संसदीय सचिव राजधानी रायपुर में अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के पुर्व 4 अगस्त को  एक लाख दीये निशुल्क बांटता है और भाजपा को लक्ष्य करके भगवान राम  के गुण गाता  है.

रामवन मार्ग का सौंदर्य!

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार को डेढ़ वर्ष हो गए सत्ता में आए. भाजपा को बुरी तरह धूल चटाने के बाद कांग्रेस सत्ता में आई है 15 वर्ष पश्चात. मगर कांग्रेस की समझ और सोच देखिए!  करोड़ो रुपए का एक प्लान  राम वन गमन के सौंदर्यीकरण व विकास को समर्पित कर दिया गया है. सरकार ने 75 जगह ऐसी चिन्हित की हैं जहां राम आए थे. इन जगहों को कांग्रेस सरकार विकसित करके यह बताना चाहती है कि भैया! हम ही राम के असल भक्त हैं.

सबसे विचित्र बात यह है कि जब अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी राम के भव्य मंदिर का भूमि पूजन कर रहे हैं तो छत्तीसगढ़ में भी भूपेश बघेल सरकार राम राम जप रही है. और गली-गली में उसके नेता कार्यकर्ता पदाधिकारी घूम घूम कर या प्रचारित कर रहे हैं जय श्रीराम जय श्रीराम! कोई दिया बांट रहा है कोई राम जी की फोटो के आगे आरती उतार रहा है और विज्ञप्ति वितरण कर के सारे मीडिया के माध्यम से यह प्रचारित किया जा रहा है कि देखो! हम भी कम नहीं हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यह कहते नहीं अघा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ तो भगवान राम का ननिहाल है हम यहां कौशल्या माता के मंदिर का विकास करने जा रहे हैं हम यह करने जा रहे हैं वह करने जा रहे हैं! अब यह भाजपा और कांग्रेस का “राम दंगल” कहां किस मोड़ तक पहुंचेगा इससे लोगों को क्या लाभ होगा यह तो आने वाला समय  बताएगा.

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मगर विकास की जो गति एक नई सरकार के आने के बाद दिखाई देनी चाहिए वह छत्तीसगढ़ में नदारद है. और ऐसा प्रतीत होता है कोरोना वायरस महामारी अपने चरम की ओर बढ़ रही है. जनता आने वाले समय में त्राहि-त्राहि करने वाली है.

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