सुधांशु सरिया की फिल्म ‘सना’ मुख्य भूमिका निभायेंगी  राधिका मदान 

भारतीय सिनेमा में महिला प्रधान फिल्मों का सिलसिला चल रहा है और इसी में अगली कड़ी जोड़ते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म मेकर सुधांशु सरिया के प्रोडक्शन हाउस ‘फोर लाइन एंटरटेनमेंट’ ने अपनी आने वाली अगली फीचर फिल्म ‘सना’ की घोषणा की है.

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सुधांशु सरिया अपनी आगामी फिल्म के निर्माता, निर्देशक और लेखक भी है, जिसमें मुख्य रूप से राधिका मदान होगी. सरिया का यह पहला आत्मनिरीक्षण ड्रामा फिल्म है. राधिका मदान अभिनीत इस फिल्म का प्री-प्रोडक्शन काम अब पूरे जोरों से चालु है और जल्द ही फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएँगी.

निर्माता-निर्देशक-लेखक सुधांशु सरिया कहते है कि  “मैं हमेशा ऐसी फिल्में बनाने में विश्वास करता हूँ, जो गुणवत्ता में महत्वाकांक्षी और अपने दमदार कहानी से लोगों में कुछ अच्छा संदेश फैलाए. मैंने इस सपने को सात साल से संजो कर रखा है. मेरे लिए बहुत ही खुशी की बात है मेरे द्वारा रचे गए किरदार में राधिका मदान जान डालेगी. फिल्म एक शक्तिशाली विषय पर है और मुझे उम्मीद है कि यह दुनिया भर के दर्शकों को अपने आप से जोड़ पाएंगी. मुझे पूरा विश्वास  है कि यह फिल्म उन लोगों को सोचने पर मजबूर कर देगी जो बहुत ही आसानी से महिलाओं पर प्रश्न चिन्ह लगा देते है.”

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इस पर राधिका मदान कहती है कि , “एक कलाकार  के रूप में मैं हमेशा से प्रभावशाली किरदार निभाने की तलाश में रहती हूं, जो थोड़ा अलग हो. ‘सना’ आज के मुंबई में स्थापित एक मजबूत और महत्वाकांक्षी महिला की यात्रा पर आधारित है. वह एक दमदार प्रोटॅगनिस्ट है जो कि बहुत ही जटिल है और लोग उससे जुड़ा हुआ महसूस करेंगे. फिल्म की विचारधाराएं मेरे अपने विचारों को बहुत अधिक दर्शाती है, बस यही बात थी जिसके वजह से मैंने इस फिल्म को करने के लिए हाँ कह दिया.”

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फोर लाइन एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित, सुधांशु सरिया द्वारा निर्देशित और लिखित और राधिका मदान अभिनीत, ‘सना’ की शूटिंग जल्द ही शुरू हो जाएँगी. हाल ही में सरिया की जंगली पिक्चर्स के साथ एक महिला-नेतृत्व वाली जासूसी ‘उलज’ का निर्देशन करेंगे इसकी घोषणा हुई .अमेज़ॅन प्राइम के लिए एक सीरीज  ‘मासूम’ का लेखन, सह-निर्देशन और शो रनिंग भी कर रहे है, इसके अलावा वे नेटफ्लिक्स के लिए ‘दिल्ली क्राइम सीजन 3’ का सह-निर्माण और लेखन कर रहे है.

‘बागी-3’ से लेकर ‘सूर्यवंशी’ तक, इस महीनें रिलीज होंगी ये 3 बड़ी फ़िल्में

बॉलीवुड दर्शकों के लिए मार्च का महीना बेहद ख़ास रहने वाला है.क्यों की इस महीनें वालीवुड की वह फ़िल्में रिलीज होनें जा रहीं हैं जिनका दर्शकों को बेसब्री से इन्तजार था. बॉलीवुड के बड़े कलाकारों से सजी ये फ़िल्में प्रदर्शन के लिए तैयार हैं जो मार्च के अलग-अलग तारीखों को रिलीज होंगी. तो आइये जानते हैं वह कौन सी फ़िल्में जो इस महीनें सिनेमाघरों में धमाल मचाने को तैयार है.

  1. बागी 3- 6 मार्च

सफल अभिनेताओं में शुमार और बागी सीरीज की दो सफल फ़िल्में देनें वाले टाइगर श्रॉफ इसी सीरीज की फिल्म बागी-3 में अपने नए अवतार में नजर आने वाले हैं. यह फिल्म 6 मार्च को रिलीज होने जा रही है. फिल्म में टाइगर श्रॉफ रोनी के रूप में नजर आयेंगे वहीं श्रद्धा कपूर सिया के रूप में नजर आने वाली हैं. अहमद खान द्वारा निर्देशित और साजिद नाडियाडवाला द्वारा निर्मित यह फिल्म फॉक्स स्टार स्टूडियो के बैनर तले बनीं हैं. फिल्म का संगीत टी सीरीज का है. इस फिल्म में जबरदस्त एक्शन के साथ ही रोमांस, स्पेशल ईफैक्ट के साथ-साथ उन्नत तकनीकी और फिल्मांकन का भी तड़का देखने को मिलेगा.

फिल्म बागी-3 के सफल होने के कयास पहले से ही लगाये जा रहें हैं. क्योंकि इसके पहले बागी सीरिज की आई दोनों फ़िल्में भी बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में अव्वल रहीं थी. उस समय टाइगर श्रॉफ के करियर की सबसे सफल फिल्मों में शुमार बागी ने बॉक्स ऑफिस पर 76 करोड़ के करीब की कमाई की थी. इसके बाद बागी फिल्म की दूसरी सीरीज नें पहली सीरीज की तुलना में लगभग दुगुनी कमाई की थी और उस फिल्म की कमाई 164 करोड़ के आस-पास रही थी.

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  1. अंग्रेजी मीडियम-13 मार्च

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से उबरने के बाद इरफान खान इस फिल्म में एक अलग ही अंदाज में नजर आने वाले हैं. फिल्म में इरफ़ान कभी हंसाते हुए तो कभी इमोशनल अंदाज में नजर आयेंगे. इनके साथ इस फिल्म में करीना कपूर खान, राधिका मदान, दीपक डोबरियाल, डिंपल कपाड़िया, रणवीर शौरी, पंकज त्रिपाठी और कीकू शारदा भी प्रमुख भूमिका में नजर आयेंगी. फिल्म का निर्देशन होमी अदजानिया और निर्माता दिनेश विजान और ज्योति देशपांडे हैं. संगीत सचिन-जिगर का है  यह फिल्म 13 मार्च को रिलीज होने जा रही है.

  1. सूर्यवंशी- 27 मार्च

मल्टी स्टारर यह फिल्म सिनेमाघरों में दर्शकों को फिल्म देखते समय रोमांच से भरने वाली है. ऐसा इस फिल्म का ट्रेलर देख कर कयास लगाया जा रहा है. इस फिल्म में अक्षय कुमार, अजय देवगन, रणवीर सिंह का एक्शन देखते बनेगा. रोहित शेट्टी के डायरेक्शन में बन रही इस फिल्म में अक्षय कुमार सूर्यवंशी, संग्राम भालेराव सिंबा के रोल में रणवीर सिंह और बाजीराव सिंघम के रोल में अजय देवगन भी दिखाई देंगे.

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वहीं जैकी श्रॉफ निगेटिव भूमिका में अलग ही रोमांच पैदा करते नजर आयेंगे. यह फिल्म 93 के बम धमाकों पर आधारित है. फिल्म 24 मार्च की शाम को ही दुनियाभर में एक साथ रिलीज की जायेगी. ऐसा इसलिए हो रहा है क्यों कि महाराष्ट्र सरकार नें सिनेमाघरों में चौबीसों घंटे फिल्म दिखाए जाने की अनुमति दे दिया है. इस लिए इस फिल्म को पहले से निर्धारित तारीख से तीन दिन पहले 24 मार्च को रिलीज करने का निर्णय किया है. यह फिल्म पहले 27 मार्च को रिलीज होने वाली थी.

फिल्म रिव्यू ‘‘मर्द को दर्द नही होता है”: हीरो पर भारी पड़ी हीरोइन

फिल्म- ‘‘मर्द को दर्द नही होता है”

रेटिंगः ढाई स्टार

डायरेक्टर: वासन बाला

एक्टर्स: अभिमन्यु दसानी, राधिका मदान, गुलशन देवैय्या और महेश मांजरेकर

‘‘पेडलर्स’’ जैसी फार्मूला फिल्म के बाद फिल्मकार वासन बाला एक बार फिर फार्मूला फिल्म ‘‘मर्द को दर्द नहीं होता है’’ लेकर आए हैं. इस फिल्म में उन्होने कहानी का केंद्र एक ऐसे पुरूष को बनाया है,  जिसे ‘कांजिनेटियल इंनसेंसिटीविटी टू पेन’ नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण शरीर में दर्द का अहसास ही नहीं होता. इस फैंटसी कहानी में बुराई पर अच्छाई की जीत की कहानी भी है. मगर फिल्म में फिल्म के हीरो की बजाय हीरोइन ज्यादा खतरनाक एक्शन करते हुए नजर आती है. कई सीन्स में तो हीरो सूर्या डरपोक और हीरोइन सुप्रि बेखौफ नजर आती है. जबकि पूरी फिल्म में सूर्या का तकिया कलाम है- ‘‘दिमाग को सन्न कर देने वाली हर कहानी के पीछे बहुत बुरे फैसले होते हैं.’’

कहानी…

फिल्म ‘‘मर्द को दर्द नही होता’’ की कहानी मुंबई के लड़के सूर्या (अभिमन्यु दसानी) की है. सूर्या को ‘कांजिनेटियल इंनसेंसिटीविटी टू पेन’ नामक गंभीर बीमारी है, जिसका डाक्टरों के पास कोई इलाज नही है. इस बीमारी के चलते उसे दर्द नहीं होता, फिर उसे चाहे जितनी चोट लगती रहे. सूर्या के नाना (महेश मांजरेकर) बार बार उसे एक्शन फिल्में दिखाकर दर्द का अहसास कराते रहते हैं. जिससे आम लोग उसे एक आम लड़के की तरह माने. मगर सूर्या के पिता जतिन (जिमित त्रिवेदी ) नहीं चाहते कि सूर्या घर से बाहर निकले. उधर सूर्या बचपन से ही सौ लोगों को हराने वाले दिव्यांग कराटे मैन मणि (गुलशन देवैय्या) का फैन है और उसकी तमन्ना इस कराटे मैन से मिलने की है. जिसके बाद वह भी उसी की तरह ताकतवर बनकर पाप को जलाकर राख कर सके. सूर्या की बचपन की दोस्त है सुप्रि (राधिका मदान) जो कि हर मुसीबत के समय सूर्या की मदद करती रहती है. लेकिन सूर्या की शरारतों के कारण सूर्या और सुप्रि अलग हो जाते हैं. कुछ सालों बाद सूर्या को कराटेमैन का पता मिलता है, जब वह वहां पहुंचता है, तो उसकी मुलाकात फिर से सुप्रि से होती है और यहीं पर वो पहली बार विलेन जिमी (गुलशन देवैय्या) से मिलता हैं. मणि और जिमी दोनो भाई हैं. लेकिन जिमी एक अपराधी है. इसके बाद एक्शन सीन्स के साथ कहानी तेजी से आगे बढ़ती है.

स्टोरी और डायरेक्शन…

पटकथा लेखक के तौर पर वासन बाला को थोड़ी और मेहनत करनी चाहिए थी. इंटरवल से पहले कहानी कंफ्यूज करने के साथ बहुत धीमी रफ्तार से आगे बढ़ती है, जबकि इंटरवल के बाद जैसे ही सूर्या, सुप्रि और मणि का जिमी के साथ टकराव शुरू होता है, वैसे ही एक्शन सीन्स के साथ कहानी तेज गति से आगे बढ़ती है. पटकथा लेखक के तौर पर वासन बाला ने एक्शन के बीच में भी कुछ अच्छे कॉमेडी सीन्स डाले हैं. लेखक और निर्देशक वासन बाला ने सुप्रि के प्रेमी अतुल के किरदार को जबरन जोड़ा है. अतुल के किरदार की वजह से कहानी भटकने के साथ ही फिल्म भी लंबी हो गयी है. एडीटिंग टेबल पर इसे कसने की जरुरत थी. तर्क की कसौटी पर कसेंगे,  तो फिल्म पसंद नहीं आएगी. हालांकि, फिल्म के कैमरामैन जय पटेल अपने बेहतरीन काम के लिए बधाई के पात्र हैं.

एक्टिंग…

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो अभिमन्यु दसानी बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं. उन्हे अभी मेहनत करने की जरुरत है. कई सीन्स में उनके चेहरे पर भाव ही नही आते. मगर राधिका मदान ने बेहतरीन एक्टिंग की है. दोहरी भूमिका में गुलशन देवैय्या ने कमाल का काम किया है. नाना की भूमिका में महेश मांजरेकर ठीक ठाक हैं.

दो घंटे 17 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘मर्द को दर्द नहीं होता है’’ का निर्माण रौनी स्क्रूवाला, लेखक व निर्देशक वासन बाला, संगीतकार करण कुलकर्णी व दीपांजना गुहा है.

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