सिर्फ दम दिखाने के लिए नहीं होती सुहागरात!

Sex Tips in Hindi: इस रात का इंतजार हर युवा को होता है. लेकिन अगर कहा जाए कि हर किशोर को भी होता है तो भी यह कुछ गलत नहीं होगा. क्योंकि मनोविद कहते हैं 15 साल की होने के बाद लड़की और 16 साल के बाद लड़के, इस सबके बारे में कल्पनाशील ढंग से सोचने लगते हैं. सोचे भी क्यों न, आखिर इस रात को ‘गोल्डेन नाइट’ जो कहते हैं.इस रात में दो अजनबी हमेशा हमेशा के लिए एक हो जाते हैं. दो जिस्म एक जान हो जाते हैं. इस एक रात में न कोई पर्दा होता है, न दीवार. बत्तियां बुझी होती हैं, सांसें उफन रही होती हैं, फिजा में जिस्मानी गंध होती है और दिल की धड़कनों में तूफान आया होता है. गोल्डेन नाइट की यही खासियत है. हर कोई इस रात में अपनी पूरी जिंदगी जी लेना चाहता है. ताकि पूरी जिंदगी यह रात याद आने पर आपके चेहरे पर संतोष और धीमी सी मुस्कान लाती रहे. जब भी इसका जिक्र हो तो उम्र चाहे कोई भी हो चेहरे पर एक गुलाबी आभा खिल जाए.

यह रात सिर्फ भावनाओं के स्तर पर ही नहीं बल्कि बायोलाॅजिकल स्तर पर भी जीवन के लिए एक टर्निंग प्वाइंट होती है. इस रात के बाद लड़की, लड़की नहीं रहती महिला बन जाती है. एक औरत बनते ही उसकी अब तक की दुनिया पूरी तरह से बदल जाती है. रातोंरात जिस्म में कई किस्म की तब्दीलियां आ जाती हैं. इस सबकी नींव इसी रात पड़ती है.

दुनिया में शायद ही कोई ऐसा युवा हो, जो सामान्य हो और जिसके दिल में इस रात को लेकर हसीन ख्वाब न हो. लेकिन सुहागरात या गोल्डेन नाइट के मायने सिर्फ शारीरिक सम्बंध तक ही सीमित नहीं होता. इस रात को जिस्म भी बदल जाता है, मन भी बदल जाता है और मस्तिष्क भी. विशेषज्ञ कहते हैं क्योंकि सेक्स महज दो टांगों के बीच की जोर अजमाइश भर नहीं है. यह दो कानों के बीच की वह गुनगुनाहट है, जिसका असर हमारी पूरी जिंदगी में रहता है. अगर यह रात लय में कटती है, तो जिंदगी तरन्नुम में रहती है.

अगर यह डर, दहशत और एक दूसरे पर हावी होने में गुजरती है तो जिंदगी नर्क बन जाती है. मतलब साफ है कि पहली रात जिस्म के नहीं आत्मा के मिलन की होती है. दो आत्माओं के बीच सेक्स की रात होती है और अगर दो आत्माएं इस रात एक दूसरे से तृप्त हो जाती है तो यह तृप्ति ताउम्र सुकून देती है.

इस रात में हमें एक दूसरे के जिस्म में ही नहीं मन और आत्मा में भी प्रवेश करने और छा जाने की कोशिश होनी चाहिए. क्योंकि दिल से दिल के मिलन की यह सबसे नाजुक रात होती है. निश्चित रूप से हमें इस रात के पहले बहुत कुछ पता होना चाहिए. लेकिन यह जानकारी सिर्फ सेक्स रोगों के संक्रमण से बचाव भर की नहीं होनी चाहिए. यह जानकारी जिंदगी को कितनी स्मूथ बना सकें इसकी भी होनी चाहिए. अगर इस रात हमने एक दूसरे को दिल की गहराईयों में उतरकर आजमा लिया तो फिर जीवन की राहों में कभी रेगिस्तान नहीं आयेगा. जिंदगी का यह सफर हमेशा सुनहरे नखलिस्तान से होकर गुजरेगा.

अगर हमने इस रात सिर्फ बिस्तर में जिस्म भर की जोर अजमाइश की और फिर अजनबियों की तरह सो गये तो इस रात का यह मिलन हमारी पूरी जिंदगी को रुखा और बेजान बना देगा.

सुहागरात हर किसी की ज़िंदगी का सबसे हसीन सपना होता है. इस सपने को देखने की इजाजत हर उस शख्स को है जो प्राकृतिक रूप से स्वस्थ और पूर्ण है. सुहागरात शब्द में इतना आकर्षण है कि युवक-युवतियां इसका नाम सुनते ही या इसकी याद आते ही रोमांटिक हो जाते हैं. उनका मन आनंद की हिलोरें लेने लगता है. इसकी कल्पना से ये अलौकिक सुख के सागर में डूब जाते हैं. हनीमून या गोल्डेन नाइट का हमारी पूरी जिंदगी में असर पड़ता है. इस रात के जरिये ही दो अपरिचित विपरीत लिंगी एक दूसरे के सही मायनों में होते हैं.

संभोग से सिर्फ भावनात्मक रूप से ही नहीं बल्कि जैविक रूप से भी एक दूसरे के प्रति आकर्षण और प्रेम में बढ़ोत्तरी होती है. इस रात के बाद ही पता चलता है कि वाकई दुनिया में स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक होते हैं.

हमें भावनाओं के समंदर में गोते लगाते हुए इस हकीकत से भी रूबरू रहना चाहिए कि यदि पति पत्नी दोनो में शारीरिक रूप से कोई कमी है तो लाख पाखंड के बावजूद वह आत्मीयता, वह लगाव नहीं पैदा होता जो दो स्वस्थ जिस्मों का आपस में होता है. इसलिए शादी में सेहत की भी तैयारी करनी चाहिए. सिर्फ सजने संवरने पर ध्यान देने से काम नहीं चलेगा, शादी के कई महीनों पहले ही लड़के और लड़की दोनो को ही अपने शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर सजग रहना चाहिए ताकि सुहागरात वाले दिन किसी अक्वर्ड की स्थिति न पैदा हो. क्योंकि अगर सुहागरात वाले दिन अगर लड़का, लड़की की जिस्मानी इच्छा पूरी नहीं कर पाता यानी वह उसे संतुष्ट नहीं कर पाता तो लड़की इस स्थिति से आमतौर पर कभी समझौता नहीं करती. मनोविद कहते हैं अगर लड़की कुछ नहीं भी कहती तो भी उसके मन में एक तूफान उठ चुका होता है.

बेहतर है पहले से ही इस सबकी तैयारी रहे. हमें स्वीकारना ही होगा कि शरीर के दूसरे अंगों की तरह सेक्सुअल अंगों की भी समस्याओं का वैसे ही इलाज होता है. अगर ऐसी परेशानियों को शुरु से ही ध्यान न दिया जाए तो जल्द ही ये परेशानियां नासूर बन जाती हैं. एक मशहूर सेक्सोलाॅजिस्ट डाॅ. प्रकाश कोठारी कहते हैं कि युवा दंपति हनीमून के पहले थोड़ी सी सावधानी बरतें तो हनीमून के दौरान उसे किसी तरह की परेशानी से दो चार नहीं होना पड़ेगा, न शारीरिक, न मानसिक.

शादी की पहली रात, क्या करें और क्या नहीं

शादी की पहली रात को सुहागरात कहा जाता है. सुहागरात सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा मानी जाती है. इस रात को लेकर लोगों के मन में कई तरह के प्रश्न होते हैं. इस रात में महिलाओं व पुरुषों दोनों में ही समान उत्सुकता रहती है.

सामान्य तौर पर सुहागरात का मतलब नव दंपति का शारीरिक रूप से एक होना माना जाता है. लेकिन जिंदगी की इस खास रात को इतना ही समझ लेना गलत होगा. दरअसल शादी के बाद सुहागरात ही पति-पत्नी के नए जीवन की वह पहली रात होती है, जिसमें वह दोनों एक साथ होते हैं. शादी की पहली रात को लेकर पति व पत्नी दोनों के ही मन में उत्सुकता के साथ घबराहट भी बनी रहती है.

इस विषय पर लोगों की उत्सुकता और घबराहट को देखते हुए आज हम आप को सुहागरात के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. इसके साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि सुहागरात क्यों मनाई जाती है और इसको मनाने का सही तरीका क्या है. इसके अलावा आपको यहां सुहागरात मनाने के टिप्स भी बताए जा रहे हैं.

सुहागरात क्या होती है

सुहागरात में क्या करना चाहिए, सुहागरात कैसे मनाएं, सुहागरात को मनाने का तरीका और टिप्स जानने से पहले आप सभी को यह समझना बेहद जरूरी है कि सुहागरात का सही अर्थ क्या है और यह क्यों मनाई जाती है.

सुहागरात का मतलब होता है शादी की वह पहली रात जिसमें पति-पत्नी एक दूसरे को जानते और समझते हैं. हमारे समाज में इस विषय पर ज्यादा चर्चा नहीं की जाती है. इस पर चर्चा न हो पाने की वजह यह भी है कि सुहागरात को संभोग क्रिया से जोड़कर देखा जाता है. जबकि नव दंपति के बीच शारीरिक संबंध स्थापित होना इस रात का मात्र एक हिस्सा भर है. इसलिए इसको सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने वाली रात समझना बेहद गलत है.

शादी के बाद नव दंपति के जीवन की यह पहली रात होती है. इस रात में ही वह दोनों एक दूसरे के व्यक्तित्व के बारे में जान पाते हैं. साथ ही इस रात वह अपनी शादीशुदा जिंदगी की भावी योजनाएं भी तैयार करते हैं.

सुहागरात की शुरुआत कैसे करें

शादी के बाद जब दुल्हन अपने ससुराल में प्रवेश करती है, तभी से उसकी शादी की पहली रात की तैयारियां शुरू हो जाती है. अपने पति के घर में पहुंचते ही नव वधु को कई रीति-रिवाजों से गुजरना होता है. हर लड़की के लिए यह यादगार पल होता है. दुनिया भर के सभी धर्मों में नई वधु के घर आने पर कई तरह के रीति रिवाजों को पूरा किया जाता है. आइए जानते हैं सुहागरात के कुछ रीति-रिवाजों के बारे में.

बहू का स्वागत :

जैसे ही नव वधु अपने नए घर यानि सुसराल के गेट पर पहुंचती हैं, तो उसके स्वागत के लिए घर की चौखट पर चावल का लोटा रखा जाता है. चावल के लोटे को अपने पैर से आगे गिराते हुए वधु घर में प्रवेश करती है.

खेलों का अयोजन करना :

शादी के बाद वधु अपने ससुराल वालों व रिश्तेदारों के साथ सहज हो सके, इसलिए कई तरह के रोचक खेल संपन्न किए जाते हैं. जिसमें एक बड़े और गहरे बर्तन में दूध व पानी मिलाया जाता है. इसके बाद इस पानी में अंगूठी डाल दी जाती है और जिसके बाद वर-वधु को यह अंगूठी ढुंढनी होती है. जो पहले अंगूठी को ढुंढता है उसको तोहफे दिए जाते हैं.

रिश्तेदारों से मेल-जोल बढ़ाना :

इसके अलावा भारत के कई क्षेत्रों में नववधु से सभी महिलाओं व करीबी रिश्तेदारों के सामने डांस करवाया जाता हैं, ताकि वह सभी लोगों से साथ परिवार की तरह ही घुलमिल सकें और खुद को नए परिवार में सहज महसूस करें.

वर-वधु के लिए कमरा सजाना :

इसके बाद रात होने से पहले वर व वधु के लिए एक कमरे को सजा दिया जाता है, ताकि वह अपनी जिंदगी की शुरुआत एक नए तरीके से कर सकें.

यहां तक सभी रीति-रिवाज खत्म हो जाते हैं. इसके बाद नव वर-वधु को सोने के लिए एक कमरे में भेज दिया जाता है.

पति पत्नी पहली रात को क्या करें

शादी की पहली रात को लेकर हर किसी के मन में उत्सुकता होती है. इस समय पति व पत्नी दोनों ही घबराएं होते हैं. वधु के ससुराल पहुंचने के बाद सभी रिवाजों को पूरा करने के पश्चात वर-वधु को सोने के लिए एक कमरे में भेज दिया जाता है.

अब सुहागरात के दौरान क्या करना चाहिए, उसको क्रमवार तरीके से बताया जा रहा है.

सुहागरात पर वधु को तोहफा दें :

नई वधु को अपने साथ सहज बनाने के लिए बातें करना और तोहफा देना जरूरी होता है. इस रात आप महिला साथी को जो भी तोहफा देंगे वह उनको जीवन भर याद रहेगा. इतना ही नहीं तोहफा से देने डर व घबराहट का माहौल सामान्य हो जाएगा और आप दोनों एक दूसरे से बातों की शुरूआत कर पाएंगे.

सुहागरात में एक दूसरे को जानें :

शादी की पहली रात वर-वधु दोनों को ही एक-दूसरे को जानना चाहिए. इस रात को लेकर सभी के मन में घबराहट और शंकाएं होती हैं. ऐसे में आप दोनों को प्रयास करते हुए माहौल को सहज और खुशनुमा बनाना होगा. इस दौरान आप एक दूसरे की पसंद और ना पंसद के बारे में जानें. इस रात आप अपनी आने वाली जिंदगी के कुछ जरूरी मुद्दों पर भी बात कर सकते हैं. सुहागरात में एक दूसरे से बात करके साथी को समझने में आसानी होती है. साथ ही इससे आप दोनों के बीच के रिश्ते में मजबूती आती है और आप एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़ पाते हैं.

शादी की पहली रात कैसे करें सेक्स :

जब आप दोनों साथी एक दूसरे के साथ सहज महसूस करने लगते हैं तो आप दोनों में से कोई भी शारीरिक क्रिया के लिए पहल कर सकता है. सुहागरात पर महिलाओं का ऐसा सोचना कि पुरुष ही पहल करें, एक गलत धारणा है. यह आप दोनों की यौन सहमति के आधार पर की जाने वाली क्रिया होती है. सेक्स करने से पहले आप इस विषय पर चर्चा कर सकते हैं. इस दौरान आपके मन में सुहागरात को लेकर कोई कल्पना हो तो उसको भी साथी के साथ शेयर करें.

सुहागरात में उतावलापन न दिखाएं :

सुहागरात को लेकर पुरुषों में इतनी उत्सुकता होती है कि वह कमरे में दुल्हन को पाकर उतावले हो जाते हैं. पुरुषों का ऐसा करना महिलाओं को असहज कर सकता है. उतावलेपन में आप अपने साथी को पूरी तरह से संतुष्ट नहीं कर पाते हैं. इसलिए जल्दबाजी न दिखाएं और सेक्स करते समय संयम से काम ले और धीरे-धीरे प्यार के साथ सेक्स करें. पहली बार सेक्स करते समय कई महिलाओं की योनि में अधिक दर्द होता है. इसके साथ ही योनि से रक्तस्त्राव भी होता है. ऐसे में आप दोनों ही घबराएं नहीं, यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि पहली बार सेक्स करते समय सभी महिलाओं की योनि से रक्त स्त्राव हो.

शादी की पहली रात सेक्स से पहले करें फोरप्ले :

सुहाग की पहली रात सेक्स करने से पहले आपको साथी के साथ थोड़ा समय फोरप्ले में बिताना चाहिए. महिलाओं को चरमसुख (और्गेज्म) तक पहुंचने में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा समय लगता है. ऐसे में आप फोरप्ले की सहायता से महिला साथी को आसानी से ऑर्गेज्म तक पहुंचा सकते हैं. इसमें किस करना व उनको प्यार से सहलाना शामिल है. फोरप्ले का उद्देश्य महिला को सेक्स के लिए उत्तेजित करना होता है.

शादी की पहली रात सेक्स के दौरान सावधानी बरतें :

शादी की पहली रात सेक्स करते समय आप ऐसा कुछ न करें जिससे आपको यौन संचारित रोग (एसटीडी) होने का खतरा बना रहें. इस तरह के संक्रमण से बचने के लिए आपको सेक्स करते समय सावधानी बरतनी होगी. इसके लिए आप कंडोम का इस्तेमाल करें.

शादी की पहली रात क्या न करें

सुहागरात आपकी जिंदगी की अहम रात होती है. इस रात ऐसी कोई गलती न करें जिससे आपको सारी जिंदगी शर्मिंदगी महसूस हो. इस दौरान निम्न गलतियों को करने से बचें.

जबदस्ती न करें :

सुहागरात में अपनी महिला साथी के साथ सेक्स के लिए जबरदस्ती न करें. उनकी सहजता और सहमति हो तब ही सेक्स करना बेहतर होगा.

नशे से दूर रहें :

शादी की पहली रात खुद को जोशीला बनाने के लिए अधिकतर लोग शराब और धूम्रपान आदि नशा करते हैं. शादी के बाद आप दोनों ही इस नए रिश्ते की शुरुआत करते है ऐसे में नशा करना आपके रिश्ते पर खराब असर डाल सकता है. इसके साथ ही नशा करने से आपकी यह महत्वपूर्ण रात भी खराब हो सकती है. सुहागरात मनाने के तरीके में आपको नशे से दूर रहने की बात को हमेशा याद रखनी चाहिए.

शादी के खर्चों का हिसाब न लगाएं :

शादी के बाद सुहागरात आपकी जीवन की महत्वपूर्ण रात है, इसको शादी में हुए खर्चों को जोड़ने में बर्बाद न करें. सुहागरात टिप्स में यह एक उपयोगी टिप्स मानी जाती है, क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि पुरुष व महिला को शादी के कामों के बाद इस रात ही फुर्सत के पल मिल पाते हैं और ऐसे में एकांत मिलते ही वह दोनों या कोई एक अपनी शादी के खर्चों को जोड़ना शुरू कर देता हैं. ऐसा करना बेहद ही गलत है.

घबराएं नहीं :

सुहागरात के दिन महिला व पुरुष दोनों ही घबराएं हुए होते हैं. इस घबराहट के कारण पुरुषों में कई बार नपुंसकता व शीघ्रपतन की समस्या हो जाती है. ऐसे में आप घबराकर किसी तरह की दवाईयों का सेवन न करें. पहली बार सेक्स करने और घबराहट के कारण पुरुषों में इस तरह की यौन समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. बार-बार अभ्यास करने से आप सेक्स के लिए सहज हो जाएंगे. सेक्स में आपके सहज होने से इस तरह की यौन समस्याएं अपने आप ही ठीक हो जाएंगी. लेकिन समस्याएं लगातार हो रही है, तो आपको इसके लिए डौक्टर से मिलना होगा.

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