मैं अपने दोस्त की बहन से प्यार करता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 21 साल का लड़का हूं. मेरी स्टडीज पूरी हो गई है, मैं अपने परिवार को भी बहुत चाहता हूं अब जाकर मुझे एक लड़की पसंद आई है जिससे मैं प्यार करता हूं. लेकिन प्रौब्लम ये है कि वो मेरी दोस्त की बहन है. मैं अपने दोस्त की बहन को पसंद करता हूं और शादी भी करना चाहता हूं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

अगर आपको अपनी बहन की दोस्त अच्छी लगती है और आप उससे प्यार करते है तो ये अच्छी बात है. इसमे कोई बुराई नहीं है. आप अपने दोस्त से रिश्ता ओर मजूबत बना सकते है. साथ ही, उसके घरवालों का दिल जीत लें. इससे आपकी दोस्ती रिश्तेदारी में बदलेंगी. लेकिन, इसके लिए आपको कुछ बातें फोलो करने की जरूरत है.

पहले तो आप अपने दोस्त से इस बारे में बताएं और उनके विचारों को जानें की वो कैसा सोचते है इस बारे में. अगर वे इस बारें में पौजीटिव सोच रखते है तो आप इस बात को आगे बढ़ा सकते है. आप अपने दोस्त के साथ ईमानदारी से बनं रहे. सिर्फ ईमानदारी से बात करें. ताकि भविष्य में कोई गलतफहमी न हो.

इसके अलावा आप उसके इमोशन का भी ध्यान रखे. उसके इमोशनस का मजाक न बनाएं. यह जांचे कि वह स्वभाव में अच्छी है और लंबे वक्त तक आपका साथ देंगी. इस बात का भी पता लगाएं कि उसका कोई दोस्त, भाई, पिता आप पर भारी न पड़ जाएं. अगर प्यार को रिश्तेदारी में बदलना चाहते है तो इस बात पर भी गौर करें कि फाइनेंशियली स्ट्रौंग बनों.

अक्सर दोस्त की बहन आपको भी अपने भाई की तरह मानने लगती हो या अगर आपको सहेली के भाई से प्यार है, तो हो सकता है कि वह आपको बहन की तरह ट्रीट करती हो. इसलिए आपको अपने दिल की बात बतानी होंगी. ताकि दोस्त को बाद में पता चले तो वह ये न समझें कि आपने उन्हे धोखा दिया है. इसलिए समय रहते आपको अपनी फिलीग्स शेयर करनी है.

इस तरह के रिलेशनशिप में सबसे जरूरी है कि दोस्ती के बीच प्यार न आए. इसके साथ ही प्यार और दोस्ती के बीच तालमेल बैठा कर चलें.

मेरे पति बिना बात के मारते हैं और गालियां देते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी शादी 10 साल पहले हुई थी. मेरे 2 बच्चे हैं. मेरे पति बिना बात के मुझे मारते हैं, गालियां देते हैं. लड़ाई के बाद वे कईकई दिनों के लिए बाहर चले जाते हैं. मैं क्या करूं?

जवाब-

आप ने यह नहीं बताया कि आप नौकरी करती हैं या नहीं? सामान्यतया कोई व्यक्ति तभी किसी पर अत्याचार करता है जब वह जानता है कि उस का कोई और ठिकाना नहीं.

यदि आप पढ़ीलिखी हैं तो सब से पहले आप अपने लिए कोई अच्छी नौकरी ढूंढ़ें और खुद को स्वावलंबी बनाने का प्रयास करें. इस से पति का आप पर एकाधिकार खत्म होगा. यदि आप के पति का व्यवहार शुरू से ऐसा ही है तो आप को अपना रास्ता अलग कर लेना चाहिए और यदि ऐसा कुछ समय से है तो कारण जानने का प्रयास करें.

कहीं उन की संगत तो गलत नहीं या फिर वे किस तरह की परेशानी में तो नहीं फंसे हैं. आप का खुद के प्रति बेपरवाह रहना भी एक कारण हो सकता है. अपने पहनावे और मेकअप पर ध्यान दें. स्वयं को थोड़ा सजाएंसंवारें. अपने व्यवहार पर भी ध्यान दें. इस से आप के पति का प्यार आप के प्रति लौट सकता है.

यदि घर में आप के सासससुर हैं तो उन से भी इस संदर्भ में चर्चा कर सकती हैं. नारीहित में काम करने वाली किसी संस्था से भी संपर्क कर सकती हैं. वह संस्था आप को रास्ता दिखाने के साथसाथ आप की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी.

मैं अपने स्टूडेंट के साथ सेक्स करना चाहती हूं, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी जिंदगी में एक लड़का आया है जो मुझ से कम उम्र का है. वह मुझे बहुत चाहता है. वह मेरे पास मैथ्स की क्लासेज लेने आता था. धीरे-धीरे हमारे बीच अजीब सा आकर्षण पैदा हुआ. मैं मानती हूं कि यह गलत है, क्योंकि मैं शादीशुदा हूं. मगर मैं स्वयं नहीं जानती कि ऐसा कैसे हो गया. आप ही बताएं, मैं क्या करूं?

जवाब

आप के और उस लड़के के बीच आकर्षण का पैदा होना स्वाभाविक प्रक्रिया है. विपरीतलिंगी व्यक्ति के साथ जब आप समय बिताते हैं तो सहज ही आप के बीच ऐसा रिश्ता कायम हो सकता है. मगर इस रिश्ते को आप को अपने जीवन की गलती नहीं बनानी चाहिए.

आप का अपना परिवार है. यह संबंध परिवारों में तनाव पैदा कर सकता है. उस लड़के से आप कम से कम मिलें. उस के साथ सिर्फ हैल्दी फ्रैंडशिप का रिश्ता रखें.

कुछ महिलाएं इस वजह से भी अपने से कम उम्र के पुरुषों के प्रति आकर्षित हो जाती हैं क्योंकि वे अपने पति की बढ़ती उम्र, उदासीनता और सपाट रवैए से नाखुश रहने लगती हैं. यदि ऐसा है तो अपने पति से इस संदर्भ में बात करें. इस प्रकार का दिल का संबंध आमतौर पर तर्क व व्यावहारिकता नहीं देखता और नितांत प्राकृतिक है. आप अपराधबोध नहीं रखेंगी तो ज्यादा खुश रहेंगी.

कैसा था उस लड़की का खुमार

दरवाजा खुला. जिस ने दरवाजा खोला, उसे देख कर चंद्रम हैरान रह गया. वह अपने आने की वजह भूल गया. वह उसे ही देखता रह गया.

वह नींद में उठ कर आई थी. आंखों में नींद की खुमारी थी. उस के ब्लाउज से उभार दिख रहे थे. साड़ी का पल्लू नीचे गिरा जा रहा था. उस का पल्लू हाथ में था. साड़ी फिसल गई. इस से उस की नाभि दिखने लगी. उस की पतली कमर मानो रस से भरी थी.

थोड़ी देर में चंद्रम संभल गया, मगर आंखों के सामने खुली पड़ी खूबसूरती को देखे बिना कैसे छोड़ेगा? उस की उम्र 25 साल से ऊपर थी. वह कुंआरा था. उस के दिल में गुदगुदी सी पैदा हुई.

वह साड़ी का पल्लू कंधे पर डालते हुए बोली, ‘‘आइए, आप अंदर आइए.’’

इतना कह कर वह पलट कर आगे बढ़ी. पीछे से भी वह वाकई खूबसूरत थी. पीठ पूरी नंगी थी.

उस की चाल में मादकता थी, जिस ने चंद्रम को और लुभा दिया था. उस औरत को देखने में खोया चंद्रम बहुत मुश्किल से आ कर सोफे पर बैठ गया. उस का गला सूखा जा रहा था.

उस ने बहुत कोशिश के बाद कहा, ‘‘मैडम, यह ब्रीफकेस सेठजी ने आप को देने को कहा है.’’

चंदम ने ब्रीफकेस आगे बढ़ाया.

‘‘आप इसे मेज पर रख दीजिए. हां, आप तेज धूप में आए हैं. थोड़ा ठंडा हो जाइएगा,’’ कहते हुए वह साथ वाले कमरे में गई और कुछ देर बाद पानी की बोतल, 2 कोल्ड ड्रिंक ले आई और चंद्रम के सामने वाले सोफे पर बैठ गई.

चंद्रम पानी की बोतल उठा कर सारा पानी गटागट पी गया. वह औरत कोल्ड ड्रिंक की बोतल खोलने के लिए मेज के नीचे रखे ओपनर को लेने के लिए झुकी, तो फिर उस का पल्लू गिर गया और उभार दिख गए. चंद्रम की नजर वहीं अटक गई.

उस औरत ने ओपनर से कोल्ड ड्रिंक खोलीं. उन में स्ट्रा डाल कर चंद्रम की ओर एक कोल्ड ड्रिंक बढ़ाई.

चंद्रम ने बोतल पकड़ी. उस की उंगलियां उस औरत की नाजुक उंगलियों से छू गईं. चंद्रम को जैसे करंट सा लगा.

उस औरत के जादू और मादकता ने चंद्रम को घायल कर दिया था. वह खुद को काबू में न रख सका और उस औरत यानी अपनी सेठानी से लिपट गया. इस के बाद चंद्रम का सेठ उसे रोजाना दोपहर को अपने घर ब्रीफकेस दे कर भेजता था. चंद्रम मालकिन को ब्रीफकेस सौंपता और उस के साथ खुशीखुशी हमबिस्तरी करता. बाद में कुछ खापी कर दुकान पर लौट आता. इस तरह 4 महीने बीत गए.

एक दोपहर को चंद्रम ब्रीफकेस ले कर सेठ के घर आया और कालबेल बजाई, पर घर का दरवाजा नहीं खुला. वह घंटी बजाता रहा. 10 मिनट के बाद दरवाजा खुला.

दरवाजे पर उस की सेठानी खड़ी थी, पर एक आम घरेलू औरत जैसी. आंचल ओढ़ कर, घूंघट डाल कर.

उस ने चंद्रम को बाहर ही खड़े रखा और कहा, ‘‘चंद्रम, मुझे माफ करो. हमारे संबंध बनाने की बात सेठजी तक पहुंच गई है. वे रंगे हाथ पकड़ेंगे, तो हम दोनों की जिंदगी बरबाद हो जाएगी.

‘‘हमारी भलाई अब इसी में है कि हम चुपचाप अलग हो जाएं. आज के बाद तुम कभी इस घर में मत आना,’’ इतना कह कर सेठानी ने दरवाजा बंद कर दिया.

चंद्रम मानो किसी खाई में गिर गया. वह तो यह सपना देख रहा था कि करोड़पति सेठ की तीसरी पत्नी बांहों में होगी. बूढ़े सेठ की मौत के बाद वह इस घर का मालिक बनेगा. मगर उस का सपना ताश के पत्तों के महल की तरह तेज हवा से उड़ गया. ऊपर से यह डर सता रहा था कि कहीं सेठ उसे नौकरी से तो नहीं निकाल देगा. वह दुकान की ओर चल दिया.

सेठानी ने मन ही मन कहा, ‘चंद्रम, तुम्हें नहीं मालूम कि सेठ मुझे डांस बार से लाया था. उस ने मुझ से शादी की और इस घर की मालकिन बनाया. पर हमारे कोई औलाद नहीं थी. मैं सेठ को उपहार के तौर पर बच्चा देना चाहती थी. सेठ ने भी मेरी बात मानी. हम ने तुम्हारे साथ नाटक किया. हो सके, तो मुझे माफ कर देना.’ इस के बाद सेठानी ने एक हाथ अपने बढ़ते पेट पर फेरा. दूसरे हाथ से वह अपने आंसू पोंछ रही थी.

मेरे संबंध मेरी विधवा भाभी से हो गए हैं जो 2 बच्चों की मां भी है, क्या ऐसा करना ठीक रहेगा?

सवाल
मैं 23 साल का बीए फाइनल का छात्र हूं. इस बीच मेरे संबंध मुझ से 7-8 साल बड़ी मेरी विधवा भाभी से हो गए हैं, जो 2 बच्चों की मां है. घर वाले इस बात से खुश नहीं हैं. भाभी पहले बदमिजाज थीं, पर अब वे सुधर गई हैं. क्या ठीक रहेगा?

जवाब
यह किस्सा गलत है, आपको इस तरह के संबंध बनाने से बचना चाहिए. आप अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाइये.

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जानिए आखिर महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं

महिलाएं किसी पुरुष को आखिर क्‍यों पसंद करती हैं? और ऐसी कौन सी खास बात है जिससे प्रभावित होकर वह किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाने के लिए अपने आप को राजी करती हैं? इस तथ्‍य पर रिसर्च करने के बाद टैक्‍सास विवि के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस ने एक किताब लिखी है. इस किताब का नाम है वौय वुमन हैव सेक्‍स. किताब सेक्‍स संबंधों को लेकर महिलाएं क्‍या सोचती हैं? इस सवाल पर कई रोचक खुलासे करती है, किताब में इस बात के 200 कारण बताए गए है, जिनके चलते महिलाएं किसी पुरुष के साथ सेक्‍सुअल संबंध बनाती हैं या उसे पसंद करती हैं.

टेक्सस यूनिवर्सिटी में साइकौलजी के प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन और डेविड बस की लिखी किताब – वाय वुमेन हेव सेक्स ( महिलाएं सेक्स क्यों करती हैं ) में करीब 200 कारणों को बताया गया है.

रिसर्च के दौरान देखा गया कि ज्यादातर पुरुषों को महिलाएं सेक्सुअली अट्रैक्टिव लगती हैं , जबकि महिलाओं को पुरुषों में ऐसी कोई बात नज़र नहीं आती. रिसर्च के दौरान 1000 महिलाओं का इंटरव्यू किया , जिसमें महिलाओं ने पुरुषों के साथ सोने के अपने कारण बताए.

एक महिला ने बताया – वह सेक्स इसलिए करती है ताकि बोरियत दूर कर सके क्योंकि सेक्स करना लड़ने से कहीं आसान है. जबकि कुछ दूसरी महिलाओं के लिए यह माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है.

रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर हैरानी हो सकती है. कुछ महिलाएं महज दया की वजह से पुरुषों के साथ सोती हैं जबकि कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये – पैसों के लिए और दूसरी कीमतों चीजों को हासिल करने के लिए.

कुछ ने कहा – मैंने किसी पुरुष के साथ इसलिए संबंध बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार डिनर का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी रुपये खर्च किए.

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बौयफ्रेंड नहीं हैं. कुछ ने कहा – वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफौर्मंस को इंप्रूव कर सकें. यही बताते हुए एक विद्यार्थी ने कहा – मैंने अपने बौयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं.

इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों, जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो.

मेरे बौयफ्रेंड का व्यवहार काफी बदल गया है और मिलने के लिए भी हफ्तों इंतजार करना पड़ता है, क्या करूं?

सवाल
मैं 24 वर्षीय युवती हूं. एक लड़के से पिछले 4 वर्षों से बहुत प्यार करती हूं. कुछ समय पहले तक सब कुछ सही था. वह भी मुझ से पूरी शिद्दत से प्यार करता था. हम ने जीवनभर साथ रहने के सपने देखे थे. हम हर रोज मिलते थे. फोन पर ढेरों बातें करते थे. पर कुछ महीनों से उस के व्यवहार में काफी बदलाव आया है. मिलने के लिए हफ्तों इंतजार करना पड़ता है और आने के बाद उसे लौटने की जल्दी रहती है. इतना ही नहीं, अब पहले की तरह वह खुद फोन भी नहीं करता. पूछने पर अनापशनाप बहाने बनाता है. कहीं व किसी और से तो प्यार नहीं करने लगा? यदि ऐसा हुआ तो क्या होगा? मैं उस के बिना जी नहीं सकती. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब
4 वर्षों का लंबा अरसा काफी होता है. यदि आप को लगता है कि आप का बौयफ्रैंड आप के प्रति कुछ ज्यादा ही बेरुखी दिखा रहा है, आप से मिलने से कतराता है, फोन नहीं करता, तो आप को उस से खुल कर बात करनी चाहिए और यह जानना चाहिए कि उस की उदासीनता की वजह क्या है? हो सकता है कि वह आहत हुआ हो या उस का परिवार इस संबंध को नहीं चाहता हो. आप को मिलबैठ कर बात करनी चाहिए. यदि कोई उलझन है तो उसे आप से साझा करनी चाहिए. वजह जानने के बाद समाधान भी मिल जाएगा. अगर वह छोड़ना चाहे तो तैयार रहना चाहिए.

बुराई: दूसरों की भूल से आप भी लें सबक

जयपुर, राजस्थान के मालवीय नगर में रहने वाली 20 साला निधि कोचिंग के लिए टोंक फाटक जाती थी और वहां से ही अपने बौयफ्रैंड के साथ नारायण सिंह सर्किल के पास बने सैंट्रल पार्क की झाडि़यों में जिस्मानी संबंध बना कर उस से बाजार में खूब खरीदारी कराती थी. यही हाल कुछ समय पहले तक उस की बड़ी बहन कीर्ति का था. उस के भी कई बौयफ्रैंड थे. एक बार जब वह एक बौयफ्रैंड के साथ एक पार्क में संबंध बना रही थी कि तभी वहां 5-6 कालेज के दादा किस्म के लड़के आ गए. उन लड़कों को देख कीर्ति का बौयफ्रैंड वहां से भाग गया, मगर उन लड़कों ने कीर्ति को दबोच लिया और 3-4 घंटे तक उस का बलात्कार किया. जब कीर्ति को होश आया, तो वह गिरतेपड़ते अपने घर पहुंची. उस के बाद उस ने अपने सभी बौयफ्रैंडों से दोस्ती खत्म कर ली और अपना ध्यान पढ़ाई पर लगा दिया. वह आज एक बड़ी सरकारी अफसर है.

कई साल पहले राजस्थान के धौलपुर जिले के बसेड़ी कसबे में जाटव जाति का एक गरीब परिवार का लड़का चंद्रपाल जब पटवारी की नौकरी पर लगा था, तब उस के मांबाप ने उसे समझाया था कि वह अपनी नौकरी ईमानदारी से करे. अपने मांबाप की इन बातों को सुन कर चंद्रपाल ने अपना काम ईमानदारी से करना शुरू कर दिया था.

पटवारी की नौकरी करते हुए वह कुछ सालों बाद भूअभिलेख निरीक्षक बन गया और उस के बाद नायब तहसीलदार और अब तहसीलदार बन कर ईमानदारी से अपना काम कर रहा है.

30 साला मनोज एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क है. कमाऊ महकमे में होने के चलते वह हजार दो हजार रुपए रोजाना ऊपर की कमाई कर लेता है. वह जयपुर के प्रताप नगर हाउसिंग बोर्ड में अपनी 23 साला बीवी सुप्रिया के साथ रहता है.

जब मनोज की बीवी 3 बच्चों की मां बन गई, तो उस का झुकाव अपनी 20 साला कालेज में पढ़ने वाली साली नेहा की ओर हो गया. वह उसे अपने पास ही रखने लगा. उस ने अपनी साली को पैसे और महंगेमहंगे तोहफे दे कर पटा लिया था. बीवी के सो जाने पर वह अपनी साली के कमरे में चला जाता था.

एक रात को अचानक नींद खुल जाने से जब मनोज की बीवी सुप्रिया ने उसे अपने बैड पर नहीं देखा, तो वह अपनी छोटी बहन नेहा के कमरे में चली गई. वहां पर उन दोनों को साथ देख वह गुस्से में आगबबूला हो उठी.

कुछ दिनों तक तो वे दोनों एकदूसरे से दूर रहे, मगर फिर होटल में मिलने लगे. एक दिन जब वे होटल में पुलिस द्वारा पकड़े गए, तो उन के मांबाप को बहुत दुख हुआ.

वे दोनों जीजासाली सोच रहे थे कि अगर सुप्रिया उन के बीच रोड़ा नहीं बनती, तो उन्हें होटल में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती. लिहाजा, उन्होंने सुप्रिया की गला घोंट कर हत्या कर दी.

हत्या के बाद वे दोनों वहां से फरार हो गए. दूसरे दिन जब पड़ोस के लोगों को मालूम हुआ, तो उन्होंने पुलिस को बुला लिया.कई दिनों के बाद सुप्रिया की हत्या के जुर्म में मनोज और नेहा को गिरफ्तार कर लिया गया.

दूसरों की ऐसी भूल से सबक ले कर जो लोग इन्हें अपनी जिंदगी में शामिल नहीं करते हैं, वे सुख भरी जिंदगी बिताते हैं.

सावधान: 50 रुपए में यहां बिक रही हैं लड़कियां

दुनियाभर में देह व्यापार के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानी मानव तस्करी का जाल दिनबदिन मजबूत होता जा रहा है. इस में होती मोटी कमाई के मद्देनजर बीते कुछ सालों में भारत समेत दुनिया के कई देशों में यह तस्करी सब से बड़े धंधे के रूप में उभरी है. कई देशों में देह व्यापार को कानूनी मान्यता हासिल है तो कहीं सबकुछ गैरकानूनी. कानून से कहीं नजर बचा कर तो कहीं उसे साथ मिला कर यह धंधा अरबों का हो चुका है. भारत में तो यह गैरकानूनी है लेकिन अन्य देशों की बात करें तो चीन में देह व्यापार का धंधा करीब 73 अरब डौलर का हो चुका है. हालांकि वहां यह व्यापार गैरकानूनी है इस के बावजूद दुनिया का सब से बड़ा बाजार चीन में ही मौजूद है. चीन सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी मसाज पार्लरों, बारों और नाइट क्लबों में यह धंधा धड़ल्ले से चल रहा है.

वहीं, स्पेन दुनिया का दूसरा देश है जहां पौर्न व्यापार फलफूल रहा है. वहां यह व्यापार करीब 26.5 अरब डौलर का है. यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, 39 फीसदी स्पैनिश पुरुषों ने एक बार यौनकर्मी से संबंध बनाए हैं. जापान में यह व्यापार 24 अरब डौलर, जरमनी में 18 अरब डौलर, अमेरिका में 14.6 अरब डौलर, दक्षिण कोरिया में 12 अरब डौलर और थाइलैंड में 6.4 अरब डौलर का हो चुका है.

जाहिर है जहां इतनी बड़ी कमाई के विकल्प होंगे वहां देह व्यापार के नाम पर मानव तस्करी, लड़कियों की खरीदफरोख्त और उन के खिलाफ अपराध होने तय हैं.

वेश्यावृत्ति का जाल

 अगर भारत की ही बात करें, तो यहां का देह व्यापार करीब 8.4 अरब डौलर का माना जाता है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2013 में तकरीबन साढ़े 6 करोड़ लोगों की तस्करी की गई. इन में से अधिकतर बच्चे हैं जिन्हें देह व्यापार, बंधुआ मजदूरी या भीख मांगने के काम में लगाया गया. वाक फ्री फाउंडेशन के 2014 के ग्लोबल स्लेवरी इंडैक्स के मुताबिक, भारत में 1.4 करोड़ से अधिक लोग आधुनिक गुलामी में जकड़े हुए हैं.

वेश्यावृत्ति को कानूनी जामा पहनाने के लिए यहां लंबे समय से एक पक्ष मांग कर रहा है. बावजूद इस के, देश में आज भी इस कारोबार में कोई भी लड़की या औरत मरजी से नहीं आती, या तो हालात उन्हें इस धंधे में ले आते हैं या फिर उन्हें बेच दिया जाता हैं.

फिलीपींस, जहां यह कारोबार करीब 6 अरब डौलर का बताया जाता है, सैक्स टूरिज्म के लिए दुनियाभर में चर्चित है. भारत की तरह फिलीपींस और तुर्की जैसे देशों में गरीबी और मजबूरी की मार झेल रही नाबालिग लड़कियां देह व्यापार का हिस्सा बन रही हैं. लेकिन नेपाल की कहानी तो सब से बुरी है. वहां गरीबी और भूकंप की त्रासदी झेल रहे परिवार अपनी ही बेटियों का सौदा करने को मजबूर हैं.

बदहाल नेपाल

 धनुकी सिसकसिसक कर रो रही थी. उस के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. पुलिस वाले कुछ भी पूछते तो उस की सिसकियां तेज हो जाती थीं. आंसू और सिसकियों के बीच वह कुछ बोलती तो समझ में कुछ नहीं आता. पुलिस वाले भी परेशान थे कि इस लड़की को किस तरह से चुप कराएं.

करीब एकडेढ़ घंटे के बाद जब उस का रोना बंद हुआ तो उस 14 साल की मासूम लड़की ने जो कुछ कहा, उसे सुन कर पुलिस वालों के भी होश उड़ गए. उस ने कहा, ‘‘मैं नेपाल के रौटहट की रहने वाली हूं और जिला स्कूल में पढ़ती हूं. मेरे स्कूल के दोस्त सत्येंद्र ने मुझ से कहा था कि हम दोनों के घर वाले हमारा विवाह नहीं होने देंगे, इसलिए हम लोग घर से भाग जाते हैं और भारत में जा कर शादी कर लेंगे.

‘‘सत्येंद्र ने कहा कि पटना में एक उस का पहचानवाला है. वह शादी का सारा इंतजाम करा देगा. हम दोनों पटना आ गए. यहां आने पर उस की नीयत बदल गई. वह मुझ से गंदे काम करने के लिए कहता था. जब मैं शादी की बात करती तो वह बहाने बनाने लगा. कुछ दिनों के बाद उस के साथ 2-4 लड़के भी आने लगे. वे लोग मेरे साथ छेड़छाड़ करने लगे. डर से मेरी आवाज नहीं निकलती थी. वे लोग जोरजबरदस्ती करते और फिर चले जाते. कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा. सत्येंद्र कभीकभी ही मिलने आता और कहता था कि वह मुझे रानी बना कर रखेगा, मैं राज करूंगी. एक दिन मौका मिलते ही मैं कमरे से भाग निकली और थाने आ गई.’’

धनुकी की दास्तान को सुन कर पुलिस वाले भी चकरा गए. पुलिस अफसरों के दिमाग घूमने की वजह यह नहीं थी कि किसी लड़की को बहलाफुसला कर जिस्म के धंधे में धकेल दिया गया, बल्कि वे इस बात को ले कर चकराए थे कि 14-15 साल के बच्चे भी ट्रैफिकिंग के धंधे में लगे हुए हैं. आमतौर पर इतनी कम उम्र के लड़कों पर इन मामलों में पुलिस को शक नहीं होता है.

कुछ इसी तरह पिछले साल 24 अगस्त को 15 साल की नाबालिग नेपाली लड़की जानकी को बहलाफुसला कर उस का पड़ोसी उसे ले भागा. नेपाल से उसे भगा कर वह पटना पहुंचा. 10वीं क्लास में पढ़ने वाली जानकी नेपाल के बीरगंज उपमहानगर पालिका क्षेत्र की रहने वाली है. उस के घर के पास ही रहने वाला विकास कुमार सोनी उस से शादी करने का झांसा दे कर उसे अपने साथ भगा ले गया.

आसपास के लोगों ने बताया कि पिछली 13 जुलाई को जानकी और विकास सड़क के किनारे बातचीत कर रहे थे. लड़की के चाचा वीरेंद्र साहा ने बीरगंज थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखवाया था कि पटना के मालसलामी महल्ले का रहने वाला लड़का विकास जानकी को बहलाफुसला कर ले भागा है.

विकास नेपाल में मोबाइल टावर लगाने का काम करता था. पुलिस ने जब विकास के मोबाइल टावर की लोकेशन का पता किया तो पटना के मालसलामी इलाके में उस के होने का पता चला. लड़की के मामा शिवशंकर चौधरी ने पटना के मालसलामी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और एएसपी विकास वैभव को मामले की जानकारी दी गई. शिवशंकर ने बताया कि पिछली 13 जुलाई को उस की भांजी स्कूल के लिए घर से निकली थी, उस के बाद उस का कोई पता नहीं चला.

भूकंप से बिगड़े हालात

हिमालय की गोद में बसे, प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर नेपाल ने 25 अप्रैल, 2015 और उस के बाद आए तेज व विनाशकारी भूकंप के कई झटकों को झेला. नेपाल के 26 जिलों में भूकंप ने जानमाल को काफी नुकसान पहुंचाया जबकि पश्चिमी हिस्से में इस का खास असर नहीं हुआ. करीब 10 हजार लोगों के मरने और 30 हजार लोगों के घायल होने व 7 लाख से ज्यादा घरों के मलबे में तबदील होने के बाद नेपाल में पलायन की रफ्तार तेज हो गई है. हजारों लोगों की जान गंवाने के बाद नेपाल के सामने सब से बड़ी चुनौती भूकंप के प्रकोप से बच गए लोगों और देश की पूरी व्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की है.

नेपाल से लौट कर आया बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड का रहने वाला मजदूर विमल साहनी का कहना है, ‘‘वहां खाने के सामान और पानी की अभी भी बहुत कमी है. सारी दुकानें बंद हैं. बिजली नहीं रहने की वजह से रात में परेशानी कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है.’’

भूकंप की त्रासदी झेल रहा नेपाल अब एक और नया दर्द झेल रहा है. गरीबी और पैसों की किल्लत की वजह से लोग अपनी बेटियों को बेच रहे हैं. कई लड़कियां परिवार को दुख में देख कर खुद को दलालों के हाथों सौंप रही हैं. नेपाल में इन दिनों लड़कियों और बच्चों को काम दिलाने के नाम पर कई दलाल हर इलाके में खासकर राहत शिविरों के आसपास घूम रहे हैं.

साल 2015 में नेपाल में आए भयंकर भूकंप की तबाही के बाद वहां लड़कियां और औरतें 50-100 रुपए में सैक्स करने के लिए राजी हो रही हैं. इस से नेपालियों में एड्स का खतरा तेजी से बढ़ रहा है.

पब्लिक अवेयरनैस फौर हैल्थफुल एप्रोच फौर लिविंग के मैडिकल डायरैक्टर और एड्स स्पैशलिस्ट डाक्टर दिवाकर तेजस्वी बताते हैं कि पिछले 7-8 महीनों में पटना स्थित उन की क्लीनिक में नेपाल से आए एड्स के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. रक्सौल, बीरगंज और जनकपुर आदि इलाकों के कईर् लोग एचआईवी की चपेट में आ गए हैं. भूकंप के बाद सबकुछ गवां चुकी औरतें और लड़कियां अपना जिस्म बेच कर अपनी जिंदगी चला रही हैं. सैक्स के दौरान सुरक्षा का उपाय नहीं करने से एचआईवी मरीजों की संख्या और बढ़नी तय है. नेपाल से पटना में उन की क्लीनिक में आए एचआईवी मरीजों की तादाद में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है.

सक्रिय गिरोह

 दलाल आमतौर पर गरीब बच्चों के मांबाप को समझाते हैं कि वे बच्चों को मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, पटना जैसे शहरों में नौकरी पर लगवा देंगे. इस से अच्छा पैसा मिलेगा और उन की जिंदगी बदल जाएगी. खानेपीने की दिक्कत खत्म हो जाएगी. काम के साथ उन के बेटेबेटियों की पढ़ाई का भी इंतजाम कर दिया जाएगा. पढ़ने के बाद ज्यादा अच्छी नौकरी मिल जाएगी.

सुनसरी का रहने वाला जीवन थापा  बताता है, ‘‘मानव तस्करी में संलिप्त गिरोह पढ़ाई, खाना और बेहतर जीवन दिलाने का वादा करते हैं. भूकंप और गरीबी की दोहरी मार झेल रहे मांबाप आसानी से इन के झांसों में फंस जाते हैं. वे बेटियों को बेहतर जिंदगी देने और कुछ रुपयों के चक्कर में जानेअनजाने उन की जिंदगी को बदतर बना रहे हैं.’’

गौरतलब है कि नेपाल और भारत के बीच 1,750 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है. दोनों देशों के लोगों को एकदूसरे देश में आनेजाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती है. सीमा सुरक्षा बल के डीजी बंशीधर शर्मा कहते हैं, ‘‘दोनों देशों के बीच कुल 26 चौकियां बनी हुई हैं और रोजाना करीब 10 हजार लोग आरपार होते हैं. इस के बाद भी पूरी चौकसी बरती जाती है. ट्रैफिकिंग के मामलों पर भी नजर रखी जाती है और इस बारे में किसी पर थोड़ा सा भी शक होने पर पूरी जांचपड़ताल की जाती है.’’

डीजी बंशीधर आगे कहते हैं, ‘‘बिहार और नेपाल का बौर्डर काफी संवेदनशील है. भारत और नेपाल के बीच रोटी और बेटी का रिश्ता होने की वजह से दोनों देशों के बीच काफी आवाजाही रहती है. ऐसे में संदिग्धों को पहचानने में जवानों को काफी परेशानी होती है. खुलीसीमा का फायदा गैरकानूनी लोग आसानी से उठाने की कोशिश करते रहते हैं. इसे रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल ने बौर्डर इंटरैक्शन टीम का गठन किया है. इस टीम के लोग सादी वरदी में लोगों से मिलतेजुलते रहते हैं और संदिग्धों पर नजर रख रहे हैं.’’

दलालों की चांदी

 पूर्णियां कोर्ट के सीनियर वकील संजय कुमार सिन्हा कहते हैं, ‘‘नेपाल में लड़कियों को बेचने व खरीदने का धंधा जोरों से चल रहा है. भूकंप से बदहाल नेपाल में खाने के लाले पड़े हुए हैं. सरकार असमंजस में है. ऐसे में लड़कियों को खरीद कर उन्हें वेश्यालयों तक पहुंचाने वाले दलालों की चांदी हो गई है.

नेपाली लड़कियां 3 से 15 हजार रुपए तक में बेच दी जाती हैं. गरीब पैसों के लालच या परिवार के बाकी लोगों की पेट की आग को बुझाने के लिए बेटियों को दरिंदों के हाथों बेच देते हैं. तस्कर उन लड़कियों को दिल्ली, मुंबई या कोलकाता के बाजारों में डेढ़ से ढाई लाख रुपए तक में बेच डालते हैं. वहां से ज्यादातर नेपाली लड़कियों को अरब, हौंगकौंग, जापान, कोरिया, अफ्रीका, मलयेशिया, थाइलैंड आदि देशों में पहुंचा दिया जाता है. वहां लड़की के सारे पासपोर्ट, वीजा, पहचानपत्र आदि दस्तावेजों को जब्त कर लिया जाता है, ताकि लड़की भाग न सके.’’

काठमांडू और उस के आसपास के इलाकों में चल रही कई ट्रैवल एजेंसियां और मैरिज ब्यूरो संस्थाएं लड़कियों की तस्करी के खेल में शामिल हैं. ऐसा केवल काठमांडू में नहीं, बल्कि दुनियाभर में दलालों की नजर उन मजबूर परिवारों या लड़कियों पर रहती है. लड़कियों की शादी कराने, नौकरी दिलाने आदि का झांसा दे कर वे गरीब और भोलेभाले मांबाप को अपने जाल में फंसा लेते हैं. उन्हें समझाया जाता है कि गरीबी की वजह से वे अपनी बेटी का विवाह तो कर नहीं सकते हैं, ऐसे में मैरिज ब्यूरो के जरिए अच्छा लड़का मिल सकता है.

गरीबी की मार

 पोखरा का रहने वाला दिलीप थापा बताता है, ‘‘मेरी बेटी दिव्या की शादी दिल्ली के किसी व्यापारी से कराने की बात कही गई थी. मैं ने ट्रैवल एजेंट की बात मान ली. गरीबी की वजह से मैं अपनी बेटी का विवाह किसी अच्छे लड़के से नहीं कर सकता था. इसलिए मैं बेटी को विवाह के लिए दिल्ली भेजने के लिए राजी हो गया. जब ट्रैवल एजेंट दिव्या को ले कर जाने लगा तो उस ने मेरे हाथ में 2 हजार रुपए थमाए थे. उसी समय मेरा माथा ठनका था कि उस ने 2 हजार रुपए क्यों दिए? रुपए तो मुझे देने चाहिए थे, पर कुछ कह नहीं सका.’’

थापा रोते हुए बताता है, ‘‘आज मेरी बेटी को दिल्ली गए 3 महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन उस का कोई अतापता नहीं है. ट्रैवल एजेंट के औफिस में पूछता हूं तो वहां लोग यही कहते हैं कि तुम्हारी बेटी की शादी कर दी गई है. वह अपने ससुराल में राज कर रही होगी.’’ यह कहतेकहते दिलीप की आंखों में आंसू छलक आते हैं. उसे इस बात का मलाल है कि क्यों उस ने अपनी बेटी को ट्रैवल एजेंट के हवाले कर दिया था.

विराटनगर के एक ट्रैवल एजेंट ने बताया कि इन दिनों कई फर्जी ट्रैवल एजेंट्स और प्लेसमैंट एजेंसियों के एजेंट्स नेपाल में खुलेआम धूम रहे हैं. वे इस बात की पड़ताल करते रहते हैं कि किस परिवार को भूकंप से ज्यादा नुकसान हुआ है. किस परिवार में कितनी लड़कियां और बच्चे हैं.

गरीब परिवार की लड़कियों को देख कर उन की बांछें खिल उठती हैं. लड़की के मांबाप को दलाल आसानी से समझा लेते हैं कि उन की बेटी को नौकरी मिल जाएगी और वह हर महीने अपनी कमाई से मोटी रकम घर भेजेगी. उस की शादी भी करा दी जाएगी. जिस से परिवार का गुजारा बढि़या से चलेगा. नया घर बनाने में मदद मिल जाएगी. दलालों के इस झांसे में लोग फंस जाते हैं और उन के हाथों में अपनी बेटी व मासूम बच्चों को सौंप देते हैं.

संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के बाद नेपाल के राहत शिविरों में 15 लाख से ज्यादा लड़कियां रह रही हैं और उन की हिफाजत का कोई इंतजाम नहीं है. इतना ही नहीं, करीब

30 हजार ऐसी लड़कियां हैं जिन के मांबाप समेत परिवार के सभी सदस्यों को भूकंप ने लील लिया. वे पूरी तरह से बेसहारा व लावारिस जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं. ऐसी लड़कियों को काम दिलाने के नाम पर बहलानाफुसलाना काफी आसान है. पैसे, भोजन, काम और घर मिलने के लालच में वे बड़ी ही आसानी से दलालों की गिरफ्त में फंस रही हैं.

नेपाल के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि वहां 38 फीसदी लोग गरीबीरेखा के नीचे रहते हैं. इस के साथ ही नेपाल एशिया का सब से गरीब देश भी है. बेहतर जिंदगी और कमाई की नीयत से 52.8 फीसदी नेपाली लड़कियां एजेंटों के झांसे में फंस रही हैं. परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए 19 फीसदी और प्रेम के चक्कर में फंस कर 1.4 फीसदी नेपाली लड़कियां घर छोड़ रही हैं.

रक्सौल में रहने वाले भारत-नेपाल मैत्री संघ के सदस्य अनिल कुमार सिन्हा बताते हैं कि नेपाल से 10 से 35 साल की लड़कियों और औरतों की तस्करी होने की खबरें आएदिन सुनने को मिल रही हैं और उन्हें भारत समेत दुबई, हौंगकौंग आदि देशों के वेश्यालयों में पहुंचाया जा रहा है.

दुबई में तस्करी

गौरतलब है कि कुछ महीने दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली पुलिस ने एयरलाइन के 2 कर्मचारियों के साथ 2 तस्करों को दबोचा था. वे अपने साथ 21 नेपाली लड़कियों को दुबई ले जाने की कोशिश में थे. लड़कियों ने पुलिस को बताया था कि सभी लड़कियों को दुबई में अच्छी नौकरी देने की बात कही गई थी.

बौर्डर पुलिस के मुताबिक, ‘‘लड़कियों के तस्कर गरीब लड़कियों को वेश्यालयों में पहुंचाने के अलावा उन्हें और भी कई तरह के धंधों में झोंक रहे हैं. इन्हें घरेलू कामकाज, भीख मांगने, मजदूरी, सर्कस में मजदूरी आदि के कामों में भी लगाया जाता है. सुंदर और जवान लड़कियों व औरतों को सैक्स के धंधे में धकेल दिया जाता है और बाकी औरतों को दूसरे कामों में भी लगा दिया जाता है.

पुलिस के मुताबिक, वेश्यालयों के साथ ही डांसगर्ल, बारगर्ल और मसाजगर्ल के रूप में भी नेपाली लड़कियों को आसानी से खपाया जाता है. पटना, मुजफ्फरपुर, रांची, कोलकाता आदि के कई मसाजपार्लरों में नेपाली लड़कियां काम करती हुई आसानी से दिख जाती हैं.

भारत में सैक्स का कारोबार करीब 4 लाख करोड़ रुपए का है. दिल्ली के जीबी रोड, कोलकाता के सोनागाछी, मुंबई के कामाठीपुरा, पुणे के पेठ, इलाहाबाद के मीरगंज, बनारस के शिवदासपुर, मुजफ्फरपुर के चतुर्भुज स्थान, मुंगेर के श्रवण बाजार आदि रैडलाइट इलाकों में 3-4 महीनों के दौरान नेपाली लड़कियों की संख्या तेजी से बढ़ी है. पिछले 8 अगस्त को पुणे के पेठ इलाके में छापामारी कर पुलिस ने 700 नेपाली लड़कियों को बरामद किया था.

लड़की को उस के घर से लेने के बाद एजेंट्स लड़की को सीमापार कराने में सहायता पहुंचाने वालों के हाथों में 10-12 हजार रुपए थमा देते हैं. भारत और नेपाल के बीच खुलीसीमा होने के कारण दोनों देशों के लोग बेरोकटोक एकदूसरे के देशों में आतेजाते रहते हैं. सीमा पर बसे लोगों को हर चोररास्ते का पता होता है और वे कस्टम व सीमा सुरक्षा बलों की आंखों में आसानी से धूल झोंक देते हैं. वे लोग एजेंट्स द्वारा सौंपी गई लड़की या औरत को अपना परिवार वाला बता कर सीमा के पार पहुंचा देते हैं.

भारत की सीमा में पहुंचने के बाद एजेंट्स टैक्सी बुक करते हैं और सामान या लड़कियों को बिहार समेत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई आदि के वेश्यालयों तक पहुंचाते हैं. इस के लिए एजेंट्स टैक्सी वालों को 10 से 15 हजार रुपए तक दे देते हैं. रेल या बस के मुकाबले टैक्सी से सफर करना उन के लिए ज्यादा महफूज होता है.

वेश्यालयों में लड़कियों को बेच कर एजेंट्स 75 हजार रुपए से 1 लाख रुपए प्रति लड़की झटक लेते हैं. वहीं, 30 साल से ज्यादा उम्र की औरतों की कीमत 40 से 50 हजार रुपए लगाईर् जाती है. विदेशों के वेश्यालयों यानी थाइलैंड, मलयेशिया, कोरिया, जापान, हौंगकौंग, आस्ट्रेलिया, चीन आदि देशों में एक लड़की के बदले एजेंट्स की 30 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है.

शोषण की हद

रक्सौल पुलिस ने पिछले दिनों एक 14 साल की नेपाली लड़की को जख्मी हालत में रक्सौल रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया. लड़की ने पुलिस को बताया कि वह नेपाल के पोखरा शहर की रहने वाली है. पिछले साल 24 जुलाई को कुछ लोगों ने उसे उठा लिया और 3 दिनों तक अंधेरे कमरे में भूखाप्यासा रखा. जब भूख से उस की बेचैनी बढ़ने लगी तो एक रोटी खाने को दी. उस के बाद 10 से ज्यादा लोगों ने उस के साथ कई दिनों तक बलात्कार किया.

उस के बाद उस की आंखों पर पट्टी बांध कर बाहर निकाला गया और एक अंजान जगह व मकान में छोड़ दिया गया. 2 दिनों के बाद कुछ लोग आए और उसे मुजरा सीखने की ट्रेनिंग देने की बात करने लगे. इनकार करने पर बैल्ट से पीटा गया और 2 लोगों ने बलात्कार किया. बेबस हो कर उस ने मुजरा सीखना शुरू किया. एक सप्ताह की ट्रेनिंग के बाद उसे दूसरी जगह ले जाया गया. वहां नएनए लोग आते थे और उस से नाचने के लिए कहते और उस के बाद उस का बलात्कार करते.

एक दिन मौका पा कर वह भाग निकली. बाहर निकल कर पता किया तो लोगों ने बताया कि वह मुजफ्फरपुर शहर में है. वहां से ट्रेन में बैठ कर रक्सौल पहुंच गई. वहां से नेपाल जाने की कोशिश कर रही थी कि कुछ पुलिस वालों ने पकड़ लिया.

भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी की रोकथाम का काम कर रही स्वयंसेवी संस्था भूमिका विहार की निदेशक शिल्पी सिंह बताती हैं, ‘‘मानव तस्करी के मामले में बिहार का सीमांचल इलाका ट्रांजिट पौइंट बनता जा रहा है. संस्था की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 5 सालों में 519 बच्चे गायब हुए, जिन में ज्यादातर लड़कियां थी. विवाह और नौकरी का लालच दे कर लड़कियों की तस्करी की जाती है. बच्चों को गायब करने के बाद उन्हें वेश्यालयों में पहुंचा कर उन्हें देह व्यापार के जलील धंधे में झोंक दिया जाता है.’’

कुल मिला कर नेपाल ही नहीं, देशविदेश के हर कोने में लड़कियां देह व्यापार के धंधे में झोंकी जा रही हैं. उन की मुफलिसी का फायदा उठा कर चमड़ी से दमड़ी कमाने वाले लोगों ने इसे एक कमाऊ पेशा बना लिया है. जिस में ऊपर से ले कर नीचे तक सब भ्रष्ट हैं. इंसानियत के लिहाज से स्थिति भयावह व चिंताजनक है. इंसानियत थोड़े से इंसानरूपी हैवानों की दरिंदगी का शिकार है.

भूख और गरीबी के हाथों मजबूर

 बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के एक पौश इलाके के आलीशान मकान से छुड़ाई गई 16 साल की नेपाली लड़की सुनिति गुरूंग से हुई बातचीत से यह साफ हो जाता है कि नेपाल में आए भूकंप के बाद कई परिवारों के सामने खाने के लाले पड़े हुए हैं. दलाल नेपालियों को बरगला कर उन की बेटियों को खरीदने व बेचने का धंधा कर रहे हैं, लेकिन कई लोग जानबूझ कर अपनी बेटियों को दलालों के हाथों सौंप भी रहे हैं.

इस के पीछे उन की यही सोच है कि बेटी बेच कर कुछ पैसे तो मिलेंगे ही, साथ में बेटी भी भूख व गरीबी से नहीं मरेगी. कई बेटियां तो परिवार की फांकाकशी से तंग आ कर खुद ही जिस्म के दलालों से मिल कर मोलभाव कर रही हैं. सुनिति से बातचीत के दौरान कई दर्दनाक व खौफनाक सचाइयों का खुलासा हो जाता है.

भूकंप वाले दिन आप के साथ क्या हुआ था?

 भूकंप में मेरे मांबाप की मौत हो गई. जिस समय भूकंप आया था उस समय मैं स्कूल में थी. घर पहुंची तो देखा कि मेरा घर पूरी तरह से गिर गया है और मांबाप उस में दब कर मर गए हैं. चारों ओर चीखपुकार मची हुई थी. मैं भी रो रही थी.

उस के बाद क्या हुआ?

पुलिस वालों ने बताया कि मेरे मांबाप मर गए हैं. उन्होंने पूछा कि और कोई रिश्तेदार है तुम्हारा? मैं ने कहा, ‘‘नहीं.’’ उस के बाद मुझे कैंप में पहुंचा दिया गया. 8 दिनों तक कैंप में रही. खाना और पानी भी नहीं मिलता था. दिनभर में इतना खाना भी नहीं मिलता था कि पेट भर सके.

फिर क्या किया?

 काम खोजने निकली तो कहीं काम नहीं मिला. सब यही कहते थे कि कैंप में ही रहो. पूरा नेपाल तबाह हो गया है, कोई काम अभी नहीं मिलेगा.

कैंप में किसी ने कोई बदतमीजी या गलत हरकत तो नहीं की?

 लड़कियों के लिए अलग कैंप था, लेकिन वहां खाना और पानी पहुंचाने वाले कुछ लोग लड़कियों और औरतों से गंदी बातें करते थे. मुझे अच्छा नहीं लगता था और बहुत गुस्सा आता था.

दलाल के चक्कर में फंस कर मुजफ्फरपुर कैसे पहुंची?

 कैंप में ही खाने का पैकेट बांटने वाले एक आदमी ने कहा कि वह पटना में अच्छी नौकरी दिला देगा. मैं तैयार हो गई. उस ने पटना ले जाने के बजाय मुझे यहां (मुजफ्फरपुर) एक औरत के घर में छोड़ दिया. उस ने कहा कि औरत पटना पहुंचा देगी. 2 दिन तो ठीकठाक गुजरे लेकिन उस के बाद रोज 3-4 आदमी आते और मेरे साथ जबरदस्ती करते थे.

तब क्या सोचा आप ने?

 क्या सोचती. उस समय तो लगा कि अब पूरी जिंदगी उसी नरक में बितानी पड़ेगी. बाहर निकलने का कोई ओरछोर ही पता नहीं चलता था. हर तरफ मजबूत पहरा था.

वहां खाना और रुपया आदि मिलता था?

 खानापीना तो समय पर मिलता था लेकिन रुपयों के बारे में पूछने पर कहा जाता था कि उस का मेहनताना बैंक में जमा हो रहा है. चुपचाप काम से काम रखो.

बाहर निकलने का मौका कैसे मिला?

 एक दिन सुबह उठ कर तैयार हो रही थी कि हल्ला मचने लगा और भागदौड़ होने लगी. मैं कमरे से बाहर निकली तो देखा कि चारों तरफ पुलिस वाले खड़े हैं और सभी को पकड़ रहे थे. मैं बाहर की ओर भागने लगी तो पुलिस वालों ने मुझे भी पकड़ लिया. अब पुलिस वाले कहते हैं कि वे मुझे घर भेज देंगे. अब मैं नेपाल जा कर क्या करूंगी. वहां कौन मुझे काम देगा? कौन खानापीना देगा? जिंदगी कैसे कटेगी? कुछ पता नहीं चल रहा है?

(खुफिया विभाग के एक अफसर के सहयोग से लड़की से बात हो सकी है. उन के अनुरोध पर लड़की का नाम बदल दिया गया है.)

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