पलंगतोड़ सैक्स की चाहत को कैसे करें पूरा

यौन उत्तेजना या कहें सैक्स पावर. देसी भाषा में मर्दाना कमजोरी. उसे बढ़ाने की ललक को भुनाने वाला कारोबार सदियों से चला आ रहा है. इन दिनों नएनए तरीके और दवाओं का बाजार गर्म है. उस संबंध में कुछ सही तो कुछ गलत धारणाओं से भी लोग भ्रमित हो जाते हैं. और वे न केवल ठगे जाते हैं, बल्कि अपने शरीर का भी नुकसान कर बैठते हैं. इस के बावजूद भी सैक्स पावर के पीछे न केवल उम्रदराज मर्द बल्कि युवा भी इस तरह भाग रहे हैं कि…   कानपुर का रहने वाला  बिजनैसमैन सुंदर लखोटिया मर्दाना कमजोरी को ले कर चिंता में डूबा रहता था. हाल में ही उस की शादी हुई थी. उम्र 32 साल और पत्नी की उम्र 26-27 साल. वह अपनी पत्नी से यौन संबंध बनाने में खुद को कमजोर समझता था. इस की शिकायत पत्नी की तरफ से थी या नहीं, यह तो पता नहीं लेकिन फिर भी उसे लगता था कि उस की सैक्स लाइफ मजेदार नहीं है. जिस आनंद के बारे में उस ने दोस्तों से सुन रखा था, वैसा उसे कुछ भी अनुभव नहीं हो पा रहा था. पत्नी के साथ देर तक नहीं टिक पाता था. सैक्स की कुछ पोजीशनों के बाद ही स्खलित हो जाता था. एक रोज उस की नजर फेसबुक के जरिए एक विज्ञापन पर गई. वह एक कालसेंटर का विज्ञापन था, जिस में सैक्स समस्याओं के संबंध में सलाह देने की बात कही गई थी. उस ने तुरंत दिए गए नंबर पर काल कर दी.

कुछ समय में ही एक मैसेज आ गया. उस के साथ एक लिंक भी था. सुंदर ने झट लिंक को क्लिक कर दिया. उस पर सैक्स पावर बढ़ाने वाली कई जानकारियां थीं. उन में सैक्स पोजीशन, आहारविचार और लाइफस्टाइल से ले कर सैक्स की क्षमता बढ़ाने वाली गोलियां, स्प्रे और आयल की जानकारी भी थी. नीचे दिए रोहिणी, दिल्ली के पते से उसे कुरियर के जरिए मंगवाया जा सकता था. सुंदर ने बिना समय गंवाए और किसी से सलाहमशविरा किए बिना तुरंत 1800 रुपए का और्डर बुक कर दिया. महीनों बीतने के बावजूद और्डर का कोई कुरियर नहीं आया, उल्टे उसे पैसा कमाने के साथसाथ सैक्स के अनुभवों के बारे में प्रैक्टिकल जानकारियां लेने का एक औफर मिला.

वह औफर जिगोलो यानी ठेठ में कहें कि पुरुष वेश्या बन 30 की उम्र पार कर चुकी महिलाओं के साथ सैक्स करने का था. इस के बदले में रजिस्ट्रैशन फीस मांगी गई थी.  सुंदर के सामने एक ओर दूसरी औरतों के सैक्स की ललक थी और पैसा बनाने का मौका भी था. उस ने दिए गए नंबर पर काल की, वह कालसेंटर का नंबर था. टेलीकालर महिला ने उसे मीठीमीठी लुभावनी आवाज में समझा दिया कि इस से उस की सैक्स पावर बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस के लिए निश्चित रजिस्ट्रैशन फीस चुकानी होगी. आश्वासन भी मिला कि उस के यहां से दवा और्डर बुक किया जा चुका है.

कुछ दिन बाद ही एक खबर पढ़ कर वह चौंक गया. खबर के अनुसार, राजधानी दिल्ली में रोहिणी इलाके की साइबर सेल ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिस में 8 युवतियां भी शामिल थीं. सभी फरजी कालसेंटर में काम करने वाली टेलीकालर थीं.  उस का मुख्य आरोपी टेलीकालर लड़कियों के माध्यम से जिगोलो का काम दिलाने का झांसा दे कर ठगी करता था. पुलिस ने फरजीवाड़े के गैंग सरगना अमन विहार निवासी मेहताब को गिरफ्तार कर लिया.

खबर पढ़ कर सुंदर को समझते देर नहीं लगी कि वह एक फरजी कंपनी की ठगी का शिकार हो चुका है. असल में वह कंपनी सैक्स पावर बढ़ाने वाली ‘शक्तिवर्द्धक गोली’ और ‘पावर स्प्रे’ बेचने का काम करती थी. पुलिस द्वारा की गई शुरुआती जांच में देश भर के 50 से अधिक लोगों से ठगी की बात सामने आई. उस का सरगना मेहताब दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक था, उस ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर के दौरान अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और यूपीएससी की तैयारी करने लगा था. उसी दौरान उस ने कुछ कालसेंटरों में काम भी किया था. साइबर सेल को समयपुर बादली निवासी सुमित ने 2 जून को घोखाधड़ी की शिकायत की थी. उस ने बताया था कि उसे कालसेंटर से एक लड़की का फोन आया था. उस ने जिगोलो का काम दिलवाने और सैक्स पावर की गोलियां देने का झांसा दिया था. उस से 70 हजार रुपए ठग लिए. आरोपी ने रजिस्ट्रैशन, बुकिंग और एडवांस के नाम पर उस से ठगी की थी.

उस शिकायत पर ही जिला पुलिस उपायुक्त बृजेंद्र सिंह ने छापेमारी के आदेश दिए थे. कालसेंटर से 12 मोबाइल फोन, पेटीएम एप्लिकेशन चलाने के लिए इस्तेमाल एक एंड्राइड फोन, लेनदेन का विवरण रखने वाले 16 नोटबुक, कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर और ‘कार्य सुख पावर’ नाम की गोलियों की 5 बोतलें समेत स्प्रे की 5 बोतलें बरामद की गई थीं. कालसेंटर में काम करने वाली टेली कालर किसी भी नंबर पर फोन करती थीं. फोन पर बात करने वाले लोगों को यौनशक्ति बढ़ाने की दवा लेने के लिए प्रेरित करती थीं.

यदि कोई दावा करता था कि उस की यौनशक्ति ठीक है और उसे किसी भी दवा की जरूरत नहीं है, तब लड़कियां उन्हें जिगोलो सेवा में शामिल होने के लिए अच्छा पारिश्रमिक देने की बात कहती थीं. यौनशक्ति में कमी की शिकायत वालों को भी सैक्स करने के तरीके सिखाने की बातें करती थीं. उल्लेखनीय है कि सैक्स से जुड़ी परेशानियों के शिकार अमूमन नवविवाहित युवा हैं. वैसे हर मर्द सैक्स का आनंद नए अंदाज में लेना चाहता है. इसी का फायदा सैक्स पावर बढ़ाने वाला बाजार उठाता है.

सैक्स पावर को बढ़ाने के लिए मार्केट  में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं, जिन में आयुर्वेदिक से ले कर एलोपैथिक दवा वियाग्रा तक है. लोगों का मानना है कि नपुंसकता दूर करने वाली वियाग्रा एक महंगी और पूरी दुनिया में सैक्स पावर को तेजी से बढ़ाने वाली गोली मानी जाती है. इस तरह की दवाइयों से मर्दाना कमजोरी को दूर करने के दावे किए जाते हैं. लेकिन इस के खतरे भी कम नहीं हैं. अगर शादी से पहले इन की आदत लग जाए या फिर छिपे हुए रोग ग्रसित होने की स्थिति में इस का सेवन खतरनाक हो सकता है. कई बार ऐसी दवाओं की लत लग जाती है. इस का एहसास 28 साल के अमित को शादी के बाद हुआ.

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के रहने वाले अमित ने शादी से पहले सैक्स के अनेक अनुभवों के ख्वाब देखे थे. पोर्न फिल्मों से ले कर सैक्स पावर बढ़ाने वाली दवाइयों के बारे में जानकारी जुटा ली थी.  उस के साथ जो हुआ, वह सुख में सेंध जैसी बात ही कही जाएगी. शादी की पहली रात तो जैसेतैसे निकल गई. असल में वह नई पत्नी संग रोमांस सुख से अधिक पलंगतोड़ सैक्स सुख की उम्मीद लगाए हुए था. लेकिन उस की समस्या उस का बारबार स्खलित होना था. तब उस ने अगले रोज वियाग्रा की डबल खुराक ले ली.  पलंगतोड़ यौनाचार की ख्वाहिश प्रबल थी. दिमाग की नसों में सैक्स का रक्त तेजी से बहने लगा था. उस ने लिंग की उत्तेजना तो हासिल कर ली, लेकिन पत्नी की मनोदशा को नहीं समझ पाया. यह कहें कि दिमाग में सैक्स की सुखानुभूति असंतुलित हो गई. शरीर के दूसरे अंगों के साथ तालमेल नहीं बन पाया.

नतीजा वह वियाग्रा के साइड इफेक्ट का शिकार हो गया. डाक्टरी सलाह के बिना उस ने वियाग्रा की लगातार 4 गुना गोलियां खा लीं. सैक्स सुख में उस का आनंद कितना बढ़ा इस का तो पता नहीं, लेकिन वह अलग तरह के मनोवैज्ञनिक दबाव में जरूर आ गया था. उस असर को छिपा लिया. सोचा कुछ दिनों में अपने आप सही हो जाएगा. हालांकि जिसे वह सामान्य शारीरिक थकान और सिरदर्द समझ रहा था. दरअसल, वह उस के शरीर के लिए एक खतरे की घंटी थी. अचानक उस की तबीयत बिगड़ गई. काफी कमजोरी महसूस करने लगा. 5 जून, 2022 को उसे अस्पताल में भरती होने की नौबत आ गई. प्रयागराज के सब से बड़े सरकारी अस्पताल मोतीलाल नेहरू मैडिकल कालेज में उस का इलाज करने वाले डाक्टर भी उस की हालत देख कर हैरान थे.

डाक्टर के लिए यह अलग तरह का मामला था. डाक्टरी जांच में पाया गया कि उस  के लिंग में तनाव कम नहीं हो रहा है. साथ ही उस के शरीर के दूसरे हिस्से की नसें भी उभर गई थीं. डाक्टर इतना तो समझ गए थे कि मामला सैक्स से जुड़ा है. अमित से हमदर्दी जताते हुए पूछताछ की गई. उस ने बगैर कुछ छिपाए हुए वियाग्रा की डोज के बारे में बताया. डाक्टर के लिए चुनौती यह थी कि किस तरह से उस दवा के असर को खत्म किया जाए.

यूरोलौजी विभाग के हेड डा. दिलीप चौरसिया ने केस अपने हाथ में लिया. इलाज शुरू किया गया. प्राइवेट पार्ट की नसों के तनाव को कम करने के लिए दूसरी दवाओं का सहारा लिया गया, लेकिन इस का भी ध्यान रखा गया कि उन दवाओं के असर से दिल की धड़कनें प्रभावित न हों और दिमाग की नसों पर भी कोई असर न पड़े. डाक्टरों की टीम ने मुंबई के एक डा. रुपिन शाह के फार्मूले को अपनाया और पेनाइथल प्रोस्थेसिस के एक महीने के अंतर से 2 औपरेशन कर अमित को ठीक तो कर दिया लेकिन उस के लिंग का तनाव फिर भी कम नहीं हुआ. इस हालत में अमित को परिवार और समाज के सामने रहना असहज महसूस होने लगा. इस का डाक्टरों ने एक ही उपाय बताया कि वह मोटा कपड़ा पहने या लंगोट बांधे.

लिंग में हर समय उत्तेजना बने रहने का अमित को खामियाजा भी भुगतना पड़ा. पति की सैक्स पावर से परेशान हो कर उस की नवविवाहिता मायके चली गई. अमित के साथ घटित इस घटना से वैसे युवाओं को सैक्स पावर की दवाओं के सेवन के प्रति सतर्क कर दिया है. अधिकतर युवक लुभावने विज्ञापनों को देख कर यह कदम उठा लेते हैं. इस की खुराक का पता नहीं करते. नीमहकीमों के चक्कर में पड़ कर अपनी जिंदगी तबाह कर लेते हैं.

सैक्स पावर बढ़ाने की ललक में वह अपनी सैक्स पावर को और कम कर लेते हैं या फिर नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं. कुछ नहीं तो प्रजनन क्षमता में कमी आ ही जाती है.  सैक्स रोग विशेषज्ञों ने सैक्स पावर बढ़ाने वाली गोलियों के सेवन और उस के दुष्प्रभाव के बारे में कई सुझाव दिए हैं. उस का सब से बुरा दुष्प्रभाव स्खलन दोष से संबंधित होता है. लंबे समय तक सैक्स के लिए उत्तेजना तो आ जाती है, लेकिन उस का टिकाऊपन उस का स्वस्थ शरीर और दूसरे मनोविज्ञान पर भी निर्भर करता है.

मैडिकल साइंस में इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक सैक्स संबंधी समस्या है, जिसे नपुंसकता के रूप में भी जाना जाता है. इरेक्शन अर्थात सैक्स के लिए उत्तेजना प्राप्त करने या बनाए रखने में असमर्थ होने पर यह समस्या पैदा होती है. मर्दों में यौन उत्तेजना एक जटिल समस्या है, जिस में हार्मोंस, मस्तिष्क, भावनाएं, मांसपेशियां, तंत्रिकाएं और रक्त वाहिकाएं शामिल हैं. इन में से किसी भी हिस्से की समस्या होने की स्थिति में इरेक्टाइल डिसफंक्शन आ सकती है.  हालांकि पुरुषों के एक बड़े वर्ग में यह खराब हृदय स्वास्थ्य के कारण होता है. यही कारण है कि दिल के मरीजों को इस समस्या के निपटारे के लिए सैक्स पावर की गोलियां खाने से बचने की सलाह दी जाती है. वियाग्रा के अधिक सेवन से होने वाली मौतों का कारण हार्ट अटैक ही पाया गया है.

सामान्य स्वास्थ्य बीमारियां, जैसे हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप और मधुमेह सभी एक पुरुष की यौन उत्तेजना हासिल करने या बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करते हैं. यौन उत्तेजना में कमी का उपचार शारीरिक रोगों को ध्यान में रख कर किया जाता है. वैसे इस के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं. उन में वियाग्रा (सिल्डेनाफिल), सियालिस (तडालाफिल), वर्डेनाफिल (लेवित्रा) और अवानाफिल (स्टेंद्र) प्रचलन में हैं. इन का सेवन डाक्टरी सलाह के बगैर करना काफी खतरनाक हो सकता है.

ये दवाएं रक्त में नाइट्रिक आक्साइड के स्तर को बढ़ा कर अपना काम करती हैं. नाइट्रिक आक्साइड रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर देता है. इस संबंध में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि इस से लिंग में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है. ऐसा होने पर पुरुषों के लिए यौन उत्तेजना प्राप्त करने और बनाए रखने में सहूलियत होती है. यौन उत्तेजना वाली दवा के दुष्प्रभाव के बारे में पुरुषों को सचेत रहने की जरूरत है. दुष्प्रभावों में सिरदर्द, चक्कर आना, नाक और छाती में अधिक खून का जमाव, शरीर में ऐंठन, पाचन संबंधी समस्या, नजर दोष और त्वचा के रंग में बदलाव होते हैं.

कई पुरुषों में ऐसी दवा लेते समय छाती और नाक में रक्त जमाव का अनुभव होता है या फिर नाक बहने जैसी समस्या आ जाती है. ये दुष्प्रभाव भी नाइट्रिक आक्साइड के बढ़े हुए स्तर के कारण होते हैं. इस का स्तर बढ़ने पर नाक बंद हो जाती है और छाती में जमाव हो जाता है. सीने में दर्द होने लगता है. यही हृदय गति में तेजी आने का कारण बन जाता है.

सैक्सवर्धक दवा न केवल पाचन को प्रभावित कर देती है, बल्कि पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द की समस्या को भी बढ़ा देती है. पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है. इन दवाओं को लेने से दस्त और अपच का खतरा भी बढ़ जाता है. सैक्सवर्धक दवाओं का इंसान पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है, इस से दवा बनाने वाली कंपनियों को कोई खास मतलब नहीं. उन की नजर तो धंधे के मुनाफे पर है. वे करोड़ों की कमाई कर रही हैं.

नीमहकीमों की तो बात ही अलग है. वे तो अच्छेभले इंसान में भी कई तरह की कमियां निकाल कर उन का संबंध सैक्स से जोड़ देते हैं. इस के बाद वे जिस तरह जेब ढीली करते हैं, उस का अहसास बाद में होता है. कुल मिला कर स्वस्थ और सुखद यौन संबंध के लिए जीवनशैली को सहज सरल बना कर ही यौन आनंद की अनुभूति की जा सकती है, जो हमारे दैनिक संतुलित आहार से संभव है. सैक्स के लिए किए जाने वाले प्रयोग जोखिम से भरे होते हैं

उन खास पलो में ऐसे दोगुना होगा मजा

जया और रमिका लंच कर रही थीं. 8 घंटे की औफिस ड्यूटी के बीच यही समय मिलता है दोनों को अपना सुखदुख बांटने का. दोनों की हाल ही में शादी हुई है. पिछले 5 सालों से दोनों एक ही कंपनी में काम कर रही हैं.

खाना खाने के बाद वे एकदूसरे से बैडरूम की बातें करने लगीं. बातें गरमागरम थीं इसलिए वे दोनों औफिस से नजदीक ही एक पार्क में चहलकदमी करने लगीं.

जया ने बताया कि उस की सैक्स लाइफ काफी रोचक है. पतिपत्नी सैक्स में कई तरह के प्रयोग करते हैं. कभी उभार चूमना और उंगलियां फेरना एकसाथ करते हैं, तो कभी कंडोम पहनने के बाद उभार को उठा कर उसे चूमते हैं. इस मस्ती भरी छुअन के बाद वे सैक्स का मजा लेते हैं.

जया की इस बात पर रमिका मुसकराई. जया के पूछने पर रमिका ने बताया कि उस के पति उसे संतुष्ट नहीं करते. यह सुन कर जया चौंक गई.

इस पर रमिका ने कहा, ‘‘मेरा वह मतलब नहीं था. मेरे पति के लिए सैक्स का मतलब है न्यूड हो कर मेरे ऊपर आओ. शादी के 1-2 महीने बाद तक मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन अब नहीं.

‘‘जया बताओ न, मैं क्या करूं? मुझे सैक्स को बोरिंग नहीं बनाना है.’’

जया ने रमिका को सैक्स बटन के बारे में बताया जिन को इस्तेमाल में ला कर आज रमिका खुश दिखती है.

क्या आप जानते हैं सैक्स बटन की एबीसी?

दरअसल, औरतों में सिर से ले कर पैर तक सारे अंग कामुक होते हैं. अगर आप जानते हैं कि उन्हें सही तरीके से कैसे छूना है तो उन के शरीर का हर अंग मजा दिला सकता है.

1. होंठ

होंठ चूमना किसी औरत के लिए एक बड़ा टर्निंग पौइंट होता है. जब रिलेशन बन रहे होते हैं तो चूमना ऐसी पहली चीज होती है जो पहले मना की जाती है, लेकिन इस में देरी न करें.

होंठ उत्तेजक नसों से लबालब भरे होते हैं. लिहाजा, इन्हें तुरंत जीभ में नहीं डुबाना चाहिए. सब से पहले औरत के निचले होंठ पर अपनी जीभ फेरें, फिर उसे अपने होंठों के बीच फंसा कर चूसें. साथ ही, उसे भी ऐसा करने दें.

जब आप उसे चूम रहे हों तो अपने हाथ उस की गरदन पर रखें या फिर उस की कमर या कूल्हों पर या फिर इस दौरान इन सभी जगहों पर हाथ फेर सकते हैं.

2. बैकबोन

इस हिस्से के बारे में बहुत से लोग अनजान हैं, लेकिन यह औरतों को सब से ज्यादा जोश में लाने वाली जगह होती है. आप उन की स्पाइन पर अपनी उंगलियों को आराम से फिराएं. इस से आप अपने पार्टनर को बहुत जल्द कामुक कर सकते हैं.

3. उंगली

जीभ के बाद उंगलियों को शरीर का सब से सैंसिटिव हिस्सा माना जाता है. आप अपने पार्टनर की उंगलियों के ऊपरी हिस्से को चूम सकते हैं या हलके से दांत भी चुभा सकते हैं. दबाने से औरतों में जोश बढ़ता है. साथ ही, जैसेजैसे जोश बढ़ता जाता है आप को उस की उंगलियों को अपने होंठों के बीच ले जाना चाहिए, फिर होंठों से सहलाते हुए धीरेधीरे चूसना चाहिए. इस से वह नशे की सी हालत में आ जाएगी.

4. गरदन

औरतों की गरदन को भी काफी सैंसिटिव माना जाता है. गरदन की स्किन काफी पतली होती है, इसलिए यहां छूने पर काफी अच्छा महसूस होता है.

अगर आप अपनी उंगलियां सही जगह रख कर कौलरबोन सहलाएं तो पार्टनर को बहुत अच्छा महसूस होगा.

5. कान

जोश में लाने वाले बौडी पार्ट्स में कान बहुत काम के होते हैं. अपने पार्टनर के कानों को अपने होंठों से छुएं, चूमें या हलका सा काट लें और फिर देखिए उन का मूड.

6. पैर

बिस्तर पर जाने से पहले आप अपने पार्टनर से पैर धोने की गुजारिश करें, क्योंकि पैर सैक्सी होते हैं और इन्हें भी प्यार की जरूरत है.

पार्टनर के तलवों को चूम कर आप उसे जोश में ला सकते हैं. शुरुआत छोटी उंगली से करें. पैरों को सहलाते हुए रगड़ना एक औरत के लिए यह जबरदस्त अनुभव होता है. इस से उस के शरीर के दूसरे अंग भी उत्तेजित होने लगते हैं. इस की वजह यह है कि पैरों को सहलाने पर दिमाग का एक बड़ा हिस्सा जोश का अनुभव करता है इसलिए सैक्स से इस काम को नजरअंदाज न करें.

7. स्तन

स्तन महिला के सैक्सुअल अंगों में खास जगह रखते हैं. पर इस के लिए सीधे छलांग न लगाएं. स्तनों को तब तक न छुएं जब तक कि आप को यह न पता चल जाए कि वह चाह रही है कि आप उस के स्तनों को छुएं.

इस के लिए शुरुआत किनारे से करें, फिर गोल घेरे में अपनी उंगलियां स्तनों के चारों ओर घुमाएं. ऐसा तब तक करें जब तक स्तनों के निप्पल के चारों ओर के गुलाबी या भूरे रंग के गोल घेरे तक न पहुंच जाएं. यहां कुछ देर तक उंगलियां फिराने के बाद निप्पल तक पहुंचना चाहिए.

अब आप निप्पल को सहलाते हुए थपथपाएं, खींचें, दबाएं, चूमें और चूसें. इस दौरान आप चाहें तो हलके से दांतों से काट सकते हैं.

जब आप का मुंह एक स्तन पर है तो इस दौरान आप का हाथ दूसरे स्तन पर होना चाहिए तभी वह सबकुछ सौंपने को तैयार होगी. इस के बाद स्तन बदल कर यही दोहराएं. फिर दोनों हाथों से स्तनों को जम कर दबाना चाहिए. साथ ही, बीच में अपने पार्टनर से पूछें कि उसे स्तनों में कौन सी छुअन मजा देती.

कभी भी पार्टनर की इच्छाओं को नजरअंदाज न करें. स्तनों के बीच का हिस्सा कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि यह भी कामुक जगह  है.

8. भग

भग क्षेत्र में छलांग लगाना काफी आसान होता है लेकिन उस के पहले उस गूदेदार क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जो रोमों से घिरा होता है. इसे थपथपाना और रगड़ना पार्टनर को सिसकने पर मजबूर कर देगा.

योनि वह दूसरा क्षेत्र है जहां कई आदमी स्तनों को उत्तेजित करने के बाद सीधे पहुंच जाते हैं. जैसे ही औरतें उत्तेजित होती हैं उन का गर्भद्वार ऊपर की ओर खिसक जाता है, जिस से योनि की गहराई बढ़ जाती है और आप को गहरे तक जाने का मजा मिलता है.

इसलिए यह आप की पसंद का मामला है कि आप उसे कितना गीला कर सकते हैं. जितना समय यहां दिया जाएगा उतना ही मजा आप को प्रवेश पर मिलेगा.

मेरा बौयफ्रेंड घर वालों की मरजी से शादी कर रहा है लेकिन मैं उसके बिना नहीं रह सकती, क्या करूं?

सवाल
मैं 22 वर्षीय  युवती हूं. मुझे फेसबुक पर एक युवक की फ्रैंड रिक्वैस्ट आई वह काफी हैंडसम युवक था, सो मैं ने उस से दोस्ती कर ली. फिर हमारी रोज बातचीत होने लगी. बातोंबातों में सैक्स की बातें भी होने लगीं, हम दोनों मिलने भी लगे और शारीरिक संबंध भी बने, लेकिन अब जबकि उस लड़के ने मुझ से शादी का वादा किया था वह घर वालों की मरजी से शादी कर रहा है. मैं उस के बिना नहीं रह सकती. मैं क्या करूं?

जवाब
फेसबुक पर अकसर दोस्ती होती है औैर ऐसे संबंधों के बाद धोखा मिलता है. यह आजकल आम बात है, यह जानते हुए भी आप ने जो कदम बढ़ाया वह जिंदगी भर का जोखिम लिया है. आगे भी भविष्य में आप के लिए ऐसा प्रेमी दुखदायी रहेगा. अपनी भावनाओं पर काबू रखें और उस से बिलकुल नाता तोड़ लें.

अपने आप को अन्य कामों में बिजी रखेंगी तो उसे भूल पाएंगी. फिर सोचसमझ कर अपनी जिंदगी को जीएं. ऐसे जालसाजों से सदा बच कर रहें. उस से उस की शादी के बाद भी मिलने की कोशिश न करें, वह आप का दोहन ही करेगा, आप की भावनाओं का फायदा ही उठाएगा. इस समय आप की थोड़ी सी समझदारी आप को जिंदगी भर का सुकून प्रदान करेगी.

कालेज में पढ़ने वाले युवाओं को सैक्स संबंध बनाना हो या फिर लिव इन रिलेशनशिप में रहना हो, उन्हें इस बारे में अधिक सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती. एक समय था जब विवाहपूर्व सैक्स के बारे में सोचना गलत माना जाता था, लेकिन आज तमाम सर्वे पर नजर डालें तो न सिर्फ युवा बल्कि किशोरकिशोरियों को भी सैक्स से कोई परहेज नहीं है. यह बात सही हो सकती है, लेकिन बिना सोचेसमझे सैक्स और इसे गंभीरता से लिए बिना कोई कदम उठाना सही नहीं है. इस से खुद को ही नुकसान हो सकता है. इसलिए सैक्स को मजाक न समझें, बल्कि गंभीरता से लें.

यह मजाक नहीं है

कई बार युवा अपने दोस्तों की देखादेखी या फिर दोस्तों में लगी शर्त को पूरा करने के चक्कर में सैक्स संबंध स्थापित करते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों के बीच दबदबा बना सकें. लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं रहता कि कुछ पलों के हंसीमजाक के चलते उन्होंने अपनी जिंदगी का कितना अहम कदम बिना सोचेसमझे उठा लिया है. इसलिए सैक्स को गंभीरता से लें.

शादी के बाद होगी मुश्किल

शादी के बाद पति को भी इस का पता चल सकता है. यदि अपनी किशोरावस्था में आप ने सैक्स को गंभीरता से नहीं लिया और अपने फ्रैंड से कई बार सैक्स संबंध बनाए तो हो सकता है शादी के बाद पति को इस बात की किसी तरह भनक लग जाए और अगर ऐसा हुआ तो आप की खुशहाल जिंदगी क्या करवट लेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता.

यौन संबंधी बीमारियों का डर

आमतौर पर विवाहपूर्व सैक्स संबंध शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर सुरक्षित नहीं माने जाते. असुरक्षित सैक्स से कई यौन रोग भी गले पड़ सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. यदि कम उम्र में ऐसे संबंध स्थापित किए जाते हैं तो इस का असर शारीरिक विकास पर पड़ता है. इस के साथ ही सामाजिक संबंधों पर भी इस का गहरा असर पड़ता है.

साथी के साथ ही करें सैक्स

सैक्स हमेशा उसी के साथ करें जिसे आप ने जीवनसाथी बनाना है. कोशिश करें कि शादी से पहले अपने बौयफ्रैंड से सैक्स संबंध न बनाएं, क्योंकि उस के मन में यह विचार आ सकता है कि जो लड़की मेरे साथ सैक्स कर सकती है उस ने औरों के साथ भी संबंध बनाए होंगे. किसी अजनबी के साथ सैक्स संबंध बनाना न तो ठीक है और न ही सुरक्षित. सैक्स संबंधों में जल्दबाजी न करें बल्कि जिस के साथ सैक्स करना है उस के बारे में अच्छी तरह जान कर व सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. यह भी ध्यान रहे कि वह संबंध बनाने की बात दूसरों को न बता दे.

जगह का चुनाव करें

सैक्स कहां कर रहे हैं, यह भी काफी माने रखता है. वह जगह सेफ न हुई या किसी ने होटल के कमरे में वीडियो क्लिपिंग बना ली तो क्या होगा, इसलिए जहां मन हुआ सैक्स कर लिया ऐसा नहीं होना चाहिए. सैक्स करने से पहले गंभीरता से सोचें कि इसे कहां किया जाए.

ब्लैकमेलिंग से बचें

बौयफ्रैंड के पास आप के कुछ पर्सनल फोटो हो सकते हैं, जिन से आगे चल कर वह आप को ब्लैकमेल भी कर सकता है, इस बात का भी ध्यान रखें, फिर चाहे वह बौयफ्रैंड हो या कोई और. सैक्स  से पहले यह बात जरूर सोच लें कि इस वजह से कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं, इसलिए इन बातों का विशेष खयाल रखें.

प्रैग्नैंसी का खतरा

इस बात पर भी विचार करना जरूरी है कि अगर आप ने बिना सोचेविचारे जल्दबाजी में सैक्स संबंध बनाने का फैसला किया और उस दौरान कोई सावधानी नहीं बरती तो गर्भ ठहरने का खतरा भी बना रहता है. यदि ऐसा होता है तो आप मानसिक तनाव से घिर जाएंगी, क्योंकि इस का दुष्प्रभाव आप की पूरी जिंदगी पर पड़ेगा.

डिप्रैशन न हो जाए

जब कई बार इन संबंधों में दरार पड़ती है तो दोनों पक्षों को ही गहरा मानसिक आघात पहुंचता है. ऐसे में सामाजिक और नैतिक बंधनों के चलते विवाहपूर्व सैक्स संबंध बनाने की शर्म, ग्लानि, अविश्वास, तनाव तथा एकदूसरे के प्रति सम्मान की कमी जैसे कारक मुख्य भूमिका निभाते हैं.

डेटिंग को डेटिंग ही रहने दें

कई बार डेटिंग के दौरान भी सैक्स संबंध बन जाते हैं. जहां डेटिंग का मकसद एकदूसरे को भलीभांति जानना होता है वहीं वे उस मकसद को भूल सैक्स संबंध स्थापित कर लेते हैं. सैक्स के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन अभी समय एकदूसरे को जाननेसमझने का है. यह वक्त दोबारा नहीं आएगा, इसलिए पहले दोनों एकदूसरे को भलीभांति समझ लें और अपने रिश्ते को कुछ समय दें. उस के बाद इस पायदान पर आएं.

अच्छा नहीं उतावलापन

सैक्स के लिए उतावलापन अच्छा नहीं है इसलिए आप को प्रोफैशनल या बाजारू महिला या पुरुष के साथ सैक्स संबंध बनाने से बचना चाहिए. यह पूरी तरह गलत है. इस से आप गलत लोगों के चंगुल में भी फंस सकते हैं.

जबरदस्ती सैक्स न करें

सैक्स जबरन नहीं करना चाहिए. आप को किसी के दबाव या किसी अन्य कारण से सैक्स करने से बचना चाहिए. साथ ही किसी डर की वजह से भी सैक्स नहीं करना चाहिए. मन के सारे भ्रम और आशंकाएं निकालने के बाद ही सैक्स संबंध बनाएं.

सही कदम

–       हर चीज समय पर ही अच्छी लगती है और सही भी रहती है. माना कि दिल किशोरावस्था में प्रेम की पींगें बढ़ाने को बेताब रहता है. प्रेम करना गलत नहीं है अवश्य करें, लेकिन सैक्स के लिए सही वक्त का इंतजार भी जरूरी है. तभी उस का असली मजा और आनंद ले पाएंगे वरना वह कुछ पलों का आनंद तो देगा लेकिन बाद में मन का सुकून भी छीन लेगा.

–       अगर फिर भी आप ने सैक्स का मन बना ही लिया है तो समय और स्थान का ऐसा चुनाव करें जो आप के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो और बाद में किसी मुसीबत में फंसाने वाला न हो, इसलिए किसी भी कमजोर पल में सैक्स करने का फैसला न लें बल्कि यदि सैक्स करना भी है तो सोचीसमझी योजना के तहत करें.

–       सैक्स के बाद यदि प्रैग्नैंसी आदि का वहम हो रहा है तो बिना डाक्टर को दिखाए खुद ही किसी नतीजे पर न पहुंचें, बल्कि सब से पहले इस बारे में अपने घर पर बड़ी बहन, मां आदि को बताएं. यह सच है कि आप को बताने में हिचकिचाहट होगी, डर भी लगेगा और शायद शर्मिंदगी भी होगी, लेकिन यह शर्मिंदगी उस मुसीबत से कम होगी जो न बताने पर आप को झेलनी पड़ सकती है. वह आप के घर वाले हैं, इस बात को सुन कर चाहे लाख नाराज हों, आप को डांटें, लेकिन इस मुसीबत से निकालने की जिम्मेदारी लेने में उन्हें देर नहीं लगेगी. उस समय वह वही करेंगे जो आप के लिए उचित होगा. इसलिए उन पर विश्वास कर हिम्मत कर के एक बार उन से सच कह डालिए, फिर देखिए कैसे आप की परेशानी हल होती है.

–       अगर आप का कोई बौयफ्रैंड है जिस पर आप बहुत विश्वास करती हैं तो भी उसे अपना कोई वीडियो आदि न बनाने दें चाहे कुछ भी हो जाए. वह रिश्ता तोड़ने की धमकी देता है तो न डरें, क्योंकि जो युवक आप से ऐसी बात कह रहा है वह किसी भी तरह का रिश्ता रखने के लायक नहीं है.

–       अगर सैक्स करना भी है तो इस बात का खयाल रखें कि उस की वजह से आप की पढ़ाई में कोई बाधा न आए. यह समय आप के भविष्य बनाने का है. इस में किसी भी तरह का कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए. सैक्स कर के कहीं हर वक्त उसी में खोए रह कर पढ़ाई करना न भूलें.

 

डेटिंग ऐप्स में सेक्स तलाशते युवा

आज का युवा हर काम में शौर्टकट तलाशता है. यहां तक कि प्रेम और सेक्स के लिए भी वह रिश्ते में ठहराव तलाशने के बजाय डेटिंग ऐप्स के जरिए फटाफट ऐसा साथी ढूंढ़ता है जो बिना समय गंवाए पहली ही डेट पर उस के सारे अरमान पूरे कर दे. लेकिन जब उस की यह ख्वाहिश पूरी नहीं होती तो उसे अकेलापन व तनाव घेर लेता है.

एक सच्चा दोस्त और प्यार किसी डेटिंग ऐप्स में इतनी आसानी से मिल जाए, यह जरूरी नहीं. हालांकि, कई बार अजनबी भी हमारे अपनों से ज्यादा मददगार साबित होते हैं. फेसबुक ने भी हाल ही में ऐलान किया है कि वह जल्द ही अपनी डेटिंग सर्विस शुरू करेगा. आज युवा इन ऐप्स के जरिए प्यार और सेक्स की चाहत पूरी करना चाहते हैं. लेकिन प्यार की तलाश आसान नहीं है.

आजकल कई तरह की मोबाइल एप्लीकेशंस आ गई हैं जो इस में मदद करने का दावा करती हैं. इन डेटिंग ऐप्स की मदद से आप को कई अच्छे विकल्प मिल जाते हैं, लेकिन कई बार ऐसे लोग भी मिलते हैं जिन के साथ अनुभव अच्छा नहीं रहता. इन ऐप्स के इस्तेमाल में कई बार हिचक भी होती है क्योंकि इन के जरिए मिलने वाले लोग अनजान होते हैं.

औक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने करीब 24 हजार महिलापुरुषों पर अध्ययन के दौरान पाया कि इंटरनैट का इस्तेमाल करने वाली हर तीसरी युवती ने खुद को डेटिंग ऐप्स में रजिस्टर्ड कर रखा है. औनलाइन डेटिंग ऐप्स को ले कर आमतौर पर यही धारणा है कि यहां आ कर राइट और लैफ्ट स्वाइप कीजिए और आप को कोई हैंडसम सा माचोमैन कैजुअल या सीरियस रिलेशनशिप के लिए मिल जाएगा. यह धारणा इसलिए भी है क्योंकि इस तरह के ऐप्स के विज्ञापन भी सिंगल से मिंगल होने और अजनबी के साथ सेफ सेक्स डेट के दावे करते हैं. इतना भी आसान नहीं

जितनी आसानी से साथी का मिलना इन ऐप्स के दावे दिखाते हैं, यह उतना आसान है नहीं. नौर्वे यूनिवर्सिटी औफ साइंस ऐंड टैक्नोलौजी के शोधकर्ताओं की महिलाओं पर की गई एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि टिंडर और दूसरे ऐप्स का इस्तेमाल सब से ज्यादा युवाओं द्वारा किया जा रहा है, जिस में लड़कियां खुद को आकर्षित और लड़कों के साथ कैजुअल सेक्स तो वहीं शौर्टटर्म रिलेशनशिप के लिए ऐसे ऐप्स का इस्तेमाल कर रही हैं. पर कई मामलों में देखा गया है कि उन के अनुभव कड़वे और भयावह हो जाते हैं जब इन ऐप्स के जरिए मिला कोई कामुक और घटिया मानसिकता का युवा उन्हें ट्रौल करने लगता है.

युवक बनाम युवतियां

ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि इन डेटिंग ऐप्स से लड़कों के बजाय लड़कियों को ज्यादा बुरे अनुभवों से गुजरना पड़ता है. एक तरफ युवा जहां इन ऐप्स के जरिए ज्यादा उत्सुकता से सेक्स पार्टनर खोज लेते हैं, वहीं युवतियां धोखेबाज लड़कों के साथ जा कर चीटेड फील करती हैं. यही वजह है कि युवतियों की तुलना में लड़के राइट स्वाइप ज्यादा करते हैं.

यह शोध 18 से 25 साल की उम्र के युवाओं की सेक्सलाइफ और उन के ऐप्स यूज करने के अनुभवों पर आधारित है. दरअसल, लड़कियां जहां इन ऐप्स के जरिए ठीकठाक जानकारी जुटा कर किसी लड़के को चूज करती हैं वहीं लड़के फेक अकाउंट बना कर एक से ज्यादा लड़कियों के साथ कैजुअल सेक्स और शौर्टटर्म रिलेशनशिप को ले कर जल्दबाजी दिखाते हैं. नतीजतन, इन ऐप्स में युवा जल्दी निर्णय ले लेते हैं. कुल मिला कर युवतियों को सोचसमझ कर कदम बढ़ाने चाहिए. लड़कों की मस्ती के अड्डे बनते ये ऐप्स लड़कियों को कई बार अपराधी तत्त्वों का शिकार बना लेते हैं.

वर्चुअल रिश्तों के साइडइफैक्ट्स यह सच है कि आज संबंधों में तनाव और कुंठा के चलते परिवार टूट रहे हैं. दोस्तों की यारी और पड़ोस का प्यार वाली बातें भी पुरानी हो चली हैं. कैरियर और नौकरी के पीछे भागतेभागते युवा प्यार और रोमांस की असली परिभाषा तक भूल गए हैं. अकेलापन आज एक ऐसी महामारी बन चुका है जिस ने युवकयुवतियों को तकनीक की इस अंधी गली में प्यार तलाशने के लिए मजबूर कर दिया है.

इन वर्चुअल रिश्तों में प्यार खोजते इन युवाओं के लिए ये डेटिंग ऐप्स आज फैशन टूल्स बन गए हैं, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इन के साइड इफैक्ट्स भी हैं. कई केस ऐसे भी आए हैं जहां इन ऐप्स में अपराधियों ने झूठी पहचान बना कर युवतियों से दोस्ती और प्यार का दिखावा कर अपना उल्लू सीधा किया और बाद में ब्लैकमेल का खेल खेलने लगे.

मन की कुंठा और सेक्स की अधूरी चाहतें पूरी करने की छटपटाहट में युवतियां अपना सब कुछ गंवा देती हैं. संयुक्त राष्ट्र के एक सर्वे के मुताबिक डेटिंग ऐप्स के जरिए मिलने वाले ज्यादातर लोग या तो एड्स से पीडि़त होते हैं या फिर मानसिक तौर पर बीमार.

याद रखें प्यार, सेक्स और साथी की चाहत इतनी आसानी से पूरी नहीं होती कि एक क्लिक किया और हो गया. इसलिए किसी को अपने करीब लाने के लिए जल्दबाजी न दिखाएं और सोचसमझ कर ही कदम आगे बढ़ाएं.

कुछ पौपुलर डेटिंग ऐप्स आजकल सोशल मीडिया या कई डेटिंग ऐप्स चलन में हैं जो युवाओं को मिनटों में प्रेमी, साथी या कैजुअल पार्टनर मैच कराने का दावा करते हैं. इन में हिच ट्रूलीमैडली, बंबल, टैस्टबड्स, स्कोर, हैपन, फ्लिकपिक, टिनडौग, अलाइन और कौफी मीट्स बजल जैसे डेटिंग ऐप्स प्रमुख हैं.

गले पड़ने वाले आशिक से बचें कैसे, ये है आसान टिप्स

Sex Tips in Hindi: इतना ही नहीं, वे उसे अपने साथ कहीं भी ले जा सकेंगी. इस प्रोडक्ट का नाम ‘बौयफ्रेंड हग स्पीकर्स’ (Boyfriend Hug Speakers) है. 2 बड़ी बांहों वाले इस प्रोडक्ट की बाजुओं में ब्लूटुथ स्पीकर्स भी लगे हैं जिन को गले लगाने पर म्यूजिक बजता है. सवाल उठता है कि ऐसा नकली बौयफ्रेंड बनाने की जरूरत ही क्या है? इस का जवाब यह है कि जापान (Japan) ही नहीं, बल्कि अब हर कहीं ऐसे भावनात्मक लड़कों की कमी हो गई है जो अपनी गर्लफ्रेंड को गले लगा कर उस को राहत दे सकें. हां, गले पड़ने वाले लड़कों की कमी नहीं है. दूर क्यों जाएं, भारत में मीडिया में ऐसी खबरें भरी रहती हैं जिन में गले पड़ने वाले लड़कों की गुस्ताखियां या कहें अपराध लड़कियों के लिए आफत का सैलाब बन गए हैं.

जरा सी जवानी फूटी नहीं की कुछ मनचले बन जाते हैं फिल्म ‘डर’ के शाहरुख खान. लड़की थोड़ा सा पास आई नहीं कि वे उस पर सिर्फ अपना हक समझने लगते हैं, बपौती समझने लगते हैं. मजाल है कोई दूसरा देख जाए. अगर लड़की गलती से गर्लफ्रेंड बन गई तो फिर उन की जासूसी शुरू हो जाती है कि वह कहां जाती है, किस से मिलती है, सोशल मीडिया पर उस के कितने लड़के दोस्त हैं वगैरह.

दिल्ली मेट्रो की एक सच्ची घटना है. एक लड़का और एक लड़की आपस में बैठे बातें कर रहे थे कि अचानक लड़के ने उस लड़की का मोबाइल फोन उस से तकरीबन छीन लिया और उस के व्हाट्सएप मैसेज देखने लगा. लड़की का एकदम से मुंह उतर गया. उस लड़के ने वहीं पर बवाल मचा दिया कि वह दूसरे लड़कों से चैटिंग क्यों करती है?

लड़की ने उस लड़के के सभी सवालों के संतुष्ट करने वाले जवाब दिए पर उस लड़के ने देखते ही देखते उस लड़की की सुबह बरबाद कर दी. बाद में क्या हुआ यह तो नहीं पता पर यह उस लड़की के लिए यह खतरे की घंटी थी कि वह उस लड़के से रिश्ता तोड़ ले नहीं तो आने वाले समय में वह उस के ऐसा गले पड़ेगा कि उस को लेने के देने पड़ जाएंगे.

ऐसे बेहूदा लड़के ही लड़कियों पर तेजाब फेंकने या उन के साथ रेप करने की वारदात को अंजाम देते हैं. लड़की के नाराज होने पर वे चाहे कितनी बार माफी मांग लें लेकिन जब अपनी पर आते हैं तो उसी लड़की का मजाक बनाने में देर नहीं लगाते हैं.

अगस्त, 2018 की बात है. देश की राजधानी दिल्ली के भारत नगर इलाके में एक सिरफिरे आशिक हरीश ने लड़की अंशुल के घर में घुस कर उसे गोली मार दी थी.

शुरुआती जांच में पता चला था कि आरोपी हरीश अंशुल को पहले से ही जानता था. वे दोनों तकरीबन 5 साल तक रिलेशनशिप में रह चुके थे लेकिन किसी वजह से अंशुल की सगाई किसी दूसरे लड़के के साथ हो गई थी. सगाई के बाद अंशुल ने हरीश से ब्रेकअप कर लिया था जिस वजह से हरीश उस से नाराज था.

माना कि अंशुल की सगाई से हरीश दुखी था पर इस तरह उस पर गोली चलाने का लाइसेंस हरीश को किस ने दिया जो वह उस की जान लेने पर तुल गया? अगर यही मामला उलटा होता तब हरीश क्या करता?

समझदारी तो इसी में है कि इस तरह के गले पड़ने वाले सिरफिरे आशिकों से लड़कियों को समय रहते दूर हो जाना चाहिए, क्योंकि भारत में तो अभी उन का तनाव दूर करने वाले रोबोट बने नहीं हैं. यहां तो फिल्म ‘रोबोट’ का चिट्टी खुद ऐश्वर्या राय का दीवाना हो कर उस के गले पड़ गया था.

सेक्स को बनाएं मजेदार, ऐसे करें कंडोम का इस्तेमाल

सबलोक क्लिनिक के यौन रोग विशेषज्ञ डाक्टर बिनोद सबलोक बताते हैं कि चाहे मर्द हो या औरत एचआईवी समेत यौन संक्रामक रोगों को रोकने के लिए कंडोम एक आसान और बेहतर तरीका है. कंडोम न सिर्फ असुरक्षित गर्भधारण से, बल्कि यौन रोगों से भी शरीर की हिफाजत करता है.

शर्म क्यों

बाजार में आसानी से मिलने वाला कंडोम खरीदना अब शर्म वाली बात भी नहीं रही है. कंडोम खरीदने के लिए डाक्टर की परची की जरूरत भी नहीं होती है. इस की कीमत भी बहुत कम होती है. कई सरकारी व गैरसरकारी योजनाओं के तहत कंडोम मुफ्त में भी बांटे जाते हैं.

अब तो अलगअलग फ्लेवर व कई बनावटों में मिलने वाले कंडोम सेक्स संबंध बनाने के दौरान भरपूर मजा भी देते हैं.

कंडोम का इस्तेमाल कर खुले दिमाग से सेक्स का मजा लिया जा सकता है. अब तो बाजार में ऐसे भी कंडोम हैं जिन से लंबे समय तक सेक्स किया जा सकता है.

बेहतर साथी है कंडोम

कंडोम आप के लिए इस तरह एक बेहतर साथी साबित हो सकता है:

* यह बच्चा ठहरने से रोकने का सब से आसान और महफूज तरीका है.

* कंडोम का इस्तेमाल बिना किसी झिझक के कर सकते हैं.

* कोई साइड इफैक्ट नहीं होता.

* कंडोम यौन रोगों से बचाव में कारगर हथियार है.

ऐसे बढ़ाएं रोमांच

बाजार में वनीला, स्ट्राबेरी, केला, चौकलेट, बबलगम, कौफी वगैरह फ्लेवर में भी कंडोम मिलते हैं. मुंह से सेक्स के शौकीनों के लिए ये कंडोम सेक्स के दौरान ज्यादा मजा देते हैं और कोई बीमारी भी नहीं होती है.

जो लोग सेक्स का मजा लंबे समय यानी देर तक नहीं उठा पाते हैं उन के लिए लौंग लास्टिंग कंडोम इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा.

सेक्स बनाएं मजेदार

अगर आप सेक्स का मजा उठाना चाहते हैं तो बाजार में डौटेड कंडोम भी आते हैं. डौटेड कंडोम में अपनी साथी का जोश बढ़ाने के लिए इस की बाहरी सतह पर बिंदीनुमा छोटेछोटे उभरे हुए दाने होते हैं. यह चिकनाई वाला होता है.

इन बातों पर ध्यान दें

* कंडोम खरीदते समय उस की ऐक्सपायरी डेट जरूर देख लें.

* ज्यादा तेजी से सेक्स का मजा उठाते समय कंडोम फट भी सकता है. इस का ध्यान रखें और कंडोम को तुरंत बदल दें.

* इस्तेमाल करने से पहले कंडोम के सामने वाले भाग को चुटकी से दबा कर हवा को बाहर निकाल दें, फिर धीरेधीरे अंग पर चढ़ाएं.

* कंडोम खरीदते समय दुकानदार से खुल कर बात करें. बात करते समय जरा भी न शरमाएं.

* सेक्स कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है. इस का जम कर मजा उठाएं, पर सावधानी और एहतियात भी बरतें.

क्या आप भी इस वजह से सेक्स करते हैं

प्रेमी युगल या दंपति के बीच ज्यादा सेक्स उन्हें अधिक खुशी नहीं देता, क्योंकि ज्यादा सेक्स से उनमें इसके प्रति अरुचि पैदा होने लगती है और उन्हें सेक्स में ज्यादा आनंद भी नहीं आता. कार्नेज मेलन विश्वविद्यालय (सीएमयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम, जिसमें एक भारतीय मूल के शोधकर्ता भी हैं, ने इसका खुलासा किया. पहली बार सेक्स करने के बाद इससे मिलने वाले आनंद और सेक्स करने की इच्छा में गिरावट शुरू हो जाती है.

सीएमयू के इंजिनीयरिंग एवं लोकनीति विभाग के वैज्ञानिक एवं इस अध्ययन के शोधकर्ता तमर कृष्णमूर्ति के अनुसार, “बार-बार सेक्स करने की बजाय युगल को ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जो उनकी इच्छाओं को जगाए. साथ ही उन्हें सेक्स को ज्यादा मजेदार बनाना चाहिए.”

सेक्स करने की बारंबारता और खुशी के बीच संबंध की जांच करने के उद्देश्य से अनुसंधानकर्ताओं ने 128 दंपतियों को अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक बार सेक्स करने के लिए कहा.

इसके बाद शोधकर्ताओं ने दोनों समूहों के बीच तीन महीने की अवधि के बाद खुशी का स्तर परखा. जिस समूह के दंपतियों को अधिक बार सेक्स करने की सलाह दी गई थी, उनमें खुशी में इजाफा होने की बजाय थोड़ी कमी ही हुई.

इस समूह वाले दंपतियों ने सेक्स की इच्छा में कमी और सेक्स के दौरान मिलने वाले आनंद में भी कमी की बात कही.

कृष्णमूर्ति ने कहा, “हालांकि ऐसा नहीं है कि इसकी वजह सीधे-सीधे अधिक सेक्स करना है, बल्कि इसका कारण यह है कि उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया, न कि उन्होंने खुद से ऐसा किया.”

शोध के परिणामों के विपरीत शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ दंपति अपनी भलाई सोचकर बहुत कम सेक्स करते हैं और मानते हैं कि सही दिशा में सेक्स की बारंबारता बढ़ाना लाभदायी हो सकता है.

शोध पत्रिका ‘इकोनॉमिक बिहेवियर एंड ऑर्गेनाइजेशन’ में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इसकी बजाय खुश रहने वाले लोगों में सेक्स की दर बढ़ सकती है या स्वस्थ रहने वाले लोगों में खुशी और सेक्स की दर दोनों में इजाफा हो सकता है.

मर्द, डाक्टर से न झिझकें

हिंदी फिल्मों में समाज से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात कहने की परंपरा रही है. इस कड़ी में आयुष्मान खुराना की फिल्मों को रखा जा सकता है, जिन में हमेशा ही किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाता है, फिर चाहे उन की फिल्म ‘बाला’ हो या फिर ‘विकी डोनर’. इन दोनों ही फिल्मों में मर्दों के गंजेपन और बच्चे न हो पाने की समस्या पर रोशनी डाली गई है, जिन पर लोग अकसर ही बात करने से बचते हैं.

इसी लिस्ट में आयुष्मान खुराना की नई फिल्म ‘डाक्टर जी’ को रखा जा सकता है, जिस में वे अपने भाई की तरह और्थोपैडिक डाक्टर बनना चाहते हैं, लेकिन जब रैंक कम आती है तो उन्हें मजबूरी में गायनेकोलौजी ब्रांच लेनी पड़ती है. मतलब एक ऐसा डाक्टर, जो औरतों से जुड़ी बीमारियों का इलाज करता है.

पर क्या भारत जैसे देश में जहां औरतों को परदे में छिपा कर रखने को बढ़ावा दिया जाता है, वहां कोई मर्द डाक्टर उन के अंदरूनी अंगों की जांच कर सकता है? बड़े शहरों में शायद ऐसा मुमकिन हो, लेकिन गांवदेहात में तो यह अभी दूर की कौड़ी है.

फिल्म ‘डाक्टर जी’ के एक सीन से इस बात को समझते हैं. डाक्टर बने आयुष्मान खुराना चैकअप के लिए एक औरत से कपड़े ऊपर करने को कहते हैं, पर इतना सुनते ही वह औरत चिल्लाने लगती है. चीखपुकार सुन कर उस औरत का पति वहां आ जाता है और आयुष्मान खुराना को पीटने लगता है.

इसी सिलसिले में गायनेकोलौजिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करने वाले इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के ईस्ट दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष डाक्टर कुमार गांधी ने ‘नवभारत गोल्ड’ को दिए एक इंटरव्यू में बताया था, ‘वैसे तो इस पेशे में बहुत इज्जत मिलती है, लेकिन कभीकभार ऐसे वाकिए हो जाते हैं, जो नहीं होने चाहिए. कई बार हमें न चाहते हुए भी औरत से उन मुद्दों पर बात करनी पड़ती है, जिन के बारे में वह सब से बात नहीं करती. उस दौरान हम मरीज के कंफर्ट का बहुत ध्यान रखते हैं.’

जब कोई डाक्टर अपने मरीज के कंफर्ट लैवल की बात करता है, तो वह इस बारे में काफी संजीदा होता है. यह कंफर्ट लैवल औरतों और लड़कियों की ‘खास’ बीमारियों या समस्याओं पर पूरी तरह लागू होता है.

मान लो, किसी औरत या लड़की को माहवारी में दिक्कत आती है, तो बतौर डाक्टर पहला सवाल मन में यही उठता है कि कहीं वह पेट से तो नहीं है? लेडी गायनेकोलौजिस्ट के सामने मरीज बता सकती है कि उस की शादी हुई है या नहीं, या फिर उस ने सैक्स करते हुए कोई सावधानी बरती थी या नहीं, क्योंकि आज के जमाने में शादी होना और पेट से होना 2 अलग बातें हैं.

लेकिन अगर सामने कोई मर्द डाक्टर बैठा है तो मरीज को लगता है कि वह उस के करैक्टर पर सवाल उठा रहा है और वह असहज हो जाती है, जिस से कभीकभार मामला गंभीर भी हो जाता है. लेकिन इस से मरीज का ही नुकसान होता है, क्योंकि सामने जो डाक्टर बैठा है, वह औरतों की बीमारियों को ठीक करने में माहिर है और उस का एक ही मकसद है कि उसे मरीज की बीमारी के बारे में सभी बातें पता हों, तभी वह सही दवा या सलाह दे पाएगा.

जब से गांवदेहात में गरीब और निचली जाति की लड़कियां पढ़ने लगी हैं, तब से वे बहुत ज्यादा जागरूक होने लगी हैं. वे अपने और आसपास के परिवार की औरतों को समझा सकती हैं कि अगर कोई मर्द गायनेकोलौजिस्ट आप की अंदरूनी बीमारी का इलाज कर रहा है, तो अपनी झिझक छोड़ कर बात रखें.

गायनेकोलौजिस्ट को कभी भी मर्द या औरत डाक्टर के तराजू में न तोलें, क्योंकि वे आप की बीमारी में दिलचस्पी रखते हैं, न कि शरीर में. उन के सामने खुल कर अपनी समस्या बताएं और इन बातों का तो खास खयाल रखें :

* अगर आप की माहवारी अनियमित है और वह डेट से काफी पहले या देर से आती हो या फिर महीने में 2 बार आती हो, तो तुरंत माहिर डाक्टर को बताएं.

* माहवारी से जुड़ी कोई भी परेशानी हो, तो उस की अनदेखी न करें और बिना देर किए गायनेकोलौजिस्ट के पास जाएं.

* अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां या किसी दर्द निवारक दवा का सेवन कर रही हों और इस से आप की सेहत पर असर हो रहा हो, पीरियड में तकलीफ हो या जिस्मानी रिश्ता बनाते समय दर्द महसूस होता हो, तो गायनेकोलौजिस्ट से खुल कर बात करें.

* जिस्मानी रिश्ता बनाते समय अगर दर्द महसूस हो या फिर अंग से खून निकलने समेत कोई दूसरी परेशानी हो, तो घरेलू उपचार बिलकुल न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर अपना इलाज कराएं.

* अंग में खुजली होने या तेज बदबू आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए.

* अगर आप के पेट, पीठ या कमर में कई दिन से दर्द हो रहा हो, तो इस की अनदेखी न करें और गायनेकोलौजिस्ट के पास जा कर इलाज कराएं.

औरतें और लड़कियां एक बात का तो खास खयाल रखें कि वे कभी भी पंडेपुजारियों, ओझातांत्रिकों और फकीरबाबाओं के चक्कर में पड़ कर अपनी अंदरूनी बीमारियों का रोना न रोएं, क्योंकि बहुत से पाखंडी उन की इसी बात का फायदा उठा कर शोषण करने की जुगत में रहते हैं. वे ऐसी औरतों और लड़कियों की शर्म का फायदा उठाते हैं और उन्हें पैसे और शरीर से नोंच डालते हैं.  डाक्टर का काम अपने मरीज की सेहत को ठीक करना होता है. अगर उसे बीमारी का ही नहीं पता चलेगा तो  दवा कैसे देगा? इस में मर्द या औरत डाक्टर का तो सवाल ही नहीं पैदा होता है. लिहाजा, औरतों को मर्द डाक्टर से बिलकुल नहीं झिझकना चाहिए.

पति-पत्नी: इस बेवफाई की वजह क्या है

तनाव ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अपना स्थायी बसेरा बना लिया है और इस के चलते आज दुनिया के दूसरे तमाम देशों के साथसाथ भारत में भी औरतें और लड़कियां अपनी सैक्स जिंदगी को ले कर चिंता से घिर चुकी हैं.

दरअसल, आज एक तरफ देश अपनी आजादी के 75 सालों का महोत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ ‘सैक्स’ शब्द का उच्चारण करना ही हमारे पारंपरिक समाज में गलत माना जाता रहा है.

उर्फी जावेद और पूनम पांडेय के बदनदिखाऊ कपड़ों पर बेहूदा बातें कही जाती हैं, पर जब उन के फोटो सोशल मीडिया पर आते हैं, तो लोग अकेले में अपनी आंखें सेंकने से बाज नहीं आते हैं. पर मजाल है कि कोई लड़की सैक्स पर अपने मन की बात कह सके कि उसे अपने पार्टनर से आखिर चाहिए क्या?

गांवदेहात की औरतों की हालत तो और भी ज्यादा बुरी है. वहां तो सैक्स का मतलब है मर्द की मनमानी और औरत की चुप्पी. सिसकी लेना भी सजा की तरह है, तभी तो आज के दौर में औरतें अपनी सैक्स इमेज से ले कर सैक्स के जोश, चरम संतुष्टि तक को ले कर समस्याग्रस्त रहने लगी हैं. इतनी ज्यादा कि वे डिप्रैशन में चली जाती हैं.

यह बड़े दुख और हैरत की बात है कि आजादी के इतने साल बाद भी भारत जैसे परंपरागत देश में सैक्स या औरत और मर्द के नाजुक अंगों संबंधी किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने की तकरीबन मनाही है. औरतों की तो जबान ही सिल दी जाती है. तो क्या यह गूंगापन औरतों को बेवफाई करने पर मजबूर कर सकता है?

बिलकुल कर सकता है. आज ऐसी खबरों से मीडिया अटा पड़ा है कि 2 बच्चों की मां अपने प्रेमी के संग भागी. पति के काम पर जाते ही पत्नी अपने प्रेमी को घर पर बुला लेती थी. बहुत सी बार तो इस तरह के मामले खुलने पर मर्डर जैसा खतरनाक अपराध भी हो जाता है.

पहली नजर में ऐसा लगता है कि हमारा समाज एक ऐसा समाज है, जहां नौजवान यह सोचसोच कर बड़े होते हैं कि सैक्स करना एक ऐसा काम है, जो सिर्फ शादीशुदा जोड़ों की जिंदगी का हिस्सा है और शादी के बाद किसी पराए से नजदीकियों को हमारे समाज में अच्छा नहीं समझा जाता है, लेकिन आप को यह जान कर हैरानी होगी कि बेवफाई के मामले में शादीशुदा भारतीय औरतें देश में मर्दों के मुकाबले आगे हैं. यह खुलासा एक विदेशी ऐक्स्ट्रा मैरिटल डेटिंग एप ‘ग्लीडन’ द्वारा कराए गए एक सर्वे से हुआ है.

इस सर्वे के मुताबिक, 53 फीसदी भारतीय पत्नियों ने शादी के बाद पराए मर्दों से सैक्स संबंधों में शामिल होने की बात मानी है, जबकि ऐसे मर्दों का आंकड़ा 43 फीसदी पाया गया है.

इस सर्वे से यह भी खुलासा हुआ कि भारतीय औरतें शादी के बाद पराए मर्द से संबंधों को ले कर, खासतौर से जब इस में रोमांस भी घुला हो, तो काफी खुली सोच रखती हैं.

इस सर्वे में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद जैसे बड़े भारतीय शहरों की 25 से 50 साल की उम्र की शादीशुदा औरतों को शामिल किया गया था.

इस सर्वे से यह भी पता चला है कि भारत में तकरीबन 50 फीसदी शादीशुदा लोगों ने अपने जीवनसाथी के अलावा किसी दूसरे के साथ सैक्स संबंध होने की बात स्वीकार की है.

ऐसी औरतें, जो अपने पति के अलावा किसी दूसरे मर्द के साथ नियमित रूप से सैक्स संबंध बना कर रखती हैं, उन मर्दों से आगे हैं, जो शादी के बाद किसी पराई औरत के साथ रिश्ते निभा रहे हैं.

इस सर्वे से सब से हैरान करने वाली जो बात सामने आई है, वह यह कि बहुत से भारतीयों का मानना है कि कोई भी इनसान एक समय में 2 अलगअलग लोगों के प्यार में पड़ सकता है.

भारतीय समाज के इस दिलचस्प पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि यहां 46 फीसदी लोगों का मानना है कि आप जिस इनसान से प्यार करते हैं, उसी को प्यार में धोखा भी दे सकते हैं. शायद यही वजह है कि भारतीय अपने पार्टनर की बेवफाई का राज खुलने पर उसे माफ करने को तैयार हैं.

इस सर्वे से यह भी उजागर हुआ है कि 37 फीसदी लोग अपने पार्टनर को बिना कुछ सोचेसमझे माफ कर देंगे, जबकि 40 फीसदी उस हालत में माफ करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते हालात इस गुनाह को हलका बनाने वाले हों. इसी तरह सर्वे की रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि लोग चाहते हैं कि उन के पार्टनर भी उन्हें भेद खुलने पर माफ कर दें.

इस सर्वे के मुताबिक, ऐसी शादीशुदा औरतों का फीसदी 40 तक है, जो किसी ऐसे मर्द के साथ नियमित रूप से सैक्स संबंध रखती हैं, जो उन का पति नहीं है, जबकि केवल 26 फीसदी मर्द ही किसी दूसरी औरत के साथ शारीरिक स्तर पर नियमित संबंध रखते हैं.

भारत में तकरीबन 50 फीसदी शादीशुदा मर्दों ने यह स्वीकार किया है कि वे अपने जीवनसाथी के अलावा किसी दूसरे के साथ भी सैक्स संबंध रख चुके हैं, जबकि 10 में से 5 मर्द कैजुअल सैक्स या वन नाइट स्टैंड में शामिल रहे हैं.

भारत में औरतों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी बेइज्जती और शर्मिंदगी उठानी पड़ती है, फिर वह चाहे सड़कोंचौराहों की बात हो या बिस्तर पर, इसी के चलते वे अकसर अपनी सैक्सुएलिटी को ले कर खुलापन नहीं रख पातीं. लेकिन अब औनलाइन दुनिया में सक्रियता बढ़ने से वे भी खुल रही हैं और खुद को जाहिर भी कर पा रही हैं.

इस सर्वे में यह तो बता दिया गया है कि शादीशुदा औरतें भी पराए मर्द के साथ संबंध बनाने में कोई गुरेज नहीं करती हैं, पर इस बेवफाई की वजह क्या है? क्या पति की उम्र का फर्क इस बेवफाई को बढ़ावा देता है?

आज से कुछ साल पहले तक ऐसा खूब होता था, जब शादी के समय लड़के और लड़की की उम्र में काफी फर्क हो जाता था. लड़की 22 की, तो लड़का

32 का. कुछ साल तक तो ऐसी शादी में कोई अड़चन नहीं आती थी, पर बाद में लड़की का किसी हमउम्र लड़के की तरफ खिंचाव होना नौर्मल बात होती थी.

पैसा भी इस बेवफाई में काफी अहम रोल निभाता है. बहुत सी औरतों को पैसे की इतनी ज्यादा चाहत हो जाती है कि उन्हें अपने पति की कमाई कम लगने लगती है. फिर वे कोई ऐसा पार्टनर तलाश करने लगती हैं, जो उन के खर्चे बिना किसी बहस के उठा सके और यह काम तो कोई आशिक ही कर सकता है.

पतिपत्नी की कलह भी औरत को पति से बेवफाई करने पर मजबूर कर सकता है. पति कितना भी रईस क्यों न हो, पर अगर वह औरत को अपने पैर की जूती समझ कर उस पर जुल्म करे, तो औरत का किसी पराए मर्द की तरफ जाना बहुत आसान हो जाता है. वह खुद पर हुए जुल्म का बदला किसी दूसरे मर्द के साथ हमबिस्तर हो कर देने में अपनी जीत समझती है.

बहुत से मामलों में पति की बेवफाई भी औरत को वैसा ही करने पर मजबूर कर देती है. जब पति उस के होते हुए किसी दूसरी पर बेसब्रे सांड़ की तरह लाइन मारे तो वह भी खूंटा तुड़ाई गाय बन जाती है.

इस के अलावा अगर पति अपनी पत्नी से दूर रहता है या औरत की उस की ससुराल में बेइज्जती होती है या फिर उन के विचार सिरे से नहीं मिलते हैं,

तब भी औरत बेवफाई की राह पर चल पड़ती है. इतना ही नहीं, जब से बाजार में गर्भनिरोधक सामान की भरमार हुई है, तब से औरतों को नाजायज रिश्ता बनाने में आसानी हुई है.

लेकिन ऐसी बातें जब तक छिपी रहती हैं, तब तक तो मजा देती हैं पर खुलने पर जिंदगी को जहन्नुम बनाने में देर नहीं लगाती हैं.

बढ़े हुए प्रोस्टेट से आपकी सेक्स लाइफ हो सकती है प्रभावित!

कहीं इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या यौन संतुष्टि में कमी जैसी किसी परेशानी से तो आप सामना नहीं कर रहे? यह समस्या प्रोस्टेट के बढ़ने से भी हो सकती हैं .यदि आपका प्रोस्टेट नार्मल साइज से बड़ा है तो यह आपकी सेक्स लाइफ को खराब कर सकता है.

असल में प्रोस्टेट ग्लैंड जिसको पौरुष ग्रंथि भी कहा जाता है वीर्य बनाने वाली महत्वपूर्ण ग्लैंड है. कई बार उम्र के साथ-साथ या हार्मोनल चेंज के कारण यह बढ़ जाती है. इस कारण बहुत से पुरुषों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.

अगर आपकी भी प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ी हुई है, तो आपको भी सेक्स संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ये यौन समस्यायें , प्रोस्टेट की स्थिति के अनुसार भिन्न भिन्न होती है.बढ़ा हुआ प्रोस्टेट आपकी पेशाब करने की सक्षमता को सीधा प्रभावित करते हैं.इस परेशानी की वजह से  बहुत सी सेक्स संबंधित समस्या होने लगती है . और यह समस्याएं बढ़े हुए प्रोस्टेट की स्थिति के मुताबिक बढ़ती हैं.

कुछ आम सेक्चुअल साइड इफैक्ट्स इस प्रकार हैं-

  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile dysfunction)
  • यौन संतुष्टि में कमी (reduced sexual satisfaction)
  • इरेक्शन को बनाए रखने में समस्याएं (problems maintaining an erection)
  • कामेच्छा में कमी (decreased libido)इन साइड इफेक्ट्स को प्रभावित करने वाले फैक्टर हैं-
  • उम्र
  • जेनेटिक्स और
  • एंजाइटीआइए जानते हैं लक्षण ताकि आप  मालूम कर सके कि कहीं आप इस परेशानी से तो ग्रस्त नहीं.लक्षण (Symptoms)

कई बार पुरुषों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें प्रोस्टेट से जुड़ी समस्या है. यदि नीचे दिए गए लक्षणों में से कोई भी दो लक्षण आपको परेशान कर रहे हैं ,तो आपको डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए. यह भी संभव है कि यह परेशानी किसी और वजह से हो.

  • पेशाब के लिए जाएं और पेशाब करने में परेशानी हो. पेशाब करने की
  • पेशाब  शुरू होने पर हल्की धारा का निकलना.
  • चाहे दिन हो या रात लेकिन बार-बार पेशाब  की जरूरत महसूस होना.
  • पेशाब करने के बाद भी डिस्चार्ज होना.
  • पेशाब करने के बाद ब्लैडर का भरा हुआ फील होना.
  • पेशाब  करते समय तेज दर्द महसूस होना.

बढ़े हुए प्रोस्टेट का असर

नई दिल्ली स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट और यूरोलॉजिस्ट डॉ. एसके पाल का कहना है कि पिछले कुछ सालों से पुरुषों से जुड़ी गुप्त रोगों की समस्याएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं.बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाइयां या सर्जरी के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होता है या सेक्स लाइफ प्रभावित होती है .आइए जानते हैं किस प्रकार.

सेक्स इच्छा का कम होना

प्रोस्टेट बढ़ने के कारण पुरुषों को समय से पहले ही बुढ़ापा अपनी गिरफ्त में ले लेता है. ऐसे पुरुष संकोच में रहते हैं. ये ग्लैंड्स प्रजनन के लिए सीमन बनाते हैं. उपचार के समय दवाइयों की वजह से प्रभावित होने के कारण सेक्स की इच्छा कम हो जाती है.

स्खलन शरीर के अंदर

डॉ अनूप  धीर, सीनियर कंसलटेंट एंड सर्जन अपोलो हॉस्पिटल के अनुसार बढ़े हुए प्रोस्टेट के कारण स्खलन की समस्या हो जाती है. स्खलन बाहर होने की बजाय शरीर के अंदर होने लगता है. मेडिकल भाषा में इसे रिवर्स इजैकुलेशन भी बोलते हैं.

बांझपन की समस्या

  • इन ग्लैंड्स के बढ़ने पर शीघ्र पतन और शुक्राणु में कमी जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं. जिस कारण बांझपन की समस्या हो सकती है. इस वजह से सेक्स लाइफ अत्यधिक प्रभावित होती है.
  • शोध के अनुसार प्रोस्टेट इंफेक्शन या बड़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी पुरुषों की सेक्स इच्छा में कमी होती है. यह भी एक वजह है पुरुषों की सेक्स लाइफ प्रभावित होने की.
  • इसके अलावा इन दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति का शुक्राणुओं की गिनती  भी कम हो जाती है. व्यक्ति नपुंसकता का शिकार तक हो जाता है.

सेक्स से विमुखता

बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए दो प्रकार से सर्जरी की जाती है. पहली टीयूआरपी सर्जरी और दूसरी प्रॉस्टेटिक आर्टरी इंबोलाइजेशन सर्जरी. लेकिन इस सर्जरी के फौरन बाद सेक्स के लिए मनाही है. इसलिए 20 से 25 दिन तक सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है. जिस वजह से सेक्स लाइफ प्रभावित होती है. जब दवाइयां असर नहीं करती तब प्रोस्टेक्टॉमी शल्य चिकित्सा से इन ग्लैंड्स को निकाला जाता है. डॉक्टर एसके पाल का कहना है कि इस का  खास साइड इफेक्ट सेक्स  विमुखता है. इरेक्शन को बनाए रख पाने में असफल होने पर अक्सर पुरुष हीन भावना का शिकार हो जाते हैं.इस वजह से भी अपने पार्टनर से दूरी बना लेते हैं.

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