फिल्म: हीरोपंती-2
रेटिंग: डेढ़ स्टार
स्टार कास्ट: टाइगर श्रौफ़, तारा सुतारिया और नवाजुद्दीन सिद्दीकी
डायरेक्टर: अहमद खान
यह फिल्म 2014 में आई फिल्म ‘हीरोपंती’ की सीक्वल है. शब्बीर खान द्वारा निर्देशित फिल्म ‘हीरोपंती’ एक रोमांटिक ऐक्शन फिल्म थी मगर इस दूसरे भाग की कहानी बिलकुल अलग है.
नायक टाइगर श्रौफ़ अपने चिरपरिचित डांस और ऐक्शन के चलते घिसे सिक्के जैसा लगता है. फिल्म का एकमात्र आकर्षण है नवाजुद्दीन सिद्दीकी. वह विलेन बना है. सिर्फ यही किरदार है जो दर्शकों का मनोरंजन करता है. हाथों में नेलपेंट और गालों पर लाली लगाए इस किरदार को देख कर दर्शकों को हंसी आती है.
फिल्म की कहानी निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने लिखी है. कहानी एक जादूगर लैला (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) की है, जो फाइनैंशियल ईयर की क्लोजिंग पर इंडिया के टैक्स के सारे पैसे हैक करने की फिराक में है. दूसरी ओर बबलू (टाइगर श्रौफ) एक महत्त्वाकांक्षी हैकर है जो पैसे कमा कर शोबाजी करना चाहता है. पर सरकारी मिशन के तहत लैला की पोल खोलने के लिए बबलू को नियुक्त किया जाता है.
यहां बबलू लैला की बहन शनाया (तारा सुतारिया) से प्रेम कर बैठता है. बबलू का जमीर तब जागता है जब उस की मुलाकात मुंहबोली मां (अमृता सिंह) से होती है. वह खुद लैला की ठगी का शिकार हो चुकी थी. लैला बबलू की मुंहबोली मां को मारने की कोशिश करता है परंतु बबलू न सिर्फ अपनी मां को बचाता है, अपराधियों को जेल भिजवाने की कसम भी खाता है. वह लैला के मंसूबों पर पानी फेर देता है. वह देश के पैसे को हैक नहीं होने देता और देश का पैसा देश में ही रहता है.
इस बेसिरपैर की कहानी की पटकथा बेहद कमजोर है. टाइगर श्रौफ के सीटीमार डायलौग्स हैं. ए आर रहमान का संगीत बांध नहीं पाता. हां, कोरियोग्राफी दर्शनीय है. फिल्म का निर्देशक अहमद खान खुद कोरियाग्राफर है, इसलिए उस ने कोरियाग्राफी पर विशेष ध्यान दिया है. मगर निर्देशन के मामले में वह सफल नहीं है. निर्देशक ने सारे देशवासियों के खाते 31 मार्च को ही खाली कर देने का ख़याल आखिर 21वीं सदी के 22 साल बीतने के बाद सोचा भी कैसे होगा?
फिल्म के अंत में गाना ‘धूमधड़क्का…’ अच्छा बन पड़ा है. इस गाने में कृति सेनन ने परफौर्म किया है. क्लाइमैक्स में खूब मारधाड़ है. फिल्म में कई जगह बेवजह की गोलीबारी और चिपकाचिपकी दिखाई गई है, बहुत तोड़फोड़ की गई है, कई कारों का प्रयोग किया गया है. विदेशी लोकेशनें खूबसूरत हैं. फिल्म रंगबिरंगी लगती है. तारा सुतारिया की ऐक्टिंग में दम नहीं है. उस ने सैक्सी कौस्ट्यूम पहने हैं.