सुरेशचंद्र रोहरा
सौ बात की एक बात लालच बुरी बला. यह बात बचपन में ही घुट्टी की तरफ पिलायी जाती है. मगर आमतौर पर साधारण और खास दोनों ही प्रकार के लोग कहावत मुहावरे को भुला कर आंख बंद करके लालच करते हैं और जिंदगी में कई दफा ठगे जाते हैं लूट जाते हैं.
आज आपको हम बता रहे हैं कि एक पुलिस का उच्च अधिकारी जो जिंदगी भर लोगों को अपने वर्दी के बूते, शिक्षा के दम पर जांच पड़ताल करके न्याय दिलाता रहा रिटायरमेंट के कुछ समय बाद कैस लाखों रुपए की ठगी का शिकार हो जाता है.
कितने आश्चर्य की बात है, अगरचे कोई आम आदमी अशिक्षित व्यक्ति, गांव का आदमी ठगा जाता है तो हम कहते हैं कि इसे कानून का ज्ञान नहीं है नियमों का पता नहीं है. यह संसार के बारे में ज्यादा नहीं जानता, बेचारा इसीलिए ठगा गया है. मगर जब यही बात इसी शिक्षित और कानून के जानकार के साथ घटित हो तो फिर क्या कहा जाए.
आज हम इस रिपोर्ट में यही सच आपको बता रहे हैं कि आज के इस संक्रमण काल में अगर आप चौक्कना नहीं रहेंगे तो कभी भी ठगे जा सकते हैं. अत: एक बार फिर याद कर लें-” लालच बुरी बला है.”
पच्चीस लाख का चुग्गा
कथित सीबीआई अधिकारी बन कर आईजी कार्यालय से सेवामुक्त हुए एडिशनल एसपी को 25 लाख की लॉटरी लगने का झांसा दिया गया और बैंक खाते से साढ़े छह लाख की धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया गया.
कुछ समय बाद ठगी का एहसास होने पर पीड़ित रिटायर्ड अधिकारी ने बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के सिविल लाइन थाने पहुंच कर मामले की शिकायत दर्ज कराई है. अप पुलिस मामले को अपने हाथों में लेकर के छानबीन शुरू कर चुकी है यह रिपोर्ट लिखे जाने तक कोई आरोपी पुलिस के हाथ नहीं चढ़ा है जैसा कि होता है पुलिस मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई कर रही है.
दरअसल हुआ यह कि रिटायर्ड एएसपी को 25 लाख की लॉटरी लगने का झांसा दिया गया और साढ़े छह लाख का चूना लगा दिया गया.
अब आपको हम उक्त पुलिस अधिकारी से आप परिचय कराते हैं आप हैं -रवीन्द्र कुमार मिश्रा पिता हरिनारायण मिश्रा (66) वर्ष 2017 में पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय से रिटायर्ड हुए हैं. आपके मोबाइल नम्बर पर 13 जनवरी को फोन कर एक महिला ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए मैसेज किया कि उन्हें कौन बनेगा करोड़पति केबीसी कंपनी की 25 लाख की लॉटरी लगी है.
उसके बाद एक और मैसेज आया की रुपए कैश करवा कर सीबीआई आफिसर अजय कुमार देंगे. 25 लाख मिलने के लालच में आए रिटायर्ड एएसपी ने खाता नम्बर, एटीएम का नंबर पासबुक की फोटोकॉपी व अन्य दस्तावेज वाट्सएप के माध्यम से दे दी.
अजय कुमार ने रविन्द्र कुमार मिश्रा को झांसे में लेने के लिए अपना सीबीआई का आई कार्ड भी भेज दिया.और लाखों रुपए रुपए की लाटरी जल्द से जल्द मिल सके इसके लिए कथित अधिकारी अरविंद कुमार से भी बात कराई व उनका भी आईकार्ड भेजा. रविन्द्र कुमार मिश्रा को दोनों शातिर ठगों ने बताया – लाटरी का पैसा मुंबई मुख्यालय एवं दिल्ली से कुल राशि 29 लाख रुपए मिलेगा.
यह सुनते ही पुलिस अधिकारी महोदय ठगों के जाल में फंसते चले गए और अंततः ठग लिए गए और अब आप पछता रहे हैं मगर इस घटना से यह संदेश दूध चला गया है कि जब पुलिस अधिकारी वह भी रिटायर्ड पुलिस अधिकारी जो जिंदगी भर जाने कितने ठगी के प्रकरणों का विवेचना करके अपराधियों को जेल भेजते हैं भी ठगी का शिकार हो सकते हैं तो फिर आम आदमी की बिसात क्या है अतः हमें अपने आसपास के तौर से सावधान रहने की आवश्यकता है.