घर पर कैसे रहें फिट

 कोरोनाकाल में युवाओं की फिटनैस काफी प्रभावित हुई है. जिम बंद हुए तो अधिकतर का शरीर ढीला पड़ता गया. लेकिन अब चिंता की जरूरत नहीं क्योंकि यहां फिटनैस मंत्र जो उपलब्ध है जो आप को बिन जिम के भी फिट रखेगा.

कोरोनाकाल में लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की खास हिदायत दी गई है, क्योंकि कोविड-19 का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी तेजी से फैलता है. जिस के प्रसार का माध्यम छींकने, खांसने, पसीने और बातचीत के आम व्यवहार से हो सकता है.   यही कारण है कि समयसमय पर ऐसी जगहों पर सरकार द्वारा कड़े प्रतिबंध लगाने की नौबत आई जहां संक्रमण फैलने का अधिक खतरा बना रहता है और उन स्थानों में से एक ‘जिम’ रहा.

जिम फिजिकल फिटनैस के लिहाज से बेहतर जगह होती है, युवा से ले कर बुजुर्ग तक रूटीन ऐक्सरसाइज के लिए ‘जिम’ का प्रयोग करते हैं लेकिन यहां से संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. इंडिपैंडेंट यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, जिम में कोरोना का खतरा इसलिए अधिक होता है क्योंकि जिम में लोग पसीने से भरे रहते हैं, जिस से कीटाणुओं के फैलने का अधिक खतरा बना रहता है. इस रिपोर्ट में डा. स्वान का कथन है, ‘‘जिम में नमी होती है, लोग पसीना छोड़ते हैं जिस से संक्रमण फैलने का अधिक खतरा बना रहता है.’’

यही कारण भी है कि जहां कहीं भी लौकडाउन जैसी सिचुएशन आती है तो प्राथमिक तौर पर जिम को बंद करने का आदेश दिया जाता है. लेकिन इन आदेशों से यह समस्या पैदा हुई कि जिम के बंद होने से लोगों की फिटनैस प्रभावित हो गई. इस से हैल्थ पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है. जो लोग जिम जा कर वर्कआउट करते थे वे घर पर रह रहे हैं. जिम जाने वालों में अधिकतर संख्या 18 से 40 वर्ष के युवाओं की होती है.

ऐसे में कुछ मंत्र हैं जिन्हें अपना कर आप घर में सुरक्षित रहते हुए ऐक्सरसाइज करने के साथ खुद को फिट रख सकते हैं और, सही खानपान से खुद की फिटनैस को मैंटेन रख सकते हैं.

वार्मअप : खुद को चुस्त रखने के लिए वार्मअप बहुत जरूरी है. इस के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है. इसलिए सुबहसुबह एक जगह फिर चाहे वह घर की छत हो, बालकनी हो, या रूम ही क्यों न हो, सीधे खड़े रह कर ऊपरनीचे जंप करें. यह जंप ऐसी भी हो सकती है कि पंजे जमीन पर चिपके रहें और एडि़यां ऊपर उठें. फिर सीधे खड़े हो कर दोनों हाथों को कंधे की सीध में रख कर चलाएं. उस के बाद पैरों के घुटने मोड़ कर स्क्वाट करें. आप रस्सीकूद भी कर सकते हैं.

पैदल चलना : पैदल चलना हमेशा शरीर के लिए बेहतर है. व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित तौर पर पैदल चलना ही चाहिए. इसलिए रोजाना सुबह आधे घंटे पैदल चल के फिट रहा जा सकता है. आप इस के लिए अपनी कालोनी के इर्दगिर्द ही चक्कर लगा

सकते है, या आसपास के पार्क में हलकीफुलकी रनिंग की जा सकती है. समय का ध्यान रखते हुए ट्रेडमिल एक बेहतर औप्शन है.

पुशअप : सब से पहली और आराम से की जानी वाली ऐक्सरसाइज पुशअप है. इस के लिए किसी प्रकार के इक्विपमैंट की आवश्यकता नहीं होती. यह सब से सामान्य ऐक्सरसाइज है जिसे लोग सब से अधिक करते भी हैं. इसे जरूरत के हिसाब से करें और समयनुसार सैट बढ़ाते रहें. इस से चैस्ट, आर्म्स, शोल्डर, पीठ स्ट्रौंग होती है.

वाल सिट्स : वाल सिट्स ऐक्सरसाइज में पीठ को दीवार पर चिपका देते हैं और फिर दोनों पैरों को कुरसी पर बैठने की पोजिशन में रखते हैं. ये 90 डिग्री होने चाहिए. अब दोनों हाथों को फोल्ड कर के कुछ देर इसी पोजिशन में 30 सैकंड तक रहना होता है. इस से बौडी का बैलेंस बनाया जा सकता है. इस से पेट की चरबी कम होती है, जांघें और हिप्स शेप में आते हैं और कैलोरी बर्न भी होती है.

पुलअप्स : यह अपने ही शरीर के वेट को ऊपर उठाने जैसा है. देखा गया है कि ज्यादातर लोगों से इस ऐक्सरसाइज में रेप्स नहीं लगते हैं क्योंकि वे लोग इस ऐक्सरसाइज को लगाने का सही तरीका नहीं जानते. इस में हाथों को लगभग 28 इंच तक खोलें. जब आप ऊपर की तरफ जाएंगे तो लगभग एक सैकंड तक होल्ड करें. फिर नीचे आएं.

ध्यान रहे, पूरी ऐक्सरसाइज डेढ़ घंटे से ऊपर न हो और फिटनैस का जरूरी मंत्र यह है कि नींद सही समय पर सही घंटों की लें व डाइट पर्याप्त मात्रा में लें.

ऐक्सरसाइज के बाद क्या पिएं

फिटनैस के लिए ऐक्सरसाइज के बाद आप कुछ तरल पिएं तो बेहतर है क्योंकि ऐक्सरसाइज के बाद बौडी को हाइड्रेट रखना फिटनैस का एक जरूरी हिस्सा है.

तरबूज का जूस पिएं : भारी व्यायाम के बाद तरबूज शरीर में उचित हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करता है. वर्कआउट के दौरान आमतौर पर हमारा शरीर लगभग 2 फीसदी तक पानी की मात्रा पसीने के तौर पर बर्न करता है, जिस की भरपाई करने के लिए तरबूज का जूस अच्छा माध्यम हो सकता है.

नारियल पानी : नारियल का पानी शरीर में पानी की कमी की मात्रा को पूरा करता है.

चेरी का जूस : चेरी में मौजूद एंटीऔक्सिडैंट्स का उ?च्च स्रोत मांसपेशियों को ऊर्जा देता है.

ग्रीन टी : ग्रीन टी शारीरिक थकान दूर कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है.

बहुत से लोग मौसंबी का जूस, गाजर का जूस और अलगअलग शेक, बनाना शेक, मैंगो शेक पीते हैं. स्वादानुसार हर चीज ट्राई की जा सकती है.

क्या जिम जाने वाला अग्रेसिव होता है?

कुछ साल पहले की बात है. मैं दिल्ली देहात के एक गांव में एक इंटरनैशनल पहलवान के सगाई समारोह में गया था. वहां कई नामचीन लोग आए थे और माहौल बड़ा खुशनुमा था कि अचानक वहां कुछ नौजवान लड़कों का ग्रुप आया. सभी गांवदेहात के थे, पर पैसे वाले भी दिख रहे थे.

हैरत की बात थी कि उन नौजवानों में से कइयों के पास महंगी और मौडर्न पिस्टल थीं और ज्यादातर जिम में जा कर बौडी बनाए हुए थे. उन में जो लड़का सब से बीच में चल रहा था, वह बहुत हैंडसम था और उस की बौडी के तो कहने ही क्या. उस की महंगी शर्ट से बौडी के कट्स साफसाफ दिख रहे थे.

वे लड़के वहां कुछ देर रहे, चंद लोगों और दूल्हे से मुलाकात की और फिर अपनी महंगी गाड़ियों में चले गए.

यह सोच कर मेरे मन में सवाल उठा था कि जो लोग जिम जा कर बौडी बनाते हैं, क्या वे सभी अग्रेसिव होते हैं या हो जाते हैं? वजह, जो लड़के शादी में आए थे, वे दिखने में बदमाश जैसे नहीं थे, पर हाथ में पिस्टल और कसी हुई बौडी से ऐसा लग था कि अगर कोई उन से पंगे लेगा तो वे उसे छोड़ेंगे नहीं.

पैसे दे कर जिम में बौडी बनाने का चलन आजकल बहुत ज्यादा बढ़ गया है. बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे कसबों में भी अब जिम खुलने लगे हैं. वहां ज्यादातर लड़के इसलिए बौडी बनाने जाते हैं कि दुनिया पर उन का रोब जमे, खासकर जवान लड़कियों पर. जब उन की बौडी दिखाने लायक बन जाती है, तो उन में अकड़ आ जाती है. पर क्या इस के पीछे कोई अग्रेशन होती है, जो उन्हें जिम तक ले जाती है?

anju-gupta
अंजू गुप्ता

इस मसले पर मुंबई के ‘आइडियल बौडी फिटनैस’ जिम में फिटनैस इंस्ट्रक्टर अंजू गुप्ता ने बताया, “जिम जाने से अग्रेशन का कुछ लेनादेना नहीं है, बल्कि जिम जाने से बौडी में जो बदलाव आता है, उस से तो बहुत अच्छा महसूस होता है.

“अमूमन जिम जाने वाले लोग अपने रूटीन को ले कर बहुत अनुशासित होते हैं, तो शायद देखने वाले को लगे कि वे अग्रेसिव हैं. एक बात और है कि जब जिम जाने वाले लोग किसी स्ट्रिक्ट डाइट पर होते हैं, तो उन का मैटाबौलिक रेट बढ़ जाता है, हार्ट रेट ज्यादा हो जाती है, पर यह फिटनैस का हिस्सा है.

“लेकिन अगर हम किसी एक तरह के ऐक्सरसाइज स्टाइल को अपनाते हैं तो ब्रेन को उसी की आदत पड़ जाती है, जिस से अग्रेशन बढ़ने का डर बना रहता है, इसलिए हमेशा जिम और ऐक्सरसाइज के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए. अपने को दूसरे ऐसे काम में बिजी रखना चाहिए, जो मन को शांत करते हैं. इस के अलावा खानपान का भी खास ध्यान चाहिए.”

kapil-gupta
कपिल गुप्ता

फरीदाबाद के 47 साल के कारोबारी कपिल गुप्ता अपने कालेज के दिनों से जिम में जाने लगे थे. एक समय ऐसा था जब वे अपने सिक्स पैक्स एब्स के लिए जाने जाते थे. तब उन्होंने अपना वजन 106 किलो से घटा कर 82 किलो किया था.

कपिल गुप्ता ने बताया, “मैं जिम में तरहतरह के लोगों से मिला हूं, पर मेरी नजर में कोई ऐसा नहीं आया, जो जिम जौइन करने के बाद अग्रेसिव हुआ हो. हां, अगर कोई शुरू से ही अग्रेसिव सोच का रहा होगा तो कहा नहीं जा सकता.

“जिम अपने शरीर को सेहतमंद रखने की ठीक वैसे ही जगह है, जैसे कोई दूसरे खेल की जगह. यहां आने वाले लोगों का मकसद यही रहता है कि वे अच्छी बौडी बनाएं और अपनी फिटनैस बरकरार रखें.

“जहां तक किसी के अग्रेसिव होने की बात है तो अगर कोई अपने स्वभाव से अग्रेसिव है, तो वह जिम क्या कहीं भी जैसे अपने घर, औफिस, बाजार या फिर किसी दूसरी जगह वैसा ही बरताव करेगा. यह तो बच्चों पर भी लागू होता है. अगर किसी बच्चे में एनर्जी ज्यादा है तो वह दूसरे बच्चों के मुकाबले अग्रेसिव होता है. अगर उस अग्रेसिवनैस का सही से इस्तेमाल किया जाए तो बच्चा शांत रहता है.

“हां, अगर जिम में कोई ऐक्सरसाइस के लिए सप्लीमैंट्स लेता है तो कभीकभार उस के साइड इफैक्ट के तौर पर ऐसे लोग अग्रेसिव हो जाते हैं, पर यह नहीं कहा जा सकता है कि जिम जाने वाले लोग अग्रेसिव हो जाते हैं या होते हैं.”

katoch
निश्चिंत कटोच

भारत के अल्ट्रा रनर निश्चिंत कटोच एक समय अपने ज्यादा वजन से परेशान थे. उन्होंने अपनी लगन से खुद में इस हद तक बदलाव किया कि वे आज कईकई किलोमीटर तक आसानी से दौड़ लेते हैं. इस सब बदलाव में जिम ने बड़ा रोल निभाया है.

निश्चिंत कटोच ने बताया, “यह सब वर्कआउट की इंटैंसिटी पर डिपैंड करता है. हार्ड ट्रेनिंग ऐक्सरसाइज से टैस्टोस्टेरोन के कुदरती लैवल में बढ़ोतरी होती है, जिस से अग्रेशन का लैवल बढ़ सकता है. इस पर कंट्रोल करने का तरीका यही है कि वर्कआउट और इंटैंसिटी में बैलैंस बनाया जाए. गुड मैंटल हैल्थ के लिए वर्कआउट को इस ढंग से करना चाहिए कि जिम जाने वाला अग्रेसिव न हो.”

इस मुद्दे पर एक बात बहुत ज्यादा अहम है कि जिम जाने वाले लोगों में से बहुत से ऐसे होते हैं, खासकर नौजवान, जो बौडी बनाने को ही जिंदगी की सब से बड़ी कामयाबी मानते हैं और उन के पास ऐसी कोई उपलब्धि नहीं होती है, जिस पर वे या उन का परिवार गर्व कर सके.

बने रहें जवां : शान से जिएं जिंदगी

बचपन, युवावस्था और वृद्धावस्था. जिंदगी के ये 3 पड़ाव हैं. बचपन और युवावस्था तो गुज़र जाते हैं लेकिन वृद्धावस्था इंसान के साथ आखिरी सांस तक रहती है. सच है कि उम्र का बढ़ना तय है और हर किसी को वृद्धावस्था यानी बुढ़ापा से दोचार होना है. बूढ़ा होने से कोई खुद को रोक तो नहीं सकता लेकिन उस अवस्था को भी एंजौय जरूर कर सकता है. यानी, एक तरह से वह जवां बना रह सकता है.

जिंदगी की व्यस्तताओं ने इंसान को रोबोट सा बना दिया है. सुबह उठने से ले कर रात को सोने तक काम, काम और काम. टेबल पर खाना खाता इंसान एक मशीन सा बन कर रह गया है. हालात और ज्‍यादा खराब हो जाते हैं  जब इंसान अपनी सेहत, भोजन और नींद को भी नजरअंदाज करने लगता है.

वहीं, सच यह है कि बढ़ती उम्र के प्रभाव को कोई भी अपने चेहरे पर जल्दी नहीं देखना चाहता. अपनेआप को स्मार्ट दिखाने के लिए हर कोई परेशान रहता है और इंसान पूरी कोशिश करता है कि उस की झलक सब से अलग दिखे.

पुरुष दें ध्यान :

पुरुषों को अपनी त्वचा का खयाल रखने के लिए छोटी से छोटी बात पर ध्यान देने की जरूरत है. पुरुषों की त्वचा सख्त होती है, वे लंबे समय तक जवां दिखना चाहते हैं तो उन्हें कुछ आदतों को छोड़ कर अच्छी आदतों को अपनाना होगा. ऐसा करने से होने वाले फायदे कुछ ही दिनों में ही ज़ाहिर होना शुरू हो जाते हैं.

शाम को भी साफ़ करें चेहरा :

हर इंसान अपना चेहरा धोता है, लेकिन आमतौर पर सिर्फ सुबह. और यह उस की बचपन से ही आदत होती है. अच्छी आदत है. चेहरे की स्किन ज्यादा उम्र तक जवां बनी रहे, इस के लिए रोजाना शाम को भी फेसवौश या साबुन से चेहरे को धोना/साफ़ करना बेहद ज़रूरी है. ऐसा करने के नतीजे में आप के चेहरे पर मौजूद दिनभर की गंदगी भी साफ हो जाएगी और आप का चेहरा साफ रहेगा. इतना ही नहीं, रोजाना चेहरा अच्छी तरह साफ करने के चलते आप कई तरह के स्किन इंफैक्शन से बचे भी रहेंगे.

क्रीम नहीं मौइस्चराइजर है अनिवार्य:

ज़्यादातर युवा नहाने के बाद किसी क्रीम को ही लगाते हैं. दरअसल, युवाओं के चेहरे के लिए यह ठीक नहीं है. इस के चलते उन्हें रिऐक्शन हो सकता है और चेहरे पर पिंपल व दागधब्बों से भी जूझना पड़ सकता है. 30 साल की उम्र पार करने के बाद पुरुषों को नियमितरूप से नहाने के बाद मौइस्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. यह स्किन पोर्स (त्वचा के महीनमहीन छिद्र) को खोलने में मदद करता है, जिस से चेहरे को खिलाखिला बनाए रखने में काफी मदद मिलती है. हां, मौइस्चराइजर के बाद चाहें तो कोई क्रीम लगा सकते हैं.

सप्ताह में 2 बार फेसपैक :

अकसर पुरुष समझते हैं कि फेसपैक का इस्तेमाल केवल महिलाएं करती हैं, जबकि ऐसा नहीं है. यह चेहरे पर मौजूद गंदगी को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, वह चेहरा महिला का हो या पुरुष का. इस के अलावा, यह चेहरे की स्किन को निखारने और दागधब्बे व मुहांसों को दूर करने के लिए भी काफी प्रभावी माना जाता है. यह चेहरे की रंगत को बरकरार रखता है और बढ़ती हुई उम्र के असर को भी चेहरे पर पूरी तरह से नहीं आने देता. फेसपैक किसी घरेलू नुस्खे के जरिए भी तैयार किया जा सकता है, अन्यथा बाज़ार में उपलब्ध हैं.

सप्ताह में स्क्रब जरूर :

चेहरा देख कर आमतौर पर लोग किसी की उम्र का पता लगा लेते हैं. बुढ़ापे का असर या कह लें ढलती हुई उम्र सब से पहले चेहरे पर अपना असर दिखाना शुरू कर करती है. इसलिए, चेहरे का खास खयाल रखते हुए हफ्ते में एक बार स्क्रब जरूर करें. स्क्रब किसी घरेलू नुस्खे के जरिए भी तैयार किया जा सकता है, अन्यथा बाज़ार में उपलब्ध हैं. स्क्रब करने से चेहरे की स्किन खिलीखिली लगती है.

बालों को भी दें समय :

चेहरे से ही इंसान जवां नहीं दिखता. जवां दिखने के लिए जरूरी नहीं कि कोई अपने जिस्म के सिर्फ एक हिस्से पर ही ध्यान दे बल्कि उस को सभी ब्यूटी टिप्स पर ध्यान देने की जरूरत है. बालों की अच्छी चमक हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है. पुरुषों को अपने बालों की भी खास केयर करनी चाहिए. बढ़ती उम्र के साथसाथ उन्हें समयसमय पर हेयरकेयर टिप्स का इस्तेमाल कर के बालों को हैल्दी बनाए रखना चाहिए. कुछ घरेलू नुस्खों के ज़रिए भी बालों को काला करने और उन्हें मजबूती देने के लिए खास हेयरमास्क का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

बुरी आदतों से बचें :

शराब का सेवन और स्मोकिंग करना जिस्म के लिए नुकसानदायक हैं. किसी को अगर ये आदतें हैं तो उसे इन आदतों को छोड़ना पड़ेगा वरना उम्र से पहले वह बूढा नज़र आने लगेगा. इन आदतों के चलते चेहरे की स्किन के साथसाथ पूरे जिस्म के अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. बढ़ती उम्र में ये बुरी आदतें जिस्म को विभिन्न प्रकार के नकारात्मक दोषों से नहीं बचा सकेंगी और इंसान के चेहरे पर बुढ़ापे की झलक साफ दिखने लगेगी.

जल्दी उठना, जल्दी सोना :

अर्ली टु बेड ऐंड अर्ली टु राइज… सुबह जल्दी उठने और रात में जल्दी सोने से इंसान की सेहत अच्छी रहती है. पुरुषों को सुबह जल्दी उठना चाहिए, यह उन की सेहत के लिए काफी अच्छा होता है. जल्दी उठने के लिए रात में जल्दी सोना होगा ताकि नींद का समय पूरा हो सके. वहीं, सुबह उठ कर बाहर टहलने की आदत डालनी चाहिए, क्योंकि सुबह की फ्रेश एयर इंसान के पूरे दिन को अच्छा बना देती है.

औयलीफूड और जंकफूड से बचें :

तेल की अधिक मात्रा में बने भोजन यानी औयलीफूड का सेवन कम से कम करना चाहिए, क्योंकि यह शरीर की एनर्जी को जल्द खत्म कर देता है. इस के साथ ही रात को थोड़ा हलका खाना खाएं. घर के बने खाने में अच्‍छे तेल का उपयोग करें, क्योंकि खराब क्वालिटी वाला तेल सेहत पर काफी बुरा प्रभाव डालता है. पुरुषों को जंक फूड से भी परहेज करना होगा. इस के ज्यादा खाने से शुक्राणुओं की गुणवत्‍ता में गिरावट आ जाती है. इस की जगह  फ्रूट्स, अंकुरित अनाज और जूस लिया जा सकता है.

रोजा करें ऐक्‍सरसाइज़ :

पुरुषों को मोटापा कम करने औऱ फिट रहने के लिए रोजाना ऐक्‍सरसाइज़ करनी चाहिए. अगर आप ऐक्सरसाइज़ नहीं कर सकते हैं, तो थोड़ाबहुत उछलकूद ही करें यानी जिस्म को हरकत दें ताकि पूरा जिस्म फिट बना रहे. मौर्निंग वौक हर इंसान को करना चाहिए.

इस तरह, कोई भी इंसान अपने जीवन के हर पड़ाव को एंजौय कर सकता है. वह वृद्धावस्था में भी अपने को जवां महसूस कर सकता है चूंकि जिस्म से फिट जो है. सो, आप भी अंतिम क्षणों को तक जीवन को एंजौय करें, खुद को जवां फील करें.

अगर आपके अंदर भी है सिक्स पैक ऐब्स का जुनून तो जरूर पढ़ें ये खबर

युवा अपने बौडी लुक और फिटनैस को ले कर कुछ ज्यादा ही क्रेजी हो गए हैं, लेकिन वे यह नहीं समझते कि सिक्स पैक बनाना इतना आसान नहीं है. इस के लिए संतुलित डाइट के साथसाथ ट्रेनर की देखरेख में ऐक्सरसाइज करने की जरूरत भी होती है.

अगर आप फिट हैं तो हर खुशी हासिल कर सकते हैं और फिटनैस आप को मिलेगी संतुलित डाइट और नियमित व्यायाम से.

बौडी बनाने का अर्थ है मांसपेशियों को कसना, जिस से कि आप सुडौल दिखें. इस काम में खासी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐब्स बनाने के लिए कार्बोहाइड्रेट तथा फैट की मात्रा को घटा कर प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जाती है, ताकि मांसपेशियां सख्त हो सकें.

चाहिए सिक्स पैक तो देना होगा समय

यदि आप चाहते हैं कि आप की बौडी सुडौल व आकर्षक बने, तो इस के लिए आप को समय निकालना होगा. ‘बौडी फिटनैस सैंटर’ के ट्रेनर पवन मान के मुताबिक, ‘‘युवाओं को सिक्स पैक बनाने से पहले इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उन की बौडी पर फैट कितना चढ़ा है. यदि शरीर अधिक फैटी है तो पहले उसे घटाने के लिए कुछ खास तरह की ऐक्सरसाइज करनी होती है. साथ ही डाइट पर भी ध्यान देना होता है.’’

यदि आप फैटी हैं तो जिम जाने से पहले नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है. नियमित व्यायाम में स्विमिंग, साइकिलिंग, जौगिंग आदि जरूरी हैं. इन के अलावा मौर्निंगवाक भी बहुत जरूरी है.

वैसे सिक्स पैक ऐब्स बनाने के लिए जिम ट्रेनर कई प्रकार के डाइट सप्लिमैंट्स देते हैं, जिन में सिंथैटिक पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं. ये तत्त्व शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. आमतौर पर लिए जाने वाले सप्लिमैंट्स में क्रिएटिन, प्रोटीन, स्टीरायड आदि हारमोन होते हैं. इस बारे में वरिष्ठ चिकित्सक डा. उमेश सरोहा कहते हैं, ‘‘ये पोषक तत्त्व शरीर को सुडौल बनाने के बजाय नुकसान ज्यादा पहुंचाते हैं. सुडौल बौडी पाने के लिए नियमित व्यायाम और संतुलित डाइट ज्यादा लाभदायक है.’’

कुछ लोग फैट कम करने के लिए अपने भोजन से फैट वाली चीजें बिलकुल हटा देते हैं, जिस से शरीर को लाभ पहुंचने के बजाय नुकसान ज्यादा पहुंचता है. फैट की अधिक कमी से शरीर के अन्य महत्त्वपूर्ण अंगों पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए फैट की प्रचुर मात्रा शरीर के लिए बहुत जरूरी है.

फिटनैस के लिए जरूरी डाइट

–       सिक्स पैक बौडी के लिए फाइबरयुक्त भोजन लेना बहुत आवश्यक है, क्योंकि इस से शरीर का विकास होता है. प्रोटीन की मात्रा बनाए रखने के लिए मौसमी फलों का सेवन बहुत लाभदायक है.

–       सुबह का नाश्ता अति आवश्यक है. नाश्ता हैवी व लंच हलका लें. डिनर तो नाश्ते व लंच से भी हलका लें. इस तरह का चार्ट बना लें. यह आप की सेहत के लिए जरूरी है.

–       दिन भर में कम से कम 10 गिलास पानी पीएं. पानी हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, क्योंकि अधिक ऐक्सरसाइज करने से शरीर में डिहाइडे्रशन की आशंका बनी रहती है, इसलिए इस से बचने के लिए व्यक्ति को अपने वजन के हिसाब से पानी पीना चाहिए.

–       ढेर सारा भोजन एकसाथ न लें. हिस्सों में बांट कर दिन में कई बार भोजन करें. इस से पाचन तंत्र मजबूत बना रहता है. साथ ही ऐक्सरसाइज करने के लिए और अधिक ताकत मिलती है.

–       हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें. ये शरीर को ऊर्जा देने के साथसाथ आप को तरोताजा रखती हैं. प्रोटीन डाइट में अंडा, पनीर, दूध, दही, मछली आदि लें.

–       अलकोहल का सेवन बिलकुल न करें. यह आप के शरीर को बेकार करता है.

–       भोजन नियमित मात्रा में ही लें. संतुलित आहार शरीर को रोगमुक्त रखता है. एक सीमा में रह कर ही जिम में वर्कआउट करें. ऐसी किसी दवा का सेवन न करें, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

दुबलेपन को कहें बाय-बाय, वज़न बढ़ाएं ऐसे 

मौजूदा भागदौड़भरी लाइफस्टाइल में खुद को फिट बनाए रखना हर लिहाज से जरूरी है. दुबलेपन को दूर करने और कमजोर शरीर को तंदुरुस्त बनाने के लिए लोग दवाओं से ले कर तरहतरह के हैल्थ सप्लीमैंट्स लेते हैं. लेकिन फिर भी अधिकतर लोगों का शरीर कमजोर और दुबलापतला ही रहता है.

दुबलेपतले शरीर के कारण किशोरों, युवाओं और अधेड़ पुरुषों को क्रमशः स्कूल, कालेज और औफिस या बिज़नैस प्रतिष्ठानों तक में शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. वजन बढ़ाने के लिए पुरुषजाति न जाने क्याक्या करती है, खाती है, लेकिन वजन नहीं बढ़ता और शरीर जस का तस ही बना रहता है.

1. क्यों नहीं बनती सेहत :

वजन न बढ़ने और तंदुरुस्त न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं.  इन कारणों में कुछ ऐसी गलत आदतें भी शामिल होती हैं, लोग जिन के शिकार हो जाते हैं. ऐसी आदतें न केवल शरीर को बाहरी तौर पर नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि शरीर को भीतर से भी नुकसान पहुंचाती हैं.

आप उन में से हैं जो खाते तो बहुत हैं लेकिन उन के शरीर में लगता नहीं है, तो वो गलतियां न करें जिन का ज़िक्र यहां किया जा रहा है. आप अगर चाहते हैं कि आप तंदुरुस्त रहें और आप की पर्सनैलिटी दूसरों की तरह चमके तो इन गलत आदतों को बायबाय कर दें.

2. भूख लगने पर खाना न खाने की आदत :

व्यस्त जीवनशैली में अधिकतर लोग अपने शैड्यूल के चक्कर में  सही समय पर खाना नहीं खाते  हैं. कोई ऐसा अगर नियमितरूप से करता  है तो उस की सेहत पर बुरा असर पड़ना शुरू हो जाता है. दरअसल, ऐसा करने से भूख मर सी जाती है, भूख लगना बंद हो जाती है. सही समय पर खाना नहीं खाने से शरीर पर विपरीत असर पड़ता है. किसी भी इंसान की यह गलत आदत उस के शरीर को तंदुरुस्त नहीं होने देती.

3. रोज एक सी ऐक्सरसाइज करने की आदत :

फिट रहने और शरीर के वजन को बढ़ाने के लिए रोजाना ऐक्सरसाइज करना अनिवार्य है. सुबह की सैर पर जाना, किसी मैदान या पार्क में थोड़ीबहुत कसरत या उछलकूद करने से सेहत बेहतर होती है. इस के लिए अधिकतर पुरुषों ने जिम को एक आसान विकल्प समझा हुआ है.

लोग जिस्म बनाने के चक्कर में दवाएं और हैल्थ सप्लीमैंट्स ले लेते हैं, जो उन्हें भले ही  मसल्स बनाने में जरूर मदद करते हैं लेकिन इस के साइड इफैक्ट बाद में सामने आते हैं. दूसरों को बौडी बनाता देख नए लड़के भी वही करने लग जाते हैं और रोजाना एक ही ऐक्सरसाइज करने लगते हैं. तंदुरुस्त न होने के पीछे एक वजह यह भी है. बहुत से लोग जिम जा कर रोजाना एक ही तरह की ऐक्सरसाइज करते हैं. रोजाना एक ही तरह की ऐक्सरसाइज करने से शरीर के अंग कमजोर होने लग जाते हैं और फिर बौडी नहीं बन पाती.

दरअसल, अगर इंग्लिश ऐक्सरसाइज कर रहे हैं तो उसे ट्रेनर के निरीक्षण में करें क्योंकि उस का एक साइंस होता है. जिम ट्रेनर इंसान के जिस्म के मुताबिक ऐक्सरसाइज करने का चार्ट बना देते हैं, जिस में हफ्ते के 6 दिनों का ब्योरा होता है कि किस दिन कौनकौन सी ऐक्सरसाइज करनी हैं. जिम ट्रेनर के निरीक्षण में ऐक्सरसाइज करने से जिस्म फिट रहने के साथ वजन बढ़ कर आदर्श लैवल पर बना रहता है.

4. पानी कम पीने की आदत :

24 घंटे के रातदिन के दौरान इंसान को भरपूर पानी पीना चाहिए. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर को भीतर व बाहर दोनों तरफ से फायदा मिलता है. यह शरीर के वजन को बढ़ाने व जिस्म की स्किन और बालों को पोषण प्रदान करने में अहम भूमिका निभाता है.

देशविदेश के वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसान को अपनेआप को हाइड्रेट रखने और शरीर से टौक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी या कोई तरल पदार्थ पीना चाहिए. इंसान चाहे तो नारियल पानी और ताजे फलों का जूस भी पी सकता है. सो, अगर कोई कम पानी पीता है तो उसे यह आदत छोड़नी होगी.

5. सोने में कंजूसी की आदत :

ऊर्जावान और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि इंसान नियमित रूप से पूरी नींद लें. नींद न पूरी होने से सिर भारी रहने के साथ शरीर का ब्लडप्रैशर यानी बीपी बढ़ सकता है. नींद न पूरी होने की वजह से थकान के साथसाथ चिड़चिड़ाहट भी महसूस होती है और बातबात पर गुस्सा आता है. मैडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कम से कम 7 घंटे की नींद लेनी जरूरी है. पूरी नींद लेने से इंसान स्वस्थ महसूस करने के साथ ऊर्जावान बना रहता है. यह इंसान की फिटनैस और आदर्श वजन के लिए भी बेहद ज़रूरी है. ऐसे में जो लोग रात में सोने में कंजूसी करते हैं वे अपनी इस आदत को छोड़ दें.

यानी, सेहतमंद जीवन के लिए जरूरी होती हैं अच्छी आदतें. ये इंसान को खुश रखने के साथ ऊर्जा से भरपूर भी रखती हैं. यही नहीं, ये इंसान को बीमारियों से काफी हद तक दूर भी रखती हैं. तो, गलत आदतों को त्याग कर कोई भी तंदुरुस्त होने के साथ आइडियल वज़न हासिल कर सकता है.

बौडी टोंड तो स्ट्रौंग होगा बौंड

लड़का हो या लड़की या फिर औरत हो या मर्द, सभी के लिए ऐक्सरसाइज करना फायदेमंद रहता है. ऐक्सरसाइज पुराने रोगों की रोकथाम से ले कर मौडर्न लाइफस्टाइल को ठीक करने तक में लाभदायक होती है. यह तनाव और घबराहट से मुक्ति दिलाती है. ऐक्सरसाइज आप के वजन पर भी नियंत्रण रखती है.

अगर आप रोज 30 मिनट तक  ऐक्सरसाइज करें तो उस के आप को ये लाभ होंगे :

  • दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होगा.
  •  वजन नियंत्रण में रहेगा.
  • ऐक्सरसाइज कोलैस्ट्रौल को नियंत्रित रखेगी.
  • टाइप टू डायबिटीज और कई तरह के कैंसर के खतरे को कम करेगी.
  • ब्लडप्रैशर कम होगा.
  • हड्डियां मजबूत होंगी और मांसपेशियों के कमजोर होने का खतरा कम होगा.
  • अधिक ऊर्जा महसूस करेंगे, खुश रहेंगे और नींद अच्छी आएगी.

तनाव से मुक्ति

इस के अलावा वर्कआउट नकारात्मक विचारों और टैंशन को भी कम करता है. अगर आप फिट हैं तो मन भी खुश रहेगा.

ऐक्सरसाइज सैरोटोनिन, ऐंडोर्फिन और स्ट्रैस के प्रभाव को कम कर मस्तिष्क के रसायन स्तर को संतुलित करती है.

जब आप ऐक्सरसाइज करते हैं तो आप का शरीर फिट रहने के साथसाथ सही आकार में भी रहता है, जिस से आप के पार्टनर का ध्यान आप की ओर सहजता से खिंचता है.

आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी

पूरे दिन की थकान के बाद जब आप ऐक्सरसाइज करते हैं, तो आप रिलैक्स हो जाते हैं. इस से सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास बढ़ता है.

जिस तरह दांतों को ठीक रखने के लिए ब्रश करना जरूरी होता है उसी तरह फिट बौडी और सकारात्मक सोच के लिए कम से कम सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट तक ऐक्सरसाइज करना आवश्यक है.

शारीरिक रूप से फिट व्यक्ति की सैक्सुअल लाइफ भी अच्छी रहती है, क्योंकि ऐक्सरसाइज से आप की मांसपेशियां टोंड रहती हैं.

एक शोध में पता चला है कि रोज ऐक्सरसाइज करने वाले दंपती का आपसी रिश्ता अधिक मजबूत होता है. अधिक उम्र तक वे एकदूसरे को आकर्षक मानते हैं.

इस तरह के ऐक्सरसाइज में ऐरोबिक, कुछ दूर पैदल चलना सब से अधिक प्रभावशाली होती है. ऐक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और व्यक्ति काफी समय तक अपनेआप को युवा महसूस करता है. पूरे दिन में आप आसानी से 30 मिनट ऐक्सरसाइज के लिए निकाल सकते हैं.

लड़कियों के लिए तो ऐक्सरसाइज खासतौर पर फायदेमंद रहती है. इस से तनाव, ब्लडप्रैशर, कोलैस्ट्रौल जैसी कई समस्याओं से राहत मिलती है.

सिक्स पैक बौडी युवाओं की पहली पसंद

सिक्स पैक दिखने में जितने आकर्षक होते हैं, बनाने में उतनी ही मेहनत लगती है. अगर आप सिक्स पैक और आकर्षक बौडी की चाहत रखते हैं तो इसे पढ़ लें एक बार. सिक्स पैक एब्स आजकल के युवाओं की पहली पसंद है. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जो खूबसूरत आकर्षक बौडी न चाहता हो. लड़कियों को जहां जैकलीन, कैटरीना और दीपिका जैसी फिगर की चाहत होती है, वहीं लड़कों को जौन अब्राहम, ऋतिक रोशन या टाइगर श्रौफ जैसे सिक्स पैक बौडी की चाहत होती है.

पर यह तभी मिल सकती है जब युवाओं में सिक्स पैक एब्स के लिए डैडिकेशन, विलपावर, धैर्य, साहस, समय और डाइट का संतुलन हो. इन के बिना सिक्स पैक एब्स बनाना नामुमकिन है. इस संदर्भ में जिम ट्रेनर पवन मान का कहना है कि सिक्स पैक एब्स बनाने के लिए डैडिकेशन, विलपावर, धैर्य, साहस और समुचित व्यायाम व खानपान पर नियंत्रण करने की बहुत सख्त जरूरत है. पेश हैं कुछ जरूरी टिप्स जो सिक्स पैक बौडी बनाने में कारगर साबित होते हैं. डाइट सिक्स पैक एब्स के लिए संतुलित डाइट बहुत जरूरी है. आप की डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए जिन में फैट कम हो व कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन समुचित मात्रा में हो.

कार्बोहाइड्रेट जहां बौडी को एनर्जी देता है वहीं प्रोटीन मसल टिशूज को मजबूत बनाता है. कार्बोहाइड्रेट 3 प्रकार के होते हैं- सिंपल, कौंप्लैक्स व सौलिड. इन तीनों प्रकार के कार्बोहाइड्रेट्स का संतुलित इस्तेमाल सिक्स पैक एब्स पाने के लिए बहुत जरूरी है. ऐक्सरसाइज सिक्स पैक का सीधा संबंध ऐक्सरसाइज से है. इसलिए सिक्स पैक बनाने के लिए रोज व्यायाम करना बहुत जरूरी है. रोज आधेपौने घंटे व्यायाम करने से शरीर में जमी अतिरिक्त कैलोरी कम होती है. लगातार मोटिवेशन और मेहनत द्वारा सिक्स पैक बनाए जा सकते हैं. रैगुलर ऐक्सरसाइज स्वस्थ शरीर के साथसाथ शरीर की बनावट को भी सुडौल बनाती है. व्यायाम तनाव को दूर भी करता है.

अध्ययनों से पता चला है कि नियमित व्यायाम उच्च रक्तचाप, मोटापा, आघात, दिल की बीमारियों की रोकथाम में भी मददगार है. विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि सप्ताह में कम से कम 4 दिन 30-40 मिनट की एरोबिक्स एक्टिविटी करना बहुत लाभकारी होता है. संगीत की ताल के साथ ऐक्सरसाइज करना तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है. हार्ड वर्कआउट भी सिक्स पैक एब्स बनाने में काफी सहायक होता है. फैट घटाने के लिए डाइट कम करने के बजाय वर्कआउट करना सही विकल्प है. इस के अलावा साइक्लिंग, जौगिंग, नियमित वाक और स्विमिंग अच्छी एरोबिक ऐक्सरसाइज हैं.

यों कहिए कि मसल्स बढ़ाने और कैलोरी बर्न करने का यही नैचुरल तरीका है. आजकल युवाओं पर सिक्स पैक एब्स का जनून इस कदर छाया है कि वे अपनी आकर्षक बौडी बनाने के लिए आतुर हैं. इस आतुरता को कैसे अंजाम देना चाहते हैं, ये युवा. आइए, जानते हैं. उन्हीं की जबानी. एक मल्टीनैशनल कंपनी में बतौर मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत 25 वर्षीय प्रमोद कुमार का कहना है, ‘‘मैं चाहता हूं कि अच्छी फिटनैस के साथसाथ मेरी बौडी व लुक भी काफी आकर्षक लगे.

इस के लिए मेरे शरीर का सुगठित होना बहुत जरूरी है. मैं अपने लुक व बौडी को ले कर काफी गंभीर हूं. अपनी बौडी और लुक को अपने मनमाफिक बनाने के लिए रोजाना सुबह जिम में जा कर वर्कआउट करूंगा.’’ 35 वर्षीय सौफ्टवेयर इंजीनियर पंकज कुमार का कहना है, ‘‘मैं समय से पहले बूढ़ा नहीं होना चाहता. मैं फिट रहना चाहता हूं. इसलिए मैं सुबह 5 बजे सैर पर निकल जाता हूं. पार्क में एक घंटे ऐक्सरसाइज करता हूं. औफिस में सीढि़यों का इस्तेमाल ज्यादा करता हूं. मैं अपने शरीर में इन वर्कआउट करने से फुरती महसूस करता हूं.

मैं लोगों को यही कहना चाहूंगा कि फिट रहने के लिए हमेशा सैर करें. व्यायाम के लिए समय निकालें. फैट कम करने के लिए दवाइयों का कतई इस्तेमाल न करें.’’ युवा अपनी सेहत और शरीर के प्रति जागरूक हो गए हैं. वे अपने को फिट रखने के लिए जिम व ऐक्सरसाइज की सहायता लेने लगे हैं. कुल मिला कर यही कहा जा सकता है कि जिम व ऐक्सरसाइज करने में केवल सेहत ही नहीं, एक आकर्षक लुक भी मिलता है. साथ ही, जिम कई तरह की बीमारियों से भी हमें दूर रखते हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें