Alcohlic : मेरे पति शराब के अलावा चरस गांजे का भी नशा करते हैं

Alcohlic : अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल –

मेरे शादी को अभी कुछ ही समय हुआ है और शादी के समय मेरे ससुराल वालों ने मुझसे और मेरे घरवालों से यह बात छिपाई थी कि मेरे होने वाले पति कोई भी नशा नहीं करते और इसी शर्त पर मैं उनके साथ शादी करने के लिए मानी थी. शादी के बाद मेरे कुछ दिन तो बिल्कुल अच्छे निकले लेकिन अब मुझे धीरे धीरे पता चला है कि मेरे पति ना सिर्फ शराब (alcohlic) पीते हैं बल्कि चरस गांजा तक पीते हैं और इसी वजह से वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ देर रात तक बाहर रहते हैं और उनकी इन आदतों के बारे में उनके घरवालों को भी पता था. जब मैंने उनके इस बारे में बात की तो उन्होनें पहले तो मेरी बात का ठीक से जवाब नहीं दिया पर उसके बाद उन्होनें साफ कह दिया कि हां मैं यब सब चीज़ें करता हूं. ऐसे में अब हमारे रोज लड़ाई-झगड़े होते हैं और मैं इस लड़ाई-झगड़ों से परेशान आ चुकी हूं. मेरा अपने पति के साथ रहने का बिल्कुल मन नहीं करता. मुझे क्या करना चाहिए ?

जवाब –

अक्सर मां-बाप शादी के समय अपने बच्चों की खामियां उनके ससुराल वालों से छिपा जाते हैं जो कि बेहद गलत है. हमें सबसे पहले अपने बच्चों की सारी अच्छी बुरी आदतें उनके होने वाले लाइफ पार्टनर से डिस्कस करनी चाहिए क्यूंकि अक्सर घर टूटने और तलाक की वजह यही बातें होती है.

लड़के के मां-बाप को लगता है कि शादी के बाद जिम्मेदारी आने पर लड़का अपने आप सुधर जाएगा या उसकी पत्नी उसे सुधार देगी पर वह इस बात को नहीं समझते कि शादी के बाद भी अगर उनका लड़का नहीं सुधरा तो आने वाली लड़की की जिंदगी भी खराब हो सकती है.

आपके केस में आपसे आपके पति की बुरी आदतें छिपाई गई हैं जो कि बिल्कुल गलत है. आपको सबसे पहले अपने सास-ससुर के पास जाना चाहिए और उन्हें उनके बेटे की सारी आदतों के बारे में बताना चाहिए. हो सकता है कि उन्हें अपने बेटे की सारी आदतों का ना पता हो या फिर उन्हें लगता तो कि अब उनका बेटा सुधर गया है. आप अपने सास-ससुर को बताएं कि आपके समझाने के बावजूद आपके पति नशे नहीं छोड़ रहे.

अगर आपके सास-ससुर के समझाने पर आपके पति समझ जाते हैं तो अच्छी बात है लेकिन अगर आपके पति फिर भी नहीं सुधरते तो आप अपने पति को धमकी दे सकती हैं कि अगर उन्होनें नशों की बुरी आदतें नहीं छोड़ी तो आप उन्हें छोड़ कर चली जाएंगी. ऐसे में उनको डराने के लिए आप 3-4 दिन या एक हफ्ते के लिए अपने मायते रहने चले जाइए जिससे कि आपके पति को एहसास हो कि वे जो कर रहे हैं वे बिल्कुल गलत है और इससे उनका घर कभी नहीं बस सकेगा.

अगर आपके पति नशे छोड़ना चाहते हैं और वे चाह कर भी नशे (alcohlic) नहीं छोड़ पा रहे तो आप उन्हें किसी अच्छे डौक्टर के पास ले कर जाएं ताकि उन्हें नशे छोड़ने में मदद मिल सके.

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SEX कबसे करना सही होगा, महीनेभर पहले वाइफ की डिलीवरी हुई है

सवाल

बच्चा होने के कितने महीने बाद सेक्स करना चाहिए?

जवाब

इस का कोई तय नियम नहीं है. बच्चा होने के बाद जब बीवी जिस्मानी तौर पर पूरी तरह से सेहतमंद हो जाए, तभी सेक्स करना चाहिए.

शारीरिक व मानसिक थकान

बच्चे के जन्म के बाद मानसिक व शारीरिक तौर पर एक औरत का थकना स्वाभाविक है. चूंकि प्रैग्नैंसी के 9 महीनों के दौरान उसे कई तरह के उतारचढ़ावों से गुजरना पड़ता है. बच्चे को जन्म देने के बाद भी उस के अंदर अनेक सवाल पल रहे होते हैं. कमजोरी और शिशु जन्म के साथ बढ़ती जिम्मेदारियां, रात भर जागना और दिन का शिशु के साथ उस की जरूरतें पूरी करतेकरते गुजर जाना आम बात होती है. औरत के अंदर उस समय चिड़चिड़ापन भर जाता है. नई स्थिति का सामना न कर पाने के कारण अकसर वह तनाव या डिप्रैशन का शिकार भी हो जाती है. मां बनने के बाद औरत कई कारणों की वजह से सैक्स में अरुचि दिखाती है. सब से प्रमुख कारण होता है टांकों में सूजन होना. अगर ऐसा न भी हो तो भी गर्भाशय के आसपास सूजन या दर्द कुछ समय के लिए वह महसूस करती है. थकावट का दूसरा बड़ा कारण होता है 24 घंटे शिशु की देखभाल करना, जो शारीरिक व मानसिक तौर पर थकाने वाला होता है. इसलिए जब भी वह लेटती है, उस के मन में केवल नींद पूरी करने की ही इच्छा होती है. कई औरतों की तो सैक्स की इच्छा कुछ महीनों के लिए बिलकुल ही खत्म हो जाती है.

अपने शरीर के बदले हुए आकार को ले कर भी कुछ औरतों के मन में हीनता घिर जाती है, जिस से वे यौन संबंध बनाने से कतराने लगती हैं. उन्हें लगने लगता है कि वे पहले की तरह सैक्सी नहीं रही हैं. स्टे्रच मार्क्स या बढ़ा हुआ वजन उन्हें अपने ही शरीर से प्यार करने से रोकता है. बेहतर होगा कि इस तरह की बातों को मन में लाने के बजाय जैसी हैं, उसी रूप में अपने को स्वीकारें. अगर वजन बढ़ गया है, तो ऐक्सरसाइज रूटीन अवश्य बनाएं.

दर्द होने का डर

अकसर पूछा जाता है कि अगर डिलीवरी नौर्मल हुई है, तो यौन संबंध कब से बनाने आरंभ किए जाएं? इस के लिए कोई निर्धारित नियम या अवधि नहीं है, फिर भी डिलीवरी के 11/2 महीने बाद सामान्य सैक्स लाइफ में लौटा जा सकता है. बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें सहवास के दौरान होने वाले दर्द से घबरा कर भी इस से कतराती हैं. औरत के अंदर दोबारा यौन संबंध कायम करने की इच्छा कब जाग्रत होगी, यह इस पर भी निर्भर करता है कि उस की डिलीवरी कैसे हुई है. जिन औरतों का प्रसव फोरसेप्स की सहायता से होता है, उन्हें सैक्स के दौरान निश्चिंत रहने में अकसर लंबा समय लगता है. ऐसा ही उन औरतों के साथ होता है, जिन के योनिमार्ग में चीरा लगता है. सीजेरियन केबाद टांके भरने में समय लगता है. उस समय किसी भी तरह का दबाव दर्द का कारण बन सकता है. फोर्टिस ला फेम की गायनाकोलौजिस्ट डा. त्रिपत चौधरी कहती हैं, ‘‘प्रसव के बाद 2 से 6 हफ्तों तक सैक्स संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि बच्चे के जन्म के बाद औरत न सिर्फ अनगिनत शारीरिक परिवर्तनों से गुजरती है, वरन मानसिक व भावनात्मक बदलाव भी उस के अंदर समयसमय पर होते रहते हैं. चाहे डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से, दोनों ही स्थितियों में कुछ महीनों तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए. ‘‘डिलीवरी के बाद के जिन महीनों को पोस्टपार्टम पीरियड कहा जाता है, उस दौरान औरत के अंदर सैक्स संबंध बनाने की बात तक नहीं आती. प्रसव के बाद कुछ हफ्तों तक हर औरत को ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग केवल रक्त के रूप में ही नहीं होती है, बल्कि कुछ अंश निकलने व डिस्चार्ज की तरह भी हो सकती है. वास्तव में यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग औरत के शरीर से प्रैग्नैंसी के दौरान बचे रह गए अतिरिक्त रक्त, म्यूकस व प्लासेंटा के टशू को बाहर निकालने का तरीका होती है. यह कुछ हफ्तों से ले कर महीनों तक हो सकती है.

‘‘डिलीवरी चाहे नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से औरत के योनिमार्ग में सूजन आ जाती है और टांकों को भरने में समय लगता है. अगर इस दौरान यौन संबंध बनाए जाएं तो इन्फैक्शन होने की अधिक संभावना रहती है. औरत किसी भी तरह के इन्फैक्शन का शिकार न हो जाए, इस के लिए कम से कम 6 महीनों बाद यौन संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. योनिमार्ग या पेट में सूजन, घाव, टांकों की वजह से सहवास करने से उसे दर्द भी होता है.’’

क्या करें

अगर बच्चा सीजेरियन से होता है, तो कम से कम 6 हफ्तों बाद यौन संबंध बनाने चाहिए. लेकिन उस से पहले डाक्टर से जांच करवानी जरूरी होती है कि आप के टांके ठीक से भर रहे हैं कि नहीं और आप की औपरेशन के बाद होने वाली ब्लीडिंग रुकी कि नहीं. यह ब्लीडिंग यूट्रस के अंदर से होती है, जहां पर प्लासेंटा स्थित होता है. यह ब्लीडिंग हर गर्भवती महिला को होती है, चाहे उस की डिलीवरी नौर्मल हुई हो या सीजेरियन से. अगर डाक्टर सैक्स संबंध बनाने की इजाजत दे देते हैं, तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि टांके अगर पूरी तरह भरे नहीं हैं तो किस पोजीशन में संबंध बनाना सही रहेगा. पति साइड पोजीशन रखते हुए संबंध बना सकता है, जिस से औरत के पेट पर दबाव नहीं पड़ेगा. अगर उस दौरान स्त्री को दर्द महसूस हो, तो उसे ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि कई बार थकान या अनिच्छा की वजह से योनि में तरलता नहीं आ पाती. अगर औरत को दर्द का अनुभव होता हो तो पति पोजीशन बदल कर या ओरल सैक्स का सहारा ले सकता है. साथ ही, वैजाइनल ड्राईनैस से बचने के लिए ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अनिवार्य होता है. चूंकि प्रैग्नैंसी के बाद वैजाइना बहुत नाजुक हो जाती है और उस में एक स्वाभाविक ड्राईनैस आ जाती है, इसलिए नौर्मल डिलीवरी के बाद भी सैक्स के दौरान औरत दर्द महसूस करती है.

पोस्टपार्टम पीरियड बहुत ही ड्राई पीरियड होता है, इसलिए बेहतर होगा कि उस के खत्म होने के बाद ही यौन संबंध बनाए जाएं. प्रसव के 1-11/2 महीने बाद यौन संबंध बनाने के बहुत फायदे भी होते हैं. सैक्स के दौरान स्रावित होने वाले हारमोंस की वजह से संकुचन होता है, जिस से यूट्रस को सामान्य अवस्था में आने में मदद मिलती है और साथी के साथ दोबारा से शारीरिक व भावनात्मक निकटता कायम करने में यौन संबंध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रसव के बाद कुछ महीनों तक पीरियड्स अनियमित रहते हैं, जिस की वजह से सुरक्षित चक्र के बारे में जान पाना असंभव हो जाता है. इस दौरान गर्भनिरोध करने के लिए कौपर टी का इस्तेमाल करना या ओरल पिल्स लेना सब से अच्छा रहता है. अगर प्रसव के बाद कई महीनों तक औरत के अंदर यौन संबंध बनाने की इच्छा जाग्रत न हो तो ऐसे में पति को बहुत धैर्य व समझदारी से उस से बरताव करना चाहिए.

पति का सहयोग

जैसे ही औरत शारीरिक व भावनात्मक रूप से सुदृढ़ हो जाती है, संबंध बनाए जा सकते हैं. इस दौरान पति के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि वह पत्नी पर किसी भी तरह का दबाव न डाले या जबरदस्ती सैक्स संबंध बनाने के लिए बाध्य न करे. हफ्ते में 1 बार अगर संबंध बनाए जाते हैं, तो दोनों ही इसे ऐंजौय कर पाते हैं और वह भी बिना किसी तनाव के. पति को चाहिए कि वह इस विषय में पत्नी से बात करे कि वह संबंध बनाने के लिए अभी तैयार है कि नहीं, क्योंकि प्रसव के बाद उस की कामेच्छा में भी कमी आ जाती है, जो कुछ समय बाद स्वत: सामान्य हो जाती है.

 

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शादी से पहले मेरी पत्‍नी ने Abortion करवाया था, तबसे पीरियड्स अनियमित हो गया है, क्या करूं?

सवाल
मेरी पत्‍नी की उम्र 30 साल है. हमारी लव मैरिज है.  शादी के पहले हमने संबंध बनाए थे, जिससे उसे गर्भ ठहर गया था, तब उसने अर्बाशन करा लिया.  पर उस के बाद से ही मेरी वाइफ का पीरियड्स अनियमित हो गया है और पीरियड के दौरान स्राव भी बहुत कम होता है. वह प्रैगनेंट होना चाहती है लेकिन नहीं हो पा रही.  कहीं इसकी वजह पीरियड का अनियमित होना तो नहीं है?

जवाब
पीरियड्स  दौरान कम रक्तस्राव होने के कई कारण हो सकते हैं. इस का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षण के तौर पर आप के पैल्विक का अल्ट्रासाउंड करना होगा, जिस में आप के गर्भाशय की भीतरी परत की मोटाई  की माप ली जाएगी. हारमोन का भी ठीक से पता लगाया जाएगा. उस के बाद अश्रमैंस सिंड्रोम पता लगाने के लिए हिस्टेरोस्कोपी जांच महत्त्वपूर्ण होगी. इस के अलावा जननांग की तपेदिक का पता लगाने के लिए बायोप्सी कर जांच के लिए भेजी जाएगी, क्योंकि पीरियड के दौरान कम रक्तस्राव होने का यह एक सामान्य कारण है. किसी अचछे चिकित्‍सक से मिल कर इस बारे में परामर्श लें. इस तरह की समस्‍याओं को अनदेखा न करें.

Boyfriend मेरे प्राइवेट पार्ट्स टच करता है. क्या मुझे करने देना चाहिए?

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सवाल –

मेरी उम्र 22 साल है. मेरा एक बौयफ्रैंड है जिस से मेरा रिलेशन 1 साल से चल रहा है. वह मुझ से बहुत प्यार करता है और मेरा अच्छे से खयाल भी रखता है. लेकिन मेरा बौयफ्रैंड जब भी मुझ से अकेले में मिलता है तो वह मेरे प्राइवेट पार्ट्स को छूने की कोशिश करता है. मैं हर बार उसे ऐसा कुछ करने से मना करती हूं लेकिन वह फिर भी नहीं मानता और कहता है कि गर्लफ्रैंड और बौयफ्रेंड में यह सब चलता है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या मुझे उसे यह सब करने देना चाहिए?

जवाब –

आजकल रिलेशनशिप में आना काफी सामान्य सी बात है और कई लोग रिलेशनशिप में न सिर्फ रोमांस बल्कि सैक्स भी कर लेते हैं. हर इंसान को रोमांस करना पसंद होता है. जैसाकि आप ने बताया कि आप का बौयफ्रैंड अकेले में आप के प्राइवेट पार्ट्स को छूता है तो ऐसे में आप खुद सोचिए कि क्या आप को अच्छा लगता है जब वह यह सब करता है?

अगर आप को यह सब अच्छा लगता है और आप का बौयफ्रैंड का टच करना पसंद आता है तो बेशक आप को उसशका साथ देना चाहिए और इसे एक ऐंजौय की तरह लेना चाहिए.

रिलेशनशिप में किसिंग, स्मूचिंग या फिर सैक्स संबंध बनाना आम बात है मगर यह जबरन नहीं, रजामंदी से हो तभी ठीक है.

अलबत्ता, आप दोनों पिछले 1 साल से रिलेशनशिप में हैं लेकिन आप हर बार अपने बौयफ्रैंड को रोमांस के लिए मना कर देती हैं पर वह फिर भी आप से प्यार करता है तो ऐसे में उस का प्यार आप के लिए सच्चा है और जिस्मानी नहीं है तो आप को उस के साथ रोमांस जरूर करना चाहिए और उसे भी थोड़ी लिबर्टी लेने दीजिए.

आप को एक अच्छा लड़का मिला हुआ है तो उसे थोड़ी छूट देने में कोई बुराई नहीं है. कहीं ऐसा न हो कि आप के इस स्वभाव की वजह से आप एक अच्छे लड़के से हाथ धो बैठें.

अगर आप श्योर नहीं हैं कि भविष्य में आप की उस के साथ शादी होगी या नहीं तो ऐसे में सैक्स को ले कर आप सोचसमझ कर कदम उठाएं लेकिन रोमांस का मजा आप खुल कर उठा सकती हैं.

अगर आप को कभी भी ऐसा फील हो कि आप सैक्स करने के लिए भी तैयार हैं तो यह करना भी कोई गुनाह नहीं है बल्कि रोमांस और सैक्स एक ऐसा अनुभव है जिसे हर कोई ऐंजौय करता है.

मगर ध्यान रहे, सैक्स के लिए दोनों की रजामंदी जरूरी है और चूंकि अभी आप दोनों को ही पहले कैरियर बनानी है, तो ऐहतियात जरूर बरतें और बौयफ्रैंड से कहें कि वह सैक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करे. इस दौरान यह चैक भी करें कि कंडोम फट तो नहीं गया. वैसे, अच्छी क्वालिटी का कंडोम जल्द फटता नहीं और सैक्स को मजेदार बनाता है.

आप एक बात का ध्यान रखना कि आप को अपने बौयफ्रेंड को उतनी ही छूट देनी है जहां तक आप का मन मानता हो या जहां तक आप कंफर्टेबल फील करें. जहां भी आप को लगे कि आप असहज फील कर रही हैं तो उसी समय अपने बौयफ्रैंड को रोक दें.

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Masturbation : मास्टरबेट करना चाहता हूं पर डरता हूं

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सवाल –

मैं 19 साल का हूं. मेरे मन में मास्टरबेशन को ले कर कई सवाल आते हैं और मुझे इसे करने का भी बहुत मन करता है पर मुझे डर लगता है कि इस से कहीं मेरे लिंग को कोई नुकसान न पहुंच जाए. मैं ने कई बार गूगल पर भी इस के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन सच कहूं तो इंटरनैट पर मिली जानकारी पर मुझे पूरी तरह भरोसा नहीं होता. मेरा परिवार पारंपरिक रुढ़िवादी सोच रखता है तो मैं उन से भी खुल कर बात नहीं कर पाता क्योंकि मुझे लगता है कि अगर मैं ने कुछ ऐसी बात की तो वे मुझ पर काफी गुस्सा करेंगे. आप ही मुझे जानकारी दीजिए कि मेरे लिए क्या सही है और क्या गलत.

जवाब –

सब से पहले तो आप को किसी बात की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मास्टरबेशन पूरी तरह से नैचुरल है और आप की उम्र में सब का मन करता है मास्टरबेट करने का. और तो और आप ही की तरह ऐसे सवाल सब के मन में आते हैं.

बढ़ती उम्र में हमारे शरीर में कई सारे हारमोनल बदलाव होते हैं जिस की वजह से हमें मास्टरबेट करने का मन करता है जोकि पूरी तरह से स्वभाविक है. कई डौक्टर्स के अनुसार तो मास्टरबेशन को हैल्दी भी बताया गया है मगर सीमित रूप में ही.

यह सच है कि मास्टरबेट करने से हमारा स्ट्रैस खत्म होता है और हमारे मन में किसी के प्रति गलत विचार नहीं आते. अगर आप का मन करता है कि आप मास्टरबेट करें तो आप बिंदास कर सकते हैं, बिना किसी बात का स्ट्रैस लिए पर ध्यान रहे कि मास्टरबेट हमेशा अकेले में करें और इस बात का जिक्र अपने परिवार में से किसी से न करें.

आप को मास्टरबेशन की आदत बिलकुल नहीं बनानी है क्योंकि अभी आप की उम्र पढ़ाई करने की है तो आप को ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ने में लगाना चाहिए और इन सब खयालों से दूर रहना चाहिए.

भले ही मास्टरबेट करने में कोई नुकसान नहीं है पर अगर आप के दिमाग में हर समय बस इसी का खयाल रहता है तो आप को ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए. आप को ऐसे खयालों से बचना होगा और कभीकभी ही मास्टरबेट करें तो अच्छा है.

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Sex Mistakes : रात को एकदूसरे के करीब आकर न करें ये 8 गलतियां

क्या औफिस से घर पहुंचने पर आप थक कर चूर हो जाते हैं और आप के पार्टनर का प्यार भरा स्पर्श भी आप में उत्तेजना पैदा नहीं करता? क्या उस के साथ प्यार करना आप को पहाड़ खोदने जैसा लगता है?

जी हां, शाम को थक कर चूर हुए कई कपल्स अकसर घर आ कर अपने पार्टनर से मुंह बिचकाते नजर आते हैं. अगर आप के साथ भी ऐसा होता है तो मुंह बिचकाने से पहले सोचें कि शादी का मतलब यह कतई नहीं है कि रोमांटिक फीलिंग्स ही हवा हो जाएं. प्यार का एहसास उस समय कंप्लीट होता है, जब 2 जिस्म 1 जान बन जाते हैं. तब उन के बीच लव की फीलिंग इतनी होती है कि उन की बौडी भी एकदूसरे को ऐक्सैप्ट कर लेती है और तब वे लव मेकिंग करने लगते हैं.

इस दौरान कपल्स ऐसी कई गलतियां कर बैठते हैं, जिस से वे सैक्स को पूरी तरह ऐंजौय नहीं कर पाते. जानिए कैसे इन गलतियों से बचा जाए और लव मेकिंग से पहले किन बातों का ध्यान रखा जाए, ताकि जोड़ा दुनिया की सब से प्यारी फीलिंग को सम झ पाए और उसे दिल से अपना सके.

डिस्कस करने में हिचकिचाहट

कभीकभी एक पार्टनर अपनी लव मेकिंग को स्पाइसी तो बनाना चाहता है, लेकिन वह अपने पार्टनर से कुछ कहने में हिचकिचाता है. हो सकता है आप के साथ भी ऐसा होता हो. आप मानें या न मानें 90प्रतिशत केसेज में आप का पार्टनर भी नई चीजें करना पसंद करता है, लेकिन आप की ही तरह उसे भी बात करने में हिचकिचाहट या घबराहट होती है.

डिस्कस करने से घबराएं नहीं और यह कोई रूल नहीं है कि मेल पार्टनर ही पहल करे. दोनों में से कोई भी पहल कर सकता है और दर्जनों तरीकों में से किसी एक तरीके को चुन कर पूरे जोश से उसे ट्राई कर सकता है. सैक्स के बारे में डिस्कशन से जोड़े लव मेकिंग तो ऐंजौय करेंगे ही, अपने रिश्तों में मिठास भी लाएंगे.

कनविंस करना न आना

अगर एक पार्टनर थका हुआ है और सैक्स के मूड में नहीं है तो दूसरा कई बार उसे रेडी करने में असफल हो जाता है. एक सच यह भी है कि सैक्स के लिए जब कोई रेडी होता है, तो उस समय उस की बौडी से ऐड्रीनलीन कैमिकल रिलीज होता है, जो प्यार या सैक्स करने की भरपूर ऐनर्जी देता है.

पार्टनर को शाम को मूड में लाने के लिए सुबह 9 से 10 बजे के बीच उसे मैनुअली कई बार बेमतलब छुएं. दिन भर में इस समय टैस्टोस्टेरौन अपने हाई लैवल पर होता है. शाम को बैटर रिजल्ट के लिए आप सैक्सी गारमैंट्स पहनना भी न भूलें. यह उन्हें जरूर पसंद आएगा. ऐसा कर के आप अपनी लव मेकिंग को हमेशा के लिए स्ट्रौंग बना सकेंगे और पार्टनर में दिन भर के काम में थकान के बावजूद सैक्स की इच्छा बनी रहेगी.

जल्दबाजी का चक्कर

तुरंत मजे के चक्कर में कई पुरुष फोरप्ले अवौइड कर देते हैं. उन की कोशिश होती है कि वे जल्द से एक ही बाइट में पूरा सेब खा लें. लेकिन क्या आप को पता है कि फोरप्ले और्गेज्म की ओर बढ़ने में बहुत मदद करता है? अपने पार्टनर के साथ किसिंग, लव बाइट और टच करना आप की लव मेकिंग को ज्यादा मजेदार बनाता है, इसलिए स्पीड कम करिए, पूरा टाइम दीजिए और अपने पार्टनर को छेडि़ए. यह फौर्मूला शर्तिया ही काम करेगा और दोनों का मजा दोगुना हो जाएगा.

अगर आप को लगे कि किसी खास भूमिका में आप के पार्टनर को ज्यादा मजा आ रहा है, तो रुकें और उसे दोबारा करें. जितना ज्यादा आप उसे करेंगे, उतना ज्यादा मजा उसे आएगा और यह आप को भी अच्छा लगेगा. इस ढंग से आप यह गेम खेल कर पार्टनर को पूरे तौर पर सैटिस्फाई कर सकते हैं. इस से प्यार का मजा दोगुना भी हो जाएगा.

पोर्न मूवीज या टौय इस्तेमाल करना

सैक्स के दौरान कई लोगों को लगता है कि पोर्न मूवीज, वीडियो या फिर प्लास्टिक या रबर के टौय से मजा चरम पर पहुंचेगा. ऐसा सोचना या ऐसा करना गलत है. हालांकि टौयज का लव मेकिंग में खास महत्त्व है, लेकिन उन पर निर्भर होना खतरनाक हो सकता है. प्लेजर के लिए बाहरी सोर्स आप को कम मजा देंगे क्योंकि यह तो आप भी नहीं चाहेंगे कि आप के पार्टनर को आप के बजाय किसी सैक्स टौय से प्लेजर मिले.

कपल्स को अपने पार्टनर को सैटिस्फाई करने के लिए बाहरी चीजों के बजाय अपनी बौडी की मदद लेनी चाहिए. सैक्स टौयज को महज स्पाइस के तौर पर इस्तेमाल करें.

और्गेज्म के बारे में गलतफहमी

फीमेल पार्टनर को सैक्स से सैटिस्फाई न कर पाना, कई मेल पार्टनर्स को अपनी तौहीन लगती है, लेकिन उन को सम झने की जरूरत है कि ज्यादातर औरतें सिंपल या नौर्मल सैक्स से और्गेज्म हासिल नहीं कर पाती हैं. अगर पुरुष यह बात सम झ लें तो उन का यह प्रैशर जरूर कम हो जाएगा. अगर स्त्री और्गेज्म तक नहीं पहुंचती है, तो इस से परेशान होने की जरूरत नहीं है. इस के बजाय पुरुष को बड़ी चतुराई के साथ स्त्री को डाउन पोस्चर में ला कर सैटिस्फाई करना चाहिए.

एकसाथ फिनिश करने की कोशिश

पार्टनर्स की एकसाथ फिनिश करने की कोशिश जैसी बातें हवाहवाई हैं. ऐसा होता नहीं है. इस के बजाय एक पार्टनर को पहले सैटिस्फाई करने की कोशिश होनी चहिए. इस में फीमेल पार्टनर पहले सैटिस्फाई हो तो बेहतर. ऐसे में दोनों को खूब मजा आएगा.

हर बार सैट रूटीन से चलना

अगर आप की सारी कसरत कपड़े उतारने और ‘प्लग’ को ‘सौकेट’ में फिट करने की कुछ मिनट की मेहनत तक है, तो यह काफी बासी और सैट रूटीन है. ऐसे में आप की लव मेकिंग चाहे कितनी भी फैंटास्टिक हो कुछ सालों के बाद बोरिंग हो ही जाती है, जिस का आप के रिश्ते पर भी असर पड़ सकता है. आप की लव लाइफ को बचाने का तरीका नए आइडियाज में छिपा है. अगर आप नए टिप्स और नई तकनीकें अपनाते हैं, तो इसे दोनों ऐंजौय करेंगे और आप हर बार प्यार में खो जाना चाहेंगे.

बेमतलब की बातें करना

अगर आप बिस्तर पर रोजाना लड़ाई झगड़े की या नैगेटिव बातें करेंगे, तो उस समय हो सकता है कि आप का मूड सैक्स से हट कर फ्यूचर प्लानिंग या लड़ाई झगड़े की बातें सुनने में रह जाए. अगर ऐसा कुछ करना हो तो बिस्तर

पर जाने के करीब 1 घंटा पहले कर लें. इस के लिए दोनों को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए. दोनों पार्टनर्स की यही कोशिश हो कि वे एकदूसरे के मूड को स्पाइसअप करें और दोनों को चिल रखें, ताकि आप के बीच का प्यार बढ़ता ही जाए.

इन Sex Problems की वजह से टूट जाती है शादी

सैक्स एक ऐसा शब्द है जिसे सुन कर हम सबके मन में एक अलग सी खुशी की लहर दौड़ने लगती है और दिल खुशनुमा सा होने लगता है. हम सब सैक्स को एंजौय करते हैं और हम सबको लगता है कि सैक्स ऐसा होना चाहिए कि कुछ देर के लिए तो बस ऐसी फीलिंग आए कि हम जन्नत में पहुंच गए हैं. हर इंसान अपनी लाइफ में बहुत बार सोचता है कि वे अपने सैक्स लाइफ को किस तरह से और भी ज्यादा इम्प्रूव कर सकता है.

ऐसा कई बार देखा गया है कि हम सब सैक्स तो करते हैं लेकिन सैक्स को लेकर हमारे मन में कई तरह के विचार आते रहते हैं जैसे कि –
– मैं सैक्स सही से तो कर रहा या कर रही हूं न ?
– मेरा पार्टनर मेरे साथ खुश तो है या नहीं ?
– मैं अपने पार्टनर को अच्छे से सैटिस्फाई कर पा रहा या कर पा रही हूं नहीं ?
– कहीं मेरे अंदर कोई कमी तो नहीं है न ?

ऐसे कई सारे विचार हमारे दिमाग में आए दिन आते हैं जिससे कि हमे डर लगा रहता है कि हमारे सैक्सुअल प्रौब्लम की वजह से हमारा पार्टनर हमें छोड़ तो नहीं देगा. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी सैक्सुअल प्रौब्लम्स और उनके सौल्यूशन्स के बारे में जिससे कि आप अपनी शादी या रिलेशनशिप को टूटने से बचा सकते हैं.

सैक्स टाइमिंग्स

सैक्स टाइमिंग्स को लेकर हमारे मन में कई सारे विचार आते हैं. हर पुरूष को ऐसा लगता है कि उसकी पत्नी या गर्लफ्रेंड चाहती है कि वह लम्बे समय तक सैक्स करते रहें जिससे कि वह सैटिस्फाई हो पाए पर यह गलत है. सैक्स चाहे लम्बे समय तक हो या ना हो पर सैक्स ऐसा होना चाहिए जो आपको और आपके पार्टनर को जन्नत की सैर करा दे. आपको अपने पार्टनर को सिर्फ सैक्स में ही नहीं बल्कि सैक्स से पहले भी सैटिस्फाई करना चाहिए जैसे कि ओरल सैक्स कर के, अपने पार्टनर के नाजुक अंगों को छेड़ कर और अपने पार्टनर की पूरी बौडी पर जमकर किस कर के. ऐसा करने से आपका पार्टनर सैक्स से पहले ही खुद को काफी हद तक सैटिस्फाई फील करेगा.

अगर फिर भी आप को या आप  के पार्टनर लगता है कि आप की सैक्स ड्यूरेशन बहुत ही कम है तो आप को कभी भी खुद से कोई दवाई या स्प्रे जैसा कुछ नहीं लेना चाहिए बल्कि एक अच्छे सैक्स स्पैशलिस्ट से मिलना चाहिए और उससे यह सब डिस्कस करना चाहिए.

लिंग का साइज

विदेशी पोर्न वीडियोज ने हमारे मन एक बात डाल दी है कि लिंग काफी लंबा होगा तभी लड़कियां सैटिस्फाई हो पाएंगी और इसी कारण कई लड़के इंटरनेट से पढ़ कर लिंग लम्बा करने की दवाइयां लेने लग जाते हैं जिस के कई साइड इफैक्ट्स होते हैं. ऐसा करना और ऐसा सोचना काफी हद तक बिल्कुल गलत है. आपका पार्टनर आपके लिंग के साइज से नहीं बल्कि आपकी परफौर्मेंस से सैटिस्फाई होता है.

अगर आपके लिंग का साइज ज्यादा लम्बा नहीं है पर आपकी परफौर्मेंस काफी अच्छी है तो आपके पार्टनर को आप से कभी कोई शिकायत नहीं होगी. अगर फिर भी आप को और आप के पार्टनर को लगता है कि आप के लिंग का साइज काफी छोटा है और ठीक से परफौर्म नहीं कर पा रहा तब आपको जरूर सैक्स स्पैशलिस्ट डौक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन

समय से पहले ही अपना स्पर्म लूज़ कर देना या हल्का सा कुछ होते ही पहले ही क्लाइमैक्स तक पहुंच जाने को प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन कहा जाता है. प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन आजकल काफी कौमन प्रौब्लम है. कई पुरूषों की यही समस्या है कि वह सैक्स करते समय पूरी परफौर्मेंस नहीं दे पाते और समय से पहले से स्पर्म लूज़ कर देते हैं जिससे कि उनकी गर्लफ्रेंड या पत्नी सैटिस्फाई नहीं हो पाती. प्री मैच्योर इजैक्यूलेशन कई चीजों पर डिपैन्ड करता है.

अगर आपको भी ऐसा लगता है कि आप सैक्स के समय अपनी पूरी परफौर्मेंस नहीं दे पा रहे हैं तो आपको जल्द से जल्द किसी अच्छे डौक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

याद रहे, डौक्टर्स पर जाने से हमें कभी शर्माना नहीं चाहिए और ना ही उनसे कुछ छिपाना चाहिए. सैक्स प्रौब्लम्स डिस्कस करने से किसी की मर्दानगी नहीं घटती बल्कि अगर आपने डौक्टर्स से डिस्कस किए बिना कोई गलत दवाई ले ली तो अपको लेने के देने भी पड़ सकते हैं. बेहतर यही है कि अच्छे स्पैशलिस्ट से संपर्क करें, अकसर ऐसे स्पैशलिस्ट आप की प्रौब्लम को खुद तक ही सीमित रखते हैं. सोसाइटी अब बदल चुकी है ऐसे मामलों में बोलने से वह हिचकती नहीं है और न ही दूसरे का मजाक उड़ाती है.

उम्र बढ़ने पर मर्दों को सताती हैं ये 4 सैक्स प्रौब्लम

सैक्स लाइफ का एक खूबसूरत हिस्सा है, जो आप को दिमागी और जिस्मानी तौर पर फिट रखता है. मर्द हो या औरत सब के लिए एक उम्र में सैक्स जरूरी हो जाता है. पर ज्यादातर मर्दों में देखा गया है कि एक उम्र के बाद उन्हें कई तरह की सैक्स समस्याओं को झेलना पढ़ता है, जबकि हर मर्द चाहता है कि उस की सैक्स लाइफ रोमांस से भरी हो. वजह, हार्मोनल के हिसाब से भी सैक्स की चाह बढ़ जाती है.

 

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जैसेजैसे उम्र बढ़ती है, वैसेवैसे कई तरह की टैंशन भी मर्दों को होने लगती हैं. उन पर बढ़ती उम्र के साथसाथ कई दूसरी जिम्मेदारियां भी आ जाती हैं, जिस की वजह से उन्हें कई तरह की सैक्स समस्याएं भी होने लगती हैं.

आज हम उन्हीं सैक्स समस्याओं के बारे में आप को जानकारी देंगे, जो मर्दों को बढ़ती उम्र के साथ परेशान करती हैं.

  1. इरैक्शन, लेकिन सैक्स नहीं

जब किसी किसी मर्द की उम्र 20 साल से 45 साल तक होती, है तो वह आसानी से इरैक्शन (अंग में तनाव) के बाद सैक्स कर पाता है. लेकिन जब उम्र बढ़ती जाती है तो बहुत से मर्दों को एक ऐसी समस्या झेलनी पड़ती है, जिस में उन्हें इरैक्शन तो होता है लेकिन वे उस हालत में सही से सैक्स नहीं कर पाते हैं.

ऐसे मर्दों को सैक्स करते समय थोड़ीबहुत असुविधा झेलनी पड़ती है और ऐसे में उन्हें दर्द का भी सामना करना पड़ता है. ज्यादातर मामलों में ऐसा तब होता है जब वे ज्यादा टैंशन लेते हैं. जो मर्द डिप्रैशन में रहने लगता है, उसे भी इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

अगर आप की उम्र ज्यादा है और आप को ऐसी समस्या हो रही है, तो आप कोशिश करें कि आप कुछ ऐक्सरसाइज करें. पर अगर यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है, तो आप किसी डाक्टर से भी सलाह ले सकते हैं.

2. जल्दी डिस्चार्ज होना

बढ़ती उम्र के साथ बहुत से मर्दों को सैक्स संबंधित ऐसी समस्या होने लगती है, जिस में वे जल्दी पस्त होने लगते हैं. जब भी कोई मर्द सैक्स करता है और वह शुरुआत के 2 से 3 मिनट के अंदर ही अगर पस्त हो जाता है.

3. बारबार सैक्स करने का मन

जब मर्दों की उम्र 50 से 60 साल की हो जाती है, तो हो सकता है कि उन्हें बारबार सैक्स करने का मन करता है. ऐसा हर किसी मर्द के साथ नहीं होता, लेकिन बहुत से लोगों के साथ ऐसा हो जाता है कि वे बढ़ती उम्र के साथ सैक्स करना ज्यादा पसंद करते हैं.

अगर आप को बारबार सैक्स करने का मन करता है तो आप अपने पार्टनर से इस बारे में बातचीत कर सकते हैं और दोनों मिल कर फैसला ले सकते हैं कि आप को दिन में कब और कितनी बार सैक्स करना है.

4. प्राइवेट पार्ट में जलन

बढ़ती उम्र के साथ मर्दों में एक समस्या यह भी हो जाती है कि जब वे सैक्स संबंध बनाते हैं तो उस के बाद उन के अंग में जलन होने लग जाती है. ऐसा हर किसी के साथ तो नहीं होता है, लेकिन बहुत से लोगों को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर मामलों में ऐसा तब होता है, जब सैक्स करते हुए लुब्रिकेशन की कमी पड़ जाती है. इस के लिए बाजार में आप को कई तरह के लुब्रिकेंट भी मिल जाएंगे.

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