भोजपुरी सिनेमा में कोरोना के चलते जहां एक तरफ फिल्मों की शूटिंग बंद है, वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर कलाकार खुद को महफूज रखने के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो कर रह गए हैं. लेकिन भोजपुरी बैल्ट के दर्शक निराश न हों, ऐसे में कुछ कलाकार औनलाइन ही अपने चाहने वालों से जुड़ कर उन का हालचाल जानने की कोशिश कर रहे हैं.
भोजपुरी की ज्यादातर हीरोइनों पर लौकडाउन का बुरा असर पड़ा है. ऐसे में भोजपुरी की दर्जनों फिल्मों में काम कर चुकी और तेजी से उभरती हुई अदाकारा दिव्या द्विवेदी (Divya Dwivedi) से उन के फिल्मी सफर व कोरोना से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री पर पड़े असर को ले कर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :
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भोजपुरी फिल्मों में बतौर हीरोइन आना इत्तिफाक था या आप पहले से तैयारी कर के आई हैं?
भोजपुरी फिल्मों में आने को मैं इत्तिफाक के तौर पर ही लेती हूं, क्योंकि मेरी डांस में दिलचस्पी रही है और मैं एक फेमस डांसर बनना चाहती थी.
लेकिन मुझे बचपन में एक पंजाबी फिल्म में बाल कलाकार के रूप में काम करने का मौका मिला था. इस फिल्म में मेरे रोल को भोजपुरी के नामचीन डायरैक्टर पराग पाटिल ने भी देखा था. वे एक फिल्म ‘बहूरानी’ के नाम से डायरैक्ट कर रहे थे. उन्होंने मुझ से इस फिल्म में एक किरदार निभाने के लिए कहा, जिसे मैं मना नहीं कर पाई.
पहली फिल्म में कैरेक्टर रोल करने पर आप को कैसा महसूस हुआ?
फिल्म ‘बहूरानी’ में किया गया मेरा वह छोटा सा रोल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में मुझे जमाने में बहुत मददगार साबित हुआ, क्योंकि इस के बाद मुझे खास और लीड रोल वाली एक के बाद एक कई फिल्में मिलती गईं. इन में ‘मन बसल तोरा गांव में’, ‘हत्या’, ‘दम है तो आ बिहार’, ‘बबली के बरात’, ‘गंवार दूल्हा जैसी भोजपुरी की हिट फिल्में शामिल हैं.
अब तक का आप का सब से यादगार रोल कौन सा रहा है?
मेरा यादगार रोल हिंदी फिल्म ‘लव इन नालंदा’ का रहा है. इस फिल्म में काम कर ऐसा लगा था कि मैं किसी कैरेक्टर को निभा नहीं रही हूं, बल्कि उसे जी रही हूं. मैं ने उस फिल्म के सैट पर काफी मस्ती की थी.
इन दिनों ‘रैप सांग’ या ‘रैपर’ जैसे शब्द ज्यादा सुनने को मिल हैं. इन का क्या मतलब है? मैं ने यह भी सुना है कि आप पहले ‘रैपर’ बनना चाहती थीं, फिर उस से दूरी क्यों बना ली?
‘रैप सांग’ एक तरह की कविता की तरह गाई जाने वाली विधा है, जिस में कुछ में गाने के साथ डांस होता है और कुछ में नहीं. इस तरह के गीतों को पेश करने वाले को ‘रैपर’ कहा जाता है.
जहां तक मेरे ‘रैपर बनने के शौक का सवाल है तो मेरी मां बहुत अच्छी गायिका हैं और इस का पूरा असर मेरे ऊपर भी पड़ा है, जिस के चलते मै सोचती थी कि फिल्मों में प्लेबैक सिंगर और रैपर बनूं, लेकिन ऐक्टिंग के क्षेत्र में आने के चलते मेरा यह सपना अभी अधूरा ही है. आगे कभी मौका मिलेगा तो जरूर हाथ आजमाऊंगी.
अभी भोजपुरी फिल्मों में किस हीरो के साथ काम करने की हसरत अधूरी है?
मेरी ख्वाहिश है कि मैं भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह और यश मिश्रा के साथ काम करूं.
बौलीवुड में आप किसे अपना आदर्श मानती हैं?
बौलीवुड में मैं ‘धकधक गर्ल’ माधुरी दीक्षित को अपना आदर्श मानती हूं क्योंकि माधुरी दीक्षित की हर अदा निराली है. मैं बचपन से उन की फिल्में देख कर बड़ी हुई हूं.
आजकल पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है. कई तरह की इंडस्ट्रीज पर इस के चलते ताला लग चुका है. भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री पर इस का क्या असर पड़ा है?
कोरोना के चलते भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में सबकुछ ठप पड़ा है. निर्माताओं के सैकड़ों करोड़ रुपए शूटिंग बंद होने के चलते और तैयार फिल्मों की रिलीजिंग पर रोक लगने के चलते फंसे हुए हैं. भोजपुरी सिने जगत से जुड़े सभी कलाकार कोरोना के चलते घर बैठे हुए हैं. पिछले कई महीनों से अपने पसंदीदा कलाकारों को परदे पर न देख पाने छटपटाहट दर्शकों में साफ देखी जा सकती है.
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भोजपुरी सिनेमा से जुड़े छोटे और दिहाड़ी कलाकारों पर कोरोना का क्या असर देखने को मिल रहा है?
कोरोना के असर से कोई भी अछूता नहीं है लेकिन फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े छोटे और दिहाड़ी कलाकारों की माली हालत शूटिंग बंद होने के चलते दिनोंदिन खराब होती जा रही है. अभी कुछ बड़े कलाकार इन की माली मदद कर रहें हैं, लेकिन यही हाल रहा रहा तो कलाकारों में भुखमरी की नौबत आ जाएगी.