Mirabai Chanu को सिल्वर नहीं , गोल्ड मेडल

टोक्यो ओलंपिक में पहले ही दिन भारत का सर ऊंचा करने वाली भारत की बेटी मीराबाई चनू ने सिल्वर जीत कर देश सीना गर्व से चौड़ा कर दिया, अपना नाम एक अमर खिलाड़ी के रूप में दर्ज करा लिया है. मगर आज हम आपको यहां बताएं मीराबाई चनू को मिला सिल्वर किस तरह गोल्ड मेडल में भी बदल सकता है ? जिसकी बहुत ज्यादा संभावना दिखाई दे रही है.

दरअसल, हमारे पड़ोसी चीन की वेटलिफ्टर होऊ झिऊई पर डोपिंग का शक है, उसकी जांच शुरू हो गई है. ऐसे में अगर डोपिंग आती है तो क्या होगा आप अंदाज लगाइए.
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि टोक्यो ओलंपिक -2021 में भारत के हिस्से में अनायास ही पहला गोल्ड आ सकता है.

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खेल समीक्षक अनुमान लगा रहे हैं कि वेटलिफ्टिंग (49 किग्रा वर्ग) में रजत पदक हासिल करने वालीं मीराबाई चनू का मेडल गोल्ड में बदल सकता है. यह इसलिए क्योंकि चीनी खिलाड़ी होऊ झिऊई पर डोपिंग के शक के बाद उसकी जांच प्रारंभ हो गई है.

टोक्यो ओलंपिक में इस तरह पहला ही गोल्ड पाने वाले चीनी खिलाड़ी होउ जिहूई का परीक्षण किया जा रहा है आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि आगे क्या क्या हो सकता है.

हालांकि इस संदर्भ में भारतीय खेल उच्च अधिकारी मौन है क्योंकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. मगर दुनिया की मीडिया व खेल प्रेमियों की निगाह इस मसले पर टकटकी लगाए हुए हैं कि आगे क्या होने वाला है. अगर परीक्षण में डोपिंग पाई गई तो परिणाम बहुत चौंकाने वाले होंगे और यह खबर अपने आप में विश्वव्यापी होगी और भारत के लिए एक सुखद समाचार ऐतिहासिक समय.

चीन लौटने से पहले गिरी गाज

दरअसल, चीन की खिलाड़ी होऊ झिऊई जब अपने देश लौटने वाली थीं, अधिकारियों को उसकी गतिविधि पर शक हुआ और उन्हें रुकने को कहा गया. यहां यह जानना जरूरी है कि ओलंपिक खेलों के इतिहास में ऐसा पूर्व में भी हो चुका है, जब डोपिंग में फेल होने पर खिलाड़ी का मेडल छीन लिया गया है.

वेटलिफ्टिंग में सोना जीतने वाली चीनी एथलीट होउ पर डोपिंग का शक गहरा गया है. सैंपल-ए में संदेह के बाद सैंपल-बी के लिए बुलाया गया.

इस तरह बड़ी संभावना है कि वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू का मेडल गोल्ड में बदल सकता है.

यह माना जा रहा है कि टोक्यो ओलंपिक के महिला भारोत्तोलन (49 किग्रा) में मीराबाई चनू का सिल्वर पदक स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) में बदल सकता है, अगरचे यह हो गया तो ओलंपिक के इतिहास में भारत के नाम व्यक्तिगत स्पर्धा में यह दूसरा स्वर्ण पदक होगा. बताते चलें कि शूटर अभिनव बिंद्रा ने भारत को पहला गोल्ड मेडल (बीजिंग, चीन 2008) दिलाया था.

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महत्वपूर्ण बात यह भी है कि टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई ने भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का एक लंबे, 21 साल के इंतजार को खत्म किया है. इससे पूर्व कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था.

चनू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया है. चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया . इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया है.

मीराबाई के नाम अब महिला 49 किग्रा वर्ग में क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड भी है. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक से पहले अपने अपने अंतिम टूर्नामेंट एशियाई चैम्पियनशिप में 119 किग्रा का वजन उठाया और इस वर्ग में स्वर्ण और ओवरऑल वजन में कांस्य पदक जीता है.

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यही नहीं इस सब के बीच टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के लिए एक और खुशखबरी है. 26 वर्षीय यह वेटलिफ्टर पुलिस विभाग में एएसपी बना दी गईं हैं. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसकी घोषणा की है.और दूसरी तरफ मीरा बाई पर लाखों रुपए की बारिश हो रही है.

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