बुराई: शादियों में जानलेवा हवाई फायरिंग

30नवंबर, 2021 की रात. चारों ओर चहलपहल और खुशियों का माहौल. शहनाई के सुर माहौल में रस घोल रहे थे. रंगबिरंगे कपड़ों में सजी जवान लड़कियां इठलातीमटकती इधरउधर घूम रही थीं. कई नौजवान खानेपीने की तैयारियों को दुरुस्त करने में लगे हुए थे.

इसी बीच शोर मचा है कि बरात आ गई. पटाकों की आवाज और बैंडबाजे की धुन पर थिरकते लड़केलड़कियों और मर्दऔरतों की टोली के साथ बरात दरवाजे पर आई.

दूल्हा कार से नीचे उतरा और उसे वरमाला के लिए बने स्टेज की ओर ले जाया गया. कुछ देर में दुलहन भी छमछम करते हुए स्टेज पर आई. लोग तालियां बजाने लगे और शहनाई की आवाज तेज हो उठी.

उस के बाद दूल्हे ने दुलहन के गले में माला डाली ही थी कि दनादन हवाई फायरिंग होने लगी. बंदूकों और राइफलों की गोलियों से शामियाने में सैकड़ों छेद हो गए.

अचानक ही स्टेज के एक किनारे से चीख की आवाज उठी. सभी उस तरफ दौड़ पड़े. वहां एक औरत लहूलुहान हो कर गिरी पड़ी थी. उस के सिर में गोली लग गई थी.

पटना से सटे दानापुर इलाके के सुलतानपुर महल्ले में इस शादी समारोह का आयोजन था. वरमाला होते ही कई लोगों ने आसमान की तरफ फायरिंग चालू कर दी थी.

दानापुर के वार्ड नंबर-15 के पार्षद सुजीत कुमार की पत्नी 29 साल की सन्नी कुमारी को गोली लगी थी. उसे आननफानन में उठा कर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उस की मौत हो गई.

इस के पहले दानापुर में ही एक शादी समारोह के दौरान दूल्हे सत्येंद्र राय को गोली लगी थी. एक गोली दूल्हे के बड़े भाई गुड्डू राय को लगी थी. उन दोनों को अस्पताल में भरती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान दूल्हे ने दम तोड़ दिया था.

बिहार की राजधनी पटना से सटे दानापुर ब्लौक के शाहपुर इलाके में हुई इस दर्दनाक वारदात के बाद भी शादी के मौकों पर हवाई फायरिंग का सिलसिला जारी है.

बीते साल 7 जुलाई को हुई इस वारदात के दूसरे दिन ही बिहार के गोपालगंज जिले के खेममटिहानी गांव में शादी के दौरान हवाई फायरिंग में 32 साल के नौजवान मुकेश की जान चली गई थी.

बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब जैसे राज्यों में शादी समारोह में हवाई फायरिंग करने का पुराना फैशन है. इस तरह की फायरिंग की वजह से कइयों की जान जाने और जख्मी होने के बाद भी लोग इस से बाज नहीं आ रहे हैं.

झूठी शान दिखाने के लिए लाइसैंसी और गैरलाइसैंसी हथियारों से फायरिंग आम बात बन चुकी है. इस से जहां एक तरफ कई शादी समारोह मातम में बदल जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ रिश्तेदारों के बीच दुश्मनी भी पैदा हो जाती है.

इतनी मौतों के बाद भी लोगों को यह बात समझ नहीं आ रही है कि शादी समारोहों में फायरिंग करना कितना खतरनाक और जानलेवा है. शराब के नशे में और डीजे की तेज आवाज पर थिरकते मर्दों के बीच हवाई फायरिंग करना स्टेटस सिंबल बन चुका है.

ऐसा लगता है कि अब शादी का मतलब 2 परिवारों की रिश्तेदारी में बदलने की खुशी नहीं रही, बल्कि हथियारों का खुला प्रदर्शन करने का रिवाज बनता जा रहा है. हवाई फायरिंग का मकसद खुशी जाहिर करने के साथसाथ आसपास के इलाकों के गरीबों और दलितों के बीच डर का माहौल बनाना भी होता है.

बिहार पिछड़ा वर्ग महासंघ के संयोजक किशोरी दास कहते हैं कि अगड़ी जातियों में जो दबंग टाइप के लोग होते हैं, वे बंदूक, राइफल से गोलियां चला कर या तलवारें भांज कर नीची जातियों के लोगों में खौफ पैदा करते हैं. दलित उन से डर कर रहते हैं, क्योंकि बातबेबात में गोलियां चलाना उन की आदत है.

वे आगे बताते हैं कि पटना शहर के लोहानीपुर महल्ले में मुसहरों की पुरानी और बड़ी बस्ती है. उस के आसपास कुछ अगड़ी जाति के दबंगों ने ऊंचीऊंची इमारतें बना ली हैं. इमारतों के चारों ओर 10-12 फुट की ऊंचीऊंची चारदीवारी खड़ी की गई है. उस के अंदर क्या होता है, उस का कुछ भी पता बाहर वालों को नहीं लगता है.

चारदीवारी के अंदर राज भरा माहौल बना कर रखा जाता है. 5-7 दिनों पर इमारत में रहने वाले लोग अपनीअपनी छतों पर जा कर हवाई फायरिंग करते हैं. इस से पूरी बस्ती में खौफ का माहौल बना रहता है.

किसी से इस बात की शिकायत भी नहीं की जा सकती है. उन के जलसों में मंत्री, नेता, अफसर और पुलिस वाले ही गैस्ट होते हैं. ऐसे में दलितों की शिकायत पर कितनी कार्यवाही होगी, इस का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

विवाह समारोहों में खुशी और ताकत जाहिर करने के लिए गोलियां चलाने का सब से दर्दनाक वाकिआ देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे नोएडा में हुआ था.

18 फरवरी, 2010 को नोएडा के सैक्टर-10 में एक शादी समारोह में सारी रस्में खत्म हो चुकी थीं. दुलहन की विदाई की तैयारी चल रही थी. इसी बीच दूल्हे के फूफा ने खुशी जताने के लिए फायरिंग की, लेकिन गोली सीधे दूल्हे के सीने में जा लगी और मौके पर ही उस ने तड़पतड़प कर दम तोड़ दिया.

पुलिस कहती है कि हथियारों के गलत इस्तेमाल होने पर आर्म्स ऐक्ट की धारा-17 और धारा-30 के तहत शस्त्र का लाइसैंस रद्द किया जा सकता है. इस के तहत 3 साल की कैद और जुर्माने की सजा मिल सकती है.

गोली चलाने पर किसी की मौत होने पर धारा-304 के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है. इस के तहत गैरइरादतन हत्या का केस होता है. इस में 10 साल की या फिर ताउम्र कैद की सजा हो सकती है.

शादी या किसी भी तरह के समारोह में हथियार ले कर जाने पर पाबंदी लगनी चाहिए. केंद्र सरकार ने इस तरह की पाबंदी लगाने का निर्देश सभी राज्य सरकारों को दिया है. इस के बाद भी इस पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है. शराब पी कर हवाई फायरिंग करना कई गुना ज्यादा खतरनाक हो जाता है.

उत्तर प्रदेश के बागपत के बड़ौत थाने के वाजिदपुर गांव के एक फौजी रहे सुभाष कश्यप ने शादियों में गोलियां बरसाने वाली सोच के लोगों की गाल पर करारा तमाचा जड़ा था.

उन्होंने अपनी शादी के कार्ड में अनोखी चेतावनी छाप कर लोगों का दिल जीत लिया था. उन्होंने अपने शादी कार्ड में यह भी छापा था कि ‘शादी में फायरिंग और शराब के सेवन पर पूरी तरह पाबंदी है. जो लोग फायरिंग कराना चाहते हैं और शराब पीना चाहते हैं, ऐसे लोगों से निवेदन है कि वे शादी में शामिल न हों’.

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