खास अंगों की साफसफाई, ध्यान रखें ये बातें

अब से तकरीबन 23 साल पहले जब दीपक कुशवाहा ने भोपाल के नजदीक बैरसिया कसबे में अपना जनरल स्टोर खोला था, तब दुकान में कहने भर को ही लेडीज आइटम हुआ करते थे, लेकिन दीपक की आधे से ज्यादा दुकान अब लेडीज आइटमों से भरी पड़ी है, जिन में सैनेटरी नैपकिन, हेयर रिमूवर, अंडरगारमैंट्स, क्रीम, पाउडर और तरहतरह के दूसरे आइटम ज्यादा हैं.

इस बदलाव की वजह बताते हुए दीपक कहते हैं, ‘‘शिक्षा और जागरूकता ज्यादा है, जो कसबाई और देहाती लड़कियों में मीडिया और इश्तिहारों के जरीए आई है.’’

कसबे के हाईस्कूल में दाखिले बढ़े, तो नएनए आइटमों की मांग आने लगी. फिर कालेज खुला तो लड़कियों की झिझक और दूर होने लगी. अब तो हालात ऐसे हैं कि लड़कियां खरीदारी में बिलकुल नहीं शरमाती हैं.

दीपक कुशवाहा की बातों पर गौर करें, तो कसबाई और देहाती लड़कियों में खूबसूरती और सेहत के प्रति जबरदस्त जागरूकता आई है और वे बाहरी के साथसाथ अंदरूनी साफसफाई की भी अहमियत समझने लगी हैं. इस बाबत उन्हें घरों से भी छूट मिली हुई है. इसी वजह के चलते कसबे में हर ब्रांडेड कंपनी का हेयर रिमूवर और सैनेटरी नैपकिन मिलते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए आसपास के गांवों की लड़कियां भी इफरात से आती हैं.

लेकिन इन लड़कियों की एक बड़ी दिक्कत आज भी यह है कि इन्हें खास अंगों की साफसफाई के बारे में कोई पुख्ता जानकारी कहीं से नहीं मिलती. आधीअधूरी जानकारी के चलते वे कई बार परेशानियों से भी घिर जाती हैं. घर में मां या भाभी अकसर पुराने यानी अपने जमाने के उपाय बाताती हैं, जबकि अब दौर नए तौरतरीकों का है.

मिसाल प्राइवेट पार्ट के आसपास के बालों की सफाई का लें, तो लड़कियां अब हाईस्कूल में आतेआते हेयर रिमूवर का इस्तेमाल शुरू कर देती हैं. पहले इस के लिए ब्लेड और कैंची का इस्तेमाल ज्यादा होता था, हालांकि अभी भी होता है, पर न के बराबर. और जो लड़कियां इन का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी पुराने ब्लेड का इस्तेमाल न करें. इस से इंफैक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

आजकल बाजार में प्राइवेट पार्ट और बगलों के बालों को हटाने के लिए खास तरह के महीन ब्लेड वाले ब्रांडेड रेजर आ रहे हैं, इन का इस्तेमाल ज्यादा सुरक्षित रहता है.

तरीका जो भी अपनाएं, लेकिन बालों की समयसमय पर सफाई जरूरी है, क्योंकि इन्हीं बालों के ऊपर पसीना जमता है, जो बदबू की बड़ी वजह होता है.

हेयर रिमूवर के इस्तेमाल से बाल एक बार में पूरी तरह साफ हो जाते हैं. इस का इस्तेमाल करने से पहले इसे थोड़ी सी तादाद में हाथ पर कुछ देर लगाए रखना चाहिए. अगर जलन न पड़े तो इस का बेहिचक इस्तेमाल किया जा सकता है. इस के अलावा प्राइवेट पार्ट को रोजाना एक बार कुनकुने पानी से जरूर साफ करें. और हर बार पेशाब करने के बाद साफ पानी से इसे धो लेना चाहिए.

कोशिश यह होनी चाहिए कि प्राइवेट पार्ट को ज्यादा से ज्यादा सूखा रखा जाए. इस के लिए साफ कपड़े या टिशू पेपर से उसे पोंछ लेना चाहिए. इस से कई बीमारियों से बचाव होता है और बदबू भी नहीं आती.

बाल साफ करते रहने से पार्टनर को भी सैक्स में मजा आता है और वह अपने मनचाहे तरीके से प्यार करने में नहीं हिचकता. लेकिन प्राइवेट पार्ट पर कभी तेज खुशबू वाले परफ्यूम और साबुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इस से इंफैक्शन का खतरा बना रहता है.

माहवारी के 5 दिन भले ही तकलीफ वाले होते हों, लेकिन इन दिनों में खासतौर से एहतियात बरतना चाहिए. नैपकिन हर 4 घंटे बाद बदल लेना चाहिए, नहीं तो बदबू तो बढ़ती ही है साथ ही कई बीमारियों का भी डर बना रहता है. अंडरवियर भी इन दिनों में धो कर और सुखा कर ही पहनना चाहिए. सस्ते और लोकल सैनेटरी नैपकिन और अंडरगारमैंट्स के बजाय ब्रांडेड ही लेने चाहिए. ये भरोसेमंद भी होते हैं और अपना काम भी बेहतर तरीके से करते हैं.

दीपक की मानें, तो गांवों के हाट बाजारों में सस्ते के नाम पर लोकल नैपकिन और अंडरगारमैंट्स धड़ल्ले से बिकते हैं, लेकिन इन की न तो क्वालिटी अच्छी होती है और न ही नतीजे अच्छे मिलते हैं.

इन अंगों पर भी दें ध्यान

नाभि, स्तन, नितंब, जांघें और पीठ भी कम खास नहीं होते, जिन की साफसफाई पर लड़कियां कम ही ध्यान देती हैं. इन अंगों की साफसफाई अच्छे साबुन से हो जाती है. सेहत के अलावा ये अंग सैक्स में भी अहम रोल निभाते हैं, इसलिए इन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कई लड़कियों की जांघों और नितंबों पर भी महीन बाल उग आते हैं जो हार्मोंस की गड़बड़ी के चलते मामूली बात है. इन बालों को भी रेजर या रिमूवर से हटा लेना चाहिए.

खास अंगों की साफसफाई को ले कर आ रही जागरूकता एक अच्छी बात है, जो लड़कियों को आत्मविश्वास से भरे रखती है. जरूरत इस बात की है कि यह जागरूकता घरघर पहुंचे.

नए तौरतरीकों और प्रोडक्ट्स की जानकारी के किए लड़कियों के लिए खासतौर से निकाली जाने वाली मैगजीन ‘गृहशोभा’ जरूर पढ़नी चाहिए. इस के उपयोगी लेख, फैशन, सेहत, खूबसूरती और सैक्स के अलावा जिंदगी के दूसरे अहम पहलुओं की पेचीदगियों से रूबरू कराते हुए न केवल सही रास्ता सुझाते हैं, बल्कि लड़कियों को नए जमाने से भी जोड़े रखते हैं.

जानें क्यों प्राइवेट पार्ट की सफाई है जरूरी

पूरे बदन की साफ-सफाई के प्रति लापरवाही न बरतने वाले मर्द भी अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई पर खास ध्यान नहीं देते हैं, जिस की वजह से वे कई तरह के खतरनाक इंफैक्शन के शिकार हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि प्राइवेट पार्ट की साफसफाई कैसे की जाती है और उस से होने वाले फायदों के बारे में

बालों की छंटाई करें

प्राइवेट पार्ट के आसपास के अनचाहे बालों की समयसमय पर सफाई करनी चाहिए, वरना बाल बड़े हो जाते हैं. इस की वजह से ज्यादा गरमी पैदा होती है और इन बालों की वजह से ज्यादा पसीना निकलने लगता है. बदबू भी आने लगती है. बैक्टीरिया पैदा होने से इंफैक्शन फैल जाता है. इस वजह से चमड़ी खराब हो जाती है. खुजली, दाद वगैरह की समस्या पैदा हो जाती है. देखा गया है कि अनचाहे बाल लंबे व घने हो जाने से उन में जुएं भी हो जाती हैं, इसलिए उन्हें समयसमय पर साफ करते रहना चाहिए. प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई के लिए कैंची से छंटाई करना अच्छा उपाय है. इस के अलावा ब्लेड  या हेयर रिमूवर क्रीम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

सावधानी

प्राइवेट पार्ट के अनचाहे बालों की सफाई जल्दबाजी, हड़बड़ी या डर कर न करें. छंटाई के लिए छोटी धारदार कैंची का इस्तेमाल करें. अनचाहे बालों को अगर रेजर से साफ करना चाहते हैं, तो नए ब्लेड का इस्तेमाल करें. पहले इस्तेमाल किए ब्लेड से बाल ठीक तरह से नहीं कटते हैं. उलटा ब्लेड कभी न चलाएं, इस से चमड़ी पर फोड़ेफुंसी होने का डर रहता है. हेयर रिमूवर क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले एक बार टैस्ट जरूर कर लें. अगर उस से एलर्जी होती है, तो इस्तेमाल न करें.

अंग दिखेगा बड़ा

प्राइवेट पार्ट के एरिया में बाल बड़े हो जाने से अंग उन में छिप जाता है, जिस से उस का आकार छोटा दिखाई देने लगता है. अनचाहे बालों को साफ करने से अंग का आकार बड़ा दिखने लगता है. इसे देख कर आप की पार्टनर ज्यादा मोहित होती है. प्यार के पलों के समय वह ज्यादा सहज महसूस करती है.

सेहतमंद महसूस करेंगे

प्राइवेट पार्ट के एरिया को साफ रखने से अंग सेहतमंद दिखाई देता है. आप भी संतुष्ट महसूस करते हैं, क्योंकि आप निश्चिंत हो जाते हैं कि अब आप को किसी तरह का इंफैक्शन नहीं है.

यह भी करें

अंग की नियमित सफाई करें. अंग के ऊपर की त्वचा को सावधानी के साथ पीछे की ओर ले जाएं. वहां सफेदपीला क्रीमनुमा चीज जमा होती है. यह पूरी तरह से कुदरती होती है. इस की नियमित सफाई न करने से बदबू आने या इंफैक्शन फैलने का डर बना रहता है. रोजाना नहाते समय कुनकुने पानी से इसे साफ करना चाहिए.

पेशाब करने के बाद अंग को अच्छी तरह से हिला कर अंदर रुके पेशाब को जरूर निकाल दें. इसे अपनी आदत में शुमार करें, क्योंकि अंग के अंदर रुका हुआ पेशाब बुढ़ापे में प्रोटैस्ट कैंसर के रूप में सामने आ सकता है. माहिर डाक्टरों का कहना है कि अगर अंग के अंदर का पेशाब अच्छी तरह से निकाल दिया जाए, तो प्रोटैस्ट कैंसर का डर खत्म हो जाता है.

अंडरगारमैंट्स पर ध्यान दें

रोजाना नहाने के तुरंत बाद ही अपने अंडरगारमैंट्स को  बदलें. कई दिनों तक इस्तेमाल किए गए अंडरगारमैंट्स पहनने से प्राइवेट पार्ट के एरिया में इंफैक्शन फैलने का डर बढ़ जाता है. दूसरों के अंडरगारमैंट्स, साबुन वगैरह इस्तेमाल न करें. इस से भी इंफैक्शन फैलने का डर रहता है. नहाने के बाद इस एरिया को तौलिए से अच्छी तरह से सुखा लें. हमेशा सूती अंडरगारमैंट्स पहनें. नायलौन के अंडरगारमैंट्स कतई न पहनें, क्योंकि उन में से हवा पास नहीं हो पाती है. इस वजह से प्राइवेट पार्ट के एरिया को भी अच्छी तरह से हवा नहीं मिल पाती है, जिस से कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं.

सेक्स संबंध बनाने के बाद

सेक्स संबंध बनाने के बाद अंग को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए, क्योंकि सेक्स के समय व बाद में इस के अंदर कई तरह के स्राव बनते हैं. इन्हें साफ न करने पर इंफैक्शन हो सकता है. इस एरिया को पानी से साफ करें. सफाई करने के बाद अंग को अच्छी तरह से पोंछ कर सुखा लें.

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