Bhojpuri Interview: भोजपुरी में छोटी और कुंठित फिल्में बन रही हैं – अवधेश मिश्रा

Bhojpuri Interview: भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में खलनायक का किरदार निभाने वाले कई ऐसे चेहरे हैं, जिन को परदे पर देख कर डर लगने लगता है. उन्हीं एक्टरों में से एक हैं अवधेश मिश्र, जो रविकिशन के बाद भोजपुरी के ऐसे ऐक्टर है, जिन्होंने भोजपुरी के साथसाथ तमिल सिनेमा और बौलीवुड में भी अपने दमदार रोल से दर्शकों के ऊपर अमिट छाप छोड़ी है.

अवधेश मिश्रा खलनायक के रूप में जितनी बार भी परदे पर नजर आते हैं, दर्शकों का रोमांच उतना ज्यादा बढ़ता जाता है. भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में खलनायक का किरदार निभाने में उन का कोई सानी नहीं है. उन की खलनायकी से दर्शक स्क्रीन के सामने जोश में भर उठते हैं. भोजपुरिया बैल्ट में विलेन के रूप में अवधेश मिश्र की तुलना बौलीवुड के अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे ऐक्टरों से की जाती है. उन्होंने साल 2014 में तमिल फिल्म ‘पूजाई’ और साल 2015 में बौलीवुड फिल्म ‘डर्टी पौलिटिक्स’ में लीड विलेन के रूप में दर्शकों का मन मोह लिया था. उन के फिल्मी सफर को ले कर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

भोजपुरी फिल्मों में आप का शुरुआती सफर कैसा रहा?

जब मैं ने सिनेमा इंडस्ट्री में कदम रखा, तो शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा. लेकिन उस बुरे वक्त में मेरी पत्नी ने हाथ थाम कर मेरा मनोबल बढ़ाया. फिर समय ने पलटी ली और मुझे भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री सहित तमिल और हिंदी फिल्मों में लीड विलेन के तौर पर काम मिलना शुरू हुआ.

आज भोजपुरी सिनेमा केवल टैलीविजन और यूट्यूब तक ही सिमट कर रह गया है. इस की क्या वजह है?

भोजपुरी में पहले जब फिल्में बनती थीं, तो सिनेमाहाल में रिलीज होती थीं. आजकल भोजपुरी में फिल्में ही नहीं, बल्कि टैली फिल्में बन रही हैं, जो टैलीविजन पर प्रसारित और रिलीज होती हैं. इस की 80 फीसदी औडियंस औरतें हैं. जब किसी खास औडियंस को ध्यान में रख कर एक ही ढर्रे पर फिल्में बनेंगी, तो ये फिल्में सिनेमाहाल तक नहीं जा पाती हैं. यही वजह है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से काफी पीछे छूट गई है.

आप ने दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से भोजपुरी के पिछड़ने की बात कही है. भोजपुरी फिल्में कहां पीछे छूट रही है?

भोजपुरी फिल्में साउथ और बौलीवुड की फिल्मों से बहुत पीछे छूट चुकी हैं. दूसरी फिल्म इंडस्ट्री में माहिर डायरैक्टर और कलाकार होते हैं, वहां सिनेमा को बहुत ऊंचा दर्जा दिया जाता है, जबकि भोजपुरी सिनेमा को नाम और पैसा कमाने का जरीया मान लिया गया है. दूसरी फिल्म इंडस्ट्री के लोग सिनेमा के लिए कुछ भी कर सकते हैं, जबकि भोजपुरी वाले खुद के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

आप भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री को किस मुकाम पर देख पा रहे हैं?

पहली बात तो यह कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री नाम की कोई चीज बची ही नहीं है, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे फिल्म इंडस्ट्री से अलबम इंडस्ट्री बना दिया है.

क्या वजह है कि भोजपुरी फिल्मों के मूल दर्शक भोजपुरी सिनेमा से कटते जा रहे हैं?

यहां के सिंगर्स ने भोजपुरी सिनेमा को दर्शक की जगह श्रोता बना दिया है. इसलिए भोजपुरी के लिए अच्छा सोचने और करने वालों को फिर से भोजपुरी सिनेमा के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी. मैं ने भोजपुरी सिनेमा के जीवनकाल में एक भोजपुरी कलाकार, निर्माता और निर्देशक के तौर पर बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन अब लड़ाई और भी गंभीर है.

पिछले कुछ सालों से सासबहू वाले एकजैसे टाइटिल की बाढ़ सी आ गई है. इस की क्या वजह है?

भोजपुरी फिल्मों का टाइटिल जो है, भोजपुरिया बैल्ट की औरतों को देख कर तय किया जा रहा है. भोजपुरिया बैल्ट में सास, बहू, ननद, भौजाई वगैरह के रिश्ते में खटास और कुंठा बढ़ती जा रही है. समाज जिस कुंठा से घिरा हुआ है, भोजपुरी में उसी कुंठा को टारगेट कर के फिल्में बन रही हैं.

महिला दर्शक फिल्मों के कैरेक्टर की जगह खुद को रख कर देखती हैं, इसलिए सासबहू वाली फिल्में ज्यादा पसंद की जा रही हैं. मेरा मानना है कि भोजपुरी में छोटी और कुंठित फिल्में बन रही हैं.

जब फिल्में सिनेमाहाल में रिलीज नहीं हो रही हैं, तो इन की कामयाबी का पैमाना कैसे मापा जाता है?

भोजपुरी फिल्मों की कामयाबी का पैमाना आजकल टैलीविजन के पैमाने पर निर्भर है, जिसे हम टीआरपी और जीआरपी के नाम से जानते हैं. लेकिन फिल्में कामयाबी मापने का यह पैमाना मु?ो मजाक जैसा लगता है.

आप की तुलना अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे दिग्गज विलेन से की जाती है. यह सुन कर आप को कैसा लगता है?

मेरी तुलना जब भी अमरीश पुरी और आशुतोष राणा जैसे कलाकारों से होती है, तो दुख होता है. क्योंकि यहां एक घटिया से घटिया अलबम भी मिलियन में देखा जाता है और अच्छे विषय, अच्छे कलाकारों व तकनीकी के साथ बनी फिल्म को दर्शक ही नहीं मिलते हैं. टीआरपी, जीआरपी और मिलियन के जमाने में सब मजाक लगने लगा है. इसलिए मेरा मानना है कि मैं अवधेश मिश्र ही रहूं और उसी रूप में मेरी पहचान हो.

उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग न होने की कोई खास वजह?

पिछले कई सालों से बिहार में भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग थम सी गई गई है. फिल्मकार बिहार सरकार के असहयोगी रवैए के चलते बिहार का रुख नहीं करते हैं, जबकि बिहार में सब से ज्यादा भोजपुरी फिल्में देखी जाती हैं.

हाल ही में भोजपुरी जगत के कुछ लोगों ने बिहार सरकार से मुलाकात की थी. आशा है, जल्दी ही बिहार में फिर से भोजपुरी शूटिंग की शुरुआत होगी. फिल्म प्रोत्साहन के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार बहुत अच्छी है.

भोजपुरी सिनेमा को पीछे धकेलने में आप किस को दोषी मानते हैं?

भोजपुरी सिनेमा को पीछे धकेलने में केवल दोषी आजकल के सिंगर्स हैं, जिन्होंने भोजपुरी को बहुत पीछे धकेल दिया है.

भोजपुरी में तहलका मचाया, तो हिंदी सीरियल में काटा बवाल

भोजपुरी सिनेमा और उनकी एक्ट्रेसेस भी काफी चर्चा में रहती है. वे नेशनल और इंटनेशनल लेवल पर मशहूर हैं. इसके साथ ही भोजपुरी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का आपसी कनेक्शन भी बहुत गहरा है. भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की कई ऐसी एक्ट्रेसेस हैं जो इंडस्ट्री पर राज करती हैं. लेकिन कई ने इसे अलविदा कह, हिंदी टीवी में जगह बना ली और आज जानीमानी हिंदी टीवी एक्ट्रेस हैं.

इनकी लिस्ट तो लंबी है लेकिन बताते है उन पौपुलर एक्ट्रेस के बारे में जिन्होंने भोजपुरी में तो तहलका मचाया ही, हिंदी सीरियल में भी अपनी पहचान को कायम रखा.

 

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मोनालिसा

मोनालिसा की पहचान भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की टौप एक्ट्रेसेस में की जाती है. उन्होंने अब तक 50 से भी ज्यादा भोजपुरी फिल्मों में काम किया है. इसके साथ ही मोनालिसा अब हिंदी टीवी सीरियल्स का भी जानामाना नाम बन गई हैं. एक्ट्रेस ने टीवी सीरियल ‘नज़र’ में डायन का लीड कैरेक्टर प्ले किया था. इसके अलावा वे बिग बौस और कई अन्य टीवी सीरियल में नजर आ चुकी हैं.

रश्मि देसाई

टीवी एक्ट्रेस रश्मि देसाई ने अपने शुरुआती करियर में गुजराती और भोजपुरी फिल्मों से की थी. रश्मि ने कई भोजपुरी फिल्मों में काम किया है. इसके बाद उन्होंने हिंदी टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा. अब वो हिंदी टीवी इंडस्ट्री का जाना पहचाना नाम हैं.

Bhojpuri actress

आम्रपाली दुबे

एक्ट्रेस आम्रपाली दुबे ने अपने करियर की शुरुआत हिंदी टीवी सीरियल्स से की थी. आम्रपाली ने ‘रहना है तेरी पलकों की छांव में’, ‘सात फेरे’, ‘मायका’ जैसे टीवी सीरियल्स में काम किया है. बाद में आम्रपाली भोजपुरी इंडस्ट्री की ओर चली गईं. अब आम्रपाली भोजपुरी इंडस्ट्री की टौप एक्ट्रेस बन गई हैं.

अंजना सिंह

भोजपुरी इंडस्ट्री की टौप एक्ट्रेसेस की लिस्ट में अंजना सिंह भी शुमार हैं. उन्होंने ‘रंगीला’, ‘नागराज’, जैसी कई फिल्मों में काम किया है. इसके अलावा उन्होंने भोजपुरी टीवी सीरियल्स में भी काम किया है. अंजना हिंदी के दबंग चैनल ‘नथ गहना या ज़ेवर’ में नज़र आ रही हैं.

श्वेता तिवारी

श्वेता तिवारी तो हिंदी टीवी का जाना पहचाना नाम हैं. लेकिन एक दौर था जब श्वेता तिवारी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया करती थी. उन्होंने ‘हिंदुस्तानी सैंया हमार’, ‘कब अइबू अंगनवा हमार’ और ‘एई भौजी की सिस्टर’ जैसी कई सुपरहिट भोजपुरी फिल्मों में काम किया है. लेकिन अब वे हिंदी टीवी सीरियल की हो चुकी है. अब उनकी बेटी पलक तिवारी मीडिया की लाइमलाइट में रहती है. अपने लव अफेयर को लेकर जो कि सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम के साथ है.

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