Saras Salil Bhojpuri Cine Award : भोजपुरी फिल्में तकरीबन 35 करोड़ लोगों द्वारा देखी जाती हैं. यह आबादी केवल उत्तर प्रदेश और बिहार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भोजपुरिया बैल्ट के लोग दिल्ली, गुजरात, महराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा समेत देश के कोनेकोने में फैले हुए हैं.
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में हर साल सैकड़ों फिल्में बनती हैं और रिलीज होती हैं, जिन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिलता है. लेकिन दूसरी फिल्म इंडस्ट्रीज की तरह भोजपुरी सिनेमा के लिए फिल्म फेयर या राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की तर्ज पर कोई अवार्ड नहीं होता था, जिस से भोजपुरी कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और फिल्म निर्माण से जुड़े टैक्निशियंस का हौसला बढ़ाया जा सके.
ऐसे में देश के सब से बड़े प्रकाशन समूह दिल्ली प्रैस से प्रकाशित पत्रिका ‘सरस सलिल’ द्वारा साल 2020 में पहली बार ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ की शुरुआत की गई थी, जो देखते ही देखते भोजपुरी सिनेमा के लिए दिए जाने वाले सब से बड़े पुरस्कार के रूप में अपनी पहचान बना चुका है.
अभी तक ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के 5 संस्करणों का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा चुका है, जिस में 2 बार उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में और 3 बार अयोध्या में आयोजन हुआ है.
‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ की तुलना भोजपुरी के औस्कर और भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से की जाती है, इसलिए भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हर किसी का सपना रहता है कि उसे एक बार ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में पुरस्कार जरूर मिले.
सोशल मीडिया पर छाया
तीसरे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में ‘बैस्ट ऐक्टर’ का अवार्ड मिलने के बाद भोजपुरिया बैल्ट के लोगों को अपनी ऐक्टिंग से कायल बना चुके भोजपुरी सुपरस्टार अरविंद अकेला कल्लू ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘कहा जाता है कि सब्र का फल मीठा होता है और पुरस्कार हमेशा कलाकार का मनोबल बढ़ाता है. अपने अभिनय जीवन के 11 साल गुजारने के बाद मु झे कल रात फिल्म ‘प्यार तो होना ही था’ के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ नायक 2021’ का अवार्ड मिला.
‘यह अवार्ड मैं अपने पिता के उस संघर्ष को समर्पित करता हूं, जिस के कारण आज मैं हूं. मेरे साथ मेरी इस फिल्म को 12 अवार्ड मिलने पर मेरी खुशी दोगुनी हो गई है. पूरी टीम को बधाई. हमारी मेहनत रंग लाई.
‘मैं उन तमाम निर्माताओं और निर्देशकों का आभारी हूं, जिन के कारण मेरी अभिनय यात्रा सतत चलती रही है और आगे भी उन का प्यार और आशीर्वाद बना रहे.
‘मैं ‘सरस सलिल’ का आभारी हूं, जिस के कारण मु झे यह सुखद अनुभूति हुई. मेरे तमाम दर्शकों को दिल
से प्रणाम. अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें.’
अरविंद अकेला कल्लू की इस पोस्ट को लाखों लोगों के लाइक्स मिले थे.
तीसरे अवार्ड शो में दिए गए अवार्डों को ले कर ‘बताशा चाचा’ के नाम से मशहूर ऐक्टर और कौमेडियन मनोज सिंह टाइगर ने बाकायदा एक वीडियो जारी कर के कहा था कि इस वीडियो को बनाने के पीछे का खास मकसद है. कुछ ऐक्सप्रैशंस देखे, कुछ वीडियो देखे, विनोद मिश्राजी का, कल्लू का, सुनील मां झी और तमाम सारे कलाकारों को स्टेज पर बोलते हुए देखा.
‘सरस सलिल’ का अवार्ड फंक्शन जो बस्ती में हुआ, बड़ी खुशी हुई कि यार, ये भी टैलेंटेड हैं. कल्लू 11 साल से सिनेमा कर रहा है और यह बात मेरे दिमाग में ही नहीं आई कि 11 साल से उस बच्चे को अवार्ड ही नहीं दिया गया. एक ऐक्टर के तौर पर क्या उस ने कोई काम ही नहीं किया था कि उसे पुरस्कार मिले?
विनोद मिश्रा इतने उच्च कोटि के कलाकार हैं, इतने सालों में उन्हें कभी मंच पर बुलाया ही नहीं गया था अवार्ड के लिए. यह सोचने वाली बात है. ‘सरस सलिल’ ने ऐसे कलाकारों को बुला कर अवार्ड दिए, इस से मुझे दिल से खुशी मिली है.
मनोज सिंह टाइगर के इस वीडियो को फेसबुक पर लाखों लोगों नें देखा और सराहा था.
जानेमाने ऐक्टर संजय पांडेय ने पिछले संस्करणों में अवार्ड मिलने पर अपनी फेसबुक वाल पर लिखा था कि कल मैं ‘सरस सलिल’ के अवार्ड शो में था. अच्छा लगा. बहुत कमियां भी थीं, बहुत खूबियां भी थीं.
आसान होता है किसी व्यक्ति विशेष या आयोजन पर टिप्पणी करना. सिर्फ शब्द ही फेंकने हैं और एक लंबी बहस शुरू हो जाती है. उस में पैसा नहीं लगता, पर फिर भी अगर हम उन कमियों की ओर इशारा न करें तो वे और बढ़ेंगी.
इस बात की मैं तारीफ करूंगा कि ‘सरस सलिल’ में इस बार कुछ अवार्ड ऐसे थे, जो काबिलेतारीफ थे, जैसे इतनी फिल्में करने के बाद कल्लूजी को अवार्ड देना. जो खुशी उन के चेहरे पर दिख रही थी, वह अद्भुत थी और वे इस के हकदार भी थे. और एक कलाकार, जिन का मैं बहुत बड़ा फैन हूं, वे हैं विनोद मिश्रा.
उन्होंने जो मंच पर कहा, वह लाइन तो कमाल थी. हिल गया मैं सुन कर. आप से सा झा कर रहा हूं. हमारी श्रीमतीजी हम से हमेशा कहती रहीं कि एजी, सब के अवार्ड मिलेला, आप के काहे नईखे मिलत. राउर कौनो जुगाड़ नईखे का ओईजा. ता देख ला हो आज हमरो जुगाड़ लाग गईल, ता ला हे वंदना मिश्रा तोरे पगला के भी आज अवार्ड मिल गईल.
अरे सुन रही हो, आज मु झे भी अवार्ड मिल गया. आंखें भर आईं उन की ये बातें मंच पर सुन कर, आईना दिखा दिया उन्होंने, फिर भी अगर बात सम झ में न आए तो अफसोस.
अवार्ड चयन की प्रक्रिया
‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के लिए ‘सरस सलिल’ पत्रिका की तरफ से अवार्ड के लिए नौमिनेशन आमंत्रित किए जाते हैं, जिस में 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच प्रदर्शित फिल्मों को शामिल किया जाता है.
इस में सालभर के भीतर रिलीज भोजपुरी फिल्मों के आधार पर लीड ऐक्टर्स, ऐक्ट्रैसेज, सपोर्टिंग ऐक्टर्स समेत फिल्मों में काम करने वाले टैक्निशियंस से जुड़ी दर्जनों कैटेगरी शामिल होती हैं.
आवेदन की अंतिम तिथि तक ‘सरस सलिल’ पत्रिका द्वारा आवेदन के लिए जारी आधिकारिक ईमेल आईडी पर फिल्मों के नामांकन विभिन्न कैटेगरी में भेजने होते हैं.
इन प्राप्त आवेदनों के आधार पर अवार्ड की जूरी टीम द्वारा की गई स्क्रीनिंग अलगअलग कैटेगरी के अवार्डों के लिए नामों को फाइनल करती है और चयनित अवार्ड की घोषणा अवार्ड सैरेमनी के दिन मंच पर की जाती है.
इन को मिला सम्मान
पिछले 5 संस्करणों में जिन भोजपुरी हीरोहीरोइनों के साथ फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों को विभिन्न कैटेगरी में अवार्ड प्रदान किया गया है, उन में दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’, अरविंद अकेला कल्लू, समर सिंह, विमल पांडेय, गुंजन सिंह, आम्रपाली दुबे, रितु सिंह, अंजना सिंह, रक्षा गुप्ता, अनारा गुप्ता, श्रुति राव, पल्लवी गिरी, पाखी हेगड़े, यामिनी सिंह, कनक पांडेय, संजना सिल्क, मधु सिंह राजपूत, निशा सिंह, कनक यादव, संजय पांडेय, देव सिंह, अनूप अरोरा, बृजेश त्रिपाठी, सीपी भट्ट, प्रियंका सिंह, अंतरा सिंह ‘प्रियंका’, कविता यादव, अलका झा, संजोली पांडेय, ममता राऊत, अनुपमा यादव, ओम झा, विनय बिहारी, राज प्रेमी, संतोष श्रीवास्तव, शुभम तिवारी, देवेंद्र तिवारी, आरआर सिंह, बृजेश त्रिपाठी, प्रिंस सिंह राजपूत, मनोज सिंह ‘टाइगर’, आरके गोस्वामी, रोहित सिंह ‘मटरू’, लोटा तिवारी, धामा वर्मा, रजनीश मिश्र, संजय कुमार श्रीवास्तव, राजकुमार आर. पांडेय, पराग आर. पाटिल खास थे.
पिछले 5 अवार्ड शो के दौरान बैस्ट फिल्म डायरैक्टर, बैस्ट आर्ट डायरैक्टर, बैस्ट फिल्म प्रोड्यूसर, बैस्ट फिल्म स्टोरी राइटर, बैस्ट म्यूजिक डायरैक्टर, बैस्ट कोरियोग्राफर जैसी तकरीबन 50 कैटेगिरी में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े 200 से ज्यादा लोगों को अवार्ड दिए जा चुके हैं.
जल्द करें नौमिनेशन
छठे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ के लिए नौमिनेशन के लिए अंतिम तिथि की घोषणा की जा चुकी है, जिस में 1 जनवरी, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच कोई भी भोजपुरी फिल्म जो सिनेमाघर या टैलीविजन पर पहली बार रिलीज की गई है, का नामांकन 15 मार्च, 2025 तक भेजा जा सकता है.
ऐतिहासिक होगा अवार्ड शो
इस बार छठे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ का आयोजन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के आडिटोरियम में किया जाएगा, जो अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में आयोजित होने जा रहा है.
इस अवार्ड सैरेमनी में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सभी बड़े ऐक्टरों को आमंत्रण भेजे जाने शुरू किए जा चुके हैं.
इन में दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’, खेसारीलाल यादव, पवन सिंह, प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’, अरविंद अकेला कल्लू, यश मिश्रा, रितेश पांडेय, समर सिंह, विमल पांडे, विक्रांत सिंह, संजय पांडेय, देव सिंह जैसे नाम शामिल हैं.
इस के अलावा हीरोइनों में आम्रपाली दुबे, मेघाश्री, अक्षरा सिंह, रानी चटर्जी, अंजना सिंह, रक्षा गुप्ता, मनी भट्टाचार्य, काजल राघवानी, यामिनी सिंह, संचिता बनर्जी, गुंजन पंत, रिचा दीक्षित आदि को भी आमंत्रण भेजा जा रहा है.
रंगारंग होगा कार्यक्रम
लखनऊ में होने जा रहे छठे ‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में दर्शक अपने पसंदीदा कलाकारों की लाइव पेशकश का लुत्फ उठाएंगे. इस अवार्ड सैरेमनी के लिए कोई भी प्रवेश टिकट या प्रवेश शुल्क नहीं होगा.
पिछले कई सालों से इस अवार्ड शो से जुड़े भोजपुरी गायक व कलाकार विवेक पांडेय इस बार भी इस आयोजन को कामयाब बनाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं.