मेरी एक बेवकूफी की वजह से मैंने अपने बौयफ्रेंड को खो दिया, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता था पर मेरी एक बेवकूफी की वजह से उस ने मुझ से दूरी बना ली. अब न तो वह मेरा फोन उठाता है और न ही मुझ से मिलता है. दरअसल कुछ  समय पहले मेरे फोन पर एक अनजान नंबर से कौल आई. मैं ने फोन नहीं उठाया तो मैसेज आने लगे. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कौन मेरा नंबर और मेरा नाम भी जानता है. कई दिनों तक मैं ने कोई जवाब नहीं दिया. वह बहुत ही अच्छे मैसेज भेजता रहा. कुछ समय बाद मैं ने जवाब देना शुरू कर दिया. बाद में मुझे पता चला कि वह मेरे बौयफ्रैंड का कोई दोस्त था. उस ने मेरे सारे मैसेज उसे दिखा दिए. तब से ही उस ने मुझे से दूरी बना ली. अब तो वह मेरा फोन भी नहीं उठाता. मैं ने उसे माफी भी मांग ली पर वह मानता ही नहीं. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि अब मैं क्या करूं?

जवाब
आजकल किसी का भी नाम और फोन नंबर पता करना मुश्किल नहीं है. आप को अनजान नंबर पर जवाब नहीं देना चाहिए था. आप ने नासमझी में जो किया वह आप के बौयफ्रैंड को नागवार गुजरा. उस की जगह कोई भी होता तो यही करता.

आप अपने बौयफ्रैंड का विश्वास तोड़ चुकी हैं और जब एक बार किसी रिश्ते में गांठ पड़ जाए तो उस रिश्ते का दोबारा पटरी पर आना मुश्किल हो जाता है. बेहतर होगा कि आप उसे भूल जाएं और जिंदगी में आगे बढ़ें.

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इन वजहों से देते हैं आप एक-दूसरे को धोखा?

अमेरिकी लेखिका पेगी वौगैन अपनी किताब दि मोनोगैमी मिथ में अनुमान लगाती हैं कि तकरीबन 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के दौरान कभी-न-कभी अपने साथी को धोखा देते हैं. और अक्सर इसका कारण सेक्स नहीं होता.

बेवफाई रिश्तों में कुछ समय से चली आ रही समस्या का लक्षण है; ऐसे प्रेम-संबंधों की शुरुआत बेवजह या फिर इसलिए नहीं होती कोई व्यक्ति ‘बुरा इंसान’ है. लोग रिश्ते में किसी कमी के चलते बेवफाई करते हैं – स्नेह की कमी, ध्यान की कमी, सेक्स या आदर की कमी या फिर भावनात्मक जुड़ाव की कमी. अत: यदि अब आप कभी किसी को बेवफाई करते पाएं तो ये न सोचें कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हम वे कारण बता रहे हैं.

वे सुरक्षित नहीं महसूस करते: यदि आप लगातार किसी बात को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं तो समझिए कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है. वफादारी के पनपने के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी के बीच प्यार और भरोसे का सतत प्रवाह बना रहे. ‘‘वैवाहिक रिश्तों में इन भावनाओं का होना अनमोल है और बहुत जरूरी भी. इससे सुनिश्चित होता है कि पति-पत्नी खुश और संतुष्ट हैं,’’ यह कहना है कोलकाता के साइकियाट्रिस्ट व रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ सिलादित्य रे का.

उनके पास बातचीत के लिए कुछ नहीं है: जब मेरे पति की और मेरी मुलाक़ात हुई थी, तब हम दोनों हौस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करते थे,’’ यह बताते हुए रिलेशनशिप एग्जेक्यूटिव प्रिया नायर, 29, कहती हैं,‘‘कुछ समय बाद मैंने वह इंडस्ट्री छोड़ दी और जनसंपर्क के क्षेत्र में आ गई. सालभर बाद तो हमारे पास एक-दूसरे से जुड़ने और बातचीत के लिए कोई साझा मुद्दा ही नहीं बचा था. थोड़े समय बाद हम दोनों को कुछ ऐसी गतिविधियों की जरूरत महसूस होने लगी, जिनका आनंद हम साथ-साथ उठा सकें. फिर हमने दौड़ने की अपनी रुचि पर ध्यान देना शुरू किया. हम एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते, साथ-साथ मैराथन की तैयारी करते और इस बारे में चर्चा करते. इससे हमारी सेहत में भी सुधार आया और परस्पर रिश्ते में भी.’’

वे नाराज हैं, पर इसे छुपा रहे हैं: यदि आपके बीच लड़ाई के दौरान अक्सर वे आपको ‘इमोशनल’ और आप उन्हें ‘संवेदनहीन’ कहती हैं तो साफ है कि आप दोनों एक-दूसरे की बात नहीं सुन रहे हैं. ऐसी टिप्पणियों से बचें और आरोप लगाने के बजाय एक-दूसरे से अपने एहसासात बांटें.

डॉ रे सलाह देते हैं,‘‘यदि उनकी किसी बात से आप आहत हो रही हैं तो उन्हें बताएं, पर इसका तरीका सही रखें. नकारात्मक भावनात्मक आवेग को बाहर निकालने का सेहतमंद रास्ता ढूंढ़ें. ये आपके वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक है.’’

उनके संकेतों को नजरअंदाज़ किया जा रहा है: हर रिश्ते की कुछ सीमाएं होती हैं, जिनका सम्मान करना आप दोनों के लिए ज़रूरी है. आपको शायद ये अच्छा नहीं लगता हो कि आपके पति अब भी अपनी पूर्व-प्रेमिका से बातचीत करते हैं, पर वे इस बारे में आपको अक्सर संकेत देते रहते हैं.

डॉ रे कहते हैं कि इस तरह की सांकेतिक सीमाओं को समझना चाहिए और इनका आदर भी करना चाहिए. यदि आप इन अनकहे नियमों को तोड़ते हैं तो आपका साथी अपनी वफादारी को संदेह की दृष्टि से देखना शुरू कर सकता है और बेवफाई की संभावना बढ़ जाती है.

अपने व्यवहार में खुलापन लाइए. यदि आपको कोई आकर्षक लगता है तो इस बारे में बात कीजिए, क्योंकि यदि आप छिपाएंगी तो आपके इरादों को नेक नहीं कहा जा सकता.

उन्हें सेक्स की जरूरत है: ‘‘यदि आपके सेक्शुअल संबंध सेहतमंद नहीं है तो जाहिर है, आपका साथी यह सुख कहीं और से पाने का प्रयास करेगा,’’ कहना है डा. रे का. अपने सेक्स जीवन पर ध्यान दीजिए और यदि ये आपके, आपके साथी के या फिर आप दोनों के लिए संतुष्टिदायक नहीं है तो इस समस्या का समाधान ढूंढि़ए. इस मामले में मूक दर्शक मत बनिए, बल्कि किसी काउंसलर की मदद लीजिए.

सैक्स के ये फायदे जानकर मचल उठेंगी महिलाएं

महिलाएं सैक्‍स के दौरान न सिर्फ आंनद का अनुभव करती है बल्कि सेक्‍स से उन्‍हे कई प्रकार के शारीरिक और भावनात्‍मक लाभ भी होते है, सेक्‍स से महिलाओं के शारीरिक सरंचना में भी परिर्वतन आता है. सैक्‍स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मिले शारीरिक और भावनात्‍मक सर्पोट से महिलाओं में आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है. यूं तो महिलाओं में हमेशा सैक्‍स की चाहत होती है, लेकिन मासिक पूरा हो जाने के पांच से सात दिन तक महिलाएं सैक्स के मूड में ज्यादा होती हैं क्योंकि मासिक चक्र पूरा होने के बाद सैक्स वाले हार्मोस सक्रिय हो जाते हैं.

महावारी के पांच से सात दिन में सैक्स करना ज्यादा ही आनंद की अनुभूति कराता है साथ ही इसका लाभ कम से कम 12 दिनों तक रहता है. महावारी के बाद महिलाओं में सैक्स की तीव्र इच्छा जागृत होना स्वाभाविक है, क्योंकि इन दिनों में गर्भधारण की संभावना कम हो जाती. वैसे तो यह शारीरिक जरूरत का एक आम हिस्‍सा है. सैक्स वैवाहिक संबंधों को सुखी बनाता है और भविष्य में दोनों के बीच सैक्स को लेकर दूरियां कभी नहीं आती.

महिलाओं के लिए सैक्स के लाभ

– यह एक शारीरिक व्‍यायाम है जो आपको स्‍वस्‍थ रखता है. जीं हां महिलाओं में सैक्‍स के दौरान से शरीर में कैलोरी का जलन होता है यानी सैक्‍स शरीर का वजन कम करने में मददगार होता है. इससे महिलाओं का वजन कम होता है.

– महिलाओं में सैक्स उन्मुक्ति को बढ़ाता है, और एक अलग ही आनंद का अनुभव कराता है.

– सैक्‍स कई बीमारियों को कम करता है और अन्य बीमारियों के संक्रमण से शरीर की प्रतिरक्षा करता है, और महिलाओं को स्‍वस्थ बनाता हैं.

– सैक्स तनाव को कम करता है और महिलाओं को खुश रखने में मदद करता है.

– महिलाओं में सैक्‍स रक्तचाप को भी कम करता हैा सेक्‍स से रक्‍तचाप नियंत्रित रहता है और कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है.

– सैक्स दिल को मजबूत बनाता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना कम होती एक सप्ताह में सैक्स दो बार या दो से अधिक बार सेक्‍स करने से महिलाओं में घातक दिल के दौरे की संभावना उन महिलाओं के तुलना में कम हो जाती है, जो कम सेक्स करती हैा

– सैक्स महिलाओं में आत्मसम्मान को बढ़ाता है.

– सैक्स अंतरंगता और रिश्तों को बेहतर बनाता है. वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाता है.

– सैक्स करने से कई बीमारियों के दर्द से राहत मिल सकती हैं, जैसे गठिया, सिर दर्द इत्‍यादि में सैक्स के बाद कुछ राहत पा सकते हैं.

– सैक्स महिलाओं कैंसर, सिस्‍ट जैसी बीमारियों के भी खतरे को भी कम करता है.

– महिलाओं में सेक्स पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. संभोग के दौरान उनकी पेल्विक मांसपेशियों का व्यायाम होता है जिससे महिलाओं में यूरीन असंयम का जोखिम कम हो जाता है.

– बेहतर नींद के लिए सैक्स जरूरी है. संभोग के बाद, महिलाओं को बेहतर नींद आती है और स्वास्थ्य लाभ होता है.

डिजिटल सैक्स का फैला कारोबार

आजकल सबकुछ डिजिटल हो रहा है. स्कूलकालेज, औफिस, पुलिस स्टेशन, अदालत सबकुछ डिजिटल हो रहे हैं, ठीक इसी प्रकार संबंध भी डिजिटल हो रहे हैं. शादी ब्याह के न्योते हों या कोई अन्य खुशखबरी या फिर शोक समाचार सबकुछ ईमेल, व्हाट्सऐप, एसएमएस, ट्विटर या फेसबुक के जरिए दोस्तों और सगेसंबंधियों तक पहुंचाया जा रहा है. मिठाई का डब्बा या खुद कार्ड ले कर पहुंचने की परंपरा धीरेधीरे लुप्त हो रही है.

कुछ ऐसा ही प्रयोग युवकयुवतियों के संबंधों में भी हो रहा है. ऐसे युवकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो यौन सुख के लिए वास्तविक सैक्स संबंधों के बजाय डिजिटल सैक्स और औनलाइन पोर्नोग्राफी पर ज्यादा निर्भर हैं. ऐसे युवकों को वास्तविक दुनिया के बजाय आभासी दुनिया के सैक्स में ज्यादा आनंद आता है और ज्यादा आसानी महसूस होती है. इन्हें युवतियों को टैकल करना और उन से भावनात्मक व शारीरिक संबंधों का निर्वाह करना बेहद मुश्किल लगता है, इसलिए ये उन से कन्नी काटते हैं. पढ़ेलिखे और शहरी लोगों में डिजिटल सैक्स की आदत ज्यादा देखी जाती है. मनोवैज्ञानिक इन्हें ‘हौलो मैन’ यानी खोखला आदमी कहते हैं. ऐसे लोगों को वास्तविक यौन सुख या इमोशनल सपोर्ट तो मिल नहीं पाता नतीजतन ये ऐंग्जायटी और डिप्रैशन का शिकार होने लगते हैं और भावनात्मक रूप से टूट जाते हैं.

मुंबई की काउंसलर शेफाली, जो ‘टीन मैटर्स’ पुस्तक की लेखिका भी हैं, हफ्ते में कम से कम एक ऐसे युवक से जरूर मिलती हैं, जो पोर्न देखने का अभ्यस्त होता है और वास्तविक सैक्स से कतराता है. दरअसल, युवावस्था में लगभग हर युवक डिजिटल सैक्स का शौकीन होता है. कुछ युवक इस के इतने अभ्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें इस का नशा हो जाता है और वे सामाजिक जीवन से कतराने लगते हैं. उन्हें जो युवतियां मिलती भी हैं उन में वे आकर्षण नहीं ढूंढ़ पाते, क्योंकि उन की ब्रैस्ट या अन्य अंग पोर्न ऐक्ट्रैस जैसे नहीं होते. कई बार घर वालों के कहने या सामाजिक दबाव में आ कर ये शादी तो कर लेते हैं, लेकिन अपनी बीवी से इन की ज्यादा दिन तक पटरी नहीं बैठती, क्योंकि ये अपनी बीवी के साथ सैक्स संबंध बनाते वक्त उस से पोर्न जैसी ऊटपटांग हरकतें और वैसी ही सैक्सुअल पोजिशंस चाहते हैं. कोई भी बीवी यह सब कब तक बरदाश्त कर सकती है? नतीजतन या तो बीवी इन्हें छोड़ देती है या फिर ये खुद ही ऊब कर अलग हो जाते हैं.

व्यवहार विशेषज्ञों के मुताबिक इंटरनैट पर पोर्न साइट्स की बाढ़, थ्रीडी सैक्स गेम, कार्टून सैक्स गेम, वर्चुअल रिएलिटी सैक्स गेम और अन्य तरहतरह की पोर्न फिल्में जिन में एक युवती या युवक को 3-4 लोगों के साथ सैक्स संबंध बनाते हुए दिखाया जाता है, ने युवाओं के दिमाग को बुरी तरह डिस्टर्ब कर के रख दिया है. स्मार्टफोन पर आसानी से इन की उपलब्धता ने स्थिति ज्यादा बिगाड़ दी है. यह स्थिति सिर्फ भारत की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की है. ‘मेन (डिस) कनैक्टेड : हाउ टैक्नोलौजी हैज सबोटेज्ड व्हाट इट मीन्स टू बी मेल’ में मनोविज्ञानी फिलिप जिम्वार्डो ने लिखा है, ‘औनलाइन पोर्नोग्राफी और गेमिंग टैक्नोलौजी पौरुष को नष्ट कर रही है. अलगअलग देशों के 20 हजार से ज्यादा युवाओं पर किए गए सर्वे में हम ने पाया कि आसानी से उपलब्ध पोर्न से हर देश में पोर्न एडिक्टों की भरमार हो गई. यूथ्स को युवतियों के साथ यौन संबंध बनाने के बजाय पोर्न देखते हुए हस्तमैथुन करने में ज्यादा आनंद आता है.’

मेन (डिस) कनैक्टेड की सह लेखिका निकिता कूलोंबे कहती हैं, ‘इंटरनैट युवाओं को अंतहीन नौवेल्टी और वर्चुअल हरमखाने की सुविधा देता है. 10 मिनट में ये यूथ इतनी निर्वस्त्र और सैक्सरत युवतियों को देख लेते हैं, जितनी इन के पुरखों ने ताउम्र नहीं देखी होंगी.’

व्यवहार विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल युग में कई यूथ ऐसे मिलेंगे जो स्क्रीन पर चिपके रहेंगे और सोशल साइट्स पर तो युवतियों से खूब गुफ्तगू करेंगे, लेकिन वास्तविक दुनिया में उन्हें युवतियों के सामने जाने पर घबराहट होती है और ये अपनी भावनाएं उन के साथ शेयर करने का सही तरीका नहीं ढूंढ़ पाते.

ये युवा फेस टू फेस बात करने के बजाय फेसबुक, व्हाट्सऐप, टैक्स्ट मैसेज या मोबाइल फोन का सहारा लेते हैं. जाहिर सी बात है कि ये युवतियों के सामने नर्वस हो जाते हैं और उन से संबंध बनाने से कतराते हैं. पोर्न से उन्हें तत्काल आनंद और संतुष्टि मिलती है, जबकि वास्तविक दुनिया में सैक्स संबंध बनाने से पहले मित्रता, प्रेम, आत्मीयता या शादीविवाह जरूरी होता है.

डिजिटल सैक्स का यह एडिक्शन युवतियों की तुलना में युवकों को अधिक प्रभावित करता है. इस की वजह यह है कि इंटरनैट पोर्न में यौन संबंधों का आनंद उठाते हुए युवकों को ही अधिक दिखाया जाता है.

मनोवैज्ञानिक कहते हैं, ‘‘हमारे देश में सैक्स के बारे में बात करना एक प्रकार से गुनाह माना जाता है. ऐेसे में यूथ्स के लिए अपनी सैक्सुअल जिज्ञासाओं को शांत करने का सब से आसान जरिया इंटरनैट पोर्न ही है. इस का एक दुष्प्रभाव यह है कि ये युवक इन पोर्न क्लिपिंग्स या फिल्मों के जरिए सैक्स ज्ञान प्राप्त करने के बजाय मन में ऊटपटांग ग्रंथियां पाल लेते हैं.’’

पोर्न नायक के अतिरंजित मैथुन और उस के यौनांग के अटपटे साइज को ले कर ये युवा अपने मन में हीनभावना पाल लेते हैं और खुद को नाकाबिल या कमजोर मान कर युवतियों का सामना करने से कतराते हैं. ये युवक अपने छोटे लिंग और कथित शीघ्रपतन की समस्या को ले कर अकसर मनोवैज्ञानिक या सैक्स विशेषज्ञों के चक्कर काटते नजर आते हैं. कुछ युवा तो झोलाछाप डाक्टरों या तंत्रमंत्र के चंगुल में भी फंस जाते हैं.

‘इंडिया इन लव’ की लेखिका इरा त्रिवेदी के मुताबिक डिजिटल सैक्स के मकड़जाल में फंस कर कई यूथ्स तो अपनी बसीबसाई गृहस्थी को भी तबाह कर बैठते हैं. दरअसल, पोर्न फिल्मों में हिंसक यौन संबंध दिखाए जाते हैं, जिन में युवतियों को जानवरों की तरह ट्रीट किया जाता है और उन के चीखनेचिल्लाने के बावजूद उन के साथ जबरन सैक्स करते दिखाया जाता है.

हाल ही में कोलकाता में एक महिला ने तलाक की अपील करते हुए शिकायत की कि उस का पति पोर्न फिल्मों के ऐक्शन उस पर दोहराना चाहता है. अजीबोगरीब आसनों में सैक्स करना चाहता है, जिसे सहन करना उस के बस की बात नहीं. पति के साथ यौन संबंध बनाने में उसे न तो रोमांस का अनुभव होता है, न ही आनंद आता है बल्कि सैक्स संबंध उस के लिए टौर्चर बन चुके हैं.

कुछ हद तक डिजिटल सैक्स की इस आधुनिक बीमारी का शिकार कई महिलाएं बन चुकी हैं. गायनोकोलौजिस्ट बताती हैं कि उन के पास कुछ महिलाएं वैजाइनल ब्यूटीफिकेशन के उपाय पूछने भी आती हैं, तो कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो अपने पति से संतान तो चाहती हैं मगर सैक्स नहीं करना चाहतीं. संतान की उत्पत्ति के लिए वे कृत्रिम रूप से गर्भाधान करना चाहती हैं.

82 वर्षीय जिंबारडो कहते हैं कि युवाओं को डिजिटल सैक्स के इस मकड़जाल से निकालने के लिए वास्तविक दुनिया में इन्वौल्व होने के लिए प्रेरित करना पड़ेगा. उन्हें डिजिटल दुनिया से दूर रहने और अपने जैसे हाड़मांस के दूसरे लोगों से मिलनेजुलने और खासकर युवतियों से मिलनेजुलने के लिए प्रेरित करना पड़ेगा.

पोर्न फैक्ट, जो चौंकाते हैं

–  आमतौर पर हम पोर्न की खपत विदेश में ज्यादा मानते हैं, लेकिन 2014 में हुए एक औनलाइन सर्वे में ‘पोर्नहब’ ने पाया कि भारत पोर्न कंटैंट का सब से बड़ा उपभोक्ता है.

–  भारतीय डैस्कटौप के बजाय स्मार्टफोन पर पोर्न ज्यादा देखते हैं.

–  देशभर में आंध्र प्रदेश के लोग पोर्न हब पर सब से कम समय 6 मिनट 40 सैकंड बिताते हैं जबकि पश्चिम बंगाल में रोज 9 मिनट 5 सैकंड और असम में यह आंकड़ा 9 मिनट 55 सैकंड का है.

– सनी लियोनी अब तक की सब से फेवरिट पोर्न स्टार है.

– दुनिया के ज्यादातर देशों में पोर्न फिल्म सोमवार को देखी जाती है जबकि भारत में शनिवार को.

गुप्त रोग का इलाज कराएं, परम सैक्स को एंजौय करें

सैक्स का जिक्र आते ही युवा मन में एक विशेष प्रकार की सरसराहट होने लगती है. मन हसीन सपनों में खो जाता है, क्योंकि यह प्रक्रिया है 2 जवां दिलों के आपसी मिलन की. रमेश का विवाह नेहा से तय हो गया था. रमेश नेहा की खूबसूरती देख पहली ही नजर में उस का दीवाना हो गया था. नेहा को ले कर उस ने हसीन सपने बुन रखे थे. बस, इंतजार था शादी व मिलन की रात का. रमेश ने पहले कभी शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे, इसलिए उस के लिए तो यह नया अनुभव था. मिलन की रात जब रमेश ने नेहा को अपने आगोश में लिया तो उस का धैर्य जवाब देने लगा. उस ने जल्दी से नेहा के कपड़े उतारे और सैक्स को तत्पर हो गया, पर अभी वे एकदूसरे में समा भी न पाए थे कि वह शांत हो गया. नेहा अतृप्त रह गई. जिस आनंद के सपने उस ने संजो रखे थे सब धराशायी हो गए. रमेश अपने को बहुत लज्जित महसूस कर रहा था.

रमेश जैसी स्थिति किसी भी युवा के साथ आ सकती है. अकसर युवा इसे अपनी शारीरिक कमजोरी या गुप्त रोग मान लेते हैं और उन्हें लगता है कि वे कभी शारीरिक संबंध स्थापित नहीं कर पाएंगे.

बहुत से युवा अपने मन की बात किसी से संकोचवश कर नहीं पाते और हताशा का शिकार हो कर आत्महत्या तक कर लेते हैं. कुछ युवा नीमहकीमों के चक्कर में पड़ जाते हैं जो उन्हें पहले नामर्द ठहराते हैं और फिर शर्तिया इलाज की गारंटी दे कर लूटते हैं. युवाओं को समझना चाहिए कि ऐसी समस्या मानसिक स्थिति के कारण उत्पन्न होती है.

प्रसिद्ध स्किन व वीडी स्पैशलिस्ट डा. ए के श्रीवास्तव का कहना है कि ‘पहली रात में सैक्स न कर पाना एक आम समस्या है, क्योंकि युवाओं को सैक्स की जानकारी नहीं होती. वे सैक्स को भी अन्य कामों की तरह निबटाना चाहते हैं, जबकि सैक्स में धैर्य, संयम और आपसी मनुहार अत्यंत आवश्यक है.

डा. श्रीवास्तव कहते हैं कि सैक्स से पहले फोरप्ले जरूरी है, इस से रक्त संचार तेज होता है और पुरुष के अंग में पर्याप्त कसाव आता है. कसाव आने पर ही सैक्स क्रिया का आनंद आता है और वह पूर्ण होती है. इसलिए युवाओं को सैक्स को गुप्त रोग नहीं समझना चाहिए. यदि फिर भी कोई समस्या है तो स्किन व वीडी विशेषज्ञ की राय लें.

आइए, एक नजर डालते हैं कुछ खास यौन रोगों पर :

शीघ्रपतन

अकसर युवाओं में शीघ्रपतन की समस्या पाई जाती है. यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि दिमागी विकारों की वजह से ऐसा होता है. इस समस्या में युवा अपने पार्टनर को पूरी तरह से संतुष्ट करने से पहले ही स्खलित हो जाते हैं. यह बीमारी वैसे तो दिमागी नियंत्रण से ठीक हो जाती है, लेकिन अगर समस्या तब भी बनी रहे तो किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श ले कर इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है.

नपुंसकता

नपुंसकता एक जन्मजात बीमारी है. इस रोग से ग्रसित लोग स्त्री को शारीरिक सुख देने में सक्षम नहीं होते और न ही संतान पैदा कर पाते हैं. कुछ युवाओं में क्रोमोसोम्स की कमी भी नपुंसकता का कारण होती है. युवाओं को शादी से पहले पता ही नहीं चलता कि उन के क्रोमोसोम्स या तो सक्रिय नहीं हैं या उन में दोष है. कुछ युवा शुरू में नपुंसक नहीं होते पर अन्य शारीरिक विकारों की वजह से वे सैक्स क्रिया सही तरीके से नहीं कर पाते. इसलिए उन को नपुंसक की श्रेणी में रखा जाता है. आजकल तो इंपोटैंसी टैस्ट भी उपलब्ध हैं. अगर ऐसी कोई समस्या है तो इस टैस्ट को अवश्य कराएं.

पुरुष हारमोंस की कमी

पुरुषों में टैस्टेटोरोन नाम का हारमोन बनता है. यही हारमोन पुरुष होने का प्रमाण है. कभीकभी किन्हीं वजहों से टैस्टेटोरोन स्रावित होना बंद हो जाता है तो वह व्यक्ति गुप्त रोग का शिकार हो जाता है. 50 से 55 वर्ष की आयु के बाद इस हारमोन के बनने की गति धीमी पड़ जाती है इसलिए ऐसे व्यक्ति सैक्स क्रिया में जोश से वंचित रह जाते हैं.

सिफलिस

यह वाकई एक गुप्त रोग है जो किसी अनजान के साथ यौन संबंध बनाने से होता है. अकसर यह रोग सफाई न रखने या ऐसे पार्टनर से सैक्स संबंध कायम करने से होता है जो अलगअलग लोगों से सैक्स संबंध बनाता है.

इस रोग में यौनांग पर दाने निकल आते हैं. कभीकभी इन दानों से खून या मवाद का रिसाव तक होता रहता है. यदि आप के यौन अंग पर ऐसे दाने उभरते हैं तो तुरंत त्वचा व गुप्त रोग विशेषज्ञ से राय लें और इलाज कराएं. इस का इलाज संभव है.

जिस तरह पुरुषों में यौन या गुप्त रोग होते हैं, उसी तरह महिलाओं में भी गुप्त रोग हो सकते हैं. अकसर बहुत सी युवतियों की सैक्स में रुचि नहीं होती. सैक्स के नाम से वे घबरा जाती हैं ऐसी युवतियां या तो बचपन में किसी हादसे का शिकार हुई होती हैं या फिर किसी गुप्त रोग से पीडि़त होती हैं, यहां तक कि वे शादी करने तक से घबराती हैं.

महिलाओं के कुछ खास गुप्त रोग

बांझपन

युवतियों में 12-13 वर्ष की उम्र से माहवारी आनी शुरू हो जाती है. कभीकभी यह 1-2 साल आगेपीछे भी हो जाती है पर ऐसी भी युवतियां हैं जिन के माहवारी होती ही नहीं. ऐसी युवतियां बांझपन का शिकार हो जाती हैं. स्त्री बांझपन भी पुरुष नपुंसकता की तरह जन्मजात रोग है. बहुतों में अनेक शारीरिक व्याधियों के चलते भी हो जाती है लेकिन वह अस्थायी होती है और इलाज से ठीक भी हो जाता है. अगर किसी किशोरी को माहवारी की समस्या है तो उसे तुरंत किसी योग्य स्त्रीरोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए.

जननांगों में खुजली

जब से समाज में खुलापन आया है युवा मस्ती में कब हदें पार कर देते हैं पता ही नहीं चलता. चूंकि इन्हें जननांगों की साफसफाई कैसे रखी जाए, यह पता नहीं होता इसलिए ये खुजली जैसे यौन संक्रमणों का शिकार हो जाते हैं. यदि बौयफ्रैंड को कोई यौन संक्रमण है तो गर्लफ्रैंड को इस यौन संक्रमण से बचाया नहीं जा सकता. अत: दोनों को ही शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने यौनांगों की अच्छी तरह सफाई कर लेनी चाहिए.

एंड्रोजन हारमोन का अभाव

जिस तरह पुरुषों में पुरुष हारमोन टैस्टेटोरोन होता है, उसी तरह युवतियों में एंड्रोजन हारमोन होता है. जिन युवतियों में इस हारमोन की कमी होती है, उन में सैक्स के प्रति उत्साह कम देखा गया है, क्योंकि यही हारमोन सैक्स क्रिया को भड़काता है. यदि कोई युवती एंड्रोजन हारमोन की कमी का शिकार है तो उसे तुरंत गाइनोकोलौजिस्ट से राय लेनी चाहिए. यह कोई लाइलाज रोग नहीं है.

लिकोरिया

लिकोरिया गंदगी की वजह से होने वाला एक महिला गुप्त रोग है. इस रोग में योनि से सफेद बदबूदार पानी का स्राव होता रहता है, जिस से शरीर में कैल्शियम व आयरन की कमी हो जाती है. इस रोग से बचने के लिए युवतियों को अपने गुप्तांगों की नियमित सफाई रखनी चाहिए और किसी दूसरी युवती के अंदरूनी वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. लिकोरिया की शिकार युवतियों को तुरंत लेडी डाक्टर से सलाह लेना चाहिए, वरना यह रोग बढ़ कर बेकाबू हो सकता है.

सैक्स में भ्रांतियां न पालें

सैक्स की अज्ञानता की वजह से अकसर युवकयुवतियां सैक्स को ले कर तरहतरह की भ्रांतियां पाल लेते हैं.

हस्तमैथुन

यह एक स्वाभाविक क्रिया है. अकसर युवकों को हस्तमैथुन की आदत पड़ जाती है. ज्यादा हस्तमैथुन करने वाले युवकों को लगता है कि उन का अंग छोटा या टेढ़ा हो गया है और वे विवाह के बाद अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने में कामयाब नहीं होंगे. कई नीमहकीम भी युवकों को डरा देते हैं कि हस्तमैथुन से अंग की नसें कमजोर पड़ जाती हैं और वे अपनी पत्नी को खुश नहीं रख सकेंगे, पर वास्तव में ऐसा नहीं है. हस्तमैथुन शरीर की आवश्यकता है. शरीर में वीर्य बनने पर उस का बाहर आना भी जरूरी है. इस में किसी प्रकार की कोई बुराईर् नहीं है. युवक ही नहीं युवतियां भी हस्तमैथुन करती हैं. डाक्टरों का भी मत है कि हस्तमैथुन का कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता.

ज्यादा सैक्स सेहत के लिए हानिकारक

अकसर लोगों को यह कहते सुना जाता है कि ज्यादा सैक्स सेहत के लिए हानिकारक है पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है. बल्कि सैक्स से महरूम रहना सेहत पर असर डालता है. सैक्स से मानसिक थकावट कम होती है, चित्त प्रफुल्लित रहता है जो सेहत के लिए अत्यंत जरूरी है.

पूरे दिन में ये है सेक्स के लिये सबसे बेहतर समय

सेक्स के लिये दोपहर तीन बजे का समय सबसे बेहतर माना जाता है लेकिन ये बात अलग है कि उस समय ज्यादातर लोग औफिस में होते हैं.

हार्मोन विशेषज्ञ एलिसा विटी के अनुसार ये वो समय होता है जब पुरुष और महिला की सेक्स की इच्छा बराबर की होती है. दोपहर को महिला का हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है जिससे वह अधिक ऊर्जावान हो जाती है. इसी समय पुरुष का भी एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ा रहता है जिसकी वजह से सेक्स के दौरान दोनों भावनात्मक रुप से एक दूसरे के और करीब आ जाते हैं.

एलिसा का कहना है कि दोपहर के समय सेक्स करने से सबसे ज्यादा संतुष्टि मिलती है. इस समय जहां महिला को जहां पुरुष से भावनात्मक लगाव मिलता है वही सेक्स का परम आनंद भी प्राप्त होता है.

एलिसा के अनुसार सोते समय पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन बनता है जो उत्तेजना के बेहद जरुरी हार्मोन होता है. इसका स्तर बहुत सुबह या कुछ देर बाद चरम पर पहुंच जाता है, इसलिये ये समय सेक्स के लिये बेहतर होता है. इस समय सेक्स करने करने के लिये पहल करने की पुरुषों की ज्यादा दिलचस्पी रहती है और वे बेहतर तरीके से सेक्स करते हैं.

लेकिन पुरुषों के लिये सेक्स करने का दोपहर का भी समय बोहतर होता है क्योंकि जहां उनका टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है वहीं एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है.

एलिसा का ये भी कहना है कि अंडोत्सर्ग (ovulation) के दस दिन के बाद का समय सेक्स के लिये बहुत अच्छा होता है, क्योंकि इस समय महिला का एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे सेक्स की तीव्र इच्छा पैदा होती है.

इसके पहले के शोध में कहा गया है कि सुबह सेक्स के लिये सबसे अच्छा समय होता है क्योंकि उस समय पुरुष और महिला एकदम तरोताज़ा रहते हैं.

पति के एक रिश्तेदार अजीब नजरों से मुझे देखते हैं और छूने की भी कोशिश हैं, मैं क्या करूं?

सवाल
मेरे पति के एक दूर के रिश्तेदार का हमारे घर में काफी आनाजाना है. वे मेरे पति के काफी करीब हैं. और वक्तबेवक्त कभी भी आ धमकते हैं. कई बार मुझे उन का रवैया सही नहीं लगता. वे कुछ अजीब नजरों से मेरी तरफ देखते हैं और कई दफा जबरन मुझे स्पर्श करने का प्रयास भी करते हैं. मैं पति से कुछ कह नहीं पाती यह सोच कर कि पता नहीं वे क्या सोचेंगे. 1-2 बार तो ऐसा मौका भी आया जब वे उस वक्त आ पहुंचे जब पति औफिस में और ससुरजी बाहर होते हैं, मैं घर में अकेली होती हूं. मुझे बहुत डर लगता है.

जवाब
डरने या घबराने की कोई बात नहीं है. आप को सब से पहले अपने पति से ये सारी बातें शेयर करनी चाहिए. पति से कहें कि वे उस रिश्तेदार को ताकीद कर दें कि फोन करने के बाद ही वे आप के घर आया करें. पति घर में न हों तो आप स्वयं कोई बहाना बना कर उन्हें दरवाजे से ही वापस भेज सकती हैं. उस रिश्तेदार से किसी भी तरह दूरी बढ़ा लें ताकि वह अकसर आ कर आप को परेशान न करे. सिर्फ पति से ही नहीं, अपने ससुर से भी इस बारे में चर्चा जरूर करें.

मेरी शादी मेरे बौयफ्रेंड से नहीं हो पाई और वह अब भी मेरे पीछे पड़ा है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं जिस लड़के से प्यार करती थी, उस से मेरी शादी नहीं हो पाई. हम दोनों की अलग अलग शादी हो गईं. लेकिन वह अब भी मेरे पीछे पड़ा रहता है और न मिलने पर जान देने की धमकी देता है. क्या करूं?

जवाब
अगर उसे आप से बहुत प्यार था, तो हर हालत में उसे आप से ही शादी करनी चाहिए थी. अब चूंकि ऐसा नहीं हुआ, तो आप उसे भूल कर पूरी तरह पति का ही खयाल रखें. वह जान कतई नहीं देगा. अलबत्ता, उस के चक्कर में आप अपने पति का यकीन खो सकती हैं.

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सुरक्षित सेक्स के इन खतरों के बारे में भी जानिए

हम सभी की तरह मार्केटिंग प्रोफेशनल प्रिया चौहान को भी पूरा भरोसा था कि कंडोम का इस्तेमाल उन्हें हर तरह की सेक्स से फैलनेवाली बीमारियों (एसटीडीज) से महफूज रखेगा. आखिरकार इस बात को लगभग सभी स्वीकार करने लगे हैं. वे तब अचरज से भर गईं, जब उन्हें वेजाइनल हिस्से में लालिमा और जलन की वजह से त्वचा विशेषज्ञ के पास जाना पड़ा.

‘‘डौक्टर ने मुझे बताया कि मुझे सिफलिस का संक्रमण हुआ है, जो एक तरह की एसटीडी है,’’ गायत्री बताती हैं. ‘‘मुझे लगता था कि कंडोम मुझे इस तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है और जलन की वजह के बारे में मैं सोचती थी कि शायद मैं पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रही हूं.’’

ये चुंबन से भी हो सकता है

गायत्री और उनके बौयफ्रेंड को कुछ ब्लड टेस्ट कराने कहा गया और ऐंटीबायोटिक्स दिए गए, ताकि सिफलिस के वायरस को फैलने से रोका जा सके. ये वो सबसे आम एसटीडी है, जिसे रोकने में कंडोम सक्षम नहीं है.

सेक्सोलौजिस्ट डा. राजीव आनंद, जो कई जोड़ों को कंडोम और एसटीडीज से जुड़े इस मिथक की सच्चाई बता चुके हैं, कहते हैं कि अधिकतर लोग कंडोम को एसटीडीज से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका मानते हैं, लेकिन कुछ इन्फेक्शंस ऐसे हैं, जो ओरल सेक्स या चुंबन के जरिए भी फैल सकते हैं.

‘‘ये भ्रांति शायद इसलिए है कि एड्स से जुड़ी जानकारी के केंद्र में कंडोम ही है. हालांकि यह एड्स की रोकथाम में कारगर है, लेकिन यह कुछ एसटीडीज की रोकथाम में कारगर नहीं है,’’

वे कहते हैं. ‘‘कंडोम प्रेगनेंसी और कुछ एसटीडीज से बचाव करता है, लेकिन हरपीज वायरस के इन्फ़ेक्शन से बचाने में यह कारगर नहीं है. यह एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) और कुछ फंगल इन्फ़ेक्शंस, जो त्वचा के उन हिस्सों के संपर्क के कारण फैलते हैं, जो कंडोम से नहीं ढंके हैं, से भी बचाव नहीं कर पाता.’’

कंडोम के इस्तेमाल से शारीरिक स्राव का विनिमय तो रुक जाता है, लेकिन हरपीज, एचपीवी और गोनोरिया आदि होने की संभावना बनी रहती है.

इस खतरे को कम करें

अपने साथी को अच्छी तरह जानना तो जरूरी है ही, पर ऐसे लोगों की संख्या को सीमित रखें, जिनसे आप सेक्शुअल संबंध रखती हैं, ताकि आप एसटीडीज के खतरे से बच सकें. यदि आप किसी नए साथी के साथ संबंध बना रही हैं तो उसका चेकअप जरूर कराएं.

‘‘यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने साथी से चेकअप कराने को कहें और उसकी रिपोर्ट्स देखें. मुझे पता है कि ये थोड़ा अटपटा लगेगा, लेकिन हमें समय के साथ चलना होगा,’’ कहती हैं रश्मि बंसल, जो दो वर्षों तक लिव-इन रिश्तों में थीं. ‘‘यदि वह आपको सच में पसंद करता है तो ऐसा करने में उसे कोई समस्या नहीं होगी.’’ इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और एचपीवी के लिए वैक्सीन लेना भी अच्छा रहता है.

इस तरह करें सुहागरात की तैयारी, बनी रहेगी प्यार की खुमारी

जीवन के कुछ बेहद रंगीन पलों, जिन की कल्पना मात्र से धड़कनें तेज हो जाती हैं और माहौल में रोमानियत छा जाती है, में से एक है शादी की पहली रात यानी मिलन की वह रात जब दो धड़कते जवां दिल तनमन से मिलन को तैयार होते हैं.

चाहे किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति क्यों न हो? वह अपनी पहली रात की यादों की खुशबू को हमेशा अपने जेहन में बसाए रखना चाहता है. मिलन की यह रात एक प्रेम, रोमांस और रोमांच तो पैदा करती ही है साथ ही अगर सावधानीपूर्वक इस के आगमन की तैयारी न की जाए तो यह पूरे जीवन के लिए टीस बन कर रह जाती है. जीवन की इस खास रात को यादगार बनाने के लिए अगर थोड़ा ध्यान दिया जाए तो बेशक यह रात हमेशाहमेशा के लिए खास बन जाएगी.

घूंघट में लिपटी, फूलों की सेज पर बैठी दुलहन के पारंपरिक कौंसैप्ट से अलग बदलाव आने लगे हैं. अब तो युवा शादी तय होते ही बाकायदा इसे सैलिब्रेट करने की योजना में विवाह से पहले ही जुट जाते हैं.

रोमानियत और रोमांच की इस रात को अगर थोड़ी तैयारी और सावधानी के साथ मनाया जाए तो जिंदगी फूलों की तरह महक उठती है वरना कागज के फूल सी बिना खुशबू हो जाती है. दो लफ्जों की यह कहानी ताउम्र प्यार की सुरीली धुन बन जाए इस के लिए कुछ बातों का जरूर खयाल रखें.

मुंह की दुर्गंध करें काबू : यह समस्या किसी को भी हो सकती है. मुंह से दुर्गंध आना एक आम समस्या है पर यही समस्या मिलन की रात आप के पार्टनर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. चूंकि नवविवाहितों को इस खास रात बेहद करीब आने का अवसर मिलता है. ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही आप के पार्टनर के मन में आप के लिए खिन्नता व दूरी पैदा कर सकती है. इसलिए बेहतर है कि अगर आप के मुंह से दुर्गंध आती है तो पहले ही इस का बेहतर इलाज करा लें या फिर इसे दूर करने के लिए मैंथौल, पीपरमैंट या फिर सुगंधित पानसुपारी आदि लें. आप बेहतर क्वालिटी के माउथ फ्रैशनर का भी प्रयोग कर सकते हैं.

सैंट का प्रयोग करें : कहते हैं शरीर की सुगंध सामने वाले को सब से ज्यादा प्रभावित करती है. पसीने के रूप में शरीर से निकलने वाली दुर्गंध आप की छवि खराब कर सकती है. मिलन की रात ज्यादातर लोग इसे ले कर गंभीर नहीं होते जबकि यह सब से अहम है.

आप के तन की खुशबू सीधे आप के पार्टनर के मन पर प्रभाव डालती है जिस से मिलन का मजा दोगुना हो जाता है. शारीरिक दुर्गंध कोई बड़ी समस्या नहीं है. आजकल बाजार में आप की पसंद और चौइस के अनुसार ढेरों फ्लेवर व विभिन्न ब्रैंड्स के डिओ उपलब्ध हैं.

‘आप चाहें तो अपने पार्टनर की पसंद पूछ कर उसी ब्रैंड का डिओ, सैंट, स्पे्र आदि इस्तेमाल कर सकते हैं. इस के दो फायदे हैं एक तो आप की सकारात्मक इमेज बनेगी दूसरे पसीने की दुर्गंध से बचेंगे, जिस से आप की पार्टनर आप से खुश भी हो जाएगी.

अनचाहे बालों से मुक्ति : कई बार अनाड़ीपन में पहली रात का मजा किरकिरा हो जाता है. लापरवाही और बेफिक्री आप को इम्बैरेंस फील करा सकती है. बोयोलौजिकली हमारे शरीर के हर हिस्से में बाल होते हैं जिन में गुप्तांगों के बाल भी शामिल हैं. मिलन की रात से पहले ही अपने शरीर के इन अंगों के बालों को अवश्य हटा लें. यह न केवल हाइजिनिक दृष्टि से जरूरी है बल्कि यह कम्फर्टेबिलिटी का पैमाना भी है. बाजार में कई तरह के हेयर रिमूवर व क्लीनर मिलते हैं, जिन से आसानी से इन बालों को रिमूव किया जा सकता है. अगर इम्बैरेंस होने से बचना है तो इस बात का खयाल अवश्य रखें.

मासिक धर्म न आए आड़े : कई बार ऐसा होता है कि मिलन की रात वाले दिन ही मासिक धर्म एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ कर आप के हसीन सपनों पर पानी फेर देता है. इस रात मासिक धर्म आप के मिलन पर भारी न पड़े, इस के लिए जरूरी है कि अगर आप के मासिक धर्म की तिथि इस दौरान है तो पहले ही डाक्टर से मिल कर इस का समाधान कर लें. माहवारी ऐक्सटैंड या डिले करने वाली दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं. डाक्टर की सलाह से उन का उपयोग करें.

कुछ यों करें साथी को तैयार

–       कई बार मिलन की हड़बड़ी में पार्टनर की भावनाओं की परवा किए बगैर युवा गलती कर बैठते हैं. इसलिए जब तक साथी मिलन के लिए पूरी तरह तैयार न हो उस पर बिलकुल दबाव न डालें.

–       बेसब्र होने के बजाय धीरज से पार्टनर के पास जाएं. बातचीत करें. उस के शौक, चाहत, लक्ष्य आदि के बारे में बात करें.

–       अगर पार्टनर अपने अतीत के बारे में स्वयं कुछ बताना चाहे तो ठीक अन्यथा कुरेदकुरेद कर उस के अतीत को जानने का प्रयत्न न करें.

–       पार्टनर के हावभाव, तेवर व आंखों की भाषा पढ़ने की कोशिश करें, उसे जो पसंद हो, वही करें. अपनी चौइस उस पर न थोपें.

–       आप की पार्टनर अपने घर को अलविदा कह कर आप के घर में  सदा के लिए आ गई है, ऐसे में जल्दबाजी में संबंध बनाने के बजाय उस का विश्वास जीतने की कोशिश करें व सामीप्य बढ़ाएं.

– संभव हो तो अपने परिवार के सदस्यों के बारे में उस की पसंदनापसंद, स्वभाव, प्रवृत्ति तथा घर के तौरतरीकों के बारे में हलकीफुलकी बातें कर सकते हैं.

–       पार्टनर की कमियां निकालने के बजाय उस की खूबियों की चर्चा करें, फिर देखिए मिलन की रात कैसे सुपर रात बनती है. –

इन बातों का भी रखें ध्यान 

–  अपने बैडरूम का दरवाजाखिड़की अच्छी तरह बंद करें. उन्हें खुला बिलकुल न छोड़ें.

– ड्रिंक न करें, जरूरी हो तो ओवरडोज से बचें. नशा सारी खुमारी पर पानी फेर सकता है.

– कमरे में तेज रोशनी न करें. हलके गुलाबी या रैड लाइट वाले जीरो वाट के बल्ब का इस्तेमाल करें.

– पार्टनर के साथ जोरजबरदस्ती बिलकुल न करें. उसे प्यार से तैयार करें. पहले बातचीत से नजदीक आएं फिर मिलन के लिए आलिंगनबद्ध करें व बांहों के आगोश में समा जाएं.

– भारीभरकम वैडिंग गाउन, लहंगे, साड़ी पहनने से बचें. हलकेफुलके नाइट गाउन को तरजीह दें. सैक्सी अंत:वस्त्र ऐसे में माहौल को रोमानियत प्रदान करते हैं.

–  रूम फ्रैशनर का प्रयोग करें पर जरूरत से ज्यादा नहीं. हो सकता है आप के पार्टनर को इस से ऐलर्जी की समस्या हो.

–  बैड की पोजिशन जरूर चैक करें. ज्यादा आवाज करने वाले बैड आप को इम्बैरेंस कर सकते हैं.

सेक्स से जुड़ी बीती बातें पार्टनर को बताने से पहले पढ़ें ये खबर

क्या आपके पार्टनर को पता है कि आप आखिरी बार किसके साथ हमबिस्तर हुईं थीं? इससे भी प्रासंगिक सवाल यह है कि क्या उन्हें यह जानने की जरूरत है? ये दो महत्वपूर्ण सवाल हैं, जिनको लेकर महिलाओं (और पुरुष) के मन में अपने वर्तमान पार्टनर के साथ एक अच्छा सेहतमंद भावनात्मक और सेक्शुअल रिश्ता बनाए रखने के लिए खींचतान लगी रहती है.

क्या आपको अपने पार्टनर से सच्ची बातचीत के लिए अपने अतीत की सारी बातें उनके सामने खोलकर रख देनी चाहिए? या फिर अपने रिश्ते को खुशहाल बनाए रखने के लिए चुनकर बातें बतानी चाहिए? हमने काउंसलर्स और थेरैपिस्ट्स से बात की, ताकि आप दोनों स्थितियों में से चुनाव कर सकें.

शुरू से सच्ची रहें

रीमा शाह, क्लीनिकल साइकोलौजिस्ट, पुणे, कहती हैं,“शुरू से ही सच्चे रहना सबसे उपयुक्त है. आपका अतीत आपका हिस्सा है और उसके बारे में शर्मिंदा होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. यदि आपके पार्टनर को आपके अतीत से परेशानी है तो कम से कम आप शुरू से ही सबकुछ सोच-समझकर फैसला ले सकती हैं.”

जरूरत हो तभी कहें

डॉ मोहित शाह, कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट और साइकोथेरैपिस्ट, अनलिमिटेड पोटेंशियलिटीज, मुंबई, सचेत करते हैं,“आपको अपनी सेक्शुअल हिस्ट्री तभी शेयर करनी चाहिए, जब आपका पार्टनर सुनना चाहता हो. और अपनी बातें संक्षिप्त ही रखें. ‘अद्भुत’ या ‘लाजवाब’ जैसे शब्दों का प्रयोग न करें और अपनी अतीत की सेक्शुअल परफौमसेंस को लेकर शेखी न बघारें.”

कुछ बातों के लिए कहें ‘ना’

वहीं दूसरी ओर मुंबई की सीनियर कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट और थेरैपिस्ट, माइंडफ्रेम्स की डॉ शेफाली बत्रा का कहना है,“किसी भी रिश्ते के लिए संवाद बेहद अहम होता है; यह सलाह देना कि पार्टनर्स एक-दूसरे से चीजें छिपाएं, बिल्कुल गलत होगा, लेकिन बात जब सेक्शुअल हिस्ट्री की हो तो कुछ बातें हैं, जिन्हें न कहना ही बेहतर होगा. क्योंकि इससे आपको कोई फायदा नहीं होता. इसका मतलब यह नहीं कि आप झूठ कहें. पर अपने सेक्शुअल अतीत का पूरा बायो डेटा खोलकर रख देना भी कोई विकल्प नहीं है.”

पार्टनर और दोस्त में अंतर होता है

डॉ बत्रा इस ओर इशारा करते हुए कहती हैं कि अपने पार्टनर के साथ अपनी सेक्शुअल उपलब्धियों के बारे में बात करना, दोस्तों के सामने अपनी जीत का परचम लहराने से बिल्कुल अलग है. “दोस्तों के बीच आप अपने पूर्व प्रेमियों, सेक्शुअल पोजिशन्स इत्यादि के बारे में बातचीत कर सकती हैं, लेकिन कपल्स में यह पूरी तरह से आप दोनों के संवेदनशीलता और परिपक्वता पर निर्भर करता है. और यहां तक कि जो जोड़े बहुत करीब होते हैं, उनमें भी जलन की भावना होती है. इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ता कि आप कितनी खुली सोच रखती हैं, असल में तो आप इंसान ही हैं और जलन महसूस करना स्वाभाविक है.

अतीत के सेक्शुअल अनुभवों की बातें करना आपके रिश्ते के बीच शक और द्वेष के बीज बोएगा. इसके अलावा, परिपक्व जोड़ों को इस तरह के सवाल पूछने ही नहीं चाहिए, क्योंकि कौन अतीत में रहना पसंद करेगा?” पूछती हैं डॉ बत्रा. “यह बिल्कुल निरर्थक बातचीत है, जो आपके रिश्ते को नुक़सान पहुंचा सकती है. यह तो ऐसा हुआ कि आप अपने पार्टनर से कह रही हों कि आपके भूतपूर्व प्रेमी का पीनिस उनके से बड़ा था-अब जब भी आप दोनों सेक्स करेंगे, तब उनके दिमाग में यह बात गूंजेगी कि उनका पीनिस उतना बड़ा नहीं कि वे आपको संतुष्ट कर सकें,” वे आगे जोड़ती हैं.

लेकिन यदि शेयर करना ही पड़े तो…

और हो सकता है कि जिज्ञासा हमारे कमजोर मानवीय दिमाग पर हावी हो जाए. अतः यदि आपको लगता है कि आप या आपके पार्टनर अपनी सेक्शुअल हिस्ट्री एक-दूसरे से बांटना चाहते हैं तो काउंसलर्स का कहना है कि आपको पहले खुद सचेत होना होगा. खुद से पूछें कि क्या आप तैयार हैं अपने पार्टनर द्वारा साझा की गई बातों को सुनने के लिए या क्या वे आपकी बातें सुन पाएंगे? डॉ बत्रा कहती हैं,“मैं सेक्शुअल हिस्ट्री को एक हौरर फिल्म मानती हूं-आपको लगता है कि आप इसे झेल सकती हैं, लेकिन बाद में रातों की नींद उड़ जाती है. और वह भी किसी अच्छी वजह से नहीं.”

सीधा और स्पष्ट

सीधे दो टूक बात करने में विश्वास रखती हैं तो इन नियमों का पालन करें:

  • याद रखें कि आप अपने अतीत की सेक्शुअल बातें अस्पष्ट तौर पर ग़ुस्से में सज़ा देने के लिए न कह रही हों. इस तरह की मानसिक लड़ाई आपके रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती है.
  • यदि वे आपके खट्टे-मीठे सेक्शुअल अनुभवों के बारे में पूछ रहे हों तो इसके पीछे की उनकी भावना को समझें. आपको लगता है कि इससे समस्याएं बढ़ जाएंगी तो महत्वपूर्ण पहलुओं को शेयर करने से इनकार कर दें. जरूरत हो तो थेरैपिस्ट की मदद लें.
  • यदि आप दोनों की सहमति से यह निर्णय लिया गया है तो इसके लिए सही समय चुनें. रात के डिनर के वक्त इस पर बात करें, ताकि आपके पास पूरी प्राइवसी हो.
  • पहले से सीमाएं तय कर लें, ताकि आप जिन बातों को शेयर करने में सहज हैं, केवल वही बातें करें.
  • याद रखें कि आप दोनों एक-दूसरे को कठोरता से जज न करें. एक-दूसरे को अपने अतीत में प्रवेश करने का मौका दें और अच्छे भविष्य की ओर आगे बढ़ें.

मेरे जीजाजी मुझसे काफी स्नेह करते हैं पर मेरे पति उन्हें पसंद नहीं करते, पति को कैसे समझाऊं?

सवाल
मेरी शादी को 1 साल हुआ है. यों तो पति और ससुराल वाले सब अच्छे हैं, पर पति को मेरा मायके जाना पसंद नहीं है. दरअसल, हमारा कोई भाई नहीं है. इसीलिए मेरी बड़ी बहन सपरिवार मम्मी पापा के पास रहती है. बहन मुझ से 10 साल बड़ी है. मेरे जीजा जी बिलकुल बड़े भाई की तरह मुझ से स्नेह करते हैं पर मेरे पति उन्हें पसंद नहीं करते. मुंह से कुछ नहीं कहते पर उन का चेहरा सब बयां कर जाता है. पति को कैसे समझाऊं?

जवाब
आप की शादी को थोड़ा ही वक्त बीता है, अभी आप को अपने पति को समय देना चाहिए. यदि आप के पति नहीं चाहते कि आप मायके ज्यादा जाएं या अपने बहनोई से खुल कर बात करें. तो आप उन्हें शिकायत का मौका न दें. हो सकता है कि समय के साथ उन का व्यवहार बदल जाए और उन्हें रिश्तों की अहमियत समझ आने लगे.

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