कंगना रनौत कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो ‘Lock Upp’ को दर्शकों का काफी प्यार मिल रहा है. एकता कपूर द्वारा निर्मित इस शो में 16 इंटरस्टिंग सेलेब्स हैं. पहले हफ्ते में मिले शो को जबरदस्त व्यूज बता रहे हैं कि शो के हिट होने के पूरे-पूरे चांस है.
‘Lock Upp’ में कैदी बने कंटेस्टेंट्स अपनी राय और व्यूज को खुलकर रखते हैं. लड़ाई और झगड़ों के साथ कंटेस्टेंट्स एक दूसरे के साथ अपनी पर्सनल लाइफ और अपने दिल का बातों को अब करने लगे हैं. हाल ही में ‘एमटीवी स्प्लिस्टविला’ के रनरअप रहे शिवम शर्मा ने एक्ट्रेस सारा खान से अपने प्यार की इजहार किया, जिसके बाद सारा ने जो कहा वो सुन एक्टर का दिल टूट गया और वह फूट-फूटकर रोने लगे.
ये सारा किस्सा तब शुरू हुआ जब सारा ने सुबह-सुबह कागज के टुकड़ों से बने दिल को देखा और शिवम की भावनाओं का मजाक उड़ाया. सारा ने सीधे शिवम से कह दिया कि वह एक्टिंग कर रहा है, क्योंकि 2-3 दिन में किसी को प्यार नहीं होता. सारा की ये बात शिवम को अच्छी नहीं लगी और वह भावुक हो गए और रोने लगे. शिवम को रोता देख करणवीर बोहरा उनके पास पहुंचे और उन्हें समझाने की कोशिश की.
शिवम ने करणवीर से कहा, सारा को लग रहा है कि मैं एक बच्चा हूँ और एक्टिंग कर रहा हूँ ,उसने मेरे प्यार को एक्टिंग बताया मैं हूं एक्सप्रेसिव तो हूं’.
हालाँकि करण ने शिवम् को समझाते हुआ कहते हैं कि सारा को ऐसा ही लगा, तो शिवम ने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘वह कैसे सोच सकती है कि मैं शो के लिए एक प्रेम कहानी बना रहा हूं.’
फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ से फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने वाले तुषार कपूर की पहली फिल्म काफी सफल रही. इसके बाद उन्होंने कई फिल्में की, जो असफल साबित हुई. करीब दो वर्षों तक उन्हें असफलता मिलती रही, लेकिन फिल्म ‘खाकी’ से उनका करियर ग्राफ फिर चढ़ा और उन्होंने कई सफल फिल्में जैसे, ‘क्या कूल है हम’, ‘गोलमाल’, ‘शूट आउट एट लोखंडवाला’ आदि की. उनका मानना है कि उन्होंने हमेशा अलग-अलग फिल्मों में अभिनय करने की कोशिश की, जिसमें कुछ सफल तो कुछ असफल रही. इस जर्नी को वे एन्जौय करते है. उन्हें अभिनय में किसी भी चुनौती से डर नहीं लगता. शांत और हंसमुख स्वभाव के तुषार कपूर सिंगल फादर भी है. उनकी वेब सीरीज ‘बू..सबकी फटेगी’ रिलीज पर है. उनसे मिलकर हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने पेश हैं.
प्र. इसमेंकामकरनेकीख़ासवजहक्याहै?
वेब वर्ल्ड के लिए ये कौन्सेप्ट बहुत नया है क्योंकि आजकल वेब सीरीज में डार्क सीरिस, वायलेंस, रियलिज्म, क्राइम ,एक्शन आदि कहानियां दिखाई जा रही है. सभी लोग एक ही दिशा में कहानी बनाने की कोशिश कर रहे है. लोगों को मनोरंजन और तनाव मुक्त कहानियां देखने की इच्छा होती है और वे तो आती ही नहीं जिसे अधिक से अधिक लोग देख सकें. ऐसे में मेरे लिए ये अच्छी बात है कि मुझे कौमेडी में लोग पसंद करते है और मुझे वैसी ही कौमेडी करने का मौका मिल रहा है. उम्मीद है कि नए दर्शक इससे जुड़ सकेंगे.
सभी के लिए ये दायित्व है कि सेंसरशिप न होने के बावजूद वे इसका ध्यान रखें, ताकि पूरा परिवार देख सके और इसका फायदा इसे बनाने वाले सभी को होगा. क्रिएटिव फ्रीडम को किसी भी गलत तरीके से पेश करने की जरुरत नहीं. हां इतना जरुर है जहां जिसे दिखाने की जरुरत है उसे अवश्य दिखाना चाहिए नहीं तो कहानी का फ्लेवर नष्ट हो जाएगा.
औफकोर्स नहीं हुआ है. मैंने दूसरी तरह की फिल्में भी की है लेकिन लोग उसे भूल जाते है. असल में गोलमाल की सीरीज का प्रभाव बहुत लम्बे समय तक दर्शकों पर रहा है. देखा जाए तो मैंने नौन कौमेडी फिल्में कौमेडी फिल्मों से अधिक की है.
प्र. क्याआपटाइपकास्टकेशिकारहुए?
मैं टाइपकास्ट का शिकार हुआ हूं क्योंकि जब आप किसी एक भूमिका में काम कर सफल होते हैं तो लोग आप पर पैसा लगाने से कतराते नहीं. ऐसा सभी कलाकारों के साथ होता है लेकिन अपनी संतुष्टि के लिए अलग-अलग भूमिका निभानी पड़ती हैं. ये जरुरी भी है क्योंकि लोग अलग भूमिका में देखकर अचंभित हो जाते है. कमर्शयली भी इसके फायदे होते है.
मैंने सही समय में ये निर्णय लिया और सिंगल पिता बना. मेरे लाइफ में एक बदलाव की जरुरत थी जिसे मैंने किया. सभी माता-पिता के लिए लाइफ पार्टनर से अधिक कीमती उसके बच्चे होते है. अगर मुझे दूसरा बच्चा भी मिलता है,फिर भी लक्ष्य मेरे लिए पूरी जिंदगी लक्ष्य ही रहेगा.
आज पिता पुत्र के सम्बन्ध में काफी बदलाव आया है. पहले पिता खाने को बेटे के पास टेबल तक पहुंचाता था, पर आज के पिता उसके खान-पान से लेकर खेलकूद, कहानियां हर चीज में उसके साथ भागीदार बनते है. तब मां की जिम्मेदारी अधिक होती थी.
एडौप्शन को सख्त बनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखना है, क्योंकि कई ऐसी घटनाएं है जहां बच्चे को अडौप्ट करने के कुछ दिनों बाद गलत व्यवहार लोग करते है इसलिए ऐसा कठिन कानून है. बच्चे के साथ किसी के प्रकार का सम्बन्ध को जोड़ने के लिए उसके बायोलौजिकल माता-पिता का होना जरुरी नहीं.
प्र. लक्ष्यकेलिएआपकीसोचक्याहै?
मैं अपने बच्चे की प्रतिभा के आधार पर आगे बढ़ने में विश्वास रखता हूं. केवल अधिक नंबर लाना मेरे लिए जरुरी नहीं. अगर उसे अभिनय की इच्छा मन से है तो मैं उसमें भी सपोर्ट करूंगा.
वह बहुत ही अच्छी बहन है. अभी तो वह मुझसे अधिक मेरे बेटे को पसंद करती है और उसे ही इस परिवार का पहला बच्चा मानती है. वह एक इमोशनल लड़की है. उसे मैं बहुत सराहता हूं.
प्र. कोईसोशलवर्कजिसेआपकरनाचाहे?
मैं जानवरों के कल्याण और क्लाइमेट चेंज के लिए काम करता हूं जिसे मैं ट्वीटर के सहारे करता हूं, जिसमें जानवरों के चमड़े से बने समान को खरीदने से मना करता हूँ. इसके अलावा साफ-सफाई पर काम करना पसंद करता हूं.
प्र. आगेकौनसीफिल्मेंहैं?
‘मारीच’ आगे आने वाली थ्रिलर फिल्म है. इसके अलावा फिल्म ‘लक्ष्मी बौम्ब’ के लिए मैंने प्रोडक्शन में थोडा हाथ बटाया है. ये मेरा पहला प्रोडक्शन होगा. मेरा उद्देश्य है कि मैं मनोरंजन को ध्यान में रखकर फिल्में बनाऊं जिसे अधिक से अधिक लोग देख सकें.
प्र. कोईसुपरपावरमिलनेपरदेशमेंक्याबदलनाचाहतेहैं?
मैं अपने देश में किसानों की दुर्गति को ख़त्म करना चाहता हूं.