एक गंभीर सवाल कि क्या ऐसे आदमी, आदमी क्या बल्कि हैवान कहना ही ज्यादा सटीक होगा, की कोई इज्जत हो सकती है और वह माफी का हकदार होना चाहिए, जिस ने शक की आग में जलते हुए बेरहमी से अपनी बीवी के प्राइवेट पार्ट को सूईधागे से सिल कर दिल दहला देने वाला काम कर दिया हो?

तय है कि हर किसी का जवाब यही होगा कि नहीं. न तो ऐसे आदमी की कोई इज्जत हो सकती है और न ही उसे किसी भी कीमत पर बख्शा जाना चाहिए. उसे तो कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए, जिस से दूसरे शक्की शौहर सबक लें और बीवियों व उन के प्राइवेट पार्ट पर कहर ढाने से पहले कानून का खौफ खाते हुए हजार बार सोचें.

इस वारदात में वारदात से ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि खुद बीवी पुलिस से गुहार लगाती नजर आई कि साहब, मेरे शौहर को कड़ी सजा मत देना, मामूली डांट लगा कर छोड़ देना. और तो और उस का नाम भी उजागर मत करना, नहीं तो हमारी बदनामी होगी.

बेवकूफी की बात यह कि पुलिस वालों ने उस की बात मान भी ली और अभी तक मुजरिम का नाम उजागर नहीं किया. इस से पुलिस वाले तो कठघरे में हैं ही, लेकिन पीडि़ता भी कम जिम्मेदार नहीं है. वह उन औरतों में से है, जो लातघूंसे खा कर और पति की हैवानियत ?ोल ली है.

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सितम सिंगरौली का

मध्य प्रदेश के सिंगरौली की निशा बाई (बदला नाम) ने 28 अगस्त, 2021 को ससुराल में रह रही अपनी बेटी को आपबीती बताई, तो वह भागीभागी मायके आई और मां को सीधे पुलिस स्टेशन ले गई, जहां निशा बाई की बात सुन और हालत देख कर पुलिस वाले भी सकते में आ गए.

निशा बाई के मुताबिक, उस के शौहर को शक था कि उस के गांव के ही एक आदमी से नाजायज ताल्लुक हैं. इस बात पर आएदिन दोनों में ?ागड़ा हुआ करता था और शौहर उस की जम कर कुटाई करता था.

तकरीबन एक हफ्ता पहले भी ऐसा ही हुआ और पति ने गुस्से में आ कर उस का प्राइवेट पार्ट सूईधागे से सिल दिया था.

निशा बाई दर्द से कराहती और चिल्लाती रही, लेकिन उस राक्षस को रहम नहीं आया. पुख्ता सिलाई के लिए उस ने तांबे के तार का इस्तेमाल किया. चूंकि पति नीमहकीमी भी करता था, इसलिए उस ने दर्द की दवा भी उसे खिला दी.

इस के बाद भी निशा बाई 7 दिनों तक दर्द से छटपटाती रही, लेकिन शौहर के गुस्से का खौफ ऐसा था कि वह घर में पड़ीपड़ी अपनी किस्मत को कोसती रही, पर 8वें दिन जब दर्द बरदाश्त से बाहर हो गया तब कहीं जा कर उस ने बेटी को खबर दी.

पुलिसिया पूछताछ में हैरानी वाली बात यह भी उजागर हुई कि 52 साल की निशा बाई की शादी को तकरीबन  35 साल हो चुके हैं. उस के शौहर की उम्र 57 साल है.

यह जान कर तो लोगों के दिमाग का फ्यूज ही उड़ गया कि पति ने 3 साल में चौथी बार उस का प्राइवेट पार्ट सिला था. लोकलाज के डर से वह खामोशी से जुल्मोसितम सहती जा रही थी और इस बार भी पति के लिए माफी चाहती है, तो उस से हमदर्दी के साथसाथ उस की अक्ल पर तरस भी आता है कि अपने ऊपर हुए अत्याचारों के लिए वह भी कम जिम्मेदार नहीं है.

निशा बाई के बेटेबहुएं और बेटियां भी चाहते हैं कि पिता को कम से कम सजा हो यानी औरत पर अत्याचार के मामले में पूरे परिवार की राय एकसमान है, जो शह देने वाली ही मानी जाएगी.

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद निशा को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उस के प्राइवेट पार्ट के टांके काटते हुए उस का इलाज किया.

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रामपुर की रमा

इस तरह की दरिंदगी का एक और मामला 21 मार्च, 2021 को उत्तर प्रदेश के रामपुर से सामने आया था. जवान रमा (बदला नाम) की शादी 2 साल पहले ही हुई थी.

शादी के बाद से पति रमा पर वही शक करता रहा था, जो निशा पर उस के शौहर ने किया था कि उस के किसी गैरमर्द से नाजायज संबंध हैं. दोनों में रोज कलह इस बात को ले कर होती थी और रोज ही रमा की पिटाई उस का शौहर करता था.

वारदात के दिन तो हद हो गई, जब पति ने रमा की पिटाई के बाद उस का प्राइवेट पार्ट तांबे के तार से सिल दिया और उस में एक कील भी फंसा दी.

मिलक थाना इलाके के ठिरिया विष्णु गांव की रमा थाने पहुंची और पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई.

जब रमा को इलाज के लिए अस्पताल मे भरती किया गया, तो पता चला कि वह पेट से है. इस पर लोगों का गुस्सा और बढ़ गया. जिस ने भी सुना, उस ने वहशी पति के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की. खुद रमा भी बिफरी हुई थी और पति के लिए सख्त सजा की मांग करती नजर आई.

निशा बाई की तरह उस ने हैवान पति के लिए कोई रहम दिखाने की बात नहीं कही, बल्कि उस का हुक्कापानी भी बंद करने की ख्वाहिश जताई जिस से पति को सम?ा आए कि ऐसे दरिंदों को तो समाज में रहने का हक ही नहीं है.

इस ने तो ताला जड़ा

इन दोनों मामलों ने बरबस ही  10 साल पहले के एक और नृशंस मामले की याद दिला दी, जिस में एक और शौहर ने बीवी रोमा के प्राइवेट पार्ट पर ताला लगा कर रखा था. इंदौर के मुसाखेड़ी में जो हुआ था, उसे सुन कर रोंगटे आज भी खड़े हो जाते हैं.

एक आटो गैराज में काम करने वाला पति सोहनलाल सुबह जब गैराज जाता था, तो पत्नी के प्राइवेट पार्ट पर ताला लगा कर जाता था. ताकि उस की गैरमौजूदगी में बीवी किसी से सैक्स न कर ले. यह सिलसिला 2 साल चला. सिंगरौली और रामपुर के शौहरों ने तार कसा था, लेकिन सोहनलाल ने तो तार डाल कर ताला लगाया था, जिस की चाबी वह अपने साथ ले जाता था.

परेशान हो कर मरती क्या न करती की तर्ज पर रोमा ने एक दिन जहर खा लिया. थोड़ी देर में उसे बेहोश होते देख उस के पांचों बच्चों ने शोर मचा दिया तो पड़ोसी आए.

रोमा की हालत देख कर पड़ोसियों की रूह कांप उठी और तुरंत ही उसे अस्पताल ले जाया गया. पुलिस को भी खबर दी गई. होश में आने के बाद रोमा ने अपनी कहानी सुनाई तो सोहनलाल को गिरफ्तार कर लिया गया.

बीवियां भी ढा रही कहर

8 अगस्त, 2021 को बिहार के पटना के फुलवारीशरीफ में पत्नी वैशाली (बदला नाम) का विवाद आएदिन शौहर से होता रहता था. ये दोनों अलाव कालोनी में रहते हैं.

घटना की रात दोनों साथ सोए थे, लेकिन पति जल्द ही गहरी नींद में चला गया था, क्योंकि वैशाली ने उस के खाने में कुछ मिला दिया था. उस की असल मंशा शौहर का प्राइवेट पार्ट काट कर उसे सबक सिखाने की थी, जो उस ने सिखाया भी और सो रहे पति का अंग चाकू से काट डाला.

दर्द से छटपटाते शौहर की नींद खुली, तो माजरा सम?ा कर उस के होश उड़ गए, क्योंकि हाथ में चाकू लिए वैशाली नागिन सी फुफकार रही थी और इधर उस की लुंगी खून से सनी जा रही थी.

घबराया शौहर दौड़ता हुआ फुलवारीशरीफ थाने पहुंचा और सारा किस्सा बताया. तब तक उस के अंग से काफी खून बह चुका था. पुलिस ने तुरंत ही उसे नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भेजा और वैशाली को गिरफ्तार कर लिया.

पहले अंग काटा, फिर मार डाला

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के शिकारपुर में 25 जून, 2021 को हाजरा नाम की बीवी ने तो क्रूरता के मामले में मर्दों को भी पछाड़ दिया. उस ने पेशे से वकील अपने शौहर रफीक अहमद का अंग बेरहमी दिखाते हुए चाकू से काट डाला और इस पर भी जी नहीं भरा  तो घायल शौहर को पीटपीट कर मार  ही डाला.

गिरफ्तार होने के बाद हाजरा ने बताया कि रफीक रंगीनमिजाज आदमी था, जिस से वह परेशान रहती थी. बकौल हाजरा, रफीक 2 शादियां कर चुका था और अब तीसरी शादी करने जा रहा था. इस बात से वह दुखी थी. सम?ाने पर रफीक उसे मारतापीटता था, इसलिए गुस्से में उस ने फसाद की जड़ ही खत्म कर दी.

निशाने पर प्राइवेट पार्ट ही क्यों

इन पांचों मामलों में निशाने पर प्राइवेट पार्ट रहा. चूंकि औरत का अंग शरीर के अंदर होता है, इसलिए उसे काटा नहीं जा सकता, तो शौहरों ने उसे सिल दिया या फिर ताला लगा दिया. इस के उलट बीवियों ने आसानी से शौहरों को प्राइवेट पार्ट गाजरमूली की तरह काट डाला, क्योंकि वह बाहर होता है. रोज सब्जीभाजी काटने वाली बीवियों को काटने की खासी प्रैक्टिस थी, इसलिए उन्हें यह रास्ता आसान लगा.

शक हो या गुस्सा ये दोनों ही शादीशुदा जिंदगी को नरक बना देते हैं. शौहर बीवी को अपनी जायदाद सम?ाता है, इसलिए वह शक ज्यादा करता है और बीवी उस की गैरमौजूदगी में किसी और से सैक्स न कर ले, इसलिए उस के प्राइवेट पार्ट को सिलता है और उस पर ताला भी लगाता है, लेकिन यह न केवल जुर्म है, बल्कि वहशीपन और दरिंदगी की हद है.

यही बात बीवियों पर लागू होती है, जो शौहर को सबक सिखाने के लिए उसे नामर्द बनाने की हद तक बेरहम  हो जाती हैं. मकसद उन का भी यही रहता है कि शौहर किसी दूसरी औरत से हमबिस्तरी करने लायक ही न रहे यानी शक्की शौहर और गुस्सैल बीवी प्यार करते हैं, तो केवल प्राइवेट पार्ट से और बदला लेने या सबक सिखाने के लिए उसी को निशाना बनाने लगे हैं, जबकि थोड़ी अक्ल और सब्र से काम लिया जाए तो वे जुर्म से खुद को बचा सकते हैं.

आमतौर पर शक तो फुजूल ही निकलता है, जो बीवी के चालचलन में नहीं, बल्कि शौहर के दिमाग में होता है. कई बार तो यह बचपन से ही दिमाग में पल रहा होता है कि औरत होती ही  चालू है.

कहते हैं कि शक का इलाज तो लुकमान हकीम के पास भी नहीं था, फिर आजकल के शौहरों की औकात क्या, जो शक के चलते बीवी का कत्ल तक आसानी से कर देते हैं.

लेकिन इलाज है. शौहर को शक हो, तो उसे बीवी को छोड़ देना चाहिए. उसे मारनेपीटने से समस्या हल नहीं होती.  उस के किसी से संबंध हैं, यह बात साबित होने पर ही सजा देनी चाहिए, लेकिन खुद हिंसक और हैवान जज बन कर नहीं, बल्कि अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए. वहां थोड़ी देर जरूर लगती है, लेकिन शौहर एक गुनाह करने से बच जाता है.

वैसे भी औरत के प्राइवेट पार्ट को सिलना तालिबानियों जैसी क्रूरता है, फिर उन में और इन में में फर्क क्या. यही बात बीवियों की क्रूरता पर भी लागू होती है.

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