सवाल
मेरा पिछले महीने ब्रेकअप हुआ है. मुझे लगने लगा है कि मैं डिपै्रशन में जा रही हूं. जिस से मेरा सब से ज्यादा बात करने का मन करता है उसी से बात करने में मैं सब से ज्यादा असमर्थ हूं. मैं न रात में सो पा रही हूं न मुझे दिन में किसी तरह का चैन आता है. खानेपीने और बाकी दिनचर्या पर भी असर पड़ा है. कुछ भी करती हूं तो बस उसी का खयाल बारबार आता है, उस के साथ बिताए पल ही याद आते हैं. मेरी अपने दोस्तों से भी लड़ाई हो गई है क्योंकि उन्हें लगता है मैं उन से बात नहीं करती या बदल चुकी हूं. कालेज के असाइनमैंट भी अब तक नहीं किए. कुछ करने का मन नहीं करता, बस बेसुध पड़े रहने को मन होता है. मैं क्या करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा है.
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जवाब
दिल टूटने पर अकसर यही होता है, मन किसी और चीज में नहीं लगता और बेचैनी बढ़ती जाती है. आप को इस स्थिति से खुद को निकालना ही होगा. खुद को समझाएं कि जो जा चुका है उस के लौटने की उम्मीद छोड़ दें. आप के दोस्त आप के साथ नहीं न सही लेकिन कोई तो होगा जो आप की बात सुनता होगा, उस से बातें कर अपना मन हलका करने की कोशिश करें. बात करने के लिए कोई न हो तो अपने दिल का हाल कागज पर लिखें, इस से जो बातें आप के अंदर भरी पड़ी हैं वे निकल जाएंगी. कुछ करने का मन न करे, तब भी खुद को फोर्स करें उस काम को करने के लिए, जैसे आप का असाइनमैंट या खानापीना.
अपने दुख को इतना न बढ़ने दें कि वह अवसाद बन जाए.
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आप को शायद अभी एहसास न हो रहा हो लेकिन आप अपनी जिंदगी के अच्छे पलों और अच्छे दोस्तों को किसी और के गम में नजरअंदाज कर रही हैं. दुखी होना जायज है लेकिन इतना नहीं कि आप खुद को बरबाद ही कर लें. प्यार में हारजीत नहीं होती, रिलेशनशिप में आना और ब्रेकअप होना जिंदगी का एक हिस्सा मात्र है, इस से निकलने की तरफ ध्यान दें, यादों में डूबी न रहें.