ऐसा ही एक मसला है शंकर रजक का जिसने जाने कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया. यही नहीं ठगी के  पैसों के बल पर राजनीतिक पहुंच भी बना ली, एक समय ऐसा भी था जब उसका चारों तरफ डंका बज रहा था. ठगी के पैसों के दम पर शासन प्रशासन को अपने हथेली पर रखने वाला शंकर रजक कैसे बर्बाद हो गया और किस तरह खुद ठगी का शिकार हुआ, यह एक रोचक कहानी है जो यह बताती है कि ईमान की रोटी और ईमानदारी का व्यवहार लंबे समय तक टिकता है. और ठगी करने वाले अंततः कानून के शिकंजे में फंस कर जेल में चक्की पीसते हैं.

ठगी से अकूत संपत्ति बनाई

दर्जनों ठगी की घटनाओं को अंजाम देकर करोड़ों रूपए ठगने वाला शंकर रजक एक किंवदंती बनता चला गया है.

ये भी पढ़ें- प्यार की झूठी कसमें

आपको यह बताते चलें कि ठगी के इस बेताज बादशाह को निकट से देखने का अवसर इस लेखक को भी मिला है. उसने यह बताया था कि वह एक ठेकेदार के यहां नौकरी करता था एक दिन खेत में उसे हीरे मोती और सोना चांदी का बॉक्स मिल गया था और फिर जिंदगी बदल गई.

दरअसल, शंकर रजक बहुत ही शातिर किस्म का ठग था. वह झूठी कहानी गढ़ करके अपनी इमेज बनाता रहा लोगों को ठगता चला गया. निसंदेह उसके जीवन पर एक रोचक फिल्म भी बन सकती है.

अब आपको बताते चलें कि किस तरह शंकर रजक ठगी का शिकार हो गया है. आज वह जेल में बंद ठगी के मुकदमों में उलझा हुआ है. इस दरमियान एक व्यक्ति ने अपने दो बेटों के साथ मिलकर रजक की मां से बोलेरों की चाबी ले ली और पीपी फार्म में फर्जी हस्ताक्षर कर उसे बेच दिया.

ये भी पढ़ें- जानकारी: बैंक अकाउंट नहीं है खुला तो खुलवाएं

वस्तुत: शंकर रजक और छुरी निवासी शत्रुहन लाल देवांगन के बीच गहरी दोस्ती थी. करीब चार साल पहले शंकर के खिलाफ जमीन बेचने के नाम पर ठगी किए जाने के नाम से सिलसिले वार मामले सामने आने शुरू हुए. जिले में ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी एक दर्जन से अधिक धोखाधड़ी के मामले शंकर व उसके पुत्र के खिलाफ दर्ज किए गए.

यहां यह जानना आपके लिए जरूरी होगा कि बड़े-बड़े नेताओं के संबंध के बावजूद कानून से शंकर रजक बच नहीं पाया और अपने पुत्र सहित जेल पहुंच गया  इस बीच शत्रुहन उसका पुत्र आकाश देवांगन व कमल देवांगन शंकर के घर पहुंचे और उसकी मां मुलरिया बाई को गुमाराह कर बोलेरो क्रमांक सीजी 12 एजी 8997 की चाबी प्राप्त कर ली.  बाद में शंकर रजक ने शत्रुहन से बोलेरो की जानकारी ली तो पुराना पैसे की लेन देन का हवाला देते हुए गाड़ी बेच देने की बात कहने लगा.ठगों के सरदार शंकर को यह जानकारी हाथ लगी कि उसका फर्जी हस्तारक्षर कर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करा दिया गया है तो आवाक रह गया.  अब नई परिस्थितियों में ठग शंकर रजक की शिकायत पर पुलिस शत्रुहन व उसके दोनों पुत्रों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...