हालांकि अभी तक न सिर्फ दुनिया की तमाम अंतरिक्ष कार्यक्रम एजेंसियां जैसे नासा आदि इस सवाल से बचती रही हैं बल्कि अंतरिक्ष यात्री भी अव्वल तो सीधे कभी मीडिया से टकराते नहीं रहे और अगर कभी टकराये भी तो ऐसे सवालों से कन्नी काट जाते रहे हैं. लेकिन यकीन मानिये लोगों में यह जानने की हमेशा से सहज जिज्ञासा रही है कि अंतरिक्ष में  जाने वाले महिला और पुरुष एस्ट्रोनाॅट महीनों साथ-साथ रहते हैं तो क्या इस दौरान वे एक दूसरे के साथ स्पेस में सेक्स भी करते हैं? अगर नहीं करते तो क्यों नहीं करते? क्या उनमें इस तरह की इच्छा नहीं होती या कोई और कारण है?

लेकिन ऐसे सवालों से अंतरिक्ष एजेंसियां और अंतरिक्ष यात्री दोनो ही यह कहकर कन्नी काट जाते रहे हैं कि वे अंतरिक्ष इस सबके लिए नहीं जाते, अंतरिक्ष जाने का मिशन बहुत बड़ा होता है, उस सबमें इस सबका न ख्याल आता है और न ही जरूरत महसूस होती है. लेकिन हम सब जानते हैं कि यह एक रूटीन में बोला गया झूठ है.

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सच तो यह है कि ऐसा जवाब देने वाले भी इस बात को जानते हैं कि यह झूठ है. बहरहाल इस सोशल मीडिया के दौर में तमाम अंतरिक्ष यात्री तमाम आम लोगों से भी सोशल मीडिया में जुड़े हुए और लोग उनसे ऐसे तमाम सवालों की निजी रूप से बौछार करते रहते हैं. इसलिए न सिर्फ अंतरिक्ष यात्री बल्कि अंतरिक्ष एजेंसियां भी अब इस और इस जैसे कई दूसरे सवालों का जवाब देने लगे हैं. लेकिन हम यहां सिर्फ इसी सवाल को ले रहे हैं कि क्या अंतरिक्ष यात्री स्पेस में सेक्स करते हैं?

थाॅट कंपनी डाॅट काॅम वेबसाइट में मशहूर साइंस लेखक पीएचडी, जाॅन पी मिल्स ने पिछले दिनों लिखा है कि आने वाले दिनों में इस सवाल की आवृत्ति और ज्यादा इसलिए बढ़ जायेगी क्योंकि साल 2028 और उसके बाद से तमाम स्पेस एजेंसियां लंबे-लंबे अंतरिक्ष, चांद और मंगल मिशन भेजने वाली हैं. इनमें पुरुष भी होंगे, महिलाएं भी होंगी. जाहिर है वो महीनों महीनों तक एक साथ रहेंगे, एक जगह रहेंगे, एक दूसरे को छूने की दूरी में रहेंगे. ऐसे में क्या वे कभी एक दूसरे के साथ अतंरंग होने यानी सेक्स के बाबत नहीं सोचेंगे?

चूंकि स्पेस स्टेशन में तो ऐसे मिशन सालों के लिए जाते हैं, यहां रहते हुए तो यह सहज जिज्ञासा और भी परेशान करेगी. बहरहाल अब बड़ी ईमानदारी और सहजता से न सिर्फ अंतरिक्ष एजेंसियों ने इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है बल्कि कई अंतरिक्ष यात्रियों ने भी व्यक्तिगत रूप से लोगों को ऐसा ही कुछ बताया है. दरअसल अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण होता है, जिसके चलते सैंद्धांतिक रूप से यह तय है कि आप ‘हुक अप’ नहीं कर सकते यानी एक दूसरे से चिपककर सेक्स नहीं कर सकते. क्योंकि अंतरिक्ष में शरीर के हर हिस्से पर खून की मौजूदगी एक सी नहीं होती. इसलिए पुरुष इंद्री में इरेक्शन संभव नहीं होता.

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हालांकि यह लिखते हुए जॉन पी मिल्स ने यह भी कहा है कि यह उनका अनुमानभर है और विज्ञान के नियम के चलते बुनियादी सच्चाई का तर्क. अगर किसी का व्यक्तिगत अनुभव कुछ और हो तो कहा नहीं जा सकता. हालांकि उनके इस चर्चित हुए लेख के बाद से अब तक किसी भी अंतरिक्ष यात्री ने उनके इस लिखे हुए का खंडन नहीं किया. लेकिन न सिर्फ लेखक जाॅन पी मिल्स बल्कि कई दूसरे सेक्सोलाॅजिस्ट और कार्डियोलाजिस्ट ने भी यही बात दोहरायी है.

भौतिक विज्ञान के नियमों के मुताबिक देखें तो सेक्स के लिए पुरुष जननांग में रक्तप्रवाह का तीव्र होना जरूरी है. चूंकि कम गुरुत्व बल के कारण अंतरिक्ष में खून पूरे शरीर में बहता ही नहीं, जैसे वह धरती में बहता है, इसलिए अंतरिक्ष में सिद्धांततः संभोग असंभव है. लेकिन सेक्स महज यौन गतिविधि भी नहीं होती, उसके कई दूसरे रूप भी होते हैं, जो कि हर हाल में संभव हैं.

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