जब भारत में कोरोना की दूसरी लहर जोर मार रही थी, तब सब के खासकर क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में यही बात चल रही थी कि इस बार का इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन होगा या नहीं? स्टेडियम दर्शकों से भरेंगे या खाली कुरसियों पर सिर्फ परिंदे पर मारते नजर आएंगे?

पर चुनावी रैलियों की तरह यह ‘किरकिटिया तमाशा’ कैसे बंद किया  जा सकता था… वही हुआ भी. लेकिन जैसेजैसे कोरोना की तबाही सुनामी में बदलती दिखी, उस का असर आईपीएल पर भी साफ नजर आया.

आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एंड्रयू टाय के बाद उन्हीं के हमवतन एडम जांपा और केन रिचर्डसन भी आईपीएल को बीच में ही छोड़ कर आस्ट्रेलिया वापस चले गए.

इस से पहले भारतीय फिरकी गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने भी यह कहते हुए टूर्नामैंट बीच में छोड़ दिया कि वे अपने परिवार की मदद करने के लिए आईपीएल से ब्रेक ले रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया, ‘मेरा परिवार और रिश्तेदार कोविड 19 से जंग लड़ रहे हैं और मैं ऐसे मुश्किल समय में उन का साथ देना चाहता हूं… अगर सबकुछ सही रहा, तो मैं जल्द ही खेल के मैदान में लौट सकूंगा.’

इसी तरह से राजस्थान रौयल्स टीम के लिए खेलने वाले एंड्रयू टाय सिडनी लौट गए. उन्होंने इस के लिए ‘बायोबबल में रहने के चलते पैदा हुए तनाव’ और ‘आस्ट्रेलिया की सीमा बंद होने की चिंताओं’ को वजह बताया.

34 साल के एंड्रयू टाय मुंबई से दोहा होते हुए आस्ट्रेलिया पहुंचे. उन्होंने बताया, ‘जब लोगों को पता चला कि मैं वापस जा रहा हूं, तो कई लोगों ने मु झ से बात की. कई लोग तो यह भी जानना चाहते थे कि मैं किस रूट से वापसी कर रहा हूं.’

खिलाड़ी तो खिलाड़ी अंपायरों में भी कोरोना का खौफ दिखा. नतीजतन, अंपायर नितिन मैनन और पौल रीफेल भी आईपीएल से हट गए. बताया जा रहा है कि इंदौर के रहने वाले नितिन मैनन की पत्नी और मां कोरोना संक्रमित हो गई हैं. ऐसे में उन्होंने आईपीएल के बायोबबल से बाहर निकलने का फैसला किया.

इसी तरह पौल रीफेल ने भारत में कोविड 19 के ज्यादा बढ़ते मामलों और आस्ट्रेलिया के द्वारा यात्रा प्रतिबंध  को देखते हुए आईपीएल से हटने का फैसला किया.

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यह वह दौर है, जब देश में दूसरे खेलों का होना पूरी तरह से बंद है. हकीकत तो यह है कि छोटेमोटे खेल संघों के पास इतना बजट नहीं है कि वे अपने खिलाडि़यों और दूसरे लोगों के लिए बायोबबल बना सकें.

इस के उलट बीसीसीआई दुनिया का सब से अमीर बोर्ड है. इस वजह से वह आईपीएल का आयोजन कर पा रहा है. पर सवाल उठता है कि क्या इस समय ऐसा आयोजन कराना जरूरी है, जब देश कोरोना के चलते तबाही के कगार पर खड़ा है?

सब से बड़ी बात तो यह है कि आईपीएल क्रिकेट का कोई ऐसा आयोजन नहीं है, जिस का रिकौर्ड खिलाडि़यों के किसी काम का हो. यहां तो उन की नीलामी लगती है और कई महाअमीरों ने अपनीअपनी टीमें बना रखी हैं और उन्हें आपस में भिड़ा दिया जाता है.

चूंकि उन टीमों में तकरीबन हर देश के खिलाड़ी होते हैं, जिन्हें अच्छाखासा पैसा मिलता है, इसलिए वे जनता को खुश करने और अगले साल लगने वाली नीलामी में अपने दाम बढ़वाने की खातिर अच्छा खेलते हैं. क्रिकेट प्रेमियों को भी 3 घंटे का मनोरंजन मिल जाता है, इसलिए वे भी टैलीविजन से चिपके रहते हैं. स्टेडियम में तो जा नहीं सकते न.

पर जब से क्रिकेट के नाम पर यह ट्वैंटी20 का मसाला तैयार किया गया है, तब से सट्टेबाजों और जुआ खेलने वालों की भी पौबारह हो गई है. अब तो ऐसे गेमिंग एप आ गए हैं, जिन में अपनी क्रिकेट की टीम बनाओ और पैसा जीतो.

बड़ेबड़े खिलाड़ी उन गेमिंग एप के इश्तिहारों में दिखाई देते हैं और लोगों को खेलने और पैसा जीतने के लिए उकसाते हैं. हालांकि बाद में उस एप के जोखिम इश्तिहार में बता दिए जाते हैं, पर उन की परवाह करता कौन है.

हालांकि सट्टेबाजी दूसरी बीमारी है आईपीएल को ले कर. अगर एक राज्य से ही सम झें, तो उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आईपीएल मैच शुरू होते ही सटाकिंग का औनलाइन खेल शुरू हो जाता है. सट्टे का यह खेल तब तक चलता है, जब तक मैच खत्म नहीं हो जाता है. इस बीच जो लोग सट्टा खेल कर हार जाते हैं, उन को बड़ा माली नुकसान हो चुका होता है.

उदयपुर, राजस्थान में आईपीएल क्रिकेट सीजन में सट्टा कारोबार चलाने वाले एक गिरोह के सदस्यों को पुलिस ने 27 अप्रैल की रात को गिरफ्तार किया था. यह गिरोह उदयपुर के मीरा नगर में बने एक कौंप्लैक्स से सट्टा कारोबार चला रहा था.

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इन आरोपियों के कब्जे से तकरीबन 8 करोड़ रुपए का हिसाब, 40 मोबाइल फोन, लैपटौप, पेटी मशीन और काफी उपकरण बरामद किए थे. आरोपी उदयपुर में बैठ कर मंदसौर, नीमच, रतलाम, इंदौर जैसी कई जगहों के लोगों से सट्टे पर दांव लगवा रहे थे.

लिहाजा, आईपीएल का यह मायावी खेल वह धीमा नशा है, जो बहुतों को अपनी चपेट में ले चुका है. जब खिलाड़ी पैसा कमाने वाले लोगों के बारे में बताते हैं कि फलां आदमी ने इस गेमिंग एप से कुछ समय में ही लाखों रुपए कमा लिए हैं, तो सवाल उठता है कि जो समाज जुआरियों को इज्जत दे रहा है, क्या वह तरक्की कर सकता है? बिलकुल नहीं. द्य

फिलहाल टल गया आईपीएल

जिस बात का डर था वही हुआ. आईपीएल का आयोजन कराने वाले इसे बड़ा सेफ मान रहे थे और बोल रहे थे कि कोरोना का इस पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा, पर बायोबबल में कोरोना वायरस की ऐंट्री के बाद इस लीग को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. अब यह दोबारा कब होगा, कहां होगा, होगा भी या नहीं, इस बारे में बीसीसीआई ने कुछ संकेत दिए हैं कि आईपीएल के बाकी बचे मैचों का आयोजन ट्वैंटी20 वर्ल्ड कप से पहले भारत में ही हो सकता है.

याद रहे कि कि आईपीएल, 2021 में कुछ खिलाडि़यों के कोरोना पौजिटिव पाए जाने के बाद आईपीएल के बाकी मैच रोक दिए गए हैं. पर अब लगता है कि इस साल सिंतबरअक्तूबर में ही भारत में ट्वैंटी20 वर्ल्ड कप का आयोजन होना है. उस समय सभी विदेशी टीमें भारत में ही होंगी. अगर सितंबर में बीसीसीआई को मौका मिल जाता है, तो आईपीएल का आयोजन तब मुमकिन हो सकता है.

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भविष्य में क्या होगा, यह तो कह नहीं सकते, पर अभी देश में जो हालात हैं, वे कोरोना महामारी का विकराल रूप दिखा रहे हैं. खिलाडि़यों को भी इस बीमारी से बच कर रहना चाहिए और बहुत से विदेशी खिलाड़ी तो अपने परिवार की खातिर बीच में ही आईपीएल छोड़ कर चले गए थे. जो खिलाड़ी बायोबबल तकनीक के बावजूद कोरोना की चपेट में आ गए हैं, उन का ध्यान रखना बीसीसीआई की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.

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