रेटिंग: आधा स्टार

निर्माता :श्रेष्ठा भावना ,सचिन मोहिते वह आकांक्षा शुक्ला

निर्देशक : शचिंद्र वत्स

कलाकार : अनु कपूर, शिल्पा शिंदे ,मिलिंद सोमन ,साहिल  सेठिया, पालोमी दास, अनंत जोशी, शाहिर शेख, फ्लोरा सैनी ,लाल आदित्य, अस्मिता बक्शी ,कशिश राय वह अन्य

अवधि :7 एपिसोड ,(1 एपिसोड 28 मिनट बाकी लगभग 19 मिनट) कुल अवधि 2 घंटा 22 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्म: आल्ट बालाजी और जी5

पुरुष प्रधान काल्पनिक राज्य पौरुषपुर की सेक्स व समलैंगिक संबंधों से सराबोर वेब सीरीज  पौरुषपुर लेकर शचिन्द वत्स आए हैं. यह लिंग असमानता के खिलाफ जंग ,पुरुष सत्ता, राज्य ,धोखे और बदले की फेंटेसी वेब सीरीज है.यह स्त्री के सम्मान, बोरिस के अपमान और मोहब्बत की लड़ाई है.

कहानी:

यह कहानी है दुष्ट कामुकता में डूबे रहने वाले राजा भद्र प्रताप (अन्नू कपूर) की, जिनकी पहली पत्नी मीरा वती (शिल्पा शिंदे) है. मगर राजा भद्र प्रताप कई शादियां कर चुके हैं. और हर रानी राजा के साथ सुहागरात मनाने के बाद राजमहल से गायब हो जाती है .पर हर बार राजा भद्र प्रताप के लिए नई रानी  को लेकर मीरावती ही लाती है. मीरा वती सत्ता की भूखी है  और गुप्त राजनीतिक षड्यंत्र रचती रहती है .राजा भद्र प्रताप औरतों को महज बिस्तर का खिलौना व पैर की जूती समझते हैं .राजकुमार रणविजय को राज महल की एक दासी कला (पालोमी दास) से प्यार है .राजकुमार रणविजय (आदित्य लाल )हर दिन अपने कमरे में कला को नि: वस्त्र बैठाकर तस्वीर बनाता है .इसकी भनक मीरावती को लग जाती है .तब मीरा वती, कला को रानी बनाने का आश्वासन देकर उसे महाराजा भद्र प्रताप की रानी बना देती है .और रणविजय के कान भर देती है. मगर भद्र प्रताप और कला की सुहागरात के दूसरे दिन रणविजय ,कला से कह देता है कि धोखे की शादी को नहीं मानता और वही उसका प्यार है. दोनों पानी के अंदर एकजुट होते हैं. राजा कला को मौत की सजा सुनाते हैं. पर फांसी के फंदे से एक नकाबपोश( शाहिर शेख )उसे बचाकर किन्नर बोरीस( मिलिंद सोमन) के नगर घर में पहुंचा देता है .बोरिस हिजड़ा है, पर उसका नगर घर वेश्यालय है. जहां वह सभी को मार्शल आर्ट व युद्ध की कौशल की भी शिक्षा देता है . वहीं दूसरा नकाबपोश उर्फ वीर सिंह ,रणविजय को तहखाने में पहुंचा देता है .जहां भद्र प्रताप की दूसरी रानी नयनतारा (फ्लोरा सैनी ) है.भानु (शाहिर शेख), राजकुमार आदित्य का जुनून है, मीरा वती का प्यार है और बारिश की मोहब्बत है .यानी कि भानु के इन सभी के साथ सेक्स  संबंध है. उधर मीरावती का अपनी दासी संग समलैंगिक संबंध है.वीर सिंह ,नयनतारा का मंगेतर है ,जिसे भद्र प्रताप ने जबरन उठाकर अपनी रानी बना लिया था. राजा भद्र प्रताप के राज्य में औरतों को सिर उठाने की इजाजत नहीं. इन सबके बीच बोरिस व राजा भद्र प्रताप की दुश्मनी है .राजा भद्र प्रताप को खत्म करने के लिए महारानी मीरावती ,बोरिस से मदद मांगती है. पर राजा भद्र प्रताप को बोरिस के हाथों मरवाने के बाद बोरिस की भी हत्या करवा देती है.

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लेखन :

पितृसत्तात्मक सोच का विरोध और नारी उत्थान के नाम पर बनी पीरियड ड्रामा वेब सीरीज महज ब्लू फिल्म /सौफ्टपोर्न के अलावा कुछ नहीं है. हर एपिसोड में कम से कम 10 मिनट के सेक्स, संभोग, समलैंगिक सेक्स संबंध वाले दृश्य है .पटकथा का स्तर घटिया है. कहां कहानी के नाम पर शून्य है. संवाद भी सेक्स से सराबोर व साधारण है. लेखक ने शिल्पा शिंदे के किरदार महारानी मीरावती को नारी उत्थान का प्रतीक बताया है, मगर राजा भद्र प्रताप  की हवस व  प्रताड़ना के लिए नई-नई रानियां लड़कियां चुनकर वही लाती हैं, इसे उनका नारी उत्थान का कदम कहां जाएं? राजा की हवस का शिकार करवाने के बाद रानी को गायब कर बोरिस के वेश्या घर में पहुंचाना भी क्या नारी उत्थान है ? पर लेखक कि सोच यही है. लेखक निर्देशक का सारा ध्यान स्त्री देह कामोत्तेजक दृश्य और समलैंगिक स्त्री पुरुष के रति प्रसंग दिखाने पर पूरा ध्यान है ,परिणामता कहानी बिखरती रहती है .लेखकों ने सेक्स से भरपूर अश्लील दृश्यों के बनिस्बत कहानी पर ध्यान दिया होता, तो यह वेब सीरीज ठीक-ठाक बन जाती. संवाद के नाम पर अति सस्ती लाइनें हैं .किसी भी किरदार की कहानी उभर कर नहीं आती. यहां तक कि राज महल के षड्यंत्र भी ढंग से उजागर नहीं होते.

कला निर्देशक नितिन देसाई ने बेहतरीन काम किया है, जिससे वेब सीरीज की भव्यता है. घटिया ग्राफिक हैं.

निर्देशन

निर्देशन सही नहीं है. पर एडिटिंग जबरदस्त है .हर दृश्य को भव्यता के साथ फिल्माया गया है. वैसे भी कई फिल्मों व सीरियल के एडिटर शचींद्र वत्स ने पहली बार निर्देशन में कदम रखा है .यह वेब सीरीज देखकर यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या शचिंद्र वत्स अपनी पहचान सौफ्ट पोर्न वेब सीरीज फिल्म निर्देशक के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.

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परिवार या बच्चों के साथ इसे नहीं देखा जा सकता.

शायद एकता कपूर और शोभा कपूर इस तरह की अश्लील वेब सीरीज  के साथ अपना नाम जोड़ने में शर्म महसूस करने लगी हैं. इसीलिए आल्ट बालाजी ने भले ही वेब सीरीज पौरुषपुर का निर्माण किया है, पर निर्माता के रूप में आल्ट बालाजी या शोभा कपूर या एकता कपूर का नाम नहीं दिया है. वैसे पौरुष पुरुष ने तो उल्लू एप को भी पीछे छोड़ दिया है.

अभिनय

जहां तक अभिनय का सवाल है 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके दुष्ट, हवशी, कामुक राजा भद्र प्रताप के किरदार में अनु कपूर फिट नहीं बैठते. .औरतों को प्रताड़ित करने कि जिन दश्य को अनु कपूर ने निभाया है, कम से कम उन से ऐसी उम्मीद ना थी. अनु कपूर जैसे सम्मानित कलाकार ने इस अश्लील और सेक्स से सराबोर सीरीज में अभिनय क्या सोचकर किया है? यह समझ से परे है. इस सीरीज के  लगभग हर अश्लील दृश्य में उन्हें देखकर अविश्वसनीय लगता है. शिल्पा शिंदे रानी कम दासी ज्यादा नजर आती हैं. किन्नर बोरस के किरदार में मिलिंद सोमन का अभिनय जबरदस्त है. नाक में नथनी और माथे पर बिंदी लगाए  बोरस के रूप में मिलिंद सोमन लोगों का ध्यान बरबस आकर्षित करता है. नयनतारा के किरदार में फ्लोरा सैनी के हिस्से करने को कुछ रहा ही नहीं .अफसोस की बात है कि अन्नू कपूर शिल्पा शिंदे मिलिंद सोमन शाहिर शेख जैसे उत्कृष्ट व दिग्गज कलाकारों ने उस सॉफ्ट पॉर्न वेब सीरीज में अभिनय करने के लिए तैयार हुए.

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