छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अमेरिका यात्रा प्रदेश में चर्चा का और आलोचना का सबब बनी हुई है. छत्तीसगढ़ सरकार का तर्क है भूपेश बघेल की अमेरिका यात्रा से छत्तीसगढ़ की शान, मान मे वृद्धि हुई है. अमेरिका से छत्तीसगढ़ उद्योग धंधे, पैसे आएंगे. जबकि विपक्ष विशेषकर डॉ. रमन सिंह और धरमलाल कौशिक ने भूपेश बघेल की अमेरिका यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि एक तरफ छत्तीसगढ़ में किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, खून के आंसू बहा रहे हैं. सरकार धान का एक-एक दाना खरीदा नहीं पा रही है और मुख्यमंत्री अमेरिका जैसे समृद्ध देश में पिकनिक मना रहे है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अमेरिका यात्रा पर जिस तरह भाजपा हमलावर हुई है उससे कांग्रेस तिलमिला गई है और 15 वर्ष भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के विदेश यात्रा का ब्यौरा मांग रही है.कांग्रेस कहती है भूपेश बघेल की अमेरिका यात्रा सफल है भाजपा कहती है कि भूपेश बघेल  की यात्रा असफल है! और छत्तीसगढ़ की अस्मिता उड़ान पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाली है. अब सवाल है कि यहां की आवाम अमेरिका यात्रा को लेकर क्या धारणा बनाती है या जिस तरह भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में डॉ रमन सिंह और उनका मंत्रिमंडल विदेश भ्रमण करता रहा,अधिकारी विदेश मे खरीददारी करते रहे वहीं सब कुछ कांग्रेस की सरकार में भी होगा? यह एक बड़ा यक्ष प्रश्न है जिसका जवाब शायद न कांग्रेस के पास है न भाजपा के पास.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में राजनीति के सफल प्रयोग को बिहार में दोहारने के आसार, पीके ने किया इशारा

भूपेश बघेल की निवेशकों के साथ बैठक

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  ने पहले चरण में सैन फ्रांसिस्को में करीब 250 निवेशकों से संवाद किया. आधिकारिक  जानकारी के अनुसार, बघेल को अमेरिकी निवेशकों से छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए अनेक  प्रस्ताव मिले हैं. यात्रा के अगले पड़ाव के लिए मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ की टीम बोस्टन गयी जहां बघेल इंस्टीट्यूट फॉर कम्पीटिटीवनेस में वहां के औद्योगिक प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया.

यात्रा के पहले पड़ाव में मुख्यमंत्री बघेल ने सैन फ्रांसिस्को के सिलिकन वैली और रेड वुड शोर्स में औद्योगिक प्रतिनिधियों और निवेशकों से सीधी चर्चा की.उन्होंने निवेशकों को बताया कि छत्तीसगढ़ ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए भारत के शीर्ष राज्यों में शामिल है। उन्होंने भरोसा जताया कि छत्तीसगढ़ निवेश करने के लिए सबसे अच्छी जगह है, क्योंकि यह देश के मध्य में स्थित है और यहां बेहतर कनेक्टिविटी है.

उन्होंने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति निवेशकों के लिए काफी अनुकूल है।बघेल ने एक इंटरव्यू मे कहा, ”हमारा राज्य खनिज समृद्ध है और हमारे यहां खनिज आधारित कई उद्योग हैं। हम अमेरिका की कंपनियों और निवेशकों को आने तथा मुख्य क्षेत्रों में अवसर तलाशने का न्यौता देते हैं.”छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  अमेरिका के कई शहरों की यात्रा पर रहे. वह इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर राज्य की, निवेशकों के अनुकूल और कारोबार सुगम नीतियों की जानकारी देते रहे .

भूपेश बघेल की दृष्टि 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार अगले कुछ साल राज्य के लोगों की क्रयशक्ति बढ़ाने पर ध्यान देगी. राज्य सरकार गरीबी हटाने तथा खनिज, इस्पात एवं विद्युत जैसे मुख्य उद्योगों के साथ ही कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव इथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र एवं परिधान, इंजीनियरिंग एवं रक्षा, उच्च शिक्षा, दवा, वाहन आदि जैसे क्षेत्रों के लिये भी प्रतिबद्ध है.

ये भी पढ़ें- तो क्या विकास की राजनीति के आगे फीकी पड़ गई शाहीन बाग की राजनीति

मुख्यमंत्री के अनुसार, ” हमारा लक्ष्य लोगों की क्रयशक्ति बढ़ाना है. यदि लोगों के पास खरीदने का पैसा नहीं हो तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम कितने उद्योग लगाते हैं.बघेल ने कहा कि इस संतुलन को बनाये रखने के लिये लोगों की क्रयशक्ति बढ़ाना महत्वपूर्ण है, जो अंतत: उद्योगों और कंपनियों को फायदा  छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का अमेरिका की कंपनियों को राज्य में निवेश का न्योता दिया .

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अमेरिका की कंपनियों को राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने के लिये आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार खनिज व इस्पात जैसे मुख्य क्षेत्रों के साथ ही छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास में ध्यान केंद्रित कर रही है.”

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...