नीरू द्वारा उस के प्रेमी रवि की प्रशंसा सुनसुन कर मुझे अपने पति शेखर नीरस और बेजान लगने लगे, लेकिन शेखर ने जब मुझे प्रेमी और पति में अंतर बताया तो मैं आत्मग्लानि से भर उठी.