पूर्व कथा
आकाश के बीमार होने की खबर अन्नू श्रावणी को देती है. वह नहीं चाहती कि उस के मायके में किसी को इस बात का पता चले. इसलिए वह कालिज के काम से लखनऊ जाने की बात अपने पापा से कहती है. ट्रेन में बैठते ही वह अतीत की यादों में खो जाती है.
कालिज के वार्षिक समारोह में अन्नू श्रावणी का परिचय अपने भैया आकाश से करवाती है. पहली ही मुलाकात में आकाश और श्रावणी एकदूसरे की ओर आकर्षित होने लगते हैं. दोनों शादी करने का फैसला करते हैं तो श्रावणी के पिता शादी में जल्दबाजी न करने की सलाह देते हैं पर वह नहीं मानती.
शादी की पहली रात को वह आकाश का बदला रूप देख कर चौंक जाती है. एक दिन पिक्चर हाल में आकाश छोटी सी बात पर हंगामा खड़ा कर देता है और घर आ कर सब के सामने उसे अपमानित करता है और अंतरंग क्षणों में उस से माफी मांगने लगता है. श्रावणी आकाश के इस दोहरे व्यवहार को समझ नहीं पाती. शादी के बाद वह आकाश के साथ पहली बार मायके जाती है तो घर के बाहर एक कार चालक से वह लड़ने लगता है.
समय बीतने लगता है. अन्नू की शादी तय हो जाती है और श्रावणी भी गर्भवती हो जाती है. आकाश उस पर गर्भपात कराने का दबाव बनाने लगता है. उस के इस व्यवहार से घर के सभी लोग दुखी हो जाते हैं. श्रावणी एक बेटे को जन्म देती है. उधर अन्नू की शादी की तारीख करीब आने लगती है लेकिन आकाश का तटस्थ व्यवहार देख सब परेशान होते हैं और शादी की सारी जिम्मेदारी श्रावणी को निभानी पड़ती है,
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