सवाल


मेरी बीवी खूबसूरत है, फिर भी जब मैं किसी खूबसूरत जवान लड़की को देखता हूं, तो मेरा मन उस के लिए मचलने लगता है. मैं क्या करूं?

जवाब


किसी पराई खूबसूरत लड़की को जीभर कर देखने में तो हर्ज नहीं है, मगर उसे हासिल करने की बात सोचना बेवकूफी है, क्योंकि ऐसा होना कोई हंसीखेल नहीं है. आप अपनी खूबसूरत बीवी में मन लगाएं और दूसरी औरतों के बारे में सोचना छोड़ दें.

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महेंद्र थाने में आ कर बैठा ही था कि एक सिपाही ने उसे खबर दी, ‘‘साहब, निजामुद्दीन से अहमदाबाद आने वाली ‘राजधानी ऐक्सप्रैस’ ट्रेन में एक आदमी बेहोशी की हालत में मिला है.’’

यह सुन कर महेंद्र को आज से एक साल पहले की घटना याद आ गई. तब उस की बेरावल रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के थानेदार के रूप में नईनई पोस्टिंग हुई थी.

एक दिन की बात है. सुबहसुबह थाने के एक सिपाही ने आ कर बताया, ‘साहब, राजकोट से सोमनाथ आने वाली पैसेंजर ट्रेन में एक लड़की बेहोश पड़ी मिली है.’

यह सुन कर महेंद्र तुरंत उस सिपाही के साथ चल पड़ा. उस ने देखा कि इंजन से पीछे वाले डब्बे में एक लड़की, जिस की उम्र 22-23 साल होगी, ऊपर वाली बर्थ पर बेहोशी की हालत में पड़ी थी.

महेंद्र के साथ गए सिपाही रामलाल ने कहा, ‘साहब, मुझे तो मामला जहरखुरानी का लगता है. इस के पास कोई सामान भी दिखाई नहीं दे रहा है.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘इसे तुरंत डाक्टर के पास ले जाओ और होश में आने पर मुझे बताना.’

दिन के तकरीबन 10 बजे रामलाल ने बताया, ‘साहब, उस लड़की को होश आ गया है और अब वह ठीक है.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘उस लड़की को थाने ले आओ.’

जब वह लड़की थाने आई, तो बेहतर दिख रही थी.

महेंद्र ने पूछा, ‘क्या नाम है तुम्हारा?’

उस लड़की ने बताया, ‘मेरा नाम राजबाला है और मैं राजस्थान के भरतपुर इलाके की रहने वाली हूं.’

यह पूछने पर कि यहां और इस हालत में वह कैसे पहुंची, तो उस ने बताया कि वह प्रेमी के साथ घर से भाग कर आई है, लेकिन उस के प्रेमी ने रास्ते में उसे नशीली दवा खिला दी और उस के जेवर व पैसे ले उड़ा.

महेंद्र ने उस लड़की के मातापिता का मोबाइल नंबर पूछा, तो उस ने कहा, ‘साहब, उन्हें मत बताइए. मैं खुद ही अपने घर चली जाऊंगी.’

पता नहीं उस की बातों में क्या जादू था कि महेंद्र उस की बात मान गया.

उस लड़की ने कहा, ‘मेरे सिर में अभी भी थोड़ा दर्द है. आराम कर के मैं अपने घर चली जाऊंगी.’

महेंद्र ने रामलाल से कहा, ‘इसे मेरे रैस्टहाउस में लिटा दो. बाद में किसी ट्रेन में बिठा देना.’

महेंद्र अपने काम में लग गया, लेकिन उस के मन में राजबाला के प्रति काम भावना जाग गई थी. रात को तकरीबन 8 बजे वह अपने रैस्टहाउस में पहुंचा, तो राजबाला पलंग पर बैठी थी.

महेंद्र ने पूछा, ‘कैसी तबीयत है?’

उस ने बताया, ‘पहले से ठीक है.’

महेंद्र ने कहा, ‘रुको, मैं तुम्हारे लिए खानेपीने का इंतजाम करता हूं.’

इस के बाद महेंद्र ने बाहर आ कर एक सिपाही को बुलाया और उस लड़की के लिए खाना और अपने लिए शराब मंगाई. महेंद्र ने एक सिपाही के घर पर बैठ कर पहले जम कर शराब पी और वहीं बैठ कर खाना खाया.

रात के तकरीबन साढ़े 11 बजे महेंद्र अपने रैस्टहाउस में पहुंचा, तो देखा कि राजबाला खाना खा कर सो चुकी थी.

एक तो शराब का नशा, ऊपर से एक जवान लड़की का शबाब… महेंद्र ने आते ही दरवाजा बंद किया और राजबाला पर झपट पड़ा.

अचानक हुई इस हरकत से वह जाग गई, लेकिन महेंद्र उसे कहां छोड़ने वाला था. वह रोतीगिड़गिड़ाती रही, पर महेंद्र पर इस का कोई असर न हुआ. वह उस पर छाता गया और अपनी मंजिल पा कर ही उस से अलग हुआ.

वह बेचारी महेंद्र से अलग हो कर एक कोने में जा कर रोने लगी. महेंद्र अपनी हवस मिटाने के बाद सो गया.

सुबह तकरीबन 9 बजे एक सिपाही ने महेंद्र को जगाया. वह अधनंगी हालत में बिस्तर पर पड़ा था. महेंद्र ने जागते ही उस लड़की के बारे में पूछा, तो सिपाही ने कहा, ‘मुझे तो कुछ नहीं मालूम साहब. रात को वह इसी कमरे में ही तो सोई थी. जब आप सुबह से नहीं दिखे, तो मैं आप को देखने चला आया.’

अचानक महेंद्र का ध्यान हाथों पर गया, तो चौंक गया. उस की दोनों अंगूठियां और घड़ी गायब थी. पैंट में रखा पर्स भी नदारद था. अलमारी खुली पड़ी थी. वहां जा कर देखा, तो 50 हजार रुपए भी गायब थे.

महेंद्र ने अपना सिर पकड़ लिया. उसे समझ में आ गया कि उस ने उस लड़की का नहीं, बल्कि उस लड़की ने उस का शिकार किया था.

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