बौलीवुड में सुपरस्टार्स के बीच अनबन की खबरें तो हमेशा आती ही रहती हैं. बीते दौर में भी दो ऐसे सुपरस्टार्स ऐसे थे जिनके बीच तकरार की खबरें हमेशा ही सुर्खियां बटोरने का काम करती थी. हम बात कर रहे हैं दिलीप कुमार और राज कुमार की.

सन 1959 में आई फिल्म ‘ पैगाम’ में इन दोनों स्टार्स की जोड़ी पहली बार बड़े पर्दे पर नजर आई थी. इस फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया और साथ ही इनकी जोड़ी को भी लेकिन इस फिल्म के बाद ही दोनों के रिश्तों में कड़वाहट ने जन्म ले लिया और दोनों ने एक दूसरे के साथ कभी काम ना करने का मन बना लिया. लेकिन डायरेक्टर सुभाष घई एक बार फिर इन दोनों साथ लाने में कामयाब रहें.

1991 में आई फिल्म ‘सौदागर’ में एक बार फिर दिलीप कुमार और राज कुमार एक साथ बड़े पर्दे पर नजर आए. फिल्म भी सुपरहिट साबित हुई और इनकी दमदार एक्टिंग को भी लोगों ने खूब एन्जौय किया.

लेकिन सुभाष घई ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि इन दोनों को एक साथ फिल्म करने के लिए राजी करना बिल्कुल भी आसान काम नहीं था.

सुभाष घई की सौदागर से पहले विधाता और कर्मा जैसी फिल्मों में दिलीप कुमार नजर आ चुके थे. यही वजह थी कि सुभाष घई से दिलीप कुमार के बीच अच्छी तालमेल थी. सुभाष ने इसी का फायदा उठाते हुए ‘सौदागर’ में काम करने के लिए दिलीप कुमार को मना लिया. अब बारी थी राज कुमार की हां की, सुभाष सीधे राजकुमार के घर ड्रिंक पर पहुंच गए. उन्होंने राज कुमार को स्क्रिप्ट सुनाई और पूछा कि वे फिल्म में काम करेंगे या नहीं.

राजकुमार को स्क्रिप्ट पसंद आई और उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए मंजूरी दे दी. जब राजकुमार ने फिल्म में अपने दोस्त के किरदार को करने वाले के बारे में पूछा तो सुभाष ने चालाकी से कहा कि अगर आप कहो तो दिलीप से बात करूं. इस पर राज कुमार बोले कि कर लो जानी.

फिर क्या सुभाष घई की फिल्म सौदागर की शूटिंग शुरू हो गई. ये फिल्म फिल्म बौक्स औफिस पर काफी सफल रही जिसके लिए निर्देशक सुभाष घई को फिल्मफेयर बेस्ट डायरेक्टर का अवौर्ड भी दिया गया.

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