Inter-Caste Love: अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.
सवाल –
मैं छत्तीसगढ़ की रहने वाली हूं और मेरी उम्र 45 साल है. मेरी एक बेटी है जो कालेज में पढ़ती है. मेरे महल्ले के कुछ लोगों ने उसे अकसर एक लड़के के साथ घूमते देखा है और सब ने मुझे बताया है कि वे लड़का हमारे धर्म का नहीं है. हम हिंदू हैं लेकिन वह लड़का मुसलिम है. मेरी बेटी भी अकसर फोन पर लगी रहती है और जब भी मैं उस से इस बारे में बात करने लगती हूं तो वह बात को टाल देती है. मेरे पति का देहांत हो चुका है और मां होने के नाते मुझे अपनी बेटी की काफी फिक्र होने लगी है, क्योंकि एक अनजान लड़के के साथ घूमना और वह भी दूसरे धर्म का, मुझे ठीक नहीं लग रहा. मुझे डर है कि कहीं मेरी बेटी के साथ कुछ गलत न हो. जवान लड़की को डांट कर घर भी नहीं बैठा सकते. ऐसे में मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं. आप ही कुछ राय दीजिए कि मैं अपनी बेटी को उस लड़के से कैसे दूर रखूं?
जवाब –
मां होने के नाते आपकी चिंता बिलकुल स्वाभाविक है और एक लड़की के मांबाप को हमेशा यही डर रहता है कि कहीं उन की लड़की किसी गलत लड़के की संगत में न पड़ जाए, जिस के लिए उसे बाद में पछतावा हो. जैसा कि आप ने बताया है कि आप के पति इस दुनिया में नहीं हैं, तो ऐसे में आप के लिए और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता होगा अकेले सब चीजें संभालना.
आप को सब से पहले अपनी बेटी को बैठा कर प्यार से उस से पूछना चाहिए कि आप ने जो सुना है क्या वह सही है. आज का समय पहले जैसा नहीं रहा कि हम अपने बच्चों को डांट कर या मार कर कोई बात समझाएं, क्योंकि ऐसा करने से इस सोशल मीडिया के जमाने में बच्चों के पास कई ऐसे गलत रास्ते हैं, जिन पर वे निकल सकते हैं.
आप अपनी बेटी की दोस्त बनिए और उस से सारी बात कीजिए और अपनी फिक्र और डर को बताइए. उसे सही शिक्षा सिर्फ आप ही दे सकती हैं. इस से पहले कि कुछ गलत हो उसे सही और गलत के बीच का फर्क एक दोस्त बन कर बहुत ही प्यार से समझाइए. वैसे, दो अलग धर्मों के लोगों में दोस्ती होना कोई गलत बात नहीं है.
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