News Story In Hindi: आज विजय ने अनामिका के घर पर रुकने का प्लान बनाया था. दीवाली बीत चुकी थी. तब अनामिका अपने गांव गई थी. पूरे 15 दिन के बाद लौटी थी.
जिस इलाके में अनामिका रहती थी, वहां के ज्यादातर लोग बिहार से थे. उन में से बहुत से लोग दीवाली और छठ पूजा मनाने के लिए अपनेअपने घर जा चुके थे. अनामिका छठ पूजा से पहले ही लौट आई थी. उसी का प्लान था कि विजय उस के साथ रात बिताए.
अनामिका का वन रूम फ्लैट था. उस ने करीने से सब सजा रखा था. बिस्तर पर नई चादर बिछी थी और ‘एलैक्सा’ पर अरिजीत सिंह का एक रोमांटिक गाना ‘फिर भी तुम को चाहूंगा…’ बज रहा था.
अनामिका किचन में मैगी बना रही थी. उस ने ब्लैक कलर का झीना गाउन पहना हुआ था. विजय बनियान और शौर्ट्स में था. वह अनामिका की जुल्फों से खेल रहा था और उसे यहांवहां छेड़ रहा था.
‘‘विजय, मु झे मैगी बनाने दो न प्लीज,’’ अनामिका ने अपने बालों को ठीक करते हुए कहा.
‘‘पर मु झे तो मोमो खाने हैं,’’ विजय ने अनामिका को अपने आगोश में लेते हुए कहा.
‘‘मुझे सब पता है तुम्हारा ‘मोमो’ वाला इशारा किस तरफ है. जब देखो, दिमाग में हवस भरी रहती है,’’ अनामिका बोली.
‘‘तो फिर इस हवस को मिटाते हैं. न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी,’’ विजय ने कहा.
‘‘यह बांसुरी वाला राग किसी और को सुनाना. आज जो शरारत तुम्हारी आंखों में दिख रही है, मुझे लगता नहीं कि तुम यहां सोने आए हो,’’ अनामिका ने गैस बंद करते हुए कहा.
अब वे दोनों बैडरूम में थे और मैगी खा रहे थे. इतने में विजय ने कहा, ‘‘यार, अब रहा नहीं जाता. सोचता हूं कि तुम्हें अपने ले ही आऊं.’’
‘‘तो मैं ने कब मना किया है. कर लेते हैं शादी,’’ अनामिका बोली.
‘‘पर हम ज्यादा महंगी शादी नहीं करेंगे,’’ विजय ने कुछ सोच कर कहा.
‘‘लेकिन मु झे सोने की अंगूठी तो दोगे न?’’ अनामिका ने हैरत से कहा.
‘‘अरे, सोने की अंगूठी खरीदना कौन सी बड़ी बात है. ऐसा करते हैं कि जल्दी ही सगाई कर लेते हैं. रिंग सैरेमनी में एकदूसरे को अंगूठी पहना देंगे,’’ विजय ने अनामिका को अपनी बांहों में भरते हुए कहा.
‘‘यह ठीक रहेगा. इसी संडे चलते हैं अंगूठी खरीदने,’’ अनामिका बोली.
‘‘पर उस से पहले आज की रात का तो मजा ले लें,’’ इतना कह कर विजय ने अनामिका को दबोच लिया.
अगले संडे विजय और अनामिका एक सुनार की दुकान पर थे. सुनार ने उन्हें अंगूठी के कई डिजाइन दिखाए. अनामिका को 22 कैरेट की 3 ग्राम से थोड़े ज्यादा की एक अंगूठी पसंद आई.
‘‘जी, आप की पसंद बहुत अच्छी है,’’ सुनार बोला.
‘‘कितने की है?’’ विजय ने सवाल किया.
‘‘जी, सिर्फ 50,000 रुपए की है,’’ सुनार बोला.
‘‘इतनी हलकी अंगूठी भी 50,000 रुपए की?’’ अनामिका के तो होश ही उड़ गए.
‘‘जी, आप को पता नहीं सोने के भाव आसमान छू रहे हैं. सोना पिछले एक साल में 79,000 प्रति 10 ग्राम से 1.31 लाख प्रति 10 ग्राम के लैवल पर आ चुका है. अक्तूबर, 2024 में 24 कैरेट सोने की कीमत 79,681 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जबकि अक्तूबर, 2025 तक सोने की कीमत बढ़ कर 1,14,314 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई थी,’’ सुनार ने कहा.
सोने के इतना ज्यादा दाम देख कर अनामिका का मूड खराब हो गया. उस ने इशारे से विजय को वहां से चलने को कहा.
अब वे दोनों एक कैफे में बैठे कौफी पी रहे थे. अनामिका ने अपने मोबाइल पर देखा कि पिछले कुछ समय से लोगों में सोना खरीदने की दिलचस्पी ज्यादा ही थी.
‘‘विजय, एक बताओ कि यह सोना खरीद कर घर में या बैंक के लौकर में रखने से होता क्या है? लोगों को सोने से इतना लगाव क्यों है?’’ अनामिका ने सवाल किया.
‘‘देखो, और देशों का तो पता नहीं, पर भारत में सोने को ‘देवताओं की करेंसी’ कहा जाता है और लोगों का ऐसा विश्वास है कि यह ‘पीला धातुई धागा’ जिस के बदन पर होगा, वह कभी गरीब नहीं रहेगा, हमेशा सौभाग्यशाली बना रहेगा,’’ विजय ने कहा.
‘‘हाल ही में मैं बीबीसी की एक खबर खंगाल रहा था, तो उस में पता चला कि मौर्गन स्टैनली, जो एक अमेरिकी ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विस कंपनी है, ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की जिस में कहा गया है कि जून, 2025 तक भारतीय परिवारों के पास 34,600 टन गोल्ड है, जिस की कीमत तकरीबन 3.8 ट्रिलियन डौलर है. यह वैल्युएशन भारत की जीडीपी का तकरीबन 88.8 फीसदी है.’’
यह सुन कर अनामिका की आंखें खुली की खुली रह गईं.
विजय ने आगे बताया, ‘‘मौर्गन स्टैनली की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपना गोल्ड भंडार बढ़ाया है और साल 2024 में 75 टन सोना खरीदा. इस के साथ ही भारत का गोल्ड भंडार तकरीबन 880 टन पहुंच गया है जो कि भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 14 फीसदी है.
‘‘यह तो रही बात भारत में गोल्ड के बढ़ते रुतबे की, लेकिन सोने की बढ़ती कीमतें देश की इकोनौमी पर भी असर डालती हैं और इस का सीधा असर पड़ता है करेंसी पर.
‘‘सोने की कीमतों में उतारचढ़ाव कई वजह से होता है. उन में से एक अहम वजह है गोल्ड का इंपोर्ट और ऐक्सपोर्ट. गोल्ड के इंपोर्ट में बढ़ोतरी का सीधा असर महंगाई के रूप में देखने को मिल सकता है.’’
‘‘मैं कुछ सम झी नहीं?’’ अनामिका धीरे से बोली.
‘‘मान लो देश में सोने की मांग बढ़ती है तो इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से सोना इंपोर्ट करना पड़ेगा और इस सोने की कीमत को चुकाने के लिए और करेंसी नोट छापने पड़ेंगे, जिस से रुपए की वैल्यू पर असर पड़ेगा. नतीजा, महंगाई बढ़ने का डर बना रहेगा,’’ विजय ने एक खबर का हवाला देते हुए कहा.
‘‘तो क्या ऐसा पहली बार हुआ कि जब सोने की कीमतों ने इतनी लंबी छलांग लगाई है?’’ अब अनामिका का ध्यान कौफी पीने में बिलकुल नहीं था.
‘‘ऐसा नहीं है. खबरों की मानें तो साल 1930 के आसपास और 1970-80 में गोल्ड ने ऐसा ही ‘बुल रन’ (तेजी) दिखाया था. साल 1978 और 1980 के बीच सोने की कीमतें दुनियाभर में 4 गुना हो गई थीं और सोना 200 डौलर प्रति ओंस से बढ़ कर तकरीबन 850 डौलर प्रति ओंस तक पहुंच गया था.
‘‘तब माहिरों ने कीमतों से इस उछाल की वजह दुनियाभर में बढ़ती महंगाई, ईरान में क्रांति और अफगानिस्तान पर सोवियत हमले से बनी अनिश्चितता को बताया था.
‘‘हालांकि, तब भारत में सोने का इंपोर्ट कानून के तहत कंट्रोल में था. इस के बावजूद आंकड़े बताते हैं कि भारत में 10 ग्राम सोने के दाम साल 1979 में 937 रुपए से बढ़ कर साल 1980 में 1,330 रुपए हो गए थे. मतलब, कीमतों में यह उछाल तकरीबन 45 फीसदी का था.
‘‘पर अब मु झे लगता है और खबरें भी इसी तरफ इशारा करती हैं कि हमारे देश में सोना खरीदने के ट्रैंड में भी बदलाव आया है. ज्वैलरी की बजाय कई लोग अब फिजिकल गोल्ड (जैसे सोने की ब्रिक्स या बिसकुट) में पैसा लगा रहे हैं. जहां देखो लोग धड़ल्ले से सोना खरीद रहे हैं. बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों और कसबों में लोग सोना ज्यादा खरीद रहे हैं.’’
‘‘पर इस का कोई तो नुकसान भी होता होगा न?’’ अनामिका ने सवाल दागा.
‘‘जहां तक मु झे लगता है कि बढ़ती कीमतों के बावजूद अगर लोग सोना खरीद रहे हैं तो इस से उन की फाइनैंशियल सेविंग्स कम हो सकती हैं. बैंक में डिपौजिट घट सकते हैं. इस से बैंकिंग सिस्टम में पैसा घट सकता है और लोन देने लायक रकम कम हो सकती है.
‘‘कुलमिला कर इस का असर कौर्पोरेट या एग्रीकल्चर सैक्टर को दिए जाने वाले लोन पर पड़ सकता है
और फाइनैंशियल ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.’’
‘‘तो क्या सोना खरीदने की इस आपाधापी में सोने की स्मगलिंग भी बढ़ सकती है?’’ अनामिका तो सवाल पर सवाल दागे जा रही थी.
‘‘हाल ही में देश में दीवाली की धूम रही है और फैस्टिव सीजन में सोने की चमक भी लगातार बढ़ी है. साल 2025 के जनवरी महीने से दीवाली तक सोने की कीमत में 67 फीसदी की बढ़ोतरी दिखी. इस से साफ जाहिर है कि जिस रफ्तार से सोने का भाव बढ़ रहा है, तो सोने की स्मगलिंग के मामलों में भी जोरदार इजाफा हो रहा है.
‘‘रौयटर्स की एक रिपोर्ट में अफसरों के हवाले से कहा गया है कि गैरकानूनी सोने की स्मगलिंग के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. सर्राफा व्यापारी भी इस बात को कुबूल कर रहे हैं कि लिमिटेड सप्लाई के चलते इस में इजाफा हो रहा है.
‘‘रिपोर्ट में बताया गया है कि धनतेरस और दीवाली से पहले ही सोने की घरेलू कीमतें रिकौर्ड हाई पर दिखीं और इस के साथ ही पूरे भारत में सोने की स्मगलिंग में तेजी से बढ़ोतरी हुई. त्योहारी सीजन में पारंपरिक रूप से सोने के जेवरों, सिक्कों और बार (छड़) की डिमांड बढ़ जाती है, लेकिन बढ़ती कीमतों और लिमिटेड सप्लाई ने स्मगलिंग को बढ़ावा देने का काम किया. इस स्मगलिंग के खेल में खूब पैसा बनाया जा रहा है.
‘‘एक रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा बाजार लैवल पर हर एक किलोग्राम सोने की स्मगलिंग से स्मगलर अंदाजन 11.5 लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमा रहे हैं. यह आंकड़ा जुलाई, 2024 में आयात शुल्क कटौती के बाद के मुनाफे से तकरीबन दोगुना है,’’ विजय ने बताया.
‘‘अच्छा, यह बताओ कि क्या इंटरनैशनल दबाव से भी सोने के भाव ऊपर नीचे हो सकते हैं?’’ अनामिका
ने पूछा.
‘‘देखा जाए तो इस समय पूरी दुनिया में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है. कितने ही देश जंग की आग में झुलस रहे हैं या फिर जनता का विरोध झेल रहे हैं.
‘‘वैसे, इस साल फरवरी महीने के बाद से अमेरिका की तरफ टैरिफ नीति में बदलाव के बाद भारत में अनिश्चितता और बढ़ती गई, जिस से लोग शेयर बाजार की जगह सोने की तरफ शिफ्ट होने लगे, क्योंकि इसे सेफ इन्वैस्टमैंट माना जाता है.
‘‘भारत और चीन में सोने की खुदरा इन्वैस्टमैंट बढ़ गई है. इन दोनों देशों में सोने के लिए लोगों में ज्यादा चाहत है और दुनिया में सोने की सब से ज्यादा खपत इन्हीं दोनों देशों में होती है.
‘‘एक बात और भी कि भारत में इन दिनों बैंकों में जमा रकम पर काफी कम ब्याज मिल रहा है और इस से भी सोने में इन्वैस्टमैंट के प्रति लोगों का रु झान बढ़ा है. लोग सेविंग एकाउंट में जमा रखने से बेहतर सोने की खरीदारी को मान रहे हैं.
‘‘गोल्ड के ऐक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीए) के प्रति भी लोगों का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है. इस के जरीए कम रकम भी सोने पर लगाई जा सकती है और उस का फायदा सोने की दर के हिसाब से मिलता है.
‘‘देखा जाए तो आजकल अपनी इन्वैस्टमैंट के पोर्टफोलियो में सोना बहुत खास हिस्सा बन गया है. इन सब बातों के अलावा दुनिया के विभिन्न सैंट्रल बैंकों की तरफ से सोने की खरीदारी में तेजी से सोने की मांग बढ़ रही है.
‘‘यूक्रेन और रूस की लड़ाई के बाद से इस खरीदारी में तेजी आई है. अमेरिका, चीन, पोलैंड, भारत जैसे कई देश के सैंट्रल बैंक सोने की ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं. मु झे लगता है कि इन्हीं वजहों से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी चल रही है.’’
‘‘पर जब से अमेरिका में वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का विरोध शुरू हुआ है, तब से डौलर भी थोड़ा कमजोर सा होता दिख रहा है. क्या इस वजह से भी सोने पर कोई असर पड़ा है?’’ अनामिका ने पूछा.
‘‘ऐसा कहा जा सकता है. पिछले कुछ दिनों से डौलर में कमजोरी देखी जा रही है और जब भी डौलर कमजोर होगा, सोने के दाम बढ़ेंगे. अमेरिका में अभी काफी उथलपुथल है जिस से डौलर के कमजोर होने का डर है. ऐसे में सोने की मांग में तेजी जारी रह सकती है,’’ विजय बोला.
‘‘एक खास वजह यह भी तो है कि सोना धरती पर जितना है, उतना ही रहेगा. इस की प्रोडक्शन बढ़ाई नहीं जा सकती. सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा. दाम तो बढ़ेंगे ही…’’ अनामिका ने अपनी बात रखी.
‘‘तुम ने बिलकुल सही कहा. मांग के मुताबिक कच्चे तेल और सोने जैसे आइटम का प्रोडक्शन नहीं बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि निश्चित जगहों पर सोने का खनन हो रहा है,’’ विजय बोला.
‘‘कुछ भी हो, हमारा आज का दिन बड़ा खराब गया. कहां तो हम एंगेजमैंट रिंग खरीदने निकले थे और कहां अब कौफी पर सोने के भाव की चर्चा कर रहे हैं,’’ अनामिका ने मुंह बनाते हुए कहा.
‘‘सही कहा तुम ने. मूड का मट्ठा हो गया. एकदम खट्टे वाला,’’ विजय ने हंसते हुए कहा.
‘‘तुम भी न… हर बात में कौमेडी घुसेड़ देते हो. चलो, अब चलते हैं. सोना तो नहीं मिला, अब घर चल कर सोते हैं. अब तो बस यही सोना रह गया है हमारी जिंदगी में,’’ अनामिका ने चुटकी ली.
विजय हैरान सा अनामिका को देखता रह गया. News Story In Hindi




