Best Hindi Kahani: हवाईजहाज के पहिए से दिल्ली आया काबुल का किशोर अफगानिस्तान से एक 13 साल का किशोर हवाईजहाज के व्हील वैल (हवाईजहाज के पहिए की जगह) में छिप कर काबुल से दिल्ली पहुंच गया. जब उस किशोर से पूछताछ की गई, तो उस ने बताया कि वह अफगानिस्तान का रहने वाला है और गलती से भारत आने वाली फ्लाइट में चढ़ गया था, जबकि उसे ईरान जाना था. काबुल एयरपोर्ट पर वह मुसाफिरों की गाड़ी के पीछेपीछे अंदर घुस गया था और फिर हवाईजहाज के व्हील वैल में छिप गया था. सफर के दौरान पहिए के अंदर जाने के बाद दरवाजा बंद हो गया और वह उसी में चिपका रहा. यह बेवकूफी पर हिम्मत का काम है, क्योंकि जिस ऊंचाई पर हवाईजहाज उड़ता है, वहां बेहद ठंड होती है और औक्सीजन न के बराबर होती है
‘‘आप चाहें मु झ से कुछ भी कहें, लेकिन अब मैं दोबारा किसी कीमत पर काशान से निकाह नहीं करूंगी. उस ने मेरी जिंदगी जहन्नुम बना दी और आप बोल रही हैं कि मैं काशान से निकाह कर के अपनेआप को दोबारा उसी कैदखाने में कैद कर लूं? घुटन होती है मु झे वहां… आप लोग सम झते क्यों नहीं?’’ हिना बारबार अपनी अम्मी को सम झा रही थी, लेकिन वे किसी भी कीमत पर हिना का निकाह दोबारा काशान से ही करवाना चाहती थीं.
‘‘बेटी, तुम क्यों नहीं सम झ रही हो… काशान के अब्बू रफीक मियां ने खुद हमारे यहां आ कर माफी मांगी है. वे चाहते हैं कि तुम दोबारा उन के घर की बहू बनो,’’ हिना की अम्मी अमीना उसे प्यार से सम झाते हुए बोलीं.
‘‘चलिए ठीक है, मैं काशान से दोबारा निकाह करने के लिए तैयार हूं, मगर मैं किसी भी कीमत पर हलाला नहीं करूंगी. क्या बिना हलाला के रफीक मियां मेरा निकाह काशान से करवाएंगे?’’ हिना ने गुस्से से अपनी अम्मी से कहा.
‘‘हिना, तुम अच्छी तरह से जानती हो कि शरीयत में अगर शौहर गुस्से में आ कर अपनी बीवी को तलाक ए बिद्दत दे देता हैं और वह दोबारा उसी लड़की निकाह करना चाहता है, तो उस की बीवी को हलाला जैसी रस्म से गुजरना ही पड़ेगा… और फिर आसिफ तुम्हारा देवर भी लगता है. तुम उसे बचपन से जानती हो.
उस से चुपचाप तुम्हारा निकाह करवा दिया जाएगा और अगले दिन आसिफ तुम्हें तलाक दे देगा और तुम्हारा काशान से दोबारा हो जाएगा,’’ हिना की अम्मी अमीना ने शरीयत का हवाला देते हुए हिना को सम झाया.
‘‘तो क्या शौहर गलती करे और सजा केवल उस की बीवी को ही मिले? क्या औरत की कोई इज्जत और उस का वजूद नहीं होता है? जब जी चाहा अपना लिया और जब जी चाहा जिंदगी से निकाल कर फेंक दिया?’’ हिना रोते हुए बोली.
हिना की बात सुन कर अमीना चुपचाप कमरे से बाहर आ गईं.
हिना को सम झ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. जिस को वह बेइंतहा मुहब्बत करती थी आज उसी के साथ उस का हलाला करवाने की बात की जा रही है. उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे वह आसिफ को एक बार फिर एक बड़ा जख्म देने की तैयारी कर रही है.
हिना को उस के शौहर काशान ने तलाक दे दिया था और उस के इद्दत के दिन पूरे हो गए थे, इसलिए उस की अम्मी और अब्बू उसे दोबारा काशान से निकाह करने के लिए बोल रहे थे, लेकिन वह किसी कीमत पर काशान से निकाह नहीं करना चाहती थी.
काश, हिना ने उस वक्त आवाज उठाई होती, जब आसिफ से उस की शादी न कर के काशान से करवाने की बात कही गई थी, तो आज उस की जिंदगी खराब नहीं होती.
यह सोचते ही हिना को ऐसा महसूस होने लगा था कि उस के जख्म एक बार फिर हरे हो गए हैं और उन में से टीस उठने लगी है.
कितनी मुहब्बत करते थे वे दोनों. आसिफ हिना के पड़ोस में ही रहता था. बचपन में वह और आसिफ साथ ही खेला करते थे. जब वह पढ़ाई करती थी, तो अकसर आसिफ से सवाल के जवाब पूछने पहुंच जाती थी.
पढ़तेपढ़ाते वे दोनों कब जवानी की दहलीज पर पहुंच गए, उन्हें इस का पता ही नहीं चला… यही नहीं, वे दोनों एकदूसरे से मुहब्बत भी करने लगे थे और यह बात किसी से छिपी हुई नहीं थी. 1-2 बार हिना के अब्बू ने खुद ही कहा था कि वे उस की शादी आसिफ से ही करवाएंगे.
सबकुछ ठीक ही चल रहा था. आसिफ अपने अब्बू के साथ कपड़े की दुकान पर ही बैठता था और साथ ही वह पढ़ाई भी कर रहा था. इसी बीच आसिफ के अब्बू बीमार पड़ गए. उन का काफी इलाज करवाया गया, लेकिन वे बच नहीं पाए.
आसिफ को अपने अब्बू के इलाज में काफी पैसे खर्च करने पड़ गए, जिस की वजह से दुकानदारी गड़बड़ा गई और घर के हालात खराब हो गए.
उस वक्त हिना ने खुद आसिफ का हौसला बढ़ाया था, जिस के चलते आसिफ की हिम्मत नहीं टूटी. उस ने पढ़ाई छोड़ कर दुकान पर बैठना शुरू कर दिया था. बेहतर क्वालिटी का सामान और पढ़ालिखा होने से उस की दुकान फिर चल निकली.
पैसे की कमी देखते हुए हिना ने आसिफ को बैंक से लोन लेने का सु झाव दिया. आसिफ ने भागदौड़ कर के बैंक से दुकान के लिए लोन ले लिया था. उसी से दुकान का काम भी अच्छा चल निकला.
उधर हिना के अब्बू ने उस का रिश्ता ढूंढ़ना शुरू कर दिया था. हिना को जब इस बात का पता चला, तो उस ने आसिफ से उस के घर पर अपनी अम्मी के जरीए रिश्ता भेजने के लिए बोल दिया.
आसिफ की अम्मी जब रिश्ता ले कर घर आईं, तो हिना बहुत खुश थी और वह आसिफ के साथ शादी के सपनों में खो गई. लेकिन हिना के अब्बू ने साफ मना करते हुए कह दिया, ‘‘हम अपनी बेटी की शादी किसी बड़े घर में करेंगे, जहां पर वह रानी बन कर रहेगी. तुम्हारे घर में तो उसे ढंग का कपड़ा और खाना भी नहीं मिलेगा.’’
हिना के अब्बू की बात सुन कर आसिफ की अम्मी चुपचाप वहां से चली गईं.
उस दिन हिना बहुत रोई थी, लेकिन वह इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाई कि अपने अब्बू से बोल सके कि वह आसिफ से ही शादी करेगी.
हिना को अच्छी तरह से याद है कि जब वह आसिफ से मिली थी, तो आसिफ काफी रोया था और उस को अपनी मुहब्बत की दुहाई दे रहा था, लेकिन वह खामोश रही और चुपचाप घर वापस आ गई थी.
हिना के अब्बू ने पैसे वाला देख कर उस की शादी आसिफ के चाचा रफीक मियां के बेटे काशान से करवा दी थी. रफीक मियां काफी अमीर थे. जमीनजायदाद के अलावा एक कपड़े की दुकान भी थी, जिस पर काशान अपने अब्बू के साथ बैठता था.
हिना की शादी बहुत ही धूमधाम के साथ हुई. सभी को यकीन था कि हिना वहां बहुत सुखी रहेगी. लेकिन शादी के एक महीने बाद से ही हिना और काशान में झगड़े शुरू हो गए. इन झगड़ों की वजह यह भी थी कि हिना पढ़ीलिखी थी और काशान ठीक से दस्तखत भी नहीं कर पाता था. काशान अकसर उस की बेइज्जती कर देता और पिटाई भी. वह हिना को कहीं अकेले बाहर भी नहीं जाने देता था.
काशान औनलाइन सट्टेबाजी किया करता था. यही नहीं, उस ने औनलाइन जुआ भी खेलना शुरू कर दिया था. हिना जब मना करती, तो काशान झगड़ा करना शुरू कर देता.
उधर लगातार जुए और सट्टेबाजी की वजह से दुकान में घाटा हो रहा था, लेकिन सास का कहना था कि जब से हिना के पैर घर में पड़े हैं, तब से नुकसान हो रहा है, जबकि सभी जानते थे कि काशान औनलाइन सट्टे और जुए में सबकुछ बरबाद कर रहा है.
एक दिन झगड़ा ज्यादा बढ़ गया तो सास भी अपने बेटे की तरफदारी करने लगीं और काशान ने हिना को तलाक दे दिया. तलाक की बात सुन कर सभी हैरान रह गए थे. हिना चुपचाप अपने घर आ गई थी. सभी सोच रहे थे कि हिना की जिंदगी खराब हो गई है, लेकिन यह बात हिना जानती थी कि कम से कम उसे इस जहन्नुम से तो छुटकारा मिल गया.
‘‘हिना…’’ तभी किसी की आवाज सुन कर वह यादों के भंवर से निकल कर वापस आ गई. उस ने देखा कि कमरे में उस की सहेली अंजुम खड़ी थी. उस ने अपने गालों पर आए आंसुओं को पोंछते हुए अंजुम को एक ओर बैठने का इशारा किया.
‘‘हिना, तुम क्यों नहीं खाला की बात मान लेती… जिस से तुम मुहब्बत करती थी उसी से तुम्हें हलाला की रस्म अदा करनी पड़ेगी, तो इस में परेशानी किस बात की है…’’ अंजुम उसे सम झाते हुए बोली.
आसिफ का नाम सुनते ही हिना के चेहरे पर अनोखी चमक आ गई थी, लेकिन वह कुछ नहीं बोली. पर फिर उस ने कुछ सोच कर अंजुम के सामने हामी भर ली. उस की ‘हां’ सुन कर अंजुम वहां से चली गई.
दूसरी ओर जब से रफीक चाचा ने आसिफ से हिना के साथ हलाला करने के रस्म अदायगी की बात कही थी, तब से वह काफी उल झन में था, इसलिए वह छत पर बैठा यों ही मोबाइल में फालतू की रील्स देख रहा था.
‘‘आसिफ, नीचे आ कर खाना खा लो,’’ तभी उसे अपनी अम्मी की आवाज सुनाई दी.
आसिफ ने मोबाइल जेब में रखा और छत से नीचे उतर आया. अम्मी ने उस को खाना दे दिया. उस ने हाथमुंह धो कर बेमन से खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया.
आसिफ को लग रहा था कि हिना की बेइज्जती करने के लिए ही उस का इस्तेमाल किया जा है.
उधर हिना बिना किसी को बताए आसिफ के घर पहुंच गई. उस की अम्मी को ‘सलाम’ कर के वह सीधी आसिफ के कमरे में दाखिल हो गई.
‘‘क्या हो रहा है?’’ हिना ने पूछा.
‘‘तुम…?’’ आसिफ ने हैरान हो कर कहा.
‘‘हां आसिफ, मैं तुम से बात करने आई हूं,’’ सामने पड़े हुए स्टूल पर बैठते हुए हिना बोली.
‘‘क्या बात है?’’ आसिफ ने हिना से पूछा.
आसिफ को देख कर हिना को लग रहा था कि अचानक उस के दिल की धड़कन तेज हो गई थी.
‘‘अभी रफीक मियां तुम्हारे पास आए थे न?’’ हिना बोली.
‘‘हां, वे फिर तुम्हें अपने घर की बहू बनाना चाहते हैं. वे मानते हैं कि गलती काशान की थी,’’ आसिफ धीरे से बोला.
‘‘अगर गलती काशान की थी, तो सजा मु झे क्यों दी जा रही है?’’ भर्राई हुई आवाज में हिना बोली.
‘‘काशान से दोबारा निकाह के लिए हलाला तो करना ही पड़ेगा,’’ आसिफ बोला.
‘‘मुझे मालूम है कि मेरा निकाह तुम्हारे साथ हो रहा है, इसीलिए अब मैं ने ‘हां’ कर दी है. मैं जानती हूं कि उस के अम्मीअब्बू को तो इस बात का एहसास नहीं हो रहा है कि उन की बहू के साथ उस घर में क्याक्या जुल्म हुए हैं और वह किस तरह जहन्नुम की आग में जल रही थी, क्योंकि उन्हें लगता है कि जिंदगी में पैसा ही सबकुछ है.
‘‘लेकिन तुम तो मु झ से मुहब्बत करते थे… तुम इस बात को कैसे भूल गए? बस, मैं तुम्हें इतना बताने आई हूं कि निकाह के बाद मैं तुम्हारी बीवी बन जाऊंगी. क्या तुम अपनी बीवी को किसी दूसरे के हवाले कर दोगे?’’ रोते हुए हिना बोली.
‘‘लेकिन…’’ हिना की बात से आसिफ के पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई और वह कुछ बोल न सका.
‘‘और हां, अगर हलाला के नाम पर तुम ने मु झे तलाक दे दिया, तब भी मैं उस जहन्नुम में नहीं जाऊंगी. निकाह कुबूल करना या न करना मेरा फैसला होगा.’’
‘‘तब सभी मु झे गलत कहेंगे…’’ आसिफ ने कहा.
‘‘तुम तो पढ़ेलिखे सम झदार हो. क्या लोगों के कहने पर अपनी बीवी को छोड़ दोगे?’’ हिना रोती जा रही थी और बोले जा रही थी. उसे सम झ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे.
उधर हिना को रोते देख कर अनायास ही आसिफ की आंखों से भी आंसू बहने लगे थे. तभी किसी ने हिना के कंधे पर हाथ रखा. हिना ने देखा कि कमरे में उस के अब्बू आ गए थे और उन के साथ ही आसिफ की अम्मी भी खड़ी थीं.
‘‘बेटी, मुझे माफ कर दो. मैं सिर्फ अपनी इज्जत और रुतबे का खयाल कर रहा था. मैं नहीं जानता था कि मेरी बेटी किस दर्द से गुजर रही है. मैं ने तुम दोनों को एक बार अलग कर के गलती की थी, लेकिन अब मैं यह गलती दोबारा नहीं करूंगा. अब तुम सिर्फ आसिफ की ही दुलहन बनोगी,’’ अब्बू ने कहा.
हिना ने देखा कि उस के अब्बू की भी आंखों में आंसू थे. वह उठ कर कर अब्बू के गले लग गई. आज उसे लग रहा था कि एक बार फिर से उस की जिंदगी में बहार आ गई है और कलियां खिलने लगी हैं. Best Hindi Kahani