Sex Tips: रेनू महीने में 26 दिन अपने पार्टनर के साथ सैक्स करती थी और शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा जब वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं होती थी. उसे अपनी सैक्स लाइफ बहुत शानदार लग रही थी.

‘‘डार्लिंग, जल्दी करो न… मैं अब और इंतजार नहीं कर सकती,’’ रेनू अपने पार्टनर को अपने प्राइवेट पार्ट पर अपना मुंह रख कर ओरल सैक्स के लिए जोश में लाती थी.

‘‘बस 2 मिनट और मेरी जान, नीचे भी पहुंच ही जाऊंगा, बस थोड़ा ऊपर से भी मजे लेने दो न,’’ कह कर रेनू का पार्टनर उस के स्तनों को चूमने और सहलाने में मस्त हो जाता था. इस सब में रेनू इतनी ज्यादा जोश में भर जाती थी कि वह जबरदस्ती अपने पार्टनर को नीचे धकेल कर उस के सिर को नीचे की तरफ झुका कर अपने अंग पर प्यार करने को कहने लगती.

‘‘बोलो मेरी जान, अब आ रहा है न मजा,’’ रेनू का पार्टनर जीभ अंदर डाल कर एक बार उस से पूछता.

रेनू बिना कोई शब्द कहे केवल ‘हम्म’ में जवाब देती. इस से उस का पार्टनर समझ जाता कि अब रेनू गहरे प्रेम सागर का मजा ले रही है और जब रेनू ऐसे शांत हो जाती थी, तो बस खेल एक मिनट का रह जाता था. इस शांति के बाद रेनू एक मिनट बाद ही अपने पार्टनर को बस करने को कहती. उस का पार्टनर समझ जाता था कि अब रेनू पूरी तरह संतुष्ट हो चुकी है.

सैक्स के इस पूरे खेल में रेनू को जिस घड़ी का इंतजार सब से ज्यादा रहता था, वह यही था कि कब उस का पार्टनर उस की छाती सहलाने के बाद उस के अंग पर अपनी जीभ चला कर उस की आग को शांत करे और उस का पार्टनर इस मामले में बिलकुल परफैक्ट था, जिसे रेनू की पलपल की टाइमिंग का पूरा अंदाजा रहता था कि कब वह किस लैवल तक जोश में आ रही है और कब उस के निजी अंगों में प्रीसैक्स लुब्रिकेशन (चिकनाहट आना) हो रहा है.

लेकिन अगर हम भारतीय माहौल में सैक्स संबंधों की बात करें, तो एक सवाल उठता है कि आखिर कितनी औरतें हैं जो रेनू की तरह अपनी सैक्स लाइफ में संतुष्ट होती हैं? कितने पार्टनर अपनी लव पार्टनर के निजी अंगों पर ओरल सैक्स ट्राई करते हैं?

अगर हम विज्ञान और कुदरत के सैक्स से जुड़े नियम देखें तो बहुत सी बातें चौंकाने वाली हैं. जिस प्रोसैस को को आम आदमी गंदा समझता है, असल में वह गंदा नहीं है.

अगर आप को लगता है कि सैक्स अंगों को होंठों से चूमा जाए या उन पर जीभ का इस्तेमाल किया जाए तो आप बीमार पड़ जाएंगे, तो आप गलत हैं. दरअसल, होता क्या है कि जब हम अपनी पार्टनर के स्तनों को सहलाना शुरू करते हैं और साथ ही साथ उस की कमर, जांघ और स्तनों के बीच के हिस्से को चूमते और चाटते हैं, तो उस के द्वारा औरत के शरीर में जो सैंसेशन बनता है, उस से उस के निजी अंगों में लुब्रिकेशन शुरू हो जाता है.

यूएस लाइब्रिकेशन में लैक्टबेसिलस नाम का बैक्टीरिया होता है जो उस के इर्दगिर्द पहले से जमा बैक्टीरिया को मारने की ताकत रखता है और साथ ही साथ इस की टाइमिंग देखें तो हम जब फोरप्ले के द्वारा अपनी पार्टनर को जोश में लाते हैं, तो उसी दौरान जैसे ही हम उस के निजी अंग की तरफ अपना
मुंह ले कर जाते हैं, हमारे मुंह में लार बनती है, जिस के चलते हम खुद इतना उत्सुक हो जाते हैं कि औरत के निजी अंग पर जीभ लगाने को उतावले हो जाते हैं.

यह वह कुदरती क्रिया है, जिस के द्वारा पार्टनर जैसे ही महसूस करती है कि उस के निजी अंग के अंदर उस के पार्टनर की जीभ ने प्रवेश किया है, तो वह इतनी उत्सुक हो जाती है कि सैक्सुअल इंटरकोर्स के किए इंतजार नहीं कर पाती. यह वह पल होता है जब वह सैक्स की शुरुआत के बाद केवल एक या 2 मिनट में संतुष्टि पा लेती है. Sex Tips

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