News Story: विजय की मम्मी की मुराद पूरी हो गई थी. उन के कहने पर विजय कांवड़ ले कर आया था. कांवड़ लाने से ज्यादा खुशी तो इस बात की थी कि विजय जब लौट रहा था, तब किसी मंत्री ने कांवडि़यों पर फूलों की बारिश की थी. विजय ने कुछ फूल चुन कर उठा लिए थे और अपनी मम्मी को दे दिए थे.
‘‘ये फूल तो मैं संभाल कर रखूंगी,’’ मम्मी ने विजय का माथा चूमते हुए कहा था.
‘‘मम्मी, मैं कांवड़ तो ले आया, पर मेरे पैरों में छाले पड़ गए हैं. बहुत दर्द हो रहा है,’’ विजय ने अपने पैरों की हालत दिखाते हुए बताया.
‘‘अरे बेटा, यह तो भोले बाबा का प्रसाद है. तू ऐसा कर कुछ दिन के लिए वर्क फ्रौम होम कर ले,’’ मम्मी ने सलाह दी.
‘‘वह सब तो ठीक है, पर न जाने क्यों अनामिका ने मुंह फुला रखा है,’’ विजय बोला.
‘‘कोई बात नहीं. जब तुम दोनों मिलोगे तो सारे गिलेशिकवे दूर कर लेना,’’ मम्मी ने कहा और विजय के लिए हलदी वाला दूध बनाने रसोईघर में चली गईं.
आज विजय ने अनामिका को मिलने के लिए बुलाया था. वह पिछले एक घंटे से कैफे में बैठा था, पर अनामिका अभी तक नहीं आई थी.
विजय ने अनामिका को फोन मिलाया, पर फोन भी स्विच औफ बता रहा था. विजय मन ही मन कुढ़ रहा था और उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा था.
अगले दिन विजय अनामिका के घर चला गया. वह घर पर ही थी, पर बात करने के मूड में नहीं लग रही थी.
विजय ने पूछा, ‘‘क्या हुआ मेरी जान? किस बात पर मुझे इग्नोर कर रही हो?’’
‘‘कुछ भी नहीं. मैं कौन होती हूं तुम्हें इग्नोर करने वाली. तुम अपनी कांवड़ यात्रा में ही मगन रहो. मुझे भी अपनी लाइफ अपने तरीके से जीने दो,’’ अनामिका बोली.
‘‘क्या बात है? हमारे बीच कांवड़ यात्रा कहां से आ गई?’’ विजय ने कुढ़ते हुए पूछा.
‘‘बीच में आई है तभी तो बोल रही हूं. तुम ने कहा था कि हम कुंभलगढ़ किला देखने जाएंगे. बारिश के मौसम में वहां के नजारे शानदार होते हैं. पर अब सब चौपट हो गया. तुम ने अपना किया वादा नहीं निभाया,’’ अनामिका ने कहा.
यह सुन कर विजय का भी पारा चढ़ गया. वह बोला, ‘‘वाह, क्या ताना मारा है. ऐसा क्या नहीं है, जो मैं ने तुम्हारे लिए नहीं किया है. तुम्हारे घर का किराया भरा, महंगे कपड़े खरीद कर दिए, अच्छे से अच्छे रैस्टोरैंट में खाना खिलाया… और जहां तक वादे की बात है, तो तुम ने भी बहुत बार अपना वादा नहीं निभाया…’’
यह सुनते ही अनामिका का भी पारा बढ़ गया. वह चिल्लाई, ‘‘बहुत खूब. तुम ने मेरे लिए इतना कुछ किया, तो क्या मैं ने तुम्हारी रातें रंगीन नहीं कीं… आज तुम मुझे खर्चे गिना रहे हो. तुम तो नरेंद्र मोदी की तरह हो गए हो. अपने अलावा किसी दूसरे की उपलब्धियां दिखाई ही नहीं देती हैं…’’
‘‘इस में नरेंद्र मोदी कहां से आ गए. उन्होंने जो कहा है, वह कर के भी दिखाया है. तुम अपनी बहस में हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री को मत घसीटो,’’ विजय बोला.
विजय नरेंद्र मोदी का फैन था, तो उसे अनामिका की यह बात चुभ गई. पैर के छालों से ज्यादा तो आज दिल के छाले फूट गए थे.
‘‘किया ही क्या नरेंद्र मोदी और उन की सरकार ने? बस, पिछली सरकारों को कोसना और अपने गुणगान करना. डबल इंजन की सरकार के सारे वादे कोरे साबित हुए हैं,’’ अब तो अनामिका एकदम लड़ाई के मूड में आ गई थी.
‘‘बताओ, कहां फेल हुई यह सरकार? मुझे भी तो पता चले…’’ विजय ने पूछा.
‘‘केंद्र सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है, पर इस पर ज्यादा कुछ काम नहीं हुआ है. कल ही मैं एक पुराना अखबार देख रही थी. लेबर ब्यूरो रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कुशल कामगारों की तादाद महज 2 फीसदी है, जबकि दक्षिण कोरिया में 96 फीसदी स्किल्ड कर्मचारी हैं और जापान में इन की तादाद 80 फीसदी तक है. सरकार के ही आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात की उम्मीद काफी कम बताई गई है कि भविष्य में कुशल कामगारों का लक्ष्य पूरा हो सकेगा.
‘‘यहां एक तरफ लोगों को काम नहीं मिल रहा है, दूसरी तरफ संघ परिवार से जुड़ी विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के कई सांसद हिंदुओं से ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रहे हैं, ताकि हिंदुओ की आबादी तेजी से बढ़ सके.’’
‘‘तो क्या हिंदुओं की आबादी नहीं बढ़नी चाहिए?’’ विजय ने पूछा.
‘‘पर ऐसा करने का मकसद क्या है? बात सिर्फ आबादी की नहीं है, पर यह हिंदुत्व का कार्ड खेलना बड़ा खतरनाक है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो कहा भी कि भाजपा और संघ द्वारा समाज में नफरत, धमकी और डर का वातावरण फैलाने की कोशिश लगातार जारी है.
‘‘महंगाई पर लगाम लगाने पर भी यह सरकार एकदम फेल हुई है. पैट्रोलडीजल के बढ़े दाम से देश में हाहाकार है. मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पैट्रोल सब से ज्यादा महंगा हुआ है, जबकि मोदी सरकार सत्ता में आने से पहले यह कहती रही कि उन की सरकार पैट्रोलडीजल के दाम कांग्रेस की सरकार से भी कम कर देगी. भारत में तेल की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं यानी मोदी सरकार का महंगाई कम करने का वादा भी सिर्फ वादा ही साबित हुआ.’’
‘‘लेकिन इस सरकार ने धारा 370 हटा कर ऐतिहासिक काम किया है,’’ विजय बोला.
‘‘सत्ता में आने से पहले भाजपा के 2 सब से बड़े हथियार थे कश्मीर मुद्दा और पाकिस्तान. इन 2 मुद्दों में से एक कश्मीर घाटी में मोदी सरकार की लगातार कोशिशों के बावजूद वहां लंबे समय से आशांति और हिंसक माहौल अब भी जारी है.
‘‘कांग्रेस की सरकार से अगर तुलना करें तो मोदी सरकार के कार्यकाल में घाटी की हालत बद से बदतर हुई है. पहलगाम कांड इस सरकार की सब से बड़ी नाकामी है. क्या कश्मीरी पंडित दोबारा घाटी में लौटे? नहीं न, फिर किस मुंह से यह दावा किया जा रहा है कि धारा 370 के हटने के बाद कश्मीर में शांति बहाल हो गई है?
‘‘ऐसे ही नोटबंदी का फैसला लिया गया था. याद कीजिए 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले के नरेंद्र मोदी के भाषण को. चुनावी रैलियों में उन का एक भी भाषण ऐसा नहीं होता था, जो बिना कालेधन के जिक्र के पूरा हो जाए. मगर आज हकीकत सब के सामने है.
‘‘नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में कहा करते थे कि उन की सरकार जब सत्ता में आएगी तो विदेशों में जमा भारतीय लोगों का कालाधन वे ले आएंगे, मगर अब भी लोगों को इस बात का इंतजार है कि विदेशों से कालाधन कब आएगा. इस मामले पर मोदी सरकार की यह सब से बड़ी नाकामी है कि अभी तक न सरकार को पता है कि विदेशों में कितना कालाधन जमा है और वह कब तक देश में वापस आएगा,’’
अनामिका आज बहस के फुल मूड में लग रही थी.
‘‘तुम कांग्रेस की जबान बोल रही हो,’’ विजय ने तुनक कर कहा.
‘‘जब कोई तर्क न बचे तो कांग्रेस के सिर पर ठीकरा फोड़ दो. तुम लोगों की यही आदत है. याद है कि मोदी सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था, मगर नए रोजगार पैदा करने के मामले में मोदी सरकार औंधे मुंह गिरी है. यही वजह है कि बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा और मोदी सरकार बैकफुट पर नजर आती है.
‘‘बेरोजगारी के मुद्दे पर जब मोदी सरकार फंसी तो पकौड़े बेचने को भी रोजगार की श्रेणी में ले आई और अपनी उपलब्धि बताने लगी. सच तो यह है कि नए रोजगार पैदा करने का वादा मोदी सरकार नहीं निभा पाई है.
‘‘कहां गई ‘आदर्श ग्राम योजना’, जिस के तहत हर सांसदों के द्वारा 5 गांवों को गोद लेने की व्यवस्था है, जिस में से एक भी गांव आदर्श ग्राम की कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया है?
‘‘छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके भूपेश बघेल ने तो संवादाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘नरेंद्र मोदी के 11 साल विफलताओं और जन विरोधी नीतियों का शानदार स्मारक हैं. उन्होंने शुरुआत में लोगों को सपने दिखाए और 11 साल पूरे होतेहोते सिंदूर उजाड़ने तक पहुंच गए.’
‘‘उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के नेता इन 11 सालों का खूब ढोल पीट रहे हैं, लेकिन अगर देखें कि 11 साल में आप को क्या मिला है, तो पाएंगे कि भाजपा सरकार की सारी योजनाएं नाकाम हो गई हैं.
‘‘भाजपा सरकार के 11 साल के कार्यकाल में पूरा देश असुरक्षित महसूस कर रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी कभी कहते हैं कि लोगों की कपड़ों से पहचान हो जाती है, कभी पंचर बनाने वाली बातें करते हैं, कभी श्मशान और कब्रिस्तान की बात करते हैं.
‘‘आदिवासीदलितों पर अत्याचार से वे विचलित नहीं होते, लोगों का अपमान करने में उन्हें मजा आता है और उन के लोग जनता को प्रताडि़त करते हैं, फिर भी किसी के ऊपर कोई ऐक्शन नहीं होता.
‘‘भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल से ले कर मनमोहन सिंह तक विदेश नीति में कभी कोई बदलाव नहीं आया, जिस के कारण पूरी दुनिया के लोग भारत की आवाज को गंभीरता से सुनते भी थे और जुड़ते भी थे, लेकिन हाल ही में जो आतंकवादी घटना घटी, पूरी दुनिया ने उस की आलोचना तो की, लेकिन कोई देश हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ.
‘‘उन्होंने यह भी दावा किया कि जब भारतपाकिस्तान के बीच संघर्ष चल रहा था, तब अमेरिका के राष्ट्रपति ने आधे घंटे पहले कहा कि ‘मैं ने संघर्ष विराम करवा दिया’. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात को कई बार कहा, जिस के कारण पूरा देश अपमानित महसूस कर रहा है, क्योंकि इस के पहले भारत ने कभी
दूसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की थी.
‘‘छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके भूपेश बघेल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की बात कही थी, लेकिन आज किसान अपनी फसल को औनेपौने दाम में बेचने को मजबूर हैं. आज हालात ये है कि पूरे देश में डीएपी नहीं मिल रहा, कई राज्यों में बीज उपलब्ध नहीं हैं…
‘‘है कोई जवाब तुम्हारे पास? जब तुम्हारा नेता जनता से किए वादे पूरे नहीं कर पा रहा है, तो तुम से क्या उम्मीद रखी जाए. कांवड़ लाने से तुम्हें क्या मिला? आस्था का मतलब यह नहीं है कि अंधे बन जाओ.
‘‘तुम्हारे लिए और भी जरूरी काम हैं. कल को आईएएस बनोगे तो क्या नई पीढ़ी को देश को बांटने वाली शिक्षा दोगे? नहीं न?’’ अनामिका ने अपने दिल की पूरी भड़ास निकाल दी.
विजय चुप था. एक तो उस ने वादाखिलाफी की थी, दूसरा उस ने अनामिका का यह कह कर दिल दुखाया था कि उस ने अनामिका के लिए कई काम किए हैं. यही बात अनामिका को चुभ गई थी और उस ने सरकार के बहाने विजय को लपेट दिया था. कमरे में अब भी चुप्पी छाई हुई थी. News Story